Saheliyon Ki Bari In Hindi : सहेलियों की बाड़ी (Saheliyon Ki Bari) राजस्थान के उदयपुर शहर एक राजसी उद्यान है, जिसे गार्डन या मैडेंस के आंगन के रूप में भी जाना जाता है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, कि इसका निर्माण महाराजा संग्राम सिंह से शादी के बाद राजकुमारी के साथ आने वाली युवतियों के लिए करवाया था। रानी की सहेलियों की बाड़ी उदयपुर में फतेह सागर झील के किनारे स्थित है। इस गार्डन में हरे-भरे लॉन, कैनोपिड वॉकिंग लेन और शानदार फव्वारे शामिल हैं। सहेलियों की बाड़ी उदयपुर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहां एक देखने लायक जगह है। इस गार्डन का इतिहास, पारंपरिक वास्तुकला और शाही संरचना दुनिया भर से उदयपुर शहर घूमने आने वाले लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
सहेलियों की बाड़ी 18 वीं शताब्दी का स्मारक है जिसका अपना एक ऐतिहासिक महत्त्व है। यह स्मारक बड़े-बड़े पेड़ों, हरे भरे झाड़ीदार झाड़ियों और फूलों के बागों से घिरा हुआ है। यहां स्थित राजसी फव्वारों, संगमरमर के मंडप और मूर्तियों के साथ भव्य कमल पूल से इस बगीचे की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। अगर आप इस बगीचे की सैर करने आते हैं तो आप यहां पर चारों तरफ घूम सकते हैं या फिर यहां आराम करके यहां की शांति को महसूस कर सकते हैं। पहले यह स्थान सिर्फ शाही महिलाओं के लिए सुलभ था लेकिन अब यह एक पर्यटन स्थल बन चुका है। अगर आप सहेलियों की बाड़ी की सैर करने के लिए आते हैं तो आप बगीचे के हर कोने में घूम कर यहां की प्राकृतिक सुंदरता का खास अनुभव ले सकते हैं। उदयपुर की यात्रा करने वाले पर्यटकों को सहेलियों की बाड़ी को अपनी लिस्ट में जरुर शामिल करना चाहिए।
1. सहेलियों की बाड़ी का इतिहास – History Of Saheliyon Ki Bari In Hindi
सहेलियों की बाड़ी का निर्माण महाराणा संग्राम सिंह ने 18 वीं शताब्दी में 1710 और 1734 के बीच विशेष रूप से राजकुमारी और उनकी 48 युवतियों के लिए करवाया था। जिससे संग्राम सिंह से शादी के बाद वे रानी के लिए अपनी सेवा के दौरान कुछ सुखदायक पल बतौर सकें। राजा संग्राम सिंह ने खुद सहेलियों की बाड़ी को डिजाइन किया और अपनी खूबसूरत रानी को यह स्मारक तोहफे में दिया। राजा यह जानते थे कि रानी को बारिश की आवाज बहुत पसंद थी इसलिए उन्होंने इसको फतेह सागर झील के किनारे पर बनाया गया था जो पानी के एक निरंतर स्रोत के रूप में काम करती है। बगीचे में लगे फव्वारे और कमल के तालाब झील के पानी को खींच सकते थे। रानी और उनकी सहेलियों ने यहां अक्सर यादगार पल बिताएं थे।
2. सहेलियों की बाड़ी का नक्शा (डिज़ाइन) – Layout Of Saheliyon Ki Bari In Hindi
सहेलियों की बाड़ी इस सुंदर उद्यान को पूरी तरह से प्राकृतिक बनाने के लिए विकसित किया गया है। इसमें उन सभी प्रकृति के उन सभी पहलुओं शामिल करने के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है जो कि रानी को पसंद थे। रानी को बारिश की आवाज बहुत पसंद थी इसलिए राजा ने इसमें बारिश की आवाज के लिए कई शानदार फव्वारे भी लगाये हैं जो गेट के दोनों तरफ इस शाही गार्डन में पर्यटकों का स्वागत करते हैं। इसके साथ ही बगीचे के बीच में भी कई फव्वारे लगे हुए हैं जो बाड़ी के हर कोने में बारिश जैसा एहसास करवाते हैं। इस बगीचे को ऊँचे