शेषनाग झील के बारे में जानकारी और रहस्य – Sheshnag Lake Information In Hindi

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Sheshnag Lake In Hindi : शेषनाग झील एक प्रमुख पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थल है। जो जम्मू कश्मीर में पहलगाम के पास स्थित है। 3590 मीटर की ऊंचाई वाली यह झील पहलगाम से कुल 23 किलोमीटर दूरी पर स्थित अमरनाथ गुफा तक जाती है। इसलिए जो यात्री अमरनाथ की यात्रा पर जाते हैं, वे शेषनाग झील भी जाते हैं। झील की लंबाई 1.1 किमी और चौड़ाई 1.7 किमी है। झील का नाम शेषनाग के नाम पर रखा गया है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार इसका अर्थ होता है दिव्य नाग या “नागों का राजा”। ऐसा कहा जाता है कि खुद नाग ने ही इस झील को खोदा था और यहीं अपना निवास स्थान बना लिया। शेषनाग को कई बार 5 सिर के साथ देखा गया है तो कई बार छह, सात और सौ सिरों के साथ। पर हिन्दू धर्म में शेषनाग के सात सिर ही माने जाते हैं।

शेषनाग झील को प्राचीन काल से ही पवित्र माना जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह अमरनाथ गुफा के तीर्थ मार्ग पर स्थित है। इस झील के प्राकृतिक परिवेश में हरेभरे चरागह और बर्फ से ढके पहाड़ पर्यटकों को मोहित कर देते हैं। चंदनवारी से ऊपर की ओर जाने वाली ट्रेक या टट्टू की सवारी द्वारा इस झील तक पहुंचा जा सकता है। खास बात यह है कि सर्दियों में यह झील जम जाती है और गर्मियों के दौरान झील का पानी आमतौर पर ठंडा रहता है। यह झील देश के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां हर साल सैकड़ों भक्त आते हैं। 250 फीट गहरी इस झील की कोई तारीख उल्लेखित नहीं है, लेकिन शेषनाग कई हजार सालों से अस्तित्व में है। तो चलिए आज  हम ले चलते हैं शेषनाग झील की यात्रा पर। इस आर्टिकल में आप शेषनाग झील से जुड़ी पौराणिक कथा और झील से जुड़े रहस्य के बारे में भी जान सकेंगे।

  1. कौन हैं शेषनाग – Who Is Sheshnag In Hindi
  2. शेषनाग झील की पौराणिक कथा – Mythological Story Of Sheshnag Lake In Hindi
  3. शेषनाग झील का रहस्य – Secret Of Sheshnag Lake In Hindi
  4. शेषनाग झील की यात्रा कैसे करें – Yatra Of Sheshnag Lake In Hindi
  5. कब जाएं शेषनाग झील – Best Time To Visit Sheshnag Lake In Hindi
  6. शेषनाग झील जाने के लिए जरूरी टिप्स – Travel Tips For Sheshnag Lake In Hindi
  7. शेषनाग झील तक कैसे पहुंचा जाए – How To Go For Sheshnag Lake In Hindi
  8. शेषनाग झील में ठहरने की क्या व्यवस्था है – Stay In Lake Sheshnag In Hindi
  9. शेषनाग कैसे जाएं – How To Reach Sheshnag Lake In Hindi
  10. शेषनाग का पता – Sheshnag Lake Location
  11. शेषनाग की फोटो गैलरी – Sheshnag Lake Images

1. कौन हैं शेषनाग – Who Is Sheshnag In Hindi

शेषनाग का अर्थ सापों के राजा से है। इसके अलावा शेषनाग भगवान विष्णु का सिंहासन भी है। शेषनाग एक बड़ा सिर वाला नाग है, जिसे हिंदू पौराणिक कथाओं में नागों के राजा के रूप में जाना जाता है। मिथक के अनुसार ब्रह्मांड के सभी ग्रह नाग के सिर पर होते हैं और हर बार जब वह पृथ्वी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करता है तो भूकंप आता है। अमरनाथ जाने वाले सभी भक्त शेषनाग झील जरूर जाते हैं। साइंस के अनुसार यह झील बहुत अल्पपोशी है। अल्पपोशी का अर्थ है कम पोशक तत्वों का होना, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा में इजाफा होता है। इसी वजह से इस झील का पानी काफी साफ और उपयोग करने वाला है। पर्यटक झील के पानी में ट्राउट मछलियों को देख सकते हैं, ये ऐसी मछलियां होती हैं, जिन्हें ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।

