Kaleshwar Mahadev Temple In Hindi, कालेश्वर महादेव मंदिर परागपुर गाँव से 8 किमी दूर स्थित है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण लिंगम है जो जमीनी स्तर पर स्थित है। यह मंदिर सुंदर मूर्तियों से सुशोभित और पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है। कलेश्वर महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश का एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। भगवान शिव इस मंदिर के मुख्य देवता हैं और मंदिर को केलसर के नाम से भी जाना जाता है।
महा शिवरात्रि त्यौहार के अलावा श्रावण (हिंदू माह) के महीने में इस स्थान बड़ी संख्या में भक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। कालेश्वर महादेव मंदिर व्यास नदी के तट स्थित है और एक आदर्श ध्यान स्थल के रूप में भी लोकप्रिय है। इस मंदिर के बगल में एक हिंदू श्मशान घाट भी स्थित है। अगर आप कालेश्वर महादेव मंदिर के पास के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें –
1. कालेश्वर महादेव मंदिर के आसपास के प्रमुख पर्यटन और आकर्षण स्थल – Places To Visit Near Kaleshwar Mahadev Temple In Hindi
कालेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव का एक प्रमुख मंदिर है, अगर आप मंदिर के अलावा इसके पास प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो इस जानकारी को पूरा पढ़ें, यहाँ हम आपको मंदिर के पास प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बता रहें हैं।
1.1 कांगड़ा किला – Kangra Fort In Hindi
कांगड़ा किला, भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा शहर के बाहरी इलाके में धर्मशाला शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह किला अपनी हजारों साल की भव्यता, आक्रमण, युद्ध, धन और विकास का बड़ा गवाह है। यह शक्तिशाली किला त्रिगर्त साम्राज्य की उत्पत्ति को बताता है जिसका उल्लेख महाभारत महाकाव्य में मिलता है। बता दें कि यह किला हिमालय का सबसे बड़ा और शायद भारत का सबसे पुराना किला है, जो ब्यास और उसकी सहायक नदियों की निचली घाटी पर स्थित है।
इस किले के बारे में कहा जाता है कि एक समय ऐसा भी था कि जब इस किले में अकल्पनीय धन रखा गया था जो इस किले के अंदर स्थित बृजेश्वरी मंदिर में बड़ी मूर्ति को चढ़ाया जाता था। इसी खजाने की वजह से इस किले पर कई बार हमला हुआ था।
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1.2 करेरी झील – Kareri Lake In Hindi
करेरी झील, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में धर्मशाला के लगभग 9 किमी उत्तर पश्चिम में धौलाधार श्रेणी में स्थित एक उथली और ताज़ी पानी की झील है, जिसकी सतह समुद्र तल से 2934 मीटर ऊपर है। करेरी झील एक प्रमुख दर्शनीय स्थल होने के अलावा धौलाधार रेंज में एक बेहद लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थल भी है। इस झील में पानी बर्फ पिघलने से मिलता है और यह झील कैफ उथली है इसमें पानी की दृश्यता बहुत अधिक है। हिमाचल प्रदेश की यात्रा करने वाले अधिकांश बैकपैकर्स ट्राइंड या इंद्रहार पास सर्किट ट्रेकिंग के लिए आते हैं, यह करारी झील के लिए एक छोटा ट्रेक है जो शानदार और शांत अनुभव देता है।
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1.3 वज्रेश्वरी मंदिर – Shaktipeeth Shri Vajreshwari Devi Temple In Hindi
ब्रजेश्वरी मंदिर कांगड़ा के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर पर्यटकों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने और आध्यात्मिक रूप से ज्ञानवर्धक स्थलों में से एक है। इस मंदिर को कांगड़ा के सबसे प्रमुख मंदिरों को शामिल किया गया है क्योंकि यह भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक है।
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1.4 धौलाधार रेंज – Dhauladhar Range In Hindi
धौलाधार रेंज ट्रेक सबसे कांगड़ा के पास सबसे आकर्षक ट्रेक में से एक है। धौलाधार चोटी कांगड़ा में अधिक ऊंचाई वाले पूरे ट्रेक में दिखाई देती है। यह ट्रेक कांगड़ा के उत्तर में है और हिमालय की दक्षिणी बाहरी सीमा को कवर करता है। अगर आप कांगड़ा की यात्रा करने तो इस ट्रेक पर ट्रेकिंग के लिए जाएँ क्योंकि यह ट्रेक आपको कई अदभुद दृश्य प्रदान करेगा।
