Bhangarh Kile Ka Rahasya In Hindi : भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में सरिस्का अभ्यारण्य की सीमा पर स्थित है। इस किले के पास गोला गांव बसा हुआ है। भानगढ़ का किला ढलान वाले इलाके में पहाड़ियों के तल पर स्थित है, जो देखने में बेहद भयानक दिखता है। इस किले की बनावट से ज्यादा इसके भूतिया किस्सों की वजह से ज्यादा चर्चा में रहता है। भानगढ़ किले में राजा के महल के खंडहर पहाड़ियों की निचली ढलान पर स्थित हैं। इस किले का तालाब वाला क्षेत्र पेड़ों से घिरा हुआ है और महल के परिसर के भीतर एक प्राकृतिक जलधारा तालाब में गिरती है।
आपको बता दें कि किले के परिसर में भूतिया अनुभवों और घटनाओं के डर की वजह से अब गाँव इस किले से बहुत दूर हो गए हैं। हर कोई इस किले को भूतिया बताता है और अकेला इस किले में जाने से डरता है। हर किसी को बस यही डर रहता है कि भानगढ़ किले के भीतर क्या है।
बता दें कि भानगढ़ किले के भूतिया किस्सों की वजह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण या एएसआई ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को रात में किले में प्रवेश करने से मना किया है। यह किला अब पूरी तरह से ख़राब हो चुका है और इसको देखने के बाद हर किसी के मन में बस भयानक और नकारात्मक विचार ही आते हैं। बहुत से पर्यटकों ने इस किले में अपसामान्य घटनाओं की पुष्टि की है।
भानगढ़ गाँव अपने ऐतिहासिक खंडरो की वजह से जाना-जाता है। भानगढ़ का किला चरों ओर से घिरा है जिसके अन्दर प्रवेश करते ही कुछ हवेलियों के अवशेष दिखाई देते हैं। यहां स्थित भानगढ़ का किला भारत के चर्चित प्रेतवाधित स्थानों में से एक है। भानगढ़, राजस्थान में अलवर जिले के राजगढ़ नगरपालिका में स्थित है। भानगढ़ सरिस्का टाइगर रिजर्व के किनारे पर बसा हुआ है। सामने बाजार है जिसमें सड़क के दोनों तरफ कतार में बनायी गयी दो मंजिली दुकानों के खण्डहर मौजूद हैं। भानगढ़ का किला अपने चारों ओर पहाड़ियों से घिरा हुआ है वर्षा ऋतु में यहां की रौनक देखने लायक होती है भानगढ़ को दुनिया के सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि यहां आज भी भूत रहते हैं। सूर्य उदय होने से पहले और सूर्य अस्त के बाद किसी को भानगढ़ किले में रुकने की इजाजत नहीं है।
भानगढ़ किले का इतिहास सदियों पुराना है। राजस्थान में 17 वीं शताब्दी में बना हुआ यह किला प्राचीन कला का एक नमूना है। भानगढ़ किले को लेकर कहा जाता है कि आमेर के रजा भगवत दास ने इसे अपने छोटे बेटे माधो सिंह प्रथम के लिए 1573 में बनवाया था ।
अगर भानगढ़ किले के इतिहास के बारे में बात करें तो इससे दो अलग-अलग कहानी सामने निकल कर आती है, जिसकी वजह से भानगढ़ किले को इतना डरावना बताया जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको भानगढ़ किले की दोनों भूतिया कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं।
भानगढ़ के किले को लेकर एक दंतकथा प्रचलित है कि माधो सिंह नाम के एक राजा ने वहां रहने वाले बाला नाथ नाम के एक तपस्वी से ख़ास अनुमति लेकर भानगढ़ किले का निर्माण किया। वो तपस्वी इस किले के निर्माण के लिए एक शर्त पर सहमत हुए कि इस किले की छाया तपस्वी के घर पर कभी नहीं पड़ना चाहिए। लेकिन जो किस्मत में लिखा था वो तो होना ही था। माधो सिंह के महत्वाकांक्षी उत्तराधिकारियों में से एक ने किले को ज्यादा ऊपर बढ़ा दिया जिससे किले की अशुभ छाया तपस्वी के घर पर पहुँच गई। इसके बाद साधू ने किले को श्राप दिया जिसके बाद भानगढ़ किला पूरी तरह से बर्बाद हो गया और भूतिया किला बन गया।
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भानगढ़ किले के बारे में जो दूसरी कहानी बताई जाती है वो बहुत ही अजीब है। बता दें कि भानगढ़ किले के पीछे एक दूसरी दंतकथा यह है कि यह किला एक तांत्रिक के श्राप की वजह से पूरी तरह बर्बाद हो गया और भूतिया बन गया। चलिए अब आपको इसकी पूरी कहानी बताते हैं। बताया जाता है कि भानगढ़ के किले की राजकुमारी रत्नावती इस किले के सर्वनाश का कारण थी। राजकुमारी रत्नावती दिखने में बहुत खूबसूरत थी। जब पास में रहने वाले तांत्रिक को राजकुमारी से प्यार हो गया। तो उस तांत्रिक ने अपने काले जादू की मदद से राजकुमारी को अपने वश में करने का सोचा और इसके लिए उस तांत्रिक ने रानी को ऐसा पेय देने की कोशिश की जिससे राजकुमारी उसके प्यार में पड़ जाए, लेकिन राजकुमारी ने संदेह को सूँघ लिया और उस तांत्रिक की साजिश को नाकाम कर दिया। इसके बाद तांत्रिक को मौत की सजा सुनाई गई और उसको कुचल कर मार डाला। अपनी आखिरी सांस लेने से पहले तांत्रिक ने भानगढ़ किले को श्राप दिया कि कोई भी वहां नहीं रह पायेगा।
