Madan Mohan Temple Karauli In Hindi : मदन मोहन मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के करौली में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। बता दें कि यह मंदिर भद्रावती नदी के किनारे खड़ा हुआ है, जो अरावली की पहाड़ियों में बनास नदी की एक सहायक नहीं है। यह पवित्र मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और इस मंदिर में भगवान की जो मूर्ति है उसे श्री गोपाल सिंहजी आमेर से लेकर आये थे। मंदिर में स्थापित कृष्ण की यह मूर्ति 3 फीट ऊंची और राधा जी की मूर्ति 2 फीट की है।
इन मूर्तियों की सबसे खास बात यह है कि यह अष्टधातु की बनी हैं। बता दें कि यह मूर्तियां इतनी प्राचीन है कि उनकी कीमत का कोई अनुमान भी नहीं लगा सकता। राधा कृष्ण की मूर्तियां दिखने में बेहद सुंदर है और यह मूर्तिकला का एक अनूठा उदाहरण हैं। मदन मोहन मंदिर राधा कृष्ण के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। इस आर्टिकल में माध्यम से हम आपको मदन मोहन जी के मंदिर की यात्रा कराने वाले है इसीलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
मदन मोहन मंदिर के इतिहास की बात करें तो बता दें कि इस मंदिर के प्रमुख भगवान कृष्ण है। ऐसा माना जाता है कि जब श्री गोपाल सिंहजी को दलातबाद की लड़ाई में जीत मिली। तो इसके बाद उन्होंने सपने में देखा कि भगवान कृष्ण ने उन्हें अपनी मूर्ति आमेर से करौली स्थापित करने के लिए कहा। इसीलिए गोपाल सिंह ने कृष्ण की इस मूर्ति को आमेर से लेकर आये और इस मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर के बारे में ऐसा भी कहा जाता है मुगलों से बचाने के लिए कृष्ण की दो मूर्तियों को वृंदावन से लाया गया था, जिसमें से एक को जयपुर में स्थापित किया गया था और एक को करौली में। ऐसा माना जाता है कि गोवर्धन यात्रा को पूरा करने के लिए मदन मोहन मंदिर और गोविंद देव जी मंदिर के दर्शन करना बेहद जरुरी है।
मदन मोहन मंदिर करौली के चार धामों में से एक है, जिसमें कैला देवी मंदिर, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर और श्री महावीरजी का मंदिर शामिल हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर में भक्तों द्वारा प्रसाद चढ़ाया जाता है। मंदिर में चढ़ाया जाने वाला जुगल प्रसाद एक ऐसा भोग है जिसमें लड्डू और कचौरी चढ़ाई जाती है।
बता दें कि मदन मोहन मंदिर करौली किले की गोद में स्थित है, जो अपनी अपनी विशाल बनावट और सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां पर पर्यटक कई मंदिरों को एक साथ देख सकते हैं। यहां मदन मोहन मंदिर के सामने कई छोटे मंदिर स्थित हैं। बता दें कि जब रात चांदनी हो जाती है तो चंद्रमा की रोशनी में यह मंदिर बेहद सुंदर दिखाई देता है। श्री मदन मोहन मंदिर का निर्माण करौली स्टोन से बना हुआ है और यह मध्ययुगीन वास्तुकला का सबसे सबसे अच्छा नमूना है। मंदिर के गर्भगृह के चारों ओर परिक्रमा के लिए पथ हैं। यहां पर आप सुंदर नक्काशी के वर्क को भी देख सकते हैं। गर्भगृह के सामने चौक में विभिन्न देवी- देवताओं के चित्र बने हुए हैं। यह चौक की अदभुद शिल्प कला किसी का भी मन मोह सकती हैं। मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल की गई सबसे प्रमुख चीज लाइम मोर्टार और करौली पत्थर हैं। इस मंदिर का निर्माण होने में लगभग 3 साल का समय लगा था।
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भगवान कृष्ण के अनुष्ठान और पूजा का सबसे बड़ा हिस्सा सामूहिक प्रार्थना है जो की सामूहिक प्रार्थना एक बड़ा हिस्सा है। मंदिर सुबह 5 : 00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में सुबह 5 बजे मंगल आरती इसके बाद 9 बजे धूप आरती और 11 बजे श्रृंगार आरती की जाती है। इसके बाद दोपहर 3 बजे फिर धूप आरती और शाम को 7 बजे से संध्या आती की जाती है। आपको बता दें कि यह मंदिर हिंदू धर्म की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। ग्रामीणों लोगों में मंदिर के भगवान के प्रति काफी दृढ़ श्रद्धा है। इस मंदिर की पूजा गौड़ीय अनुष्ठानों और परंपराओं के अनुसार की जाती है। आपको बता दें कि मंदिर में 5 बार भोग लगाया जाता है और खास विशेष अवसरों भगवान को छप्पन भोग भी चढ़ाया जाता है।
