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केरल के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान – Famous National Park of Kerala in Hindi

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Famous National Park of Kerala in Hindi : केरल भारत का एक खूबसूरत समुद्र तटीय राज्य है जो अपने बैकवाटर, समुद्र तटों और हरे-भरे हरियाली के लिए काफी लोकप्रिय है। लेकिन इनके साथ साथ केरल भारत के सबसे बड़े बाघ अभयारण्यों का घर भी है जो पश्चिमी घाट की विदेशी जैव विविधता से समृद्ध हैं जो इसे सभी पशु और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान बना देते है। यदि आपको भी प्राकृतिक सुन्दरता के मध्य विभिन्न जानवरों को देखना पसंद हैं तो आपको केरल के प्रसिद्ध नेशनल पार्क की यात्रा एक बार जरूर करनी चाहिये।

आपको केरल में कुछ सबसे प्रसिद्ध नेशनल पार्क और वन्यजीव अभयारण्य मिलेंगे जहाँ आप विभिन्न वन्यजीवों को देखने के साथ सफारी, एलिफेंट राइड, बोट राइड जैसी एक्टिविटीज को एन्जॉय कर सकते है। कुल मिलाकर फेमस नेशनल पार्क ऑफ़ केरल के इस पॅकेज में वह सभी चीज हैं जो आप कही घूमने जाने से पहले एक्सपेक्ट करते है।

तो आइये विस्तार से जानते है केरल के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्यों के बारे में –

Table of Contents

फेमस नेशनल पार्क ऑफ़ केरल – Famous National Park of Kerala in Hindi

अनामुडी शोला राष्ट्रीय उद्यान – Anamudi Shola National Park in Hindi

Image Credit : Roshan Samuel

अनामुडी शोला राष्ट्रीय उद्यान केरल के पश्चिमी घाटों के इडुक्की जिले में स्थित केरल के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान (Famous National Park of Kerala in Hindi) में से एक है जो 7.5 वर्ग किमी में फैला हुआ है। पार्क के अंदर मौजूद विभिन्न आकर्षण देखने के लिए पर्यटक एक ट्रेक की योजना बना सकते हैं जिस दौरान आप थूवनम जलप्रपात, चिन्नार नदी और निकटवर्ती जलप्रपात, और पंबर नदी से कई आकर्षण देख सकते है।  2003 में इसे अन्नामलाई उप-समूह के एक भाग के रूप में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था तब से इसका प्रबंधन मुन्नार वन्यजीव प्रभाग और केरल वन्यजीव और वन विभाग द्वारा किया जा रहा है। बता दे इस पार्क को यूनेस्को के विश्व विरासत कार्यक्रम के तहत विश्व धरोहर स्थल का दर्जा देने के लिए भी नामांकित किया गया है।

यदि आप अपनी यात्रा के लिए केरल के फेमस नेशनल पार्क सर्च कर रहें तो यक़ीनन अनामुडी शोला राष्ट्रीय उद्यान एक अच्छा विकल्प है जिसमे आप विभिन्न दुर्लभ और लुप्तप्राय वन्यजीवों को देखने के साथ साथ ट्रेकिंग और कैम्पिंग जैसी एक्टिविटीज को एन्जॉय कर सकते है।

अनामुडी शोला नेशनल पार्क की टाइमिंग

  • सुबह 7.30 बजे से शाम 4.00 बजे तक

अनामुडी शोला की एंट्री फीस

  • भारतीय पर्यटकों के लिए : 90 रूपये
  • विदेशी पर्यटकों के लिए : 360 रूपये

कुमारकोम राष्ट्रीय उद्यान और पक्षी अभयारण्य – Kumarakom National Park and Bird Sanctuary in Hindi