1.5 ज्वालाजी मंदिर – Jwala Devi Mandir In Hindi
ज्वालाजी मंदिर को ज्वालामुखी या ज्वाला देवी के नाम से भी जाना जाता है। ज्वालाजी मंदिर हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी के दक्षिण में 30 किमी और धर्मशाला से 56 किमी की दूरी पर स्थित है। ज्वालाजी मंदिर हिंदू देवी ज्वालामुखी को समर्पित है। कांगड़ा की घाटियों में, ज्वाला देवी मंदिर की नौ अनन्त ज्वालाएं जलती हैं, जो पूरे भारत के हिंदू तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती हैं। मंदिर की नौ अनन्त ज्वालाओं में उनके निवास के कारण, उन्हें ज्वलंत देवी के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसा अद्भुत मंदिर है जिसमें भगवान की कोई मूर्ति नहीं है। ऐसा माना जाता है कि देवी मंदिर की पवित्र लपटों में रहती हैं, जो बाहर से बिना ईंधन के दिन-रात चमत्कारिक रूप से जलती हैं।
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1.6 बीर बिलिंग – Bir Billing In Hindi
भारत के हिमाचल प्रदेश में स्थित के बीर एक छोटा सा गाँव है जिसे व्यावहारिक रूप से भारत की पैराग्लाइडिंग राजधानी कहा जाता है। इस जगह के खूबसूरत पहाड़, हरियाली, मौसम के साथ यहां का शांत वातावरण पैराग्लाइडिंग के लिए अनुकूल है। आपको बता दें कि पैराग्लाइडिंग की बीर टेक-ऑफ साइट है और बिलिंग, जो उससे लगभग 14 किमी की दूरी पर स्थित है, जो कि लैंडिंग साइट है। अगर आप पैराग्लाइडिंग के शौक़ीन है तो इस जगह पर जरुर जाएँ। पैराग्लाइडिंग विश्व कप भारत में पहली बार साल 2015 में बीर-बिलिंग में हुआ था। बीर-बिलिंग अपने पैराग्लाइडिंग अनुभवों के लिए देश के लोगों के साथ-साथ साथ विदेशियों के साथ भी उतना ही प्रसिद्ध है।
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1.7 पालमपुर पर्यटन – Palampur Tourism In Hindi
पालमपुर कांगड़ा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जो देवदार के जंगलों और चाय के बागानों से घिरा हुआ है। पालमपुर शहर में कई नदियाँ बहती हैं और यह शहर पानी और हरियाली के अद्भुत संगम के लिए भी जाना-जाता है। राजसी धौलाधार रेंजों के बीच स्थित पालमपुर अपने चाय बागानों और चाय की अच्छी गुणवत्ता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पालमपुर को पहली बार अंग्रेजो द्वारा देखा गया था जिसके बाद इसे एक व्यापार और वाणिज्य के केंद्र के रूप में बदल दिया गया। इस शहर में स्थित विक्टोरियन शैली की हवेली और महल बेहद खूबसूरत नज़र आते हैं। अगर आप कांगड़ा की सैर करने के लिए जा रहे है तो पालमपुर जाना न भूलें।
1.8 चामुंडा देवी मंदिर – Chamunda Devi Temple In Hindi
चामुंडा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के चंबा जिले में स्थित एक प्रचीन मंदिर और एक प्रमुख आकर्षक स्थल है। चामुंडा देवी मंदिर का निर्माण वर्ष 1762 में उमेद सिंह ने करवाया था। पाटीदार और लाहला के जंगल स्थित यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बना हुआ है। बानेर नदी के तट पर स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जिन्हें युद्ध की देवी के रूप में जाना जाता है। पहले इस जगह पर सिर्फ पत्थर के रास्ते कटे हुए थे, लेकिन अब इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आपको 400 सीढ़ियों को चढ़कर जाना होगा। एक अन्य विकल्प के तौर पर आप चंबा से 3 किलोमीटर लंबी कंक्रीट सड़क के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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1.9 मैकलोडगंज – Mcleodganj In Hindi
हिमाचल प्रदेश राज्य में धर्मशाला के पास स्थित मैकलोडगंज एक प्रमुख हिल स्टेशन है, जो ट्रेकर्स के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां की संस्कृति कुछ ब्रिटिश प्रभाव के साथ तिब्बती संस्कृति का सुंदर मिश्रण है। मैकलोडगंज को छोटे ल्हासा के रूप में भी जाना जाता है। मैकलोडगंज एक सुंदर शहर है जो तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के घर होने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, जो ऊपरी धर्मशाला के पास स्थित है। राजसी पहाड़ियों और हरियाली के बीच बसा मैकलोडगंज सांस्कृतिक रूप से एक प्रमुख तिब्बती प्रभाव से धन्य है, जिसका प्रमुख कारण यहां की तिब्बतियों की बस्तियां हैं।
