Thanjavur In Hindi, तंजावुर पर्यटन स्थल भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित एक खूबसूरत शहर हैं जोकि मंदिरों के शहर के नाम से भी जाना जाता हैं। तंजावुर पर्यटन स्थल का सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है और यह शहर यहाँ उपस्थित तंजौर चित्र कला शैली, प्राचीन वस्तुएं, हस्तशिल्प, आकर्षित वस्त्र, साड़ियां और तंजौर पेंटिंग आदि के लिए जाना जाता हैं। तंजावुर के प्रमुख आकर्षण में तंजावुर का राजराजेश्वर मंदिर, शिव गंगा गार्डन, ऐतिहासिक पैलेस, आर्ट गैलरी, सरस्वती महल लाइब्रेरी, संगीत महल आदि शामिल हैं। तंजावुर घूमने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं और इसकी समृद्ध और ऐतिहासिक विरासत का आनंद लेते है।
तंजावुर शहर कावेरी के उपजाऊ डेल्टा क्षेत्र में स्थित होने के कारण धान की खेती के लिए जाना जाता हैं और इसे दक्षिण भारत के धान के कटोरे के रूप में भी जाना जाता हैं। यदि आप तंजावुर और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा अवश्य पढ़े।
तंजावुर के इतिहास से पता चलता हैं कि यह शहर महान चोल शासक राजराजा की राजधानी हुआ करती थी और उन्ही ने बृहदिश्वर मंदिर की स्थापना की थी। इस शहर का नाम एक तंजन नामक दानव के नाम पर रखा गया हैं। माना जाता हैं कि दानव की अंतिम इक्षा यह थी कि इस स्थान को उनके नाम से पुकारा जाए। प्राचीन समय में तंजावुर को तंजापुरी के नाम से जाना जाता था। विजयालय चोल (Vijayalaya Chola) द्वारा इस स्थान पर लम्बे समय तक शासन किया गया था। बृहदेश्वर मंदिर शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक हैं। 13 वीं शताब्दी में चोल वंश के विघटन के बाद सन 1749 में शहर पर ब्रिटिशो के आक्रमण को देखा गया।
तंजावुर पर्यटन स्थल की यात्रा में आप यहाँ के ऐतिहासिक, दर्शनीय और खूबसूरत पर्यटन स्थल का दौरा कर सकते हैं। यह स्थान अपने आप बाकई दर्शनीय और दिलचस्प हैं। यदि आप तंजावुर घूमने के लिए जाते हैं तो इन पर्यटन स्थलों का दौरा अवश्य करे।
तंजावुर का दर्शनीय स्थल बृहदेश्वर मंदिर शहर का सबसे प्रमुख आकर्षण हैं और इस मंदिर को बड़ा मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण चोल सम्राट राजा चोल के शासनकाल में किया गया था जिस वजह से इसे चोल मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं। मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय हैं। मंदिर दोनों ओर से गहरी खाइयों से संरक्षित है और ग्रैंड एनीकट नदी मंदिर आने वाले पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। मंदिर की ऊंचाई 216 फीट हैं और इसकी संरचना में गर्भगृह चोल और नायक काल के आकर्षित चित्रों से सजा हुआ हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी बेल की खूबसूरत विशाल प्रतिमा स्थापित हैं।
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शिव गंगा गार्डन तंजावुर में घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक हैं और विजयनगर किले के अन्दर स्थित है। यह आकर्षित उद्यान पर्यटकों के लिए खुला रहता है। बता दें कि शिव गंगा गार्डन में एक वर्गाकार तालाब का निर्माण तंजौर पैलेस को पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया था। यह तालाब वर्तमान समय में भी पानी की आपूर्ति का स्त्रोत बना हुआ हैं। एकांत में समय बिताने वाले पर्यटक शिव गंगा गार्डन की ओर रुख करना पसंद करते हैं।
तंजावुर का ऐतिहासिक विजयनगर किला बृहदेश्वर मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस किले के निर्माण श्रेय नायक को जाता है जबकि किले की आंतरिक संरचना को मराठा शासकों ने 1550 ईस्वी के दौरान सवारा था। विजयनगर फोर्ट के प्रमुख आकर्षण में तंजौर पैलेस, पुस्तकालय, कला गैलरी, शिव गंगा उद्यान और संगीता महल है। बता दें कि किले का अधिकांश भाग खंडहरों में तब्दील हो गया हैं लेकिन फिर भी यह अपनी भव्यता को उजागर करता हुआ दिखाई देता हैं।
