डैनकुंड हिल घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल – Dainkund Peak Dalhousie Information In Hindi

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Dainkund Peak In Hindi : डैनकुंड पीक जिसे सिंगिंग हिल के नाम से भी जाना जाता है जो डलहौजी में समुद्र तल से 2755 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। आपको बता दें कि डलहौज़ी में सबसे ऊँचा स्थान होने के कारण यहाँ से घाटियों और पहाड़ों के अद्भुत दृश्यों को देखा जा सकता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए शांत जगह स्वर्ग के सामान है। डलहौजी क्षेत्र में स्थित डैनकुंड सचमुच देखने लायक जगह है, जो अपनी खूबसूरत बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। डैनकुंड पीक हर साल भारी संख्या में देश भर से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। सर्दियों के मौसम में यह अधिकतम बर्फबारी होती है।

वैसे तो इस पहाड़ी पर जाने के लिए मोटर मार्ग भी है लेकिन पर्यटक इस दूरी को ट्रेकिंग करके तय कर सकते हैं और रास्ते में कई हैरान कर देने वाले प्राकृतिक दृश्यों को देख सकते हैं। यहाँ हरियाली बीच स्थित खज्जर झील का प्राकृतिक आकर्षण और मिट्टी के घरों के मनोरम दृश्य पर्यटकों की आँखों को बेहद आनंद देते हैं। बता दें कि डैनकुंड पीक डलहौजी में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है, डैनकुंड से खजियार झील का ऐसा आकर्षक दृश्य नजर आता है कि हर कोई इसे अपने कैमरे में कैद करने की कोशिश करता है।

1. डैनकुंड पीक पर ट्रैकिंग ट्रेक – Dainkund Peak Trek In Hindi

डैनकुंड पीक पर ट्रैकिंग ट्रेक
Image Credit: Vinay Agrawal

डैनकुंड चोटी के लिए ट्रेकिंग करना पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहद यादगार साबित हो सकता है। चोटी के लिए 4.5 किमी का रास्ता एक आसान ट्रेक है, जिस पर पर्यटक हरे-भरे देवदार के जंगलों से होकर गुजरते हैं। बता दें कि डैनकुंड की चढ़ाई लक्कड़ मंडी को पार करने के बाद शुरू होती है। लगभग 6 किलोमीटर चलने के बाद मोटर योग्य सड़क खत्म हो जाती है, आपको भारतीय वायु सेना के बैरियर पर अपनी कार खड़ी करनी होगी। यहाँ से 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी, जिसमें एक किलोमीटर की चढ़ाई काफी खड़ी है, हालांकि यह ट्रेक काफी सुरक्षित है।

2. डैनकुंड पीक पर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Dainkund Peak In Hindi

डैनकुंड पीक पर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

डलहौजी में स्थित डैनकुंड की यात्रा आप साल में कभी भी कर सकते हैं। इस जगह का प्रत्येक मौसम का अपना आकर्षण और विशिष्टता होती है। यहाँ पर गर्मी का मौसम अप्रैल से शुरू होता है और जून तक रहता है। अगर आप बर्फ से ढके पहाड़ों और ताजगी भरी हरियाली के मनोरम दृश्यों का आनंद लेना चाहते हैं, तो अक्टूबर से फरवरी तक सर्दियों के दौरान डैनकुंड पीक की यात्रा करने की योजना बनाये।

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3. डैनकुंड की यात्रा के लिए टिप्स – Tips For Dainkund Peak In Hindi

  • डैनकुंड की यात्रा करते समय गर्म कपड़े कैरी करें क्योंकि उंचाई पर तापमान काफी कम हो जाता है।
  • यदि आप ट्रैकिंग करने जा रहें हैं तो अपने साथ उचित उपकरण और ट्रेकिंग जूते लें जाएँ।
  • आपातकालीन स्थिति के लिए अपनी दवाएं और प्राथमिक चिकित्सा किट अवश्य लें जाए।

4. डैनकुंड चोटी के आसपास प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल – Places To Visit Near Dainkund Peak In Hindi

डैनकुंड चोटी डलहौजी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो शहर 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप इस डैनकुंड चोटी के अलावा डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो यहाँ दी गई जानकारी को जरुर पढ़ें।

4.1 चामुंडा देवी मंदिर – Chamunda Devi Temple In Hindi

चामुंडा देवी मंदिर

चामुंडा देवी मंदिर देवी काली को समर्पित एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर देवी अंबिका ने मुंडा और चंदा नाम के राक्षसों का वध किया था। इस मंदिर में देवी को एक लाल कपड़े में लपेटकर रखा जाता है, यहां आने वाले पर्यटकों को देवी की मूर्ति को छूने नहीं दिया जाता। इस क्षेत्र में पर्यटकों को कई सुंदर दृश्य भी देखने को मिलते हैं।

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4.2 रॉक गार्डन – Rock Garden In Hindi