पेड़ों, झाड़ियों और फूलों के बिस्तर से सजाया गया है जो आने वाले पर्यटकों को अपने आकर्षण और खुशबु से मंत्रमुग्ध कर देते हैं। यहां पर एक तालाब भी है जिसको कमल का तालाब कहा जाता है। जिसमें संगमरमर के बने हाथी संरचनाओं सूंड से पानी के चार फव्वारे हैं। हाथियों को अंदर की तरफ निर्देशित किया गया है ताकि वो सुंदर कमाल तालाब के केंद्र में पानी प्रोजेक्ट करें। आज तक इस बगीचे में लगे फव्वारे को पानी खींचने के लिए किसी विद्युत् होने की जरूरत नहीं। वे मूल प्राचीन इंजीनियरिंग के अनुसार काम करते हैं और आज भी फतेह सागर झील से पानी खींचते हैं।
3. सहेलियों की बाड़ी में जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Saheliyon Ki Bari In Hindi
सहेलियों की बाड़ी जाने का सबसे अच्छा समय सुबह या फिर शाम के समय का होता है। क्योंकि इस दौरान तापमान सुखद होता है। जबकि उदयपुर शहर घूमने के लिए अक्टूबर और फरवरी के बीच के महीने सबसे अच्छे होते हैं जो सर्दियों का मौसम होता है।
और पढ़े: सिटी पैलेस उदयपुर राजस्थान के बारे में जानकारी
4. सहेलियों की बाड़ी देखने के लिए टिप्स – Tips For Visiting Saheliyon Ki Bari In Hindi
जो भी पर्यटक सहेलियों की बाड़ी के इतिहास के बारे में जाना चाहते हैं और इससे संबंधित रोचक कहानियां सुनना चाहते हैं वो इसके लिए एक मार्गदर्शक को हायर कर सकते हैं। दोपहर के दौरान यात्रा करते समय धूप से बचें। जब आप सहेलियों की बाड़ी घूमने के लिए जाते हैं तो अपने साथ पर्याप्त पानी लेकर जाएं जिससे अपने आप को हाइड्रेटेड रख सकें।
5. सहेलियों की बाड़ी खुलने का समय – Saheliyon Ki Bari Timing In Hindi
- सहेलियों की बारी सुबह 8 से शाम 7 बजे तक खोली जाती है।
6. सहेलियों की बाड़ी का प्रवेश शुल्क – Entry Fees Of Saheliyon Ki Bari In Hindi
- भारतीयों के लिए 10 रुपये
- विदेशियों के लिए 50 रुपये
7. सहेलियों की बाड़ी में प्रसिद्ध भोजन – Famous Food In Saheliyon Ki Bari In Hindi
सहेलियों की बाड़ी उदयपुर का प्रमुख पर्यटन शहर है, इस शहर में आप कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। अगर आप उदयपुर शहर के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए आये हैं तो आपकी यात्रा यहां के व्यंजनों को टेस्ट करे बिना पूरी नहीं हो सकती। यहां के प्रसिद्ध होटल नटराज में दाल बाटी चूरमा और गट्टे की सब्जी का स्वाद हर किसी के दिल में बस जाता है। यह राजस्थानी भोजन बनाने में माहिर है। इसके अलावा शिव शक्ति चाट पर आप विभिन्न प्रकार के कचौरी चाट का स्वाद ले सकते हैं, जो इस शहर के खास व्यंजनों में से एक है। नीलम रेस्तरां एक राजस्थानी थाली देता है जो मीठी, चटपटी और मसालेदार खाने से भरपूर होती है।
और पढ़े: फतेह सागर झील का इतिहास और घूमने की जानकारी
8. सहेलियों की बाड़ी तक कैसे पहुंचे – How To Reach Saheliyon Ki Bari In Hindi
उदयपुर शहर के किसी भी हिस्से से आप सहेलियों की बाड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं। बाड़ी पहुंचने का सबसे अच्छा साधन सार्वजनिक परिवहन है। यहां आने वाले पर्यटक स्थानीय बसों, ऑटो-रिक्शा, साइकिल-रिक्शा या किराए पर टैक्सी की मदद ले सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने निजी वाहन से उदयपुर से 15 मिनट के भीतर शास्त्री मार्ग या विश्वविद्यालय रोड और सहेली मार्ग से सहेलियों की बाड़ी तक पहुँच सकते हैं।