Image Credit : Subin B Suresh

यदि आपको प्रकृति के मध्य समय विताना और विभिन्न वन्यजीवों को नजदीकी से देखना पसंद हैं तो आपको एक बार कुमारकोम राष्ट्रीय उद्यान घूमने जरूर आना चाहिये। केरल बैकवाटर्स में वेम्बनाड झील के तट पर स्थित, कुमारकोम नेशनल पार्क प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। बता दे कुमारकोम पक्षी अभयारण्य को विंबानद पक्षी अभयारण्य के रूप में भी जाना जाता है। लगभग 14 किलोमीटर में फैले हुए इस अभयारण्य को अल्फ्रेड जॉर्ज बेकर ने भी विकसित किया था।

जब भी आप यहाँ आयेंगें तो इस अभयारण्य में एक वॉटरफॉल, चैती, कोयल, एग्रेत, बगुला, उल्लू, ब्राह्मणी पतंग, उड़नखटोला, लार्क, तोता और साइबेरियाई सारस जैसे विभिन्न पक्षीय प्रजातियों को देख सकेगें। यकीन माने इस अभयारण्य की रसीली सुन्दरता और दिल को छु जाने वाले पक्षीयों की आवाज आपको एक अलग ही एहसास का बोध करायेगी जो आपकी जिन्दगी के सबसे हसीन और यादगार लम्हों में से एक हो सकता है।

कुमारकोम पक्षी अभयारण्य की टाइमिंग

  • सुबह 6.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक

कुमारकोम पक्षी अभयारण्य की एंट्री फीस

  • इंडियन टूरिस्ट्स के लिए : 50 रूपये
  • फ़ौरन टूरिस्ट्स के लिए : 100 रूपये

और पढ़े : कुमारकोम पर्यटन में घूमने की बेस्ट जगहें

पेरियार नेशनल पार्क – Periyar National Park in Hindi 

Image Credit : Giuseppe Lenza

केरल के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान में से एक “पेरियार नेशनल पार्क” दुनिया के सबसे अधिक जैव-विविधता क्षेत्रों में से एक है। यह नेशनल पार्क अपनी भव्यता, हरियाली और शांति के लिए जाना-जाता है जिसमें प्रचुर मात्रा में महत्वपूर्ण वन्यजीव प्रजातियों का निवास है। साथ ही पार्क मुख्य रूप से बाघों और हाथियों सहित अन्य कई दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है। पेरियार राष्ट्रीय उद्यान में आसानी से सफेद बाघ, भारतीय हाथी, जंगली सुअर, उड़न गिलहरी, फल चमगादड़, स्लॉथ भालू और जंगल बिल्लियां को देखा जा सकता हैं इनके अलावा यहाँ  266 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां भी रहती हैं।

पेरियार राष्ट्रीय उद्यान 257 वर्ग मील में फैला हुआ है, जिसके पास बहने वाली नदियाँ पम्बा और पेरियार इसके पौधों और जानवरों को पोषण और फलने-फूलने में मदद करती है। केरल के प्रसिद्ध नेशनल पार्क (Famous National Park of Kerala in Hindi) में शामिल यह नेशनल पार्क अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और विभिन्न वन्यजीवों के कारण हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती है,जो दुनिया के सभी हिस्सों से बोट राइड, जंगल सफारी के रूप में जीप सफारी और हाथी सफारी सहित अन्य गतिविधियों का आनंद लेने के लिए आते हैं।

पेरियार नेशनल पार्क की टाइमिंग

  • सुबह 6.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक

पेरियार नेशनल पार्क की एंट्री फीस

  • भारतीय पर्यटकों के लिए : 33 रूपये
  • बच्चो के लिए : 5 रूपये
  • विदेशी पर्यटकों के लिए : 450 रूपये
  • बच्चो के लिए : 155 रूपये

