Tal Chhapar Abhyaran In Hindi : तालछापर वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान के चुरू जिले के छपार शहर के पास स्थित है जिसे 11 मई 1966 को एक अभयारण्य का दर्जा दिया गया था। आपको बता दें कि यह अभयारण्य थार रेगिस्तान और प्रसिद्ध शेखावाटी क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमे कई तरह के वन्यजीवों को देखा जा सकता हैं।
पहले यह क्षेत्र बीकानेर के पूर्ववर्ती शाही परिवार के शिकार के लिए रिजर्व था। यह अभयारण्य लगभग समतल क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां पर बबूल, प्रोसोपिस के पेड़ और चौड़े घास के मैदान हैं। अगर आप तालछापर वन्यजीव अभयारण्य घूमने की योजना बना रहें हैं या फिर इसके पास शेखावाटी क्षेत्र के पर्यटन स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम ताल छापर अभयारण्य के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं –
तालछापर ब्लैकबक्स देखने के लिए एक आदर्श स्थान है जो यहां काफी संख्या में पाई जाती हैं। इसके अलावा इस अभ्यारण्य में कई रेगिस्तानी जानवर और सरीसृप की प्रजातियों को भीदेखा जा सकता है। अभ्यारण्य में प्रवासी और निवासी दोनों को मिलाकर पक्षियों की कुल 122 प्रजातियाँ निवास करती हैं। यहां देखे जाने वाले प्रवासी पक्षी मध्य मध्य एशिया और यूरोप से आते हैं। तालछापर में अन्य आमतौर पर देखा जाने पक्षियों में हैरियर, पेल हैरियर, ईस्टर्न इंपीरियल ईगल, मार्श हैरियर, स्पैरो हॉक, शॉर्ट-टो ईगल, टॉनी ईगल्स, क्रैक्ड लैकर्स, डेमोरेल क्रेन्स, लिटिल ग्रीन बी-ईटर, स्काईलार्क्स, ग्रीन बी-ईट, ब्राउन कबूतर और ब्लैक आइबिस के नाम शामिल हैं। ताल छापर अभयारण्य पक्षी प्रेमियों के स्वर्ग के समान है और एक प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। यहां पर सर्दियों के मौसम में भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
ताल छापर सैंक्चुअरी छापर गाव में स्थित है जो की राजस्थान के चिरु जिले में पड़ता है।
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तालछापर अभयारण्य पर्यटकों के घूमने के लिए सुबहे के 8 बजे से शाम के 5 बजे तक खुला रहता है।
तालछापर अभ्यारण में २ जीव के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है और उन में से एक है ब्लैकबक्स और दूसरा है यह पर आने वाले देशी और विदेशी पक्षियों को देखने के लिए एक आदर्श स्थान है।
राजस्थान के ताल छापर अभ्यारण्य में सफारी रोजाना सुबह 8 बजे से शाम को 5 बजे तक करवाई जाती है।
अगर आप जीप सफारी लेना चाहते है तो आप को 3500रु एक ट्रिप के देने होंगे। ताल छापर अभयारण्य का प्रवेश शुल्क 20रु है ।
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अगर आप तालछापर वन्यजीव अभयारण्य घूमने के लिए जा रहें हैं तो इसके साथ ही अभ्यारण्य के निकट स्थित शेखावाटी क्षेत्र के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा भी कर सकते हैं।
लक्ष्मणगढ़ का किला बहुत ही सुंदर संरचना है और पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। आपको बता दें कि इस किले की सबसे खास बात यह है कि यह किला तनी ऊंचाई पर बना है कि शहर में किसी भी जगह से दिखाई देता है। लक्ष्मणगढ़ का किला करीब 200 साल पुराना है और इसके किले की सबसे अजीब बात यह है, जो इसको दूसरे पहाड़ी किलों से अलग करती है वो यह है कि इस किले का निर्माण बिखरी हुई चट्टानों पर किया गया है जिसके बाद भी यह किला पूरी तरह से स्थिर है। इस किले में एक सुंदर बगीचा भी है जो शाम के समय घूमने की एक सुंदर जगह है। किले के शीर्ष पर एक मंदिर भी है जो बहुत ही शांत और सुंदर है। अगर आप राजस्थान के शेखावाटी जाने की योजना बना रहें हैं तो आपको एक बार जरुर इस किले को देखने के लिए जाना चाहिए।