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1.10 बैजनाथ मंदिर – Baijnath Temple In Hindi
बैजनाथ मंदिर हिमाचल प्रदेश में सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है, और यहां, भगवान शिव को ‘हीलिंग के देवता’ के रूप में पूजा जाता है। बैजनाथ या वैद्यनाथ भगवान शिव का एक अवतार है, और इस अवतार वे अपने भक्तों के सभी दुखों और पीड़ाओं को दूर करते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है और इसको बेहद पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर के जल में औषधीय गुण पाए जाते हैं जिससे कई बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। यह मंदिर हर साल लाखों की संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
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1.11 कला संग्रहालय – Kangra Art Museum In Hindi
कांगड़ा संग्रहालय तिब्बती और बौद्ध कलाकृति के शानदार चमत्कार और उनके समृद्ध इतिहास को बताता है। यह धर्मशाला के बस स्टेशन के पास स्थित है। इस संग्रहालय में आप कई पुराने गहने, दुर्लभ सिक्के यादगार, पेंटिंग, मूर्तियां और मिट्टी के बर्तन जैसी चीज़ें देख सकते हैं।
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2. कालेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुँचे – How To Reach Kaleshwar Mahadev Temple In Hindi
कालेश्वर महादेव मंदिर कांगड़ा शहर से करीब 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नई दिल्ली से कांगड़ा लगभग 450 किमी दूर है, इसलिए नई दिल्ली से बस से यात्रा करना कांगड़ा पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है। कांगड़ा के पास दूसरा प्रमुख शहर चंडीगढ़, जो लगभग 6-7 घंटे की दूरी पर है। सड़कों को अच्छी तरह से बनाया गया है जो एक सुखद सड़क यात्रा के लिए अच्छी हैं। कांगड़ा पहुँचने के बाद आप बस या टैक्सी की मदद से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
2.1 फ्लाइट से कालेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Kaleshwar Mahadev Temple By Flight In Hindi
अगर आप हवाई मार्ग से कालेश्वर महादेव मंदिर जाना चाहते हैं तो बता दें कि इसका निकटतम हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा है। जो कांगड़ा शहर से 11 किमी की दूरी पर स्थित है। गग्गल हवाई अड्डा देश के अधिकांश हवाई अड्डों के साथ हवाई अड्डा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से आप मंदिर जाने के लिए ऑटोरिक्शा, बसों, और टैक्सियों की मदद ले सकते हैं।
2.2 ट्रेन से कालेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Kaleshwar Mahadev Temple By Train In Hindi
जो भी पर्यटक ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तो उनके लिए बता दें कि कांगड़ा शहर का अपना रेलवे स्टेशन है, जो कांगड़ा घाटी के भीतर स्थित है। लेकिन यह एक टॉय ट्रेन स्टेशन है, जिसकी वजह से यह देश के अन्य शहरों से रेल मार्ग से नहीं जुड़ा। कांगड़ा का निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट रेलवे स्टेशन है जो कांगड़ा से 87 किमी की दूरी पर और कालेश्वर महादेव मंदिर से 129 किमी की दूरी पर है। पठानकोट से कांगड़ा पहुँचने के लिए आपका टैक्सी किराये पर लेना सबसे अच्छा रहेगा।
2.3 रोड मार्ग से कालेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Kaleshwar Mahadev Temple By Road In Hindi
कांगड़ा नई दिल्ली से लगभग 450 किमी दूर है इसलिए आप नई दिल्ली से बस में यात्रा करके यहां आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा कांगड़ा के पास दूसरा प्रमुख शहर चंडीगढ़ सिर्फ 6-7 घंटे की दूरी पर है जो सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। कांगड़ा से आप कालेश्वर महादेव मंदिर बस या टैक्सी की मदद से पहुँच सकते हैं।
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3. कालेश्वर महादेव मंदिर का नक्शा – Kaleshwar Mahadev Temple Map
4. कालेश्वर महादेव मंदिर की फोटो गैलरी – Kaleshwar Mahadev Temple Images
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