Lathmar Holi In Barsana In Hindi : होली हिंदू धर्म का एक बहुत ही प्रमुख रंगों का त्यौहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। वैसे तो यह त्यौहार पूरे भारत में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा-जिले के नंदगाँव और बरसाना कस्बों में होली का यह त्यौहार बहुत ही अजीबोगरीब तरीके से मनाया जाता है। बता दें कि बरसाना मथुरा से लगभग 42 किलोमीटर और नंदगाँव 51 किलोमीटर दूर स्थित हैं और यह दोनों होली के दौरान उत्सव के लिए बेहद लोकप्रिय हैं। बरसाना में लट्ठमार होली फाल्गुन मास की नवमी को बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इस ख़ास मौके पर कई मंदिरों की पूजा करने के बाद नंदगाँव के पुरुष बरसाना होली खेलने जाते हैं और बरसाना महिलाएं नदगांव होली खेलने आती हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि नंदगाँव के भगवान कृष्ण होली के दौरान बरसाना में राधा के शहर गए थे। भगवान कृष्ण को ‘गोपियों’ के साथ मित्रता के लिए भी जाना जाता था, और उन्होंने इस दिन राधा के चेहरे पर रंग लगाया। तब राधा जी की दोस्त और वहां की महिलाओं ने भगवान कृष्ण को बंधी बना लिया था और उन पर बास और डंडे मारकर बरसाना से निकाल दिया था। इस कथा के अनुसार होली के मौके पर हर साल भगवान कृष्ण के जीवन की इस घटना को लेकर मनोरंजन के रूप में लठामार होली मनाई जाती है। हर साल नंदगाँव के पुरुष बरसाना शहर में जाते हैं और वहाँ की महिलाएँ उनको उसी तरह लाठी और रंगों से खेलते हुए बाहर निकालती हैं।
बरसाना में लठमार होली एक हफ्ते तक चलती है, जिसमें पुरुष और महिलाएँ रंगों गीतों, नृत्यों और निश्चित रूप से लठमार खेल में लिप्त होते हैं। नंदगाँव से बरसाना आने वाले पुरुष महिलाओं को गाने गाकर और उन्हें उकसाते हैं। महिलाएं गोपियों का काम करती हैं और मस्ती की धुन में पुरुषों पर लाठी बरसाती हैं। बरसाना की महिलाओं के हाथों लाठी खाने वाले बदकिस्मत पुरुषों को महिलाओं के कपड़े पहनना और सार्वजनिक रूप से नृत्य करना होता है। इस लठमार होली में चोंट लगने से बचने के लिए पुरुषों सुरक्षात्मक गियर पहने हुए आते हैं। इस लठमार होली में रंग सभी लोगों के उत्साह को बढाता है और इस खेल में शामिल होने वाले लोग श्रीकृष्ण और उनकी राधा को ‘श्री कृष्ण’ और ‘श्री राधे’ बोलते हुए याद करते हैं। इसके बाद अगले दिन बरसाना की महिलाएं नंदगाँव आती हैं और यह उत्सव जारी रहता है। इस होली के त्योहार को और खास बनाने के लिए दूध और कुछ जड़ी-बूटियों से बनी ‘ठंडाई’ नामक पेय भी पिया जाता है।
इस साल लठामार होली 29 मार्च 2021 को बरसाना में और 30 मार्च 2021 को नंदगाँव में होगी।
यह उत्सव बरसाना में राधा रानी मंदिर में होता है। बता दें की यह मंदिर राधा को समर्पित एकमात्र मंदिर है।
वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में यह खास होली का त्यौहार एक सप्ताह तक जारी रहता है जिसमें फूलों से बने रंग और गुलाल का इस्तेमाल किया जाता है। इस पवित्र त्यौहार पर बिहारीजी की मूर्ति को सफेद कपड़े पहने भक्तों द्वारा होली खेलने के लिए लाया जाता है। इसके बाद लोग पानी और रंगों के इस खेल में खो जाते हैं और संगीत के साथ नृत्य करते हैं।
आपको बता दें कि शहर के सबसे खास भोजन इसकी मिठाइयाँ और दुग्ध उत्पाद हैं। इसके अलावा यहां के पेडे यहां सबसे मुख्य है। इसके अलावा आपको मथुरा में खाने के लिए कचौरी, जलेबी, चाट, पानीपुरी, समोसा, ढोकला, आलू टिक्की और लस्सी भी मिल जाएगी। अगर आप भर पेट भोजन करना चाहते हैं तो स्वादिष्ट उत्तर भारतीय थाली ले सकते हैं।
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अगर आप होली के मौके पर बरसाना की लठमार होली को देखना चाहते है तो आपको बता दें कि नंदगांव का निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा है जो 12 Kms की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा आप हवाई जहाज और सड़क माध्यम से मथुरा पहुँच सकते हैं।
अगर आप हवाई या वायु मार्ग से नंदगांव जाने का विचार बना रहे हैं तो आपको बता दें कि मथुरा के सबसे पास का हवाई अड्डा आगरा में है। लेकिन आगरा के लिए देश भर के प्रमुख शहरों से कम ही उड़ाने संचालित होती है। आगरा से मथुरा की दूरी करीब करीब 58 किलोमीटर है। मथुरा का निकट दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जिसके लिए आप देश के किसी भी शहर से फ्लाइट ले सकते हैं। इसके बाद दिल्ली से मथुरा तक आप किसी भी बस, टैक्सी या ट्रेन से पहुंच सकते हैं
अगर आप ट्रेन से नंदगाँव या बरसाना जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको मथुरा जंक्शन के लिए टिकट लेना होगा, जो देश के कई प्रमुख और बड़े शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। मथुरा जाने के लिए आप दिल्ली, मुंबई, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, आगरा, वाराणसी, लखनऊ और कोलकाता से ट्रेन की मदद से यात्रा कर सकते हैं।
मथुरा जाने के अपने कार या किसी निजी वाहन से सड़क मार्ग यात्रा करते करना एक अच्छा विकल्प है। अगर आपके पास अपना निजी वहां है तो आप आराम से मथुरा की यात्रा कर सकते हैं। क्योंकि मथुरा में सड़कों का एक अच्छा नेटवर्क है जो इसके दिल्ली, जयपुर, बीकानेर, आगरा, इंदौर, भोपाल, मुरादाबाद, कोलकाता जैसे शहरों से जोड़ता है। मथुरा जाने वाले पर्यटक आगरा, अलवर, जयपुर, उदयपुर, अजमेर, चंडीगढ़, लखनऊ, अलीगढ़, ग्वालियर, जबलपुर, कानपुर, मेरठ, हरिद्वार जैसे शहरों से अपनी कार से सड़क मार्ग द्वारा जा सकते हैं।
बस से मथुरा के लिए यात्रा करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है, बता दें कि आप देश के कई प्रमुख शहरों से मथुरा के लिए सीधी बसों का लाभ उठा सकते हैं।
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