अगर आप राजस्थान में स्थित भानगढ़ का किला घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको बता दें कि किसी भी इंसान को सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले किले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। किले के भूतिया किस्सों की वजह से इस किले में रात के समय किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया जाता। इस किले के पास के स्थानीय लोग यहां होने वाली कई असाधारण गतिविधियों के बारे बताते हैं, लेकिन यह तो किसी भी इंसान के ऊपर निर्भर करता है कि वो इन कहानियों पर विश्वास करेगा या नहीं।
भानगढ़ के किले के बारे में बताया जाता है कि इस किले में रात के समय भूत का साया होता है, यहां पर रात में आत्माएं घूमती हैं और कई अजीब आवाज़े भी यहां सुनाई देती हैं। भानगढ़ किले को लेकर यह भी कहा जाता है कि जो कोई भी रात में किले में प्रवेश करता है, वह सुबह वापस नहीं लौट पाता।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा लगाए गए एक बोर्ड ने यहां आने वाले पर्यटकों को अंधेरे के समय किले के परिसर के भीतर न जाने की चेतावनी दी है।
अगर आप भानगढ़ घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो आप यहां वैसे तो साल में किसी भी समय जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से लेकर जून तक के महीनों में यहां जाने से बचे। क्योंकि इन महीनों में राजस्थान में गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है। इसलिए नवंबर से लेकर मार्च तक का समय आपके लिए सबसे उचित रहेगा।
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भानगढ़ का किला सुबह के 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक खुला रहता है। सूर्यास्त के बाद यहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है।
खुला रहने का समय: सुबह 6:00 बजे – शाम 6:00 बजे
अगर भानगढ़ किले के बारे में इतना कुछ जानने के बाद आप इस किले को देखने जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि भानगढ़ राजस्थान राज्य के अलवर जिले का एक गाँव हैं जो जयपुर और दिल्ली के बीच स्थित है। इस किले का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर का संतेन्दर हवाई अड्डा है, जो भानगढ़ से 56 किलोमीटर की दूरी पर है। अगर आप ट्रेन की मदद से भानगढ़ किला जाने का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको यहां स्थित दौसा रेलवे स्टेशन उतरना पड़ेगा जो भानगढ़ से 22 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके अलावा भानगढ़ सड़क मार्ग से भी देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां चलने वाली सार्वजनिक बसें आपको भानगढ़ किले तक पंहुचा सकती हैं।
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राजस्थान में अलवर, भानगढ़ का निकटतम शहर है। बता दें कि अलवर से भानगढ़ की दूरी लगभग 90 किलोमीटर है। अलवर से आपको भानगढ़ किला जाने के लिए टैक्सी और बस मिल जाएंगी।
दिल्ली से नीमराणा मार्ग होते हुए भानगढ़ लगभग 269 किमी और अगर आप अलवर मार्ग से जायेंगे तो यह आपको 242 किमी पड़ेगा। छोटा होने के बाद भी अलवर मार्ग की सड़क की स्थिति सही न होने की वजह से यह थोड़ा अधिक समय लेता है। इसलिए आपको दिल्ली से NH8 मार्ग से सीधा जाना चाहिए और नीमराणा के बाद भी आगे चलते रहना चाहिए, जिसके बाद आपको NH11A को पकड़ना पड़ेगा। लगभग 50 किमी तक NH11A पर ड्राइव करें और फिर भानगढ़ पहुंचने के लिए राजस्थान राज्य राजमार्ग एसएच 55 लें। इस मार्ग पर आपको 20 किमी चलना होगा। दिल्ली से भानगढ़ जाने के लिए आपको लगभग 4 से 5 घंटे की ड्राइविंग करनी होगी।
भानगढ़ किला जयपुर से सिर्फ 83 किमी दूर है अगर आप जयपुर में रहते हैं तो आप यहां एक दिन में घूमकर आ सकते हैं। अपने दोस्तों के साथ जाने के लिए इससे अच्छी जगह और कोई नहीं हो सकती। जयपुर से भानगढ़ जाने के लिए आप पहले NH11 लें और आगरा रोड पर चलते रहें। इसके बाद दौसा से, NH11A लें और लगभग 15 किमी तक ड्राइव करें। इसके बाद एसएच 55 लेकर आप अपनी डेस्टिनेशन पर पहुँच जायेंगे। आपको जयपुर से भानगढ़ किले तक पहुंचने में 2 घंटे तक का समय लगेगा।
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hm yha ghumna cahte hain
rat ko 12 bje ke bad