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केवलादेव नेशनल पार्क घूमने की जानकारी और खास बातें – Keoladeo National Park Information In Hindi

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Keoladeo National Park In Hindi : केवलादेव नेशनल पार्क या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान जिसे पहले भरतपुर बर्ड सैंक्चुरी के नाम से जाना जाता था भारत का एक प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य है, जो हजारो प्रवासी पक्षियों की मेजबानी करता है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान जिसे पहले भरतपुर, राजस्थान में भरतपुर पक्षी अभयारण्य के रूप में जाना जाता था, यह उद्यान भरतपुर, राजस्थान में स्थित है। इस पार्क में पक्षियों की 230 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है। केवलादेव राष्ट्रीय पार्क, भारत का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र भी है, इस जगह को 1971 में एक संरक्षित अभयारण्य बनाया गया था। केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान एक विश्व धरोहर स्थल भी है। यह पार्क यहाँ आने वाले पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है।

  1. केवलादेव राष्ट्रीय अभयारण्य पर्यटकों के लिए क्यों ख़ास है – What Is Keoladeo National Park Famous in Hindi
  2. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास – Keoladeo Ghana National Park History In Hindi
  3. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पति और प्राणी – Flora And Fauna Of The Keoladeo National Park In Hindi
  4. केवलादेव नेशनल पार्क में आप क्या-क्या कर सकते हैं – Things To Do In Keoladeo National Park In Hindi
  5. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पैदल सैर करना – Walking In Keoladeo National Park In Hindi
  6. केवलादेव नैशनल पॉर्क में साइकिल से सैर करें – Bicycling In Keoladeo National Park In Hindi
  7. साइकिल रिक्शा से भरतपुर बर्ड सैंक्चुरी की सैर – Cycle Rickshaw In Keoladeo National Park In Hindi
  8. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में परिवार के साथ रिक्शा सफारी- Rickshaw Safari In Keoladeo National Park In Hindi
  9. केवलादेव राष्ट्रीय पार्क का जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Keoladeo National Park In Hindi
  10. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का शुल्क – Keoladeo National Park Entry Fees In Hindi
  11. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचें – How To Reach Keoladeo National Park In Hindi
  12. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान हवाई मार्ग से कैसे पहुंचें – How To Reach Keoladeo National Park By Airplane In Hindi
  13. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान रेल से कैसे पहुंचें – How To Reach Keoladeo National Park By Train In Hindi
  14. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान सड़क के रास्ते से कैसे पहुंचें – How To Reach Keoladeo National Park By Road in Hindi
  15. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का पता – Keoladeo National Park Location
  16. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की फोटो – Keoladeo National Park Images

1. केवलादेव राष्ट्रीय अभयारण्य पर्यटकों के लिए क्यों ख़ास है – What Is Keoladeo National Park Famous in Hindi

केवलादेव राष्ट्रीय अभयारण्य किसी भी पर्यटक या प्रकृति प्रेमी दोनों के लिए बेहद अच्छा है। यह पार्क सिर्फ पक्षियों तक सीमित नहीं है बल्कि इस पार्क में कई तरह के वनस्पतियों और जीव की बड़ी श्रृंखला पाई जाती है। इस नेशनल पार्क में आप अपने परिवार और खास लोगो के साथ पूरा दिन शांति के साथ प्रकृति का मजा लेते हुए बिता सकते हैं। यहाँ पर पाए जाने वाले पक्षियों की आवाज़ सुनकर और यहाँ की हरियाली देखकर अपना मन आनंद से भर जायेगा। यह जगह आपको भागती हुई दुनिया से दूर लाकर आपके मन और दिमाग को शांति देगी।

2. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास – Keoladeo Ghana National Park History In Hindi

