Assam Tea Garden In Hindi : पूर्वोत्तर भारत के सबसे दूरस्थ क्षेत्र में स्थित, असम देश का सबसे बड़ा चाय उत्पादक क्षेत्र है। इस राज्य में अधिकांश चाय के बागान तिनसुकिया, डिब्रूगढ, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, नागाँव और सोनितपुर ज़िलों में पाए जाते हैं।
इमेजिन करें की इस बार के वेकेशन में आप व्यापक रूप से फैले चाय के बागानों में अपने फ्रेंड्स, फैमली या फिर अपने कपल के साथ घूम रहे है। सोचे बो समय आपके लिए कितना खास और मेमोरिबल होगा जब आप अपने चाहने वालों के साथ हरे भरे प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर असम के चाय के बगाना में से घूम रहें होंगे।
असम के प्रसिद्ध चाय के बागान एक फैमली वेकेशन के साथ साथ, बर्षो से पीते आ रहे है चाय के उत्पादन और उसकी प्रक्रियां को जानने का भी सुनहर अवसर प्रदान करते है। इसीलिए यदि अगर आप वेकेशन पर जा जाने के लिए असम की खूबसूरत जगह सर्च कर रहे है तो आपको इस बार अपनी ट्रिप के लिए नीचे दिए गये असम के फेमस टी गार्डन्स को पिक करना चाहिये, जिनके बारे में जानकार यक़ीनन आप असम के प्रसिद्ध चाय के बागान की ट्रिप के लिए एक्साईटेड हो जायेंगे –
“नोनोई टी एस्टेट” असम के नांगाओ जिले में कार्बी रेंज की तलहटी स्थित है, जिसे स्थानीय रूप से रंगमती के रूप में जाना जाता है। 959.17 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला, नोनोई टी एस्टेट समुद्र तल से 225 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है जहाँ से प्रकृति के मनोरम दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
इस टी एस्टेट का नाम एक नाम झरने से लिया गया है जिसे ब्रिटिश भाषा में नोइ-नोई कहा जाता था, इसलिए इसका नाम “ननोई” पड़ गया यह। वर्तमान में यह टी गार्डन चाय के उत्पादन के साथ साथ पर्यटन के झेत्र में भी, असम के प्रमुख चाय बागान (Assam Tea Garden In Hindi) में से एक है जहाँ हर साल हजारों की संख्या में पर्यटकों की उपस्थिति दर्ज की जाती है।
असम के बिश्वनाथ चाराली जिले में स्थित, “मोनाबारी टी एस्टेट” असम के प्रसिद्ध चाय बागान (Assam Tea Garden In Hindi) में से एक है। यह टी एस्टेट असम और पूरे एशिया में सबसे बड़ी चाय की संपत्ति है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े चाय बागान में से एक रूप में भी स्थान दिया गया है। जिससे आप इस चाय के बागान की प्रसिद्धी का अंदाजा लगा सकते है। 1158 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले मोनाबारी टी एस्टेट का स्वामित्व मैकलियोड रसेल इंडिया लिमिटेड के पास है जो विलियमसन मैगर ग्रुप का एक हिस्सा है।
यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ घूमने के लिए असम के बेस्ट टी गार्डन्स (Best Tea Garden In Assam in Hindi) सर्च कर रहे है तो मोनाबारी टी एस्टेट आपके लिए परफेक्ट जगह है। जब भी आप यहाँ आएंगे तो असम के साथ साथ देश के बिभिन्न हिस्सो से आये हुए पर्यटकों को यहाँ देखेगें।
374 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला, “हल्मारी टी एस्टेट” असम के मोरन जिले में स्थित है। हल्मारी टी एस्टेट पिछले 100 वर्षों से की जा रही चाय की बेहतरीन गुणवत्ता के लिए पूरे भारत में जाना जाता है। हाल्मरी टी एस्टेट प्रबंधन का दावा है उनकी चाय जैसा टेस्ट भारत की अन्य किसी चाय में नही मिल सकता है, जिस वजह से उनकी चाय असम सबसे अधिक कीमत पाने में भी कामयाब होती है। हल्मारी टी एस्टेट चाय उत्पादन के साथ साथ राज्य के पर्यटन में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो हर साल हजारों की संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
“कॉर्मोर टी एस्टेट” असम के प्रमुख चाय के बागान (Assam Tea Garden In Hindi) में से एक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1860 में स्कॉटलैंड के रॉबर्ट लोगान द्वारा की गई थी। असम के द्रंग जिले के हाटीगढ़ में बसे इस हेरिटेज टी एस्टेट का मालिकाना हक अब विलियमसन चाय के पास है।
480 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र में फैला हुए कॉर्मोर टी एस्टेट में कैमेलिया प्रजाति की चाय का उत्पादन किया जाता है। यदि आप अपने फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए असम के प्रसिद्ध चाय के बागान को सर्च कर रहे है तो आप अपनी ट्रिप के लिए कॉर्मोर टी एस्टेट को पिक कर सकते है। जब भी आप यहाँ आयेंगे तो यकीन माने इन चाय के बागानों की सुन्दरता देखकर मंत्रमुग्ध हो जायेगें।
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“तेलोजी टी एस्टेट” असम एक और प्रसिद्ध टी गार्डन है जो 1922 से अस्तित्व में आया है। यह चाय का बागान लोगों को स्वस्थ और उच्च गुणवत्ता वाली चाय का अनुभव दिलाने के लिए जाना जाता है।
यदि आप एक चाय प्रेमी है तो निश्चित रूप से आपको असम के प्रसिद्ध चाय के बागान (Assam Tea Garden In Hindi) में से एक तेलोजी टी एस्टेट घूमने जरूर आना चाहिये।
तिनसुकिया जिले में बर्मा की सीमा के करीब स्थित, बेसाकोप्पी टी एस्टेट भारत का तीसरा सबसे बड़ा चाय का बगान है। जबकि स्थानीय रूप से भी यह चाय का बगान सबसे बड़े चाय बागान में से एक है। जब भी आप यहाँ आएंगे तो इस चाय संपदा में निर्मित माल्टी असम की चाय का यादगार का अनुभव ले सकते है।
घाटी के मध्य भाग में बसे, जोरहाट को अक्सर ‘विश्व की चाय राजधानी’ के रूप में भी जाना जाता है जिससे इसकी प्रसिद्धी का अंदाजा लगाया जा सकता है। जोरहाट टी बंगला चाय के बागानों के साथ साथ पर्यटकों के ठहरने के लिए आवास के विकल्प भी प्रदान करता है, यहाँ के बंगले औपनिवेशिक काल के हैं जो आपको प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर इन चाय के बागानों के बीचो बीच में एक अलग ही अनुभव प्रदान करते हैं। इसी वजह में यहाँ हर साल लाखों टूरिस्ट वेकेशन एन्जॉय करने और हनीमून मनाने के लिए यहाँ आना पसंद करते है।
देश में सबसे बड़ा चाय उत्पादक क्षेत्र होने के नाते असम अपने चाय के टेस्ट और चमकीले रंग के लिए जानी जाती है। यदि आप असम में हैं, तो आपको जोरहाट के पास गटोंगा टी एस्टेट पर बरगद ग्रोव में अवश्य रहना चाहिये। 100 से अधिक वर्षों के इतिहास के साथ, यह औपनिवेशिक विरासत बंगला चाय के बागानों को देखने के लिए सबसे अच्छी जगह है। यहाँ से आप मैनीक्योर चाय बागानों के सुंदर दृश्यों को देख सकेगें जो निश्चित ही आपको मंत्रमुग्ध कर देगें।
“मंगलम टी एस्टेट” एक सरकारी आरक्षित वन के बगल में स्थित है। यह चाय का बागान 117.99 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसे 1955 में जयश्री चाय उद्योगों द्वारा शुरू किया गया था। तौकोक नदी के पार स्थित मंगलम टी एस्टेट ने पूरे वर्ष अच्छी गुणवत्ता वाली चाय परोसी है और अब सीटीसी और रूढ़िवादी चाय के उत्पादन में प्रवेश किया है।
यह टी एस्टेट चाय उत्पादन के साथ साथ पर्यटकों को भी काफी आकर्षित करता है, जहाँ हर साल हजारों पर्यटकों की उपस्थिति दर्ज की जाती है।
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तेजपुर के बाहरी इलाके में स्थित, वाइल्ड मशीर टी एस्टेट भोरोली नदी से 40 मिनट की दूरी पर स्थित है। ब्रिटिश असम चाय कंपनी द्वारा 1864 में निर्मित, यह रिसॉर्ट वास्तुकला में एक सुंदर मिश्रण दिखाता है जिसमें एक औपनिवेशिक और असमिया स्पर्श है।
22 एकड़ के क्षेत्र को कवर करते हुए, यह चाय संपदा रिसॉर्ट राज-युग के चाय बागानों की जीवन शैली की अद्भुद झलक प्रदान करता है जो पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है। यदि आपने इस बार वेकेशन के लिए असम के प्रसिद्ध चाय के बागान (Assam Tea Garden In Hindi) को सिलेक्ट किया है तो आपको असम में इस हेरिटेज चाय एस्टेट रिसॉर्ट में रहते हुए प्राकृतिक सुन्दरता के साथ शाही एहसास फील जरूर करना चाहिए।
घोगराजन टी एस्टेट असम का एक और फेमस टी गार्डन है जिसकी शुरुआत 1930 के दशक से की गयी थी और पिछले 5 पीढ़ियों से यह विरासत चली आ रही है। इस चाय के बागान “घोगराजन” के नाम यहाँ बहने वाली छोटी नदी से लिया गया है।
असम के सबसे बड़े चाय बागान में से एक, घोगराजन 350 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसने सीटीसी और क्षेत्र के बेहतरीन ऑर्थोडॉक्स चाय के उत्पादन में अपनी गुणवत्ता के साथ विश्वास हासिल किया है।
ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर स्थित, “खोंगिया टी एस्टेट “असम के प्रमुख चाय के बागान (Assam Tea Garden In Hindi) में से एक है। खोंगिया टी एस्टेट को ब्रिटेनियों द्वारा स्थापित किया गया था लेकिन इस बागान में चाय का उत्पादन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वर्ष 1949 से शुरू किया गया था।
यह फेमस चाय का बागान अपनी चाय के टेस्ट और मैनीक्योर किये गये चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। यदि आप पानी फैमली या फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए असम के फेमस टी गार्डन्स (Best Tea Garden In Assam in Hindi) सर्च कर रहे है तो आप खोंगिया टी एस्टेट को अपनी ट्रिप के लिए पिक कर सकते है।
असम के खूबसूरत चाय बागान में से एक “हरमुटी टी एस्टेट” डिक्रोंग नदी के किनारे स्थित है। हरमुटी टी एस्टेट असम के सबसे पुराने चाय बागान में से एक है जिसे 1870 में स्थापित में किया गया था। बता दे इस टी एस्टेट को नाम से रानी हिरामती के नाम से मिला है।
इस खूबसूरत चाय बगान से अरूणाचल प्रदेश की पहाड़ियों के अद्भुद दृश्य भी देखे जा सकते है जो इस चाय के बागन में चार चाँद लगाने का कार्य करते है। इसी वजह से हरमुटी टी एस्टेट चाय उत्पादन के साथ सतह राज्य के पर्यटन में भी काफी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है जो प्रत्येक बर्ष हजारों की संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब होता है।
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“मनोहारी टी एस्टेट” असम के ऊपरी क्षेत्र में भारतीय-बर्मी सीमा पर समुद्र तल से 390 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मनोहारी टी एस्टेट 1800 एकड़ के क्षेत्र में फ़ैल हुआ है जिसके 1000 एकड़ में चाय का उत्पादन किया जाता है। यह चाय का बागान उंचाई पर स्थित है जिस कारण यहाँ से नीचे के कुछ सुन्दर परिदृश्यो को भी देखा जा सकता है।
“असमिका एग्रो ऑर्गेनिक फार्म” असम के प्रसिद्ध चाय के बागान (Assam Tea Garden In Hindi)में से एक है। यह फार्म किसानों द्वारा उत्पादित जैविक चाय की खेती के लिए जाता है। असमिका एग्रो ऑर्गेनिक फार्म में उगाई गई चाय एक स्वस्थ चाय का कप बनाती है, क्योंकि वे कीटनाशकों और अन्य रसायनों से मुक्त होते हैं।
बता दे असम में सभी चाय सम्पदाओं के बीच, यह जैविक खेत एक रासायनिक मुक्त सुगंधित पीसा हुआ चाय की पत्तियों का उत्पादन करता है और किसानों की आजीविका बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
यदि आप जैविक चाय की खेती की प्रक्रिया के बारे में जानना चाहते है तो आपको एक बार असम के प्रसिद्ध चाय बागान में से एक असमिका एग्रो ऑर्गेनिक फार्म जरूर आना चाहिए।
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इस आर्टिकल में आपने असम के प्रमुख चाय के बागन और टी एस्टेट के बारे में जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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