बहुत से लोग अक्सर इस हवेली के नाम को सुनकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं कि राजस्थान में स्थित इस हवेली का नाम फ़्रांसिसी क्यों है। बता दें कि इस प्राचीन हवेली को नादीन ले प्रिंस के नाम के एक एक प्रसिद्ध फ्रांसीसी डिजाइनर द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था क्योंकि यह हवेली पूरी तरह से जीर्ण और नष्ट हो गई थी। यह हवेली शहर के केंद्र में स्थित है जिसकों अब एक सुंदर और शाही होटल के रूप में बदल दिया गया है। ले प्रिंस हवेली में पारंपरिक राजस्थानी के भूजन के साथ फ्रांसीसी भोजन भी परोसा जाता है। इस हवेली की यात्रा करना आपको सच में एक यादगार अनुभव देगा।
मंडावा किला शेखावाटी का एक और प्रमुख किला है जिसको संरक्षण, सुरक्षित और राजस्व सृजन के लिए अब एक होटल के रूप में बदल दिया है। मंडावा किला एक आलीशान और एक भव्य होटल है जो मुगल शैली और राजस्थानी शैली की वास्तुकला का अदभुद मिश्रण है। यह किला देखने और ठहरने के लिए एक बहुत अच्छी जगह है। आपको बता दें कि इस किले में कई सुंदर चित्रित हवेलियाँ हैं जो पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है। इस होटल में आप राजस्थान राज्य से संबंधित कई ऐतिहासिक कलाकृतियों और प्राचीन वस्तुओं को भी देख सकते है जो आपको इस राज्य के बारे में और अधिक जानकारी देंगी। आप इस किले की यात्रा अपने परिवार के लोगों और दोस्तों के साथ कर सकते हैं।
नवलगढ़ शेखावाटी से थोड़ी दूरी पर स्थित एक छोटा शहर है। “हवेलियों की भूमि” के रूप में नवलगढ़ का शहर झुंझुनू शहर से लगभग 30 किमी दूर स्थित है। नवलगढ़, राजस्थान के मारवाड़ी व्यवसायी परिवारों की मातृभूमि है। आपको बता दें कि नवलगढ़ में मुख्य दो किले हैं जिनमें एक रूप निवास पैलेस और दूसरा शीश महल है। इन दोनों महलों में कई अद्भुत हवेलियाँ हैं। यह किले कुछ कुशल कलाकारों द्वारा किए गए रंगीन चित्रों से भरे हुए हैं। यहां हर पेंटिंग के पीछे एक दिलचस्प कहानी है, अगर आप एक कला प्रेमी हैं तो आपको इस नवलगढ़ की यात्रा जरुर करना चाहिए।
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चूरू थार रेगिस्तान के किनारे पर और सुनहरी रेत के टीलों के बीच बसा हुआ एक छोटा सा शहर है जो अपनी कई हवेलियों, भित्ति चित्रों और अद्वितीय वास्तुकला से प्रसिद्ध है। आपको बता दें कि चूरू पर्यटन स्थल को डेजर्ट गेटवे टू थार रेगिस्तान ’के रूप में जाना जाता है और यह उत्तरी राजस्थान में ऐतिहासिक शेखावाटी क्षेत्र में स्थित है। अगर आप शेखावाटी की यात्रा करते हैं, तो आपको चुरू घूमने के लिए जरुर जाना चाहिए। यह पर्यटन स्थल और वास्तुकला के लिए पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। चुरू के प्रमुख पर्यटन स्थलों में कन्हैया लाल बागला और सुराना और इसका 400 साल पुराना किला शामिल है।
बादलगढ़ किला शेखावाटी क्षेत्र के झुंझुनू जिले में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है, जहां आपको घूमने के लिए एक बार जरुर जाना चाहिए। आपको बता दें कि इस किले का निर्माण 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में एक मुस्लिम शासक नवाब फजल खान के शासन में किया गया था। बादलगढ़ किला एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है और इसके आस-पास का वातावरण बहुत ही हरा-भरा है। अगर आप एक इतिहास प्रेमी हैं तो आपको इस किलों को घूमने के लिए जरुर जाना चाहिए।
पिलानी राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में स्थित एक छोटा सा शहर है जो देश के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक होने के प्रसिद्ध है, जिसका नाम बिट्स पिलानी है। यह शहर ग्रांड हैवेलिस और श्रद्धेय मंदिर का केंद्र भी है। पिलानी में पर्यटन स्थलों की यात्रा करना आपके लिए बेहद आनंदमय साबित हो सकता है। पिलानी शिव गंगा, सरस्वती मंदिर और पंचवटी जैसे आकर्षक स्थानों से भरपूर है, जहां की यात्रा आपको जरुर करना चाहिए।