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तंजावुर का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल तंजई मामानी कोइल भगवान विष्णु के तीन मंदिरों का एक समूह है। इस मंदिर को दिव्यदेसम के नाम से भी जाना जाता हैं। भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार यहाँ मुख्य रूप से पूजा जाता हैं। यह मंदिर भारत में भगवान विष्णु के 108 ऐसे मंदिर परिसरों में से एक है। नरसिंह भगवान की एक आकर्षित प्रतिमा यहाँ स्थापित है जोकि भक्तो की आस्था केंद्र बनी हुई हैं। एक ही मंदिर परिसर में भगवान विष्णु के तीन निवासों को देखने का अनूठा आनंद भक्त प्राप्त कर सकते हैं। देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु के दाहिनी ओर विराजमान हैं।
तंजावुर का तीर्थ स्थल बंगारु कामाक्षी अम्मन मंदिर तंजावुर शहर में पर्यटकों की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। बंगारु कामाक्षी अम्मन मंदिर के मुख्य भगवान देवी कामाक्षी हैं। यह मंदिर शहर के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में स्थित है जोकि एक आवासीय और वाणिज्यिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। बता दें कि देवी कामाक्षी का मुख काला हैं। भक्त देवी के दर्शन करने के लिए दूर दूर से आते हैं।
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तंजावुर का आकर्षण श्वार्ट्ज चर्च भारत के सबसे पुराने चर्चों में से एक है जोकि एक मराठा राजा सरफोजी Ii द्वारा सन 1779 के दौरान निर्मित किया गया था। तंजावुर गार्डन या शिवगंगा पार्क में स्थित इस चर्च को पहले बड़े चर्च के रूप में जाना जाता था। श्वार्ट्ज ने अपने जीवन काल का शेष समय यही बिताया और बच्चो को शिक्षित करने के साथ साथ धर्मं का प्रचार किया। चर्च घूमने के लिए पर्यटक यहाँ अक्सर आते रहते हैं।
तंजावुर का प्रसिद्ध ब्रिटानिका इनसाइक्लोपीडिया सर्फ़ोजी सरस्वती महल लाइब्रेरी भारत की सबसे प्रसिद्ध पुस्तकालय के रूप में जानी जाती हैं। इस पुस्तकालय का उदय 16वीं-17वीं शताब्दी में किया गया था। वर्तमान समय में लोग डिजिटल पुस्तकों की ओर अग्रसर हो रहे हैं और इसकी सुविधा यहाँ उपलब्ध हैं। सरस्वती महल पुस्तकालय में कला, चित्रकारी, नक्काशी और पांडुलिपियों का एक बड़ा संग्रह देखा जा सकता हैं।
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तंजावुर का प्रमुख पर्यटन स्थल गंगईकोंडा चोलपुरम एक घूमने लायक जगह हैं और यह चोल वंश के शासन काल के लिए जानी जाती हैं। बृहदेश्वर मंदिर की महिमा पर्यटकों को इस स्थान की ओर अपने आप ही खीचती हैं। बता दें कि मंदिर की वास्तुकला को देखकर अद्भुत आनंद की अनुभूति होती हैं। गंगाईकोंडा चोलपुरम के इतिहास से पता चलता हैं कि यह दो शताब्दियों से भी अधिक समय तक चोल साम्राज्य की आधिकारिक राजधानी के रूप में रहा हैं। गंगईकोंडा शहर का निर्माण चोल वंश के शासक राजेन्द्र द्वारा पाल राजवंश पर अपनी विजय के उपलक्ष्य में करबाया था।
तंजावुर का मशहूर अलंगुड़ी गुरु मंदिर भक्तो की आस्था केन्द्र बना हुआ है। यह मंदिर तीन प्रमुख नदी कोलिदम, वेनारू और कावेरी के आकर्षण के लिए सबसे अधिक जाना जाता हैं। मंदिर के साथ कुछ ऐतिहासिक, पौराणिक और स्थानीय लोककथाएँ जुड़ी हुई हैं जोकि मंदिर की कहानी को बयां करती हैं। अलंगुड़ी गुरु मंदिर भगवान शिव के अभयसहायश्वरर (Abathsahayeswarar) रूप के लिए जाना जाता हैं। साथ ही यह मंदिर को देवगुरु बृहस्पति के निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता हैं। थाई पोसम और चिट्ठीराय पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाए जाते हैं।