रॉक गार्डन
Image Credit: Amit Sharma

रॉक गार्डन डलहौजी में एक सुंदर उद्यान और एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। इस पार्क में पर्यटक आराम करने के अलावा, इस क्षेत्र में उपलब्ध कई साहसिक खेलों का भी मजा ले सकते हैं, जिनमें ज़िप लाइनिंग आदि शामिल हैं।

4.3 खजियार – Khajjiar In Hindi

खजियार

खजियार डलहौजी के पास स्थित एक छोटा सा शहर है जिसको ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ या ‘भारत का स्विटज़रलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थान की खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। 6,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित खजियार अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुरम्य परिदृश्य की वजह से डलहौजी के पास घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। खजियार एक छोटी झील के साथ एक पठार है जो पर्यटकों की सबसे पसंदिता जगहों में से एक है। इस जगह होने वाले साहसिक खेल ज़ोरबिंग, ट्रेकिंग आदि पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

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4.4 बकरोटा हिल्स – Bakrota Hills In Hindi

बकरोटा हिल्स
Image Credit: Anirban Sarkar

बकरोटा हिल्स जिसे अपर बकरोटा के नाम से भी जाना जाता है, यह डलहौज़ी का सबसे ऊँचा इलाका है और यह बकरोटा वॉक नाम की एक सड़क का सर्किल है, जो खजियार की ओर जाती है। भले ही इस जगह पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ नहीं है लेकिन यहाँ टहलना और चारों तरफ के आकर्षक दृश्यों को देखना पर्यटकों की आँखों को बेहद आनंद देता है। आपको बता दें कि यह क्षेत्र चारों तरफ से देवदार के पेड़ों और हरी-भरी पहाड़ियों से घिरा हुआ है।

4.5 कलातोप खाज्जिअर अभयारण्य – Kalatop Khajjiar Sanctuary In Hindi

कलातोप खाज्जिअर अभयारण्य

कलातोप खजियार अभयारण्य को कलातोप वन्यजीव अभयारण्य भी कहा जाता है जो हिमाचल प्रदेश के चंबल जिले में स्थित है और डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। कलातोप नाम का अर्थ ‘काली टोपी’ है, जो संभवतः अभयारण्य में सबसे ऊंची पहाड़ी पर घने काले वन को बताता है। कलातोप वनस्पति और जीवों में काफी समृद्ध है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करती है। अगर आप डलहौजी की यात्रा पर जा रहे हैं तो कलातोप खाज्जिअर अभयारण्य को भी अपनी लिस्ट में शामिल करें।

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4.6 सच पास – Sach Pass In Hindi

सच पास
Image Credit: Tushar Rajput

सच दर्रा एक पहाड़ी दर्रा जो पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के ऊपर 4500 मीटर की ऊँचाई से होकर जाता है और डलहौजी को चंबा और पांगी घाटियों से जोड़ता है। आपको बता दें कि डलहौजी से 150 किलोमीटर की दूरी पर यह मार्ग यह उत्तर भारत में पार करने के लिए सबसे कठिन मार्गों में से एक है। जो लोग एडवेंचर को पसंद करते हैं तो अक्सर सच पास (जब यह खुला होता है) का दौरा करते हैं और यहाँ से बाइक या कार चलाने का रोमांचक अनुभव लेते हैं। अगर आप इस मार्ग यात्रा करें तो जरा भी जोखिम न लें और अपने साथ एक अनुभवी ड्राईवर को लेकर जाएं। यह चंबा या पांगी घाटी तक पहुँचने के लिए लोगों का पसंदिता रास्ता है और डलहौजी से ट्रेकिंग के लिए एक प्रसिद्ध बिंदु है।

4.7 सुभाष बावली – Subhash Baoli In Hindi

सुभाष बावली

सुभाष बावली डलहौजी में गांधी चौक से 1 किमी दूर स्थित एक ऐसे जगह है जिसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया। सुभाष बावली एको अपने खूबसूरत प्रकृतिक दृश्यों, दूर-दूर तक फैले बर्फ के पहाड़ों दृश्यों और सुंदरता के लिए जाना जाता है। सुभाष बावली वो जगह है जहाँ पर सुभाष चंद्र बोस 1937 में स्‍वास्‍थ्‍य की खराबी के चलते आये थे और वो इस जगह पर 7 महीने तक रहे थे। इस जगह पर रह कर वे बिलकुल ठीक हो गए थे।आपको बता दें कि यहाँ पर एक खूबसूरत झरना भी है जो हिमनदी धारा में बहता है।

4.8 गंजी पहाड़ी – Ganji Pahari In Hindi

गंजी पहाड़ी
Image Credit: Shaji V.K.