2. शेषनाग झील की पौराणिक कथा – Mythological Story Of Sheshnag Lake In Hindi

शेषनाग झील की पौराणिक कथा - Mythological Story Of Sheshnag Lake In Hindi

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव देवी पार्वती को अमरकथा सुनाने के लिए अमरनाथ ले जा रहे थे। वे चाहते थे कि इस कथा को कोई न सुने। क्योंकि जो इस कथा को सुनेगा वो हमेशा के लिए अमर हो जाएगा। इसलिए उन्होंने अपने अनंत सांपों -नागों को अनंतनाग में बैल नंदी को पहलगाम में और चंद्रमा को चंदनवाडी में ही छोड़ गए थे। लेकिन शेषनाग उनके साथ गया था, जिसे उन्होंने इस झील में छोड़ दिया था। ताकि कोई इस झील को पार कर आगे न जा पाए। यही वजह है कि झील का नाम शेषनाग पड़ गया।

दूसरी कथा यह है कि शेषनाग ने खुद इस जगह को खोदा और यहां रहने लगे। यहां के निवासियों का तो यह भी कहना है कि शेषनाग आज भी यहां रहते हैं और आज भी इस झील को कोई पार नहीं कर सकता।

3. शेषनाग झील का रहस्य – Secret Of Sheshnag Lake In Hindi

शेषनाग झील से जुड़ा एक ऐसा रहस्य है, जिससे सुनने के बाद हर कोई अचंभित हो जाता है। इस झील में घटने वाली एक घटना सदियों से हो रही है। यहां के स्थानीय लोगों में इस झील के प्रति गहरी आस्था और विश्वास है। झील के बारे में बताया जाता है कि इस झील में शेषनाग निवास करते हैं। 24 घंटों में एक बार खुशनसीबियों को ही शेषनाग के अद्भुत दर्शन होते हैं। सबसे हैरानी वाली बात तो ये है कि इस झील में शेषनाग की आकृति साफ झलकती है। ये आकृति पानी पर उभरकर आती है, जिसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ यहां जमा हो जाती है। हर साल हजारों लोग शेषनाग की आकृति को देखने के मकसद से यहां पहुंचते हैं।

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4. शेषनाग झील की यात्रा कैसे करें – Yatra Of Sheshnag Lake In Hindi

शेषनाग झील की यात्रा कैसे करें - Yatra Of Sheshnag Lake In Hindi

माना जाता है कि शेषनग झील की यात्रा बहुत कठिन है। यहां पहुंचना आसान नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां कोई सड़क नहीं है। पर्यटकों को टट्टू पर निर्भर रहना पड़ता है। यहां पहुंचने के लिए पर्यटकों को पिस्सु घाटी नाम की घाटी को पार करना पड़ता है। यह घाटी बहुत फिस्लनभरी है। रास्ते में कई ऐसे स्पॉट हैं, जो एक बार में एक ही यात्री को घाटी पार करने की अनुमति देते हैं। शेषनाग पहुंचने के लिए पहले आपको चंदनवाड़ी पहुंचना होगा जो पहलगाम से लगभग 55 किमी की दूरी पर है। पहलगाम से चंदनवाड़ी तक के लिए नियमित बसें हैं, लेकिन एक बार जब आप झील के आगे अपनी यात्रा शुरू करते हैं, तो यह बहुत मुश्किल हो जाती है। यहां पहाड़ियों पर चलना किसी जोखिम से कम नहीं है। झील के आगे एक मील की दूरी पर वायुजन नामक स्थान है जो मूलरूप से ध्यान करने के लिए बहुत प्रसिद्ध है। साधुओं को अक्सर यहां ध्यान करते देखा जाता है। झील के चारों ओर सात, 14-15 हजार फीट ऊंची पहाड़ियां हैं, जो बर्फ से ढंकी रहती हैं। कई ग्लेशियर हैं। यहीं से लिद्दर नदी निकलती है, जिससे पहलगाम की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं।