साइलेंट वैली नेशनल पार्क – Silent Valley National Park, in Hindi

Image Credit : Kukku

साइलेंट वैली नेशनल पार्क, अपने हरे भरे जंगलों, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों के सुंदर दृश्यों के साथ, दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 89 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला, साइलेंट वैली नेशनल पार्क केरल के पश्चिमी घाट की कुंडली पहाड़ियों में स्थित है जिसकी गिनती केरल के प्रमुख राष्ट्रिय उद्यान में की जाती है। अपने लंबे, विस्तृत इतिहास और वर्षावन की अनूठी स्थिति और वन्यजीवन के साथ, यह राष्ट्रीय उद्यान वास्तव में देखने लायक है। सुनियोजित सफारी और पार्क के चारों ओर सुंदर स्टॉप-ओवर केरल के इस हिस्से की यात्रा को और अधिक सार्थक बनाते हैं।

इस राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा यात्रियों और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों के लिए प्रमुख महत्व रखती है क्योंकि यह साइट भारत में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों की अंतिम जगह है। यहां पाए जाने वाले पौधे और पशु प्रजातियां वास्तव में उल्लेखनीय हैं। हाथी, बाघ, शेर, मकाक, गौर, जंगली सुअर, तेंदुआ और सांभर यहां सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वन्यजीव हैं, जिन्हें पर्यटक साइलेंट वैली नेशनल पार्क की यात्रा में देख सकते है।

साइलेंट वैली नेशनल पार्क की टाइमिंग

  • सुबह 8.00 बजे से 1.00 बजे तक

साइलेंट वैली नेशनल पार्क की एंट्री फीस

  • एंट्री फ़ीस : 50 रूपये
  • कैमरा के लिए : 25 रूपये
  • विडियो कैमरा के लिए : 200 रूपये

और पढ़े : भारत की प्रमुख घाटियाँ

एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान – Eravikulam National Park, in Hindi

Image Credit : Rinu Raj

मुन्नार से 45 मिनट की ड्राइव की दूरी पर स्थित, एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान केरल का एक और फेमस नेशनल पार्क है जिसे राजामलाई वन्यजीव अभयारण्य भी कहा जाता है। वनस्पतियों और जीवों की विस्तृत विविधता से समृद्ध एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूचि में भी शामिल किया गया है जिससे आप इसकी प्रसिद्धी का अनुमान लगा सकते है। केरल के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा में आप जब भी एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान घूमने आयेंगें तो हाथी, नीलगिरि लंगूर, नीलगिरि मार्टन, एटलस मोथ (दुनिया में सबसे बड़ा), शेर की पूंछ वाला मकाक, छोटे पंजे वाला ऊदबिलाव, और एक दुर्लभ बाघ या तेंदुआ कुछ मुख्य पशु प्रजातियां हैं जिन्हें यहां देखा जा सकता है।

यदि आप वर्ड वाचिंग में रूचि रखते हैं तो यहाँ ब्लैक एंड ऑरेंज फ्लाईकैचर, नीलगिरी वुड पिजन, व्हाइट बेलीड शॉर्टविंग, केरल लाफिंग थ्रश, और नीलगिरि वर्डिटर जैसी पक्षीय प्रजातियों को देख सकते हैं। अगर आप यहां कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं तो यहाँ होने वाली इको-टूरिज्म एक्टिविटी में हिस्सा ले सकते हैं। इस गतिविधि के तहत, आप राष्ट्रीय उद्यान और उसके आसपास स्थित कई आकर्षणों को देख सकते है साथ कई एडवेंचर एक्टिविटीज को एन्जॉय कर सकते हैं।

एराविकुलम नेशनल पार्क की टाइमिंग

  • सुबह 7.30 बजे से 4.30 बजे तक

एराविकुलम नेशनल पार्क की एंट्री फीस

  • भारतीय पर्यटकों के लिए : 90 रूपये
  • बच्चो के लिए : 65 रूपये
  • विदेशी पर्यटकों के लिए : 360 रूपये