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तंजावुर का प्रसिद्ध चन्द्र भगवान मंदिर चन्द्र देव को समर्पित हैं। मंदिर की यात्रा पर आने भक्तो की संख्या प्रतिदिन अत्यधिक होती है। ऐसे पर्यटक मंदिर की यात्रा अधिक करते है जोकि चन्द्र दोष से ग्रसित होते हैं। बता दें कि मंदिर शहर के मध्य से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यदि आप तंजावुर की यात्रा पर आए हुए हैं तो चन्द्र भगवान के मंदिर का दौरा कर सकते हैं।
स्वामी मलाई मंदिर तंजावुर और दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक हैं। यह एक हिन्दू मंदिर है जोकि मुरुगन के छह मुख्य निवासों में से एक अरुपदिवेदु के लिए जाना जाता हैं। मंदिर एक अन्य आकर्षण सात सप्त विग्रह मूर्तिया भी हैं। मंदिर में भगवान मुरुगन से संबंधित सभी त्योहारों को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं।
तंजावुर पर्यटन स्थल तमिलनाडु राज्य में स्थित है और यह पूरे वर्ष भर उष्णकटिबंधीय जलवायु का अनुभव के लिए जाना जाता हैं। गर्मियों के मौसम के दौरान यहाँ चिलचिलाती धूप और उच्च आर्द्रता का अनुभव किया जा सकता हैं। जबकि मानसून के दौरान बारिश की वजह जन जीवन प्रभावित रहता है। यदि आप तंजावुर पर्यटन के लिए सबसे अच्छे समय का चुनाव करना चाहते है तो अक्टूबर से फरवरी के बीच का समय सबसे अच्छा होता है।
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तंजावुर और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप यहाँ किसी अच्छे निवास स्थान की तलाश कर रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि तंजावुर में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक कई अच्छे होटल मिल जाएंगे। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं।
तंजावुर अपने खूबसूरत पर्यटन स्थल और दर्शनीय मंदिर के अलावा अपने लजीज भोजन के लिए भी प्रसिद्ध है। तंजावुर के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद आपके में हमेशा पानी ले आएगा। आइए जान लेते हैं तंजावुर के प्रसिद्ध भोजनों के बारे में जोकि आपकी तंजावुर यात्रा में सबसे अहम हो सकते हैं। भोजन में चावल, सांभर, रसम, सांभर (करी), दही, अचार, डोसा, इडली, उपमा, केसरी, परोटा, पोंगल, पैसम, स्वीट पोंगल, बिरयानी आदि शामिल हैं।
तंजावुर पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
तंजावुर पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि तंजावुर का अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है। तंजावुर शहर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा तिरुचिरापल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Tiruchirapalli International Airport) है जिसे आमतौर पर त्रिची के नाम से भी जाना जाता हैं। यह हवाई अड्डा तंजावुर शहर से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। बता दें कि हवाई अड्डे से बस या टैक्सी के माध्यम से आप तंजावुर आसानी से पहुँच जायेंगे।
तंजावुर की यात्रा के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि तिरुचिरापल्ली रेलवे स्टेशन तंजावुर शहर का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन है जोकि कोयंबटूर, चेन्नई, रामेश्वरम, सलेम, कन्याकुमारी और मदुरै जैसे प्रमुख शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप इस रेलवे स्टेशन के माध्यम से तंजावुर शहर आसानी से पहुँच जाएंगे।
तंजावुर जाने के लिए अगर आपने बस का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि तंजावुर सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं और यात्रा के लिए बसे नियमित रूप से चलती हैं। बता दें कि बेंगलुरु, चेन्नई, मदुरै, भुवनेश्वर, कोयंबटूर और तिरुचिरापल्ली जैसे प्रमुख शहरों से आप सड़क मार्ग के माध्यम से तंजावुर आसानी से पहुँच जाएंगे।
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इस आर्टिकल में आपने तंजावुर में घूमने की जगहें (Tourist Places In Thanjavur In Hindi)को जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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