भगवान के कृष्ण के इस मंदिर में हिंदू धर्म के सभी प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन राधा और कृष्ण से जुड़े त्योहारों को यहां लोग बेहद उत्साह के साथ मानते हैं। जन्माष्टमी, राधा अष्टमी, गोपाष्टमी और हिंडोला आदि त्योहारों पर मंदिर में काफी भीड़ होती है। महीने में हर बार अमावस्या पर एक मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें स्थानीय और ग्रामीण लोग भाग लेते हैं।
5:00 सुबह से 10:00 बजे
अगर आप मदन मोहन मंदिर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो जन्माष्टमी, राधा अष्टमी, गोपाष्टमी और हिंडोला आदि त्योहारों के दौरान कर सकते हैं क्योंकि इन खास त्योहारों को मंदिर में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। गर्मियों के दौरान करौली जिले की यात्रा करने से बचें क्योंकि इस दौरान यहां का मौसम काफी गर्म होता है। सर्दियों का मौसम यानि अक्टूबर से मार्च तक का समय यहां की मदन मोहन मंदिर की यात्रा करने के लिए बेहद सुखद है।
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अगर आप मदन मोहन मंदिर के दर्शन करने के लिए जा रहें हैं तो इसके साथ करौली जिले के नीचे दिए गए कुछ खास पर्यटन स्थलों की यात्रा भी कर सकते हैं।
करौली सिटी पैलेस यहां का प्रमुख आकर्षण है जिसका निर्माण 14 वीं शताब्दी में अर्जुन पाल द्वारा करवाया गया था। इसके बाद 18 वीं शताब्दी में राजपा गोपाल सिंह द्वारा महल का पुनर्निर्माण किया गया था। आपको बता दें कि इस महल को बड़ी ही खूबसूरती के साथ लाल, सफेद और ऑफ-व्हाइट पत्थरों के उपयोग से बनाया गया है, जिसे देखने आपको जरुर जाना चाहिए।
कैला देवी मंदिर करौली से 23 किमी की दूरी पर स्थित है, जो देवी दुर्गा के 9 शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर कालीसिल नदी के तट पर बसा हुआ है और इसे बहुत ही खूबसूरती के साथ बनाया गया है। अगर आप करौली के पर्यटन स्थलों की सैर करने जा रहें हैं तो आपको इस भव्य मंदिर के दर्शन करने के लिए जरुर जाना चाहिए।
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नक्काश की देवी गोमती धाम मंदिर करौली का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो भारी संख्या में भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस पवित्र धार्मिक स्थल में मां दुर्गा की मूर्तियाँ स्थापित हैं और यहां बहुत ही भक्ति के साथ माता की पूजा की जाती है। यहां स्थित एक निर्मंल जलसेन तालाब इस जगह की पवित्रता को और भी ज्यादा बढाता है। अगर आप करौली की यात्रा करने जा रहें हैं तो इस पवित्र स्थल के दर्शन करना न भूलें।
गुफ़ा मंदिर करौली के पास जंगली जानवरों से भरे घने जंगलों में स्थित है। बता दें कि अगर आप यदि असली कैला देवी मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको लगभग 8 किमी की पैदल दूरी तय करनी होगी। लेकिन आपको बता दें कि जंगल में जाते समय आपको बेहद सावधान रहना होगा क्योंकि किसी भी वक्त यहां जंगली जानवर हमला कर सकते हैं।
राजस्थान में करौली के पास स्थित मेहंदीपुर मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है।हनुमान जी के इस मंदिर को बेहद पवित्र माना जाता है। बता दें कि यहां पर रोजाना भारी संख्या में भक्त बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए आते हैं। अगर आप इस मंदिर के दर्शन करने जाते हैं तो यहां पर कई बुरी आत्माओं से पीड़ित लोगों को देख सकते हैं।