गंजी पहाड़ी पठानकोट रोड पर डलहौजी शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक सुंदर पहाड़ी है। इस पहाड़ का नाम गंजी पहाड़ी इसकी खास विशेषता से लिया गया था क्योंकि इस पहाड़ी पर वनस्पतियों की पूर्ण अनुपस्थिति है। गंजी का मतलब होता है गंजापन। डलहौजी के पास स्थित होने की वजह से यह पहाड़ी एक पसंदीदा पिकनिक स्थल स्थल है। सर्दियों के दौरान यह इलाका मोटी बर्फ से ढक जाता है जो मनोरम द्रिह्या प्रस्तुत करता है।

4.9 पंचपुला – Panchpula In Hindi

पंचपुला

पंचपुला हरे देवदार के पेड़ों के आवरण से घिरा एक झरना है जो डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। पंचपुला वो जगह है जहां पर पाँच धाराएँ एक साथ आती हैं। पंचपुला की मुख्य धारा डलहौजी के आसपास की विभिन्न जगहों में पानी की पूर्ति करती है। यह जगह ट्रेकिंग और अपने खूबसूरत दृश्यों की वजह से जानी जाती है। पंचपुला के पास एक महान क्रांतिकारी सरदार अजीत सिंह (शहीद भगत सिंह के चाचा) की याद में एक समाधि (स्मारक) बनाई गई है, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली थी। मॉनसून के मौसम में इस जगह के प्राचीन पानी का सबसे अच्छा आनंद लिया जाता है, जब पानी गिरता तो यहां का वातावरण पर्यटकों को आनंदित कर देता है।

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5. डैनकुंड चोटी तक कैसे पहुंचे – How To Reach Dainkund Peak In Hindi

डैनकुंड चोटी तक कैसे पहुंचे

डैनकुंड चोटी तक पहुँचने के लिए आप या तो टैक्सी किराये पर लेकर जा सकते हैं या फिर सेल्फ ड्राइव करके पहुँच सकते हैं। अगर आप अपनी यात्रा को यादगार और रोमांचक बनाना चाहते हैं तो ट्रेकिंग करना एक अच्छा विकल्प है। चोटी से दो किलोमीटर नीचे कैंपिंग के लिए एकदम सही जगह है।

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6. डैनकुंड पीक डलहौजी कैसे पहुंचे – How To Reach Dainkund Peak Dalhousie In Hindi

डलहौजी भारत में सबसे ज्यादा देखें जाने वाले हिल स्टेशनों में से एक है। यह हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में स्थित बहुत ही सुंदर जगह है जो यहां आने वाले पर्यटकों की यात्रा को यादगार बनती है। अगर आप डलहौजी जाने की योजना बना रहे हैं तो यहां हम डलहौज़ी पहुँचने के तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

6.1 फ्लाइट से डैनकुंड पीक कैसे पहुंचे – How To Reach Dainkund Peak By Air In Hindi

हवाई जहाज से डैनकुंड पीक कैसे पहुंचे

हवाई जहाज से डलहौजी पहुंचने के लिए कांगड़ा में गग्गल हवाई अड्डा इसका सबसे निकटतम घरेलू हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा शहर से 13 किमी दूर है और यहां से डलहौजी हिल स्टेशन तक पहुंचने के लिए टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप अन्य हवाई अड्डे चंडीगढ़ (255 किमी), अमृतसर (208 किमी) और जम्मू (200 किमी) के लिए भी उड़ान ले सकते हैं।

6.2 ट्रेन से डैनकुंड पीक कैसे पहुँचे – How To Reach Dainkund Peak By Train In Hindi

रेलगाड़ी से डैनकुंड पीक कैसे पहुँचे

डलहौजी का सबसे निकटतम रेल स्टेशन पठानकोट है। जो इस पहाड़ी शहर से 80 किमी दूर स्थित है और भारत के विभिन्न शहरों, जैसे दिल्ली, मुंबई और अमृतसर से कई ट्रेनों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पठानकोट रेलवे स्टेशन से डलहौजी पहुंचने के लिए आपको बाहर से टैक्सियाँ मिल जायेंगी।

6.3 सड़क मार्ग से डैनकुंड पीक कैसे पहुंचे – How To Reach Dainkund Peak By Road In Hindi

सड़क मार्ग से डैनकुंड पीक कैसे पहुंचे

डलहौजी सड़क मार्ग की मदद से आसपास के प्रमुख शहरों और जगहों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राज्य बस सेवा और लक्जरी कोच डलहौजी को आसपास की सभी प्रमुख जगहों और शहरों से जोड़ते हैं। दिल्ली से डलहौजी के लिए रात भर लक्जरी बसें भी उपलब्ध हैं। इस मार्ग पर टैक्सी और निजी वाहन भी मिल जाते हैं।

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इस लेख में आपने डैनकुंड हिल घूमने की जानकारी और आसपास के पर्यटन स्थल को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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7. डैनकुंड पीक का नक्शा – Dainkund Peak Map

8. डैनकुंड पीक की फोटो गैलरी – Dainkund Peak Images

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