और पढ़े : केरल के 15 सबसे खूबसूरत हिल्स स्टेशन

मथिकेतन शोला राष्ट्रीय उद्यान – Mathiketan Shola National Park in Hindi

केरल के इडुक्की जिले में स्थित, मथिकेतन शोला राष्ट्रीय उद्यान अन्य राष्ट्रीय आरक्षित वनों जैसे एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान और पंपदम शोला राष्ट्रीय उद्यान के बीच स्थित एक प्रसिद्ध नेशनल पार्क है। इलायची के वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू में स्थापित मथिकेतन शोला राष्ट्रीय उद्यान को इसकी पारिस्थितिकी, वनस्पतियों और वन्य जीवन की रक्षा के लिए 2003 में एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था तब से यह वन्यजीवों और वनस्पतियों के लिए समान रूप से एक संरक्षक के रूप में खड़ा है जो इसे पर्यटन के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण जगह बनाते हैं। हाथी, बाघ, पैंथर, उड़ने वाली गिलहरी, विशाल घड़ियाल गिलहरी, जंगली बिल्ली, जंगली बिल्ली, नीलगिरि तहर, चित्तीदार हिरण, कछुए और छिपकली; किंग कोबरा, कोबरा, वाइपर, रैट स्नेक और अजगर यहाँ पाए जाने वाले मुख्य वन्यजीव और सरीसृप प्रजातियाँ है।

वन्यजीवों के अलावा पार्क का सुखद माहौल और वनस्पतियां भी इसके आकर्षण में चार चाँद लगाने का कार्य कर रही है जो देश विदेश से हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती है।

मथिकेतन शोला नेशनल पार्क की टाइमिंग

  • सुबह 8.00 बजे से 5.00 बजे तक

मथिकेतन शोला नेशनल पार्क की एंट्री फीस

  • भारतीय पर्यटकों के लिए : 40 रूपये
  • विदेशी पर्यटकों के लिए : 500 रूपये

पम्पादुम शोला राष्ट्रीय उद्यान – Pampadum Shola National Park in Hindi

Image Credit : Syed Irfan

पम्पादुम शोला राष्ट्रीय उद्यान 11.75 किमी वर्ग के क्षेत्रफल के साथ राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है इसके बाबजूद भी यह नेशनल पार्क अपनी जैव विविधता के लिए केरल का प्रमुख पर्यटक स्थल बना हुआ है। जहाँ हर साल हजारों पर्यटक अपनी फैमली, या फ्रेंड्स के साथ यहाँ घूमने आते है। वनस्पतियों और जीवों की शानदार जैव विविधता के कारण, यह पार्क पश्चिमी घाटों के साथ, और कुछ अन्य पार्कों के साथ यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा विश्व धरोहर स्थल के लिए नामांकित है। बता दे यह पार्क पलानी पहाड़ियों का एक हिस्सा है जो वंदरावु चोटी तक फैला हुआ है।

बता दे पम्पादुम शोला राष्ट्रीय उद्यान में पाई वाली जाने वाली मुख्य प्रजाति नीलगिरी मार्टन और है बाघ। तेंदुए और भारतीय जंगली कुत्तों को कभी-कभी शाम या भोर में देखा जाता है। हाथी, भैंस, शेर की पूंछ वाले मकाक, गौर और नीलगिरि लंगूर जैसे वन्यजीवों की बढ़ती आबादी के कारण पास के कोडाइकनाल-मुन्नार रोड भी बंद कर दिया गया है।

यहां पाए जाने वाले कुछ उल्लेखनीय पक्षियों में नीलगिरी की लकड़ी-कबूतर, सफेद-बेलदार शॉर्टविंग, वर्नल हैंगिंग तोता, ब्लू रॉक-थ्रश, ब्लू-कैप्ड रॉक-थ्रश और नीलगिरी फ्लाईकैचर और ब्लैक-ऑरेंज फ्लाईकैचर शामिल हैं जो यहाँ सबसे अधिक देखे जा सकते है।

पम्पादुम शोला राष्ट्रीय उद्यान की टाइमिंग

  • आल टाइम (24 घंटे )