भंवर विलास पैलेस करौली के पास स्थित एक बहुत ही सुंदर महल है जिसको 1938 में करौली के शासक महाराजा गणेश पाल देव बहादुर की देख-रेख में बनाया गया था। यह महल पूरी तरह से प्राचीन तरीके और नक्काशी के साथ बनाया गया है। यह महल बेहद विशाल है और इसका निर्माण राजघराने के लोगों के लिए रहने के लिए किया गया था। भंवर विलास पैलेस अब आंशिक रूप से एक हेरिटेज होटल में बदल गया है जहाँ आप अपनी यात्रा के दौरान ठहर सकते हैं और यहां के उपचार का आनंद ले सकते हैं।
श्री महावीरजी जैन मंदिर भगवान महावीर को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है जो अपनी शानदार वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इस मंदिर के अंदर रखी भगवान की मूर्ति बहुत पुरानी है।इस मंदिर के अंदर विभिन्न पौराणिक स्थितियों के सोने से बनी सुंदर नक्काशी है जो भक्तों और यात्रियों को आकर्षित करती है।
तिमनगढ़ किला इतिहास प्रेमियों के लिए एक आदर्श जगह है। वैसे तो इस मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में किया गया था लेकिन इसका 1244 में राजा समयपाल द्वारा पुनर्निर्माण किया गया था। आपको बता दें कि किला बहुत रहस्यमयी है और इसके बाद में कहा जाता है कि यहां परिसर के नीचे पत्थरों की मूर्तियां छिपी हुई हैं। अपने धार्मिक महत्व और ज्यामितीय पैटर्न के साथ यह किला सच में देखने लायक है। इस किले के पास एक झील स्थित है जो इसे और भी ज्यादा आकर्षक बनाती है।
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रामथरा का किला करौली से 15 किमी की दूरी पर स्थित है जिसको बेहद भव्य रूप से बनाया गया है। यह किला लगभग 4 शताब्दी पुराना है। इस किले में एक गणेश मंदिर और एक शिव मंदिर भी स्थित है। बता दें कि यहां स्थित संगमरमर की मूर्तियों को 18 वीं शताब्दी के शिल्पकार द्वारा खूबसूरती से तैयार किया गया है। किले पास स्थित झील और ग्रामीण इलाके किले की सुरम्य सुंदरता को बढाते हैं।
राजा गोपाल सिंह की छत्री नाडी गेट के बाहर स्थित है, जिसके बगल में एक एक सुंदर नदी स्थित है जो इसकी सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ाती है। राजा गोपाल सिंह की छत्री अपने आकर्षण से हर साल बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करती है।
कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य कैला देवी मंदिर के पास स्थित है जो 680 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। आपको बता दें कि इस अभयारण्य में न केवल बहुत सारे पशु और पक्षी पाए जाते हैं बल्कि यहां पर बल्कि दो नदियाँ भी बहती हैं जो बनास नदी और चंबल नदी है। इस अभ्यारण्य में नीलगाय, चिंकारा, जंगली हॉग, भेड़िये, भालू, बाघ, जंगली सुअर, जैकाल जैसे जानवर पाए जाते हैं।
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करौली राजस्थान राज्य में स्थित एक जिला है। करौली के लिए आप सड़क, हवाई और रेल मार्ग द्वारा यात्रा कर सकते हैं जिसकी पूरी जानकारी नीचे दी गई है।
करौली का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में जयपुर सांगानेर हवाई अड्डा है जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस हवाई अड्डे से करौली 170 किमी की दूरी पर है, जहां आप आसानी से उपलब्ध किराये की कारों से पहुंच सकते हैं।
करौली के पास हिंडौन सिटी रेलवे स्टेशन और गंगापुर रेलवे स्टेशन स्थित हैं। यह दोनों रेलवे स्टेशन करौली से लगभग 35 किमी की दूरी पर हैं।
जयपुर से करौली 170 किमी की दूरी पर स्थित है और जहां से पर्यटक किराये की कार या टैक्सी की मदद से अपने पर्यटन स्थल तक पहुंच सकते हैं। करौली को राजस्थान के प्रमुख शहरों से जोड़ने के लिए कई निजी और सार्वजनिक बसें चलती हैं।
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इस आर्टिकल में आपने करौली के मदन मोहन जी मंदिर के दर्शन की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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Featured Image Credit: Tejpal Yadav
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