सीकर शेखावाटी के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। सीकर पर्यटकों के लिए आसपास घूमने, फोटो वॉक करने और स्मारकों को देखने के लिए एक बहुत अच्छी जगह है। यहां स्थित महल, हवेलियां पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं और यहां आने वाले के बाद उन्हें निराश होकर वापस नहीं जाना पड़ता। शेखावाटी क्षेत्र के अन्य पर्यटन आकर्षणों के साथ मिलकर सीकर अपनी कई अनसुनी कहानियों, किलों और युद्धों के इतिहास से भरा हुआ है। अगर आप शेखावाटी की यात्रा कर रहें हैं तो आपको एक बार सीकर पर्यटन स्थल की यात्रा करने के लिए जरुर जाना चाहिए।
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तालछापर वन्यजीव अभयारण्य की यात्रा साल में कभी भी की जा सकती है लेकिन यहां गर्मियों यहां की यात्रा करना सही नहीं है क्योंकि इस दौरान तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुँच जाता है। अगर आप एक सुखद यात्रा का अनुभव लेना चाहते हैं तो आपको सर्दियों के मौसम में शेखावाटी की यात्रा करना चाहिए क्योंकि सर्दियों का मौसम शहर की यात्रा करने के लिए अच्छा है। सर्दियों के मौसम में यह अभ्यारण्य बेहद खूबसूरत हो जाता है और इस दौरान आप यहां पर कई तरह के प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं। इस मौसम में यहां का औसत तापमान तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहता है और रात के समय 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
शेखावाटी स्वादिष्ट पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन आसानी से उपलब्ध हैं। राजस्थानी भोजन एक ऐसा व्यंजन है जिसका स्वाद आपको दुनिया के किसी भी तरह के भोजन को भूलने पर मजबूर कर देगा। राजस्थान की यात्रा करने वाले पर्यटक कभी भी राजस्थानी व्यंजनों का स्वाद लेना नहीं भूलते क्योंकि इनके बिना राजस्थान की यात्रा एक दम अधूरी है। भरवा मिर्ची, दाल बाटी और चूरमा राजस्थान का एक भोजन है जिसका स्वाद आपको एक बार जरुर लेना चाहिए।
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तालछापर वन्यजीव अभयारण्य शेखावाटी क्षेत्र में स्थित है, अगर आप यहां की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यह क्षेत्र रेल और सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस शहर के लिए कई नियमित ट्रेन उपलब्ध हैं। यहां पर राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित कई बसें हैं जो आपको शेखावाटी तक छोड़ देगी। शेखावाटी से कोई सीधी उड़ान कनेक्टिविटी नहीं है इसके लिए आपको जयपुर के लिए फ्लाइट लेनी होगी।
अगर आप फ्लाइट से शेखावाटी की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि इस शहर का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर है, जो शेखावाटी से लगभग 150 किमी दूर है। यह एक प्रमुख हवाई अड्डा है जो देश के सभी बड़े और प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। शेखावाटी जाने के लिए हवाई अड्डे सेआप प्री पेड टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। इसके अलावा अन्य विकल्प के तौर पर आप शेखावाटी मार्ग पर चलने वाली बसों से भी यात्रा कर सकते हैं।
अगर आप सड़क मार्ग तालछापर वन्यजीव अभयारण्य के लिए यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि शेखावाटी शहर की ओर जाने वाली सड़कें काफी अच्छी है, इसलिए सड़क मार्ग से शेखावाटी की यात्रा करना आपके लिए सुखद और आनंद से भरा साबित होगा। शेखावाटी जाने के लिए आपको राज्य की चलने वाली बसें जयपुर और बीकानेर शहरों से उपलब्ध हैं।
अगर आप ट्रेन से तालछापर वन्यजीव अभयारण्य के लिए यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि दिल्ली और जयपुर से यहां के लिए ट्रेन उपलब्ध हैं, लेकिन जयपुर या बीकानेर से शेखावाटी पहुंचना बेहद आसान है। आप देश के किसी भी शहर से जयपुर या बीकानेर के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं और इन शहरों से तालछापर वन्यजीव अभयारण्य पहुँचने के लिए आप टैक्सी या बस किराए पर ले सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने तालछापर वन्यजीव अभयारण्य घूमने की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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