पम्पादुम शोला राष्ट्रीय उद्यान की एंट्री फीस

  • भारतीय पर्यटकों के लिए : 65 रूपये
  • विदेशी पर्यटकों के लिए : 250 रूपये

और पढ़े : दुनिया के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान “येलोस्टोन नेशनल पार्क” की पूरी जानकारी 

केरल के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य – Wildlife Sanctuaries of Kerala in Hindi

मुथंगा वन्यजीव अभयारण्य – Muthanga Wildlife Sanctuary in Hindi

वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के रूप जाने जाना वाला मुथंगा वन्यजीव अभयारण्य केरल का प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है। यह क्षेत्र जंगली जानवरों की एक विशाल विविधता का घर है। यह अभयारण्य कर्नाटक के नागरहोल और बांदीपुर क्षेत्र के साथ-साथ नीलगिरि बायोरिजर्व का एक हिस्सा है। बहुत सारे अनुभवों के साथ एक सुंदर दृश्य का वादा करते हुए, अभयारण्य को प्रोजेक्ट हाथी साइट घोषित किया गया है। यदि आप सड़क पर वाहन चलाते हैं तो आप इन जानवरों को स्वतंत्र रूप से घूमते हुए देख सकते हैं। पश्चिमी घाट की पहाड़ियों के बीच स्थित घने जंगल होने के कारण, आप यहां जिस तरह के जानवर देख सकते हैं, उनमें भारतीय बाइसन, बाघ, हाथी और हिरण, पैंथर, जंगली बिल्लियाँ, सिवेट बिल्लियाँ, बंदर, जंगली कुत्ते और भालू शामिल हैं। प्राकृतिक परिदृश्य और वन्य जीवन के साथ यह अभयारण्य फोटोग्राफरों और वन्यजीव उत्साही लोगों को काफी आकर्षित करता है।

चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य – Chinnar Wildlife Sanctuary in Hindi

Image Credit : Parshvam Jain

केरल के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य में शामिल चिनार वन्यजीव अभयारण्य पश्चिमी घाट में स्थित है और इडुक्की जिले का एक हिस्सा है। 90.44 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला यह क्षेत्र देशी वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत श्रृंखला से समृद्ध है जो इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाता है। चिनार में असंख्य प्रकार के औषधीय पौधे हैं।

इसकी पशु आबादी में घड़ियाल विशाल गिलहरी, गौर, चित्तीदार हिरण, गुच्छेदार ग्रे लंगूर, पतला लोरिस, मगरमच्छ, जंगली हाथी, बाघ, तेंदुआ और कई पक्षी शामिल हैं। चूंकि यह एक सरकार द्वारा संरक्षित घेरा है, आप शहर के कोलाहल से निर्बाध रूप से इसके प्राकृतिक आवास में वनस्पतियों और जीवों का अनुभव कर सकते हैं। यहां पाए जाने वाले मिश्रित पर्णपाती वन कुछ अल्पविकसित ट्रेकिंग के लिए भी आदर्श हैं जहाँ आप अपने फ्रेंड्स के साथ ट्रेकिंग के लिए जा सकते हैं।

चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य की टाइमिंग

  • सुबह 8.00 बजे से 5.00 बजे तक

चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य की एंट्री फीस  

  • भारतीय पर्यटकों के लिए : 10 रूपये
  • विदेशी पर्यटकों के लिए : 100 रूपये

परम्बिकुलम टाइगर रिजर्व और वन्यजीव अभयारण्य – Parambikulam Tiger Reserve in Hindi

Image Credit : Amalraj Thampi

केरल के पलक्कड़ जिले में स्थित परम्बिकुलम टाइगर रिजर्व और वन्यजीव अभयारण्य बाघों की घटती आबादी को संरक्षित करने के अपने निरंतर प्रयासों के लिए जाना जाता है। वनस्पतियों और जीवों के साथ आसपास की पहाड़ियाँ और नदी इसे ट्रेक और सफारी के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं।