8.1 बस द्वारा सहेलियों की बाड़ी तक कैसे पहुंचे – How To Reach Saheliyon Ki Bari By Bus In Hindi
उदयपुर जाने के लिए बस की जानकारी इस प्रकार है। आपको बता दें कि उदयपुर भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, जयपुर, इंदौर, कोटा, अहमदाबाद और अन्य शहरों के साथ सीधी बस सेवाओं से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जो उदयपुर जाने के लिए सस्ती और अच्छी सुविधा चाहते हैं वो लोग बसों द्वारा उदयपुर यात्रा पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं। बस के लिए आप ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन टिकट बुक कर सकते हैं।
8.2 ट्रेन द्वारा सहेलियों की बाड़ी तक कैसे पहुंचे – How To Reach Saheliyon Ki Bari By Train In Hindi
उदयपुर शहर भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली इंदौर, मुंबई और कोटा आदि से ट्रेनों के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। उदयपुर के लिए ट्रेन से यात्रा करने के लिए आप उदयपुर ट्रेन समय सारिणी देख सकते हैं, जिससे उदयपुर के लिए चलने वाली ट्रेनों की आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी। उदयपुर के लिए नियमित रूप से चलने वाली ट्रेनों में मेवाड़ एक्सप्रेस, ग्वालियर-उदयपुर एक्सप्रेस और अनन्या एक्सप्रेस के नाम शामिल हैं। उदयपुर रेलवे स्टेशन से सहेलियों की बाड़ी की दूरी करीब 15 किलोमीटर है, जहाँ पहुंचने के लिए आप स्टेशन के बाहर से टैक्सी, ऑटो रिक्शा और कैब किराए पर ले सकते हैं।
8.3 हवाई जहाज द्वारा सहेलियों की बाड़ी कैसे पहुंचे – How To Reach Saheliyon Ki Bari By Airplane In Hindi
अगर आप हवाई जहाज द्वारा उदयपुर शहर की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि महाराणा प्रताप हवाई अड्डा शहर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो उदयपुर के लिए सीधी उड़ानों से देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, जयपुर, कोलकाता और मुंबई से जुड़ा हुआ है। उदयपुर के लिए रोजाना उपलब्ध उड़ानें जेट एयरवेज, इंडियन एयरलाइंस, किंगफिशर एयरलाइंस और एयर डेक्कन है। हवाई अड्डे से टैक्सी, कैब या ऑटो रिक्शा की मदद से आप शहर के पर्यटन स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। महाराणा प्रताप हवाई अड्डे से सहेलियों की बाड़ी की दूरी करीब 25 किलोमीटर है।
और पढ़े: पिछोला झील का इतिहास और घूमने की पूरी जानकारी
इस लेख में आपने सहेलियों की बाड़ी का इतिहास और इसकी यात्रा से जुडी पूरी जानकारी को जाना है आपको यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
9. सहेलियों की बाड़ी की लोकेशन का मैप – Saheliyon Ki Bari Location
10. सहेलियों की बाड़ी की फोटो गैलरी – Saheliyon Ki Bari Images
और पढ़े:
- उदयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल
- जगदीश मंदिर का इतिहास और घूमने की जानकारी
- जयसमंद झील का इतिहास और घूमने की जानकारी
- बीकानेर घूमने की जानकारी और टॉप 20 दर्शनीय स्थल
- पिंक सिटी जयपुर में घूमने की 10 खास जगह
- जैसलमेर यात्रा में घूमने की जगहें
- कोटा घूमने की सम्पूर्ण जानकारी
- जैसलमेर यात्रा में घूमने की जगहें
- रणथंभौर नेशनल पार्क घूमने की जानकारी