5. कब जाएं शेषनाग झील – Best Time To Visit Sheshnag Lake In Hindi

शेषनाग झील की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा मौसम जून से सितंबर के बीच होता है। जून में ट्रेकिंग का रास्ता खोला जाता है जो सितंबर तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। इसके बाद यहां बर्फबारी होने लगती है, जिससे झील सर्दियों में पूरी तरह से जम जाती है।

6. शेषनाग झील जाने के लिए जरूरी टिप्स – Travel Tips For Sheshnag Lake In Hindi

  • शेषनाग झील में भोजन की अच्छी व्यवस्था है।
  • यहां बाथरूम फेसिलिटी भी है।
  • शेषनाग झील में फोटो क्लिक करने के लिए आप अपने साथ कैमरा और मोबाईल ले जा सकते हैं।
  • शेषनाग झील में जूते और चप्पल पहनकर जाना अलाउड है।
  • यहां पर सामान रखने के लिए लॉकर उपलब्ध है।
  • शेषनाग झील दो से तीन घंटे में घूम सकते हैं। बेहतर है दिन के समय झील घूमने जाएं।
  • झील में एंट्री फ्री है। यहां पर पालतू जानवर साथ ले जाना मना है ।
  • अगर यात्री को स्वास्थ्य संबंधी समस्या है तो उन्हें यहां आने की अनुमति नहीं दी जाती।

7. शेषनाग झील तक कैसे पहुंचा जाए – How To Go For Sheshnag Lake In Hindi

शेषनाग झील तक पहुंचने के लिए पहले आपको पहलगाम जाना होगा। यहां से पहला पड़ाव है चंदनवाड़ी, जो पहलगाम से 8 किमी दूर है। यात्रियों को पहली रात चंदनवाड़ी में ही बितानी होती है। यहां कई कैंप लगाए जाते हैं, जहां यात्रियों को ठहराया जाता है। फिर दूसरे दिन पिस्सु घाटी की चढ़ाई शुरू करते हैं। बताया जाता है कि पिस्सु घाटी पर देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें राक्षसों की हार हुई थी। चंदनवाड़ी से शेषनाग का रास्ता 15 किमी है। इस पूरे रास्ते में खड़ी चढ़ाई है इसलिए रास्ता थोड़ा खतरनाक है। इसी जगह पिस्सु घाटी के दर्शन होते हैं। पिस्सु घाटी समुद्र तल से 11,120 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से यात्री शेषनाग पहुंचते हैं। डेढ़ किमी में फैली शेषनाग झील में शेषनाग निवास करते हैं और ऐसा माना जाता है कि 24 घंटों में एक बार शेषनाग इस झील में जरूर दर्शन देते हैं। जिसने उनके दर्शन कर लिए वह बहुत किस्मतवाला और खुशनसीब होता है कि उसे साक्षात शेषनाग के दर्शन हो गए।

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8. शेषनाग झील में ठहरने की क्या व्यवस्था है – Stay In Lake Sheshnag In Hindi

शेषनाग झील में ठहरने की क्या व्यवस्था है – Stay In Lake Sheshnag In Hindi

बता दें कि शेषनाग झील में कोई ठहरने की व्यवस्था नहीं है। यहां न तो कोई होटल है और न ही कोई गेस्ट हाउस। भक्तों और ट्रेकर्स को चंदनवाड़ी में वापस लौटना पड़ता है और अगर रूकना है तो आपको टेंट हाउस का इंतजाम करके जाना पड़ेगा।

9. शेषनाग कैसे जाएं – How To Reach Sheshnag Lake In Hindi

शेषनाग झील के लिए पहले आपको पहलगाम जाना होगा। पहलगाम से शेषनाग झील 24 किमी दूर है। अगर आप श्रीनगर से शेषनाग झील जाते हैं तो यह 120 किमी दूर पड़ेगी। चंदनवाड़ी से शेषनाग झील सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। इसके बाद 7 किमी की दूरी ट्रेकिंग के जरिए ही पूरी करनी होगी। जो लोग ट्रेकिंग नहीं कर सकते वो लोग टट्टू या घुड़सवारी की मदद से यहां पहुंच सकते हैं।

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10. शेषनाग का पता – Sheshnag Lake Location

11. शेषनाग की फोटो गैलरी – Sheshnag Lake Images

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