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पहले भरतपुर पक्षी अभयारण्य कहा जाता था जो लगभग 250 वर्षों से मौजूद है। पहले इस जगह को महाराजाओं द्वारा शिकारगाह के रूप में उपयोग किया जाता था। बताया जाता है कि ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने सिर्फ एक दिन में शिकार पार्टी के दौरान हजारों बतख और अन्य जलपक्षी मारे थे। 13 मार्च 1976 को इस जगह को पक्षी अभयारण्य बना दिया गया और यहाँ पर शिकार पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। बाद में 10 मार्च 1982 में इसको भरतपुर पक्षी अभयारण्य बना दिया गया। जिसको आज केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है।

1982 में इस क्षेत्र में गाँव के मवेशियों या जानवरों की चराई प्रतिबंध लगा दिया गया था, क्योंकि यह पूरा जंगल अब राजस्थान वन अधिनियम 1953 के अंतर्गत आता है। यह सब होने के बाद वहां के स्थानीय किसानो में काफी असंतोष पैदा हुआ। लेकिन आज यह जगह एक प्रमुख पारिस्थितिक संसाधन होने के साथ एक फेमस पर्यटक हॉटस्पॉट भी बन गया है। इसके बाद केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1985 में इसे विश्व धरोहर स्थल बना दिया गया।

3. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पति और प्राणी – Flora And Fauna Of The Keoladeo National Park In Hindi

केवलादेव नेशनल पार्क वनस्पति और प्राणियों का एक बड़ा समूह है जिसे घाना के नाम से भी जाना जाता है। यह पूरा क्षेत्र सूखे घास के मैदानों वुडलैंड दलदलों और आर्द्रभूमि से मिलकर बना हुआ है। बता दें कि घाना का अर्थ मोटा होता है, जिसके चलते इस पार्क को केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान भी कहते हैं। केवलादेव नेशनल पार्क में पक्षियों की 375, मछलियों की 50 प्रजाति, साँपों की 13 प्रजाति और वनस्पतियों की 379 प्रजातियों के साथ  कछुओं, अकशेरुकी और छिपकलियों की भी कई प्रजातियाँ पाई जाती है। इस पार्क में ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, बुलबुल, एशियन ओपन-बिल्ड स्टॉर्क, पेंटेड फ्रांसोलिन, और ओरिएंटल इबिस जैसे पक्षी कम ही देखने को मिलते हैं। पार्क में जलपक्षी के रूप में आपको बत्तख, सारस और बगुले जैसे पक्षी देखने को मिलेंगे। जबकि लैंडबर्ड में बब्बर, बबलर, मधुमक्खी खाने वाले पक्षी भी पाए जाते हैं।

और पढ़े : कर्नाटक के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभयारण्य

4. केवलादेव नेशनल पार्क में आप क्या-क्या कर सकते हैं – Things To Do In Keoladeo National Park In Hindi

5. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पैदल सैर करना – Walking In Keoladeo National Park In Hindi

केवलादेव राष्ट्रीय पार्क की यात्रा का पूरा मजा उठाना चाहते है तो आप इस पार्क के अंदर की पैदल सैर कर सकते हैं। बता दें कि पार्क के अंदर पूरा पक्का रास्ता लगभग 11 किमी तक का है। अगर आप पैदल चलकर यहाँ की छोटी सी सैर करना चाहते हैं, तो आपको यहां पहले 5 किलोमीटर तक यहां के अधिकांश पक्षी देखने को मिलते हैं। अगर आप पैदल चल सकते हैं तो जरुर इस सैर पर जायें।

6. केवलादेव नैशनल पॉर्क में साइकिल से सैर करें – Bicycling In Keoladeo National Park In Hindi

अगर आप नेशनल पार्क में सैर का पूरा मजा लेना चाहते हैं तो आपके पास पैदल चलने के अलावा साइकिल से सैर करना एक अन्य विकल्प है। इसके लिए आपको एक साइकिल किराए पर लेना होगी जो आपको ज्यादा महंगी नहीं पड़ेगी। यहां एक दिन के लिए साइकिल किराये पर लेने के लिए आपको 50 से 100 रूपये देंगे होंगे।

7. साइकिल रिक्शा से भरतपुर बर्ड सैंक्चुरी की सैर – Cycle Rickshaw In Keoladeo National Park In Hindi

साइकिल रिक्शा द्वