Chanderi Fort in Hindi : चंदेरी किला मध्य प्रदेश राज्य के चंदेरी शहर में बेतवा नदी के पास एक पहाड़ी के ऊपर स्थित म.प्र. का प्रसिद्ध और ऐतिहासिक किला है जिसका उल्लेख महाभारत के महाकाव्य में भी पाया जा सकता है जब इस क्षेत्र पर राजा शिशुपाल का शासन था। मालवा और बुंदेलखंड की सीमाओं में फैला यह किला हरे-भरे जंगलों, शांत झीलों और राजपूतों और सुल्तानों के कई पड़ोसी स्मारकों के बीच स्थित है। बता दे तीन अलंकृत द्वार किले के प्रवेश द्वार की रक्षा करते हैं, जिसके मुख्य द्वार ‘खूनी दरवाजा’ के नाम से जाना जाता है। शहर से 71 मीटर ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित यह किला अपने ऐतिहासिक महत्व के अलावा सुन्दर परिदृश्यो के लिए फेमस है जिन्हें आप मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध किले (Famous Forts of Madhya Pradesh in Hindi) में शुमार चंदेरी किला की यात्रा में देख सकते है।
यदि आप भी चंदेरी दुर्ग घूमने जाने का प्लान बना रहे है या फिर इस प्रसिद्ध किले के बारे में जानना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़े –
चंदेरी किला का इतिहास – History of Chanderi Fort in Hindi
चंदेरी किला का इतिहास काफी अस्पष्ट है क्योंकि इसके निर्माण को लेकर कोई प्रमाणिक पुष्टि या ठोस सबूत नही है। लेकिन कई इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के अनुसार चंदेरी किला का निर्माण 11 वी शताब्दी में बुंदेला राजपूतो द्वारा करबाया गया था। लेकिन इसके बाद भी अलग अलग शासको ने किले में कई निर्माण कार्य करबाए है। बुदेला शासको ने किले के अन्दर कई महल के निर्माण भी करबाये। माना जाता है 6 मई सन 1529 में लड़े गये चंदेरी युद्ध में मेदिनी राय खंगार की पराजय हो गयी थी जिसके बाद राजपूत रानियों समेत सभी महिलायों ने बाबर की गुलामी स्वीकार ना करते हुए जौहर को स्वीकार करके सामूहिक आत्मदाह कर लिया था। दुर्ग के बाहर आज भी उन रानियों के सम्मान में जौहर स्मारक मौजूद है।
आर्किटेक्चर ऑफ़ चंदेरी फोर्ट – Architecture of Chanderi Fort in Hindi
शहर से 71 मीटर ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित चंदेरी दुर्ग वास्तुकला का एक शानदार नमूना है इसकी शिल्पकला में अलग अलग राजायों की छाप देखने को मिलती है। चंदेरी किला का निर्माण बाहरी आक्रमणकारियों से पूरी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया था जो चारों ओर बनी किलेबंदी की दीवारों से सुरक्षित है। किले के तीन द्वार हैं जिनके माध्यम से चंदेरी किले तक पहुंचा जा सकता है। किले के सबसे उपरी द्वार को हवा पौर द्वार के नाम से जाना जाता है। जबकि किले के मुख्य द्वार को खूनी दरवाजा के नाम से जाना जाता है। हवा महल और नौ खंडा महल चंदेरी किले की शाखाएं हैं।
चंदेरी दुर्ग का एक अन्य प्रवेश द्वार चंदेरी किले के दक्षिण पश्चिमी भाग की ओर स्थित है। यह एक विचित्र द्वार है जिसे खट्टी घाट कहा जाता है। यह 59 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 24.6 मीटर ऊंचा गेट है।
खूनी दरवाजा चंदेरी – khooni darwaza chanderi in Hindi
आज हर कोई जानने के लिए बेताब है की आखिर खूनी दरवाजे को “खूनी दरवाजा” क्यों कहा जाता है ? यदि आप भी इसी सवाल को लेकर परेशान तो हम आपको बताएं देते है खूनी दरवाजा चंदेरी दुर्ग का प्रमुख आकर्षण है यह दरवाजा चंदेरी दुर्ग का मुख्य प्रवेश द्वार है जिसे किले की सुरक्षा के उद्देश्य से बनाया गया था। 1528 के चंदेरी युद्ध के दौरान बाबर और मेदिनी राय खंगार के बीच बेहद विध्य्वंसक युद्ध हुआ जिसमे हजारों लोगो की जाने गई थी। कहा जाता है युद्ध के दौरान जब लोग दुर्ग के इस दरवाजे के पास पहुचें तो उनका सामना दिल देहला दाने वाले मंजर से हुआ जब यहाँ लाशों के ढेर लगे हुए थे और खून की धारें बह रही थी जो रोंगटे खड़े कर देने देनी वाली थी। इसी घटना के बाद किले के इस द्वार को खूनी दरवाजे के नाम से जाना जाने लगा।
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चंदेरी किला खुलने के समय – Timings of Chanderi Fort in Hindi
यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ चंदेरी फोर्ट घूमने जाने वाले का प्लान बना रहें हैं और इसकी टाइमिंग के बारे में सर्च कर रहें है तो हम आपको बता दे यह किला पर्यटकों के घूमने के लिए प्रतिदिन सुबह सुबह 6.30 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुला रहता है इस दौरान आप कभी यहाँ घूमने आ सकते है। ध्यान दे किले के पूर्ण और आरामदायक यात्रा के लिए 2 – 3 घंटे का समय जरूर निकालें।
चंदेरी फोर्ट की एंट्री फीस – Entry Fee of Chanderi Fort in Hindi
- फ्री
चंदेरी दुर्ग के आसपास घूमने की जगहें – Places To Visit Near Chanderi Fort in Hindi
चंदेरी शहर पर्यटकों के लिए घूमने वाली जगहों से भरा पड़ा हैं। इसीलिए आप जब भी चंदेरी फोर्ट घूमने आयें तो इन प्रमुख जगहों पर घूमने जरूर जाए जिनकी जानकारी हम आपको नीचे देने जा रहे हैं।
- भीमसेन गुफा (भियादंत)
- शहजादी का रोजा
- खंडगिरि मंदिर
- जामा मस्जिद
- बादल महल
- कौशक महाल
- श्री जगेश्वरी मंदिर
- रानी महल
- पुरातत्व संग्रहालय (ASI)
- राजघाट डैम
- श्री चौबीसी जैन मंदिर
- जौहर स्मारक
- खुनी दरवाजा
- रामनगर पैलेस
- कटि घटि गेटवे
चंदेरी किला घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Chanderi Fort in Hindi
वैसे तो पर्यटक साल भर चंदेरी किला घूमने के लिए आते है लेकिन यदि हम चंदेरी किला घूमने जाने के लिए सबसे अच्छे समय की बात करें तो वह मानसून के ठीक बाद अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस दौरान चंदेरी का मौसम भी सुखद होता है साथ किले के उपर से हरी भरी हरियाली को ओढ़े हुए आसपास के सुन्दर नजारों को देखा जा सकता है।
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चंदेरी में कहां रुके – Where To Stay In Chanderi in Hindi
चंदेरी शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए आवास की कोई समस्या नहीं है। इस आकर्षित चंदेरी शहर में आने वाले मेहमानों के लिए रुकने की अच्छी सुविधाए उपलब्ध हैं। चंदेरी में कईगेस्ट हाउस, लॉज और होटल आपको मिल जाएंगे।
- ताना बाना-एमपीटीडीसी
- होटल श्री कुंज
- अमराई गेस्ट हाउस
- पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस
- सर्किट हाउस के कमरे
चंदेरी में मशहूर स्थानीय भोजन – Famous Food Of Chanderi in Hindi
चंदेरी किले की यात्रा में आप चंदेरी शहर के मशहूर खाने का लुफ्त उठा सकते है। इस शहर में आपको शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का स्वादिष्ट भोजन मिल जाएगा। लेकिन इसमें सबसे खास और लौगो में जो प्रचलित दाल – चवाल, सब्जी – रोटी, बिरयानी, सेवइयां, गोश्त – रोटी, मटन स्टू, दाल हलवा और जर्दा पुलाव आदि अधिक फेमस हैं।
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चंदेरी किला केसे पहुचें – How To Reach Chanderi Fort in Hindi
यदि आप चंदेरी फोर्ट घूमने जाने वाले है और सर्च कर रहें हैं की हम चंदेरी दुर्ग केसे पहुचें ? तो हम आपको बता दे चंदेरी किले जाने के लिए आपको पहले चंदेरी पहुचना होगा जिसके लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
चंदेरी फ्लाइट से कैसे पहुंचे – How To Reach Chanderi By Flight in Hindi
चंदेरी शहर पहुंचने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दें कि चंदेरी का सबसे निकटतम हवाई अड्डा भोपाल का राजभोज हवाई अड्डा हैं जोकि लगभग 220 किलोमीटर की दूरी पर हैं। जबकि ग्वालियर हवाई अड्डा चंदेरी से 250 किलोमीटर की दूरी पर हैं। आप इनमे से किसी का भी चुनाव कर सकते है। हवाई अड्डे से राज्य-परिवाहन की बस या प्राइवेट टैक्सी की मदद से चंदेरी पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से चंदेरी कैसे पहुंचे – How To Reach Chanderi By Train in Hindi
चंदेरी पहुंचने के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दें कि चंदेरी के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन ललितपुर में है। जोकि बीना-भोपाल रेल मार्ग पर चंदेरी से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर हैं। रेल्वे स्टेशन पर पहुचने के बाद आप टेक्सी या अन्य स्थानीय वाहनों की मदद से चंदेरी दुर्ग पहुंच सकते है।
बस से चंदेरी कैसे पहुंचे – How To Reach Chanderi By Bus In Hindi
चंदेरी की यात्रा के लिए यदि आपने बस का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि चंदेरी भोपाल, खजुराहो, ग्वालियर और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरो से सडक मार्ग के जरिए बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। इसीलिए बस या सड़क मार्ग से यात्रा करके चंदेरी किला पहुचना काफी आसान और आरामदायक है।
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इस आर्टिकल में चंदेरी किला का इतिहास और इसकी यात्रा से जुड़ी जानकारी को जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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चंदेरी दुर्ग का मेप – Map of Chanderi Fort
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Featured Image Credit By : Ayush Harsana