बता दे परम्बिकुलम टाइगर रिजर्व पश्चिमी घाट का सबसे संरक्षित पारिस्थितिक इलाका है। यहां पाए जाने वाले कुछ सबसे बेशकीमती जानवरों में शेर-पूंछ वाले मकाक, बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुए, जंगली सूअर, सुस्ती, किंग कोबरा, त्रावणकोर कुकरी सांप और पश्चिमी घाट उड़ने वाली छिपकली शामिल हैं। वनस्पतियों में सागौन, चंदन, नीम और शीशम के पेड़ शामिल हैं। यह अभयारण्य चार अलग-अलग स्वदेशी जनजातियों- कादर, मालासर, मुदुवर और माला मालासर का भी घर है।

परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य की टाइमिंग

  • सुबह 7.00 बजे से 6.00 बजे तक

परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य की एंट्री फ़ीस

  •  हल्के वाहनों के लिए : 50 रूपये
  • भारी वाहनों के लिए : 150 रूपये

नेय्यर बांध और वन्यजीव अभयारण्य – Neyyar Dam & Wildlife Sanctuary in Hindi

Image Credit : Abeer Shah

तिरुवनंतपुरम से लगभग 32 किमी की दूरी पर स्थित नेय्यर वन्यजीव अभयारण्य केरल के सबसे अधिक घूमें जाने वाले वन्यजीव अभयारण्य में से एक है। यह वन्यजीव अभयारण्य कई ट्रेकिंग विकल्पों के साथ-साथ वनस्पतियों और जीवों को देखने का दुर्लभ अवसर प्रदान करता है। नेय्यर वन्यजीव अभयारण्य, एशियाई हाथी, बाघ, तेंदुआ, पतला लोरिस और किंग कोबरा, त्रावणकोर कछुआ आदि जैसे सरीसृप और उभयचरों सहित सौ से अधिक प्रजातियों के जीवों का निवास स्थान है। पास का नेय्यर बांध अपनी कई विशेषताओं के कारण भी प्रसिद्ध है। इसमें एक सुंदर वॉच टावर, एक हिरण पार्क, एक शेर सफारी पार्क और एक मगरमच्छ पुनर्वास और अनुसंधान केंद्र भी है। इन सबके अलावा पर्यटक नेय्यर वन्यजीव अभयारण्य की यात्रा में नौका विहार का लाभ भी उठा सकते हैं,जो क्षेत्र के सुंदर मनोरम दृश्य प्रदान करती हैं।

पेप्पारा वन्यजीव अभयारण्य – Peppara Wildlife Sanctuary in Hindi

करमाना नदी पर पेप्पारा बांध के जलग्रहण क्षेत्र के साथ स्थित पेप्पारा वन्यजीव अभयारण्य केरल राज्य का एक और प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है। वनस्पतियों और जीवों में समृद्ध अभयारण्य स्तनधारियों की लगभग 43 प्रजातियों, पक्षियों की 233 प्रजातियों, सरीसृपों की 46 प्रजातियों, उभयचरों की 13 प्रजातियों और मछलियों की 27 प्रजातियों को प्राकृतिक आवास प्रदान करता है। यहां आमतौर पर पाए जाने वाले जानवर बाघ, तेंदुआ, सुस्त भालू, हाथी, हिरण, बोनट मकाक, नीलगिरि लंगूर, लिलगिरी तहर आदि हैं जिन्हें पर्यटक स्वतंत्र घूमते हुए इस वन्यजीव अभयारण्य में देख सकते है।

अरलम वन्यजीव अभयारण्य – Aralam Wildlife Sanctuary in Hindi

Image Credit ; Raneesh C

अरलम वन्यजीव अभयारण्य उत्तरी केरल और कन्नूर में एकमात्र वन्यजीव अभयारण्य है। आसमान छू रहे पेड़ों और मंत्रमुग्ध कर देने वाली हरियाली के बीच स्थित अरलम वन्यजीव अभयारण्य कई दुर्लभ और लुप्तप्राय वन्यजीवों के आश्रय स्थल के रूप में कार्य करता है। जब भी आप अपने फैमली या फ्रेंडस के साथ यहाँ घूमने आयेंगे तो जंगलों के बीच से सफारी करते हुए आप जानवरों के साथ-साथ पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देख सकेगें। जो आपको स्तब्ध और प्रकृति की चमत्कारिक कृतियों से विस्मित कर देगें।

बता दे अरलम वन्यजीव अभयारण्य में प्रकृति शिविर भी आयोजित किए जाते हैं जो लोगों, विशेष रूप से छात्रों को वन्यजीवों से परिचित कराने का प्रयास करते हैं और उन्हें शहर के तेज शोर से एक बहुत जरूरी ब्रेक लेने का मौका देते हैं। अभयारण्य में कुछ ट्रेकिंग ट्रेल्स भी हैं जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों से कई पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया है। कुल मिलाकर केरल के प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य में शामिल यह वन्यजीव अभयारण्य फैमली, और फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए एक दम परफेक्ट जगह है।

केरल के प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य – Famous Bird Sanctuaries of Kerala in Hindi

थट्टेकड़ पक्षी अभयारण्य – Thattekad Bird Sanctuary in Hindi

पेरियार नदी के उत्तरी तट पर एर्नाकुलम में कोठामंगलम के पास स्थित, थाटेकड पक्षी अभयारण्य अपने समृद्ध और विविध पक्षी जीवन के लिए प्रसिद्ध है। यह केरल का पहला पक्षी अभयारण्य है जिसका सर्वेक्षण डॉ सलीम अली (भारत का पक्षी) द्वारा किया गया था, जिन्होंने इसे अब तक का सबसे समृद्ध निवास स्थान भी कहा है। यह अभयारण्य इस प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर वर्ष 1983 में प्रकाश में आया था।

25 वर्ग किमी में फैला, यह अभयारण्य पक्षियों की 500 से अधिक प्रजातियों को आश्रय देता है। जब आप उष्णकटिबंधीय अर्ध-सदाबहार, पर्णपाती और उष्णकटिबंधीय सदाबहार पौधों वाले घने जंगलों को पार करते हैं, तो बैकवाटर के साथ बोट क्रूज पर जाने से न चूकें। इसकी आवास विविधता और क्षेत्र की स्थलाकृतिक स्थिति इसे भारत में सबसे लोकप्रिय पक्षी-समृद्ध अभयारण्य में से एक बनाती है।

मंगलवनम पक्षी अभयारण्य – Mangalavanam Bird Sanctuary in Hindi

Image Credit : Anantharam Ashok

2.74 हेक्टेयर में फैला मंगलवनम पक्षी अभयारण्य कोच्चि के केंद्र में स्थित है। बता दे इस अभयारण्य में 18-एकड़ मैंग्रोव का मिश्रण जो प्रवासी पक्षियों की एक विशाल विविधता और पेड़ों और पौधों की घनी आबादी वाली प्रजातियों का घर है। अभयारण्य के बीच में एक उथली ज्वार की झील मौजूद है जो घने मैंग्रोव वनस्पतियों से घिरी हुई है और एक नहर के माध्यम से कोच्चि के बैकवाटर से जुड़ी हुई है। यदि आप शांत माहौल में विभिन्न पक्षीयों को देखना और इनके चेहचेहाने की आवाज सुनना पसंद करते हैं तो आपको एक बारे मंगलवनम पक्षी अभयारण्य की यात्रा पर जरूर आना चाहिए। यकीन माने यहाँ आने के बाद आपकी अंतरात्मा तृप्त हो जायेगी और आप एक अलग ही सुकून को अनुभव कर सकेगें।

और पढ़े : भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान की जानकरी

इस लेख में आपने केरल के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य (Famous National Parks and Wildlife Sanctuaries of Kerala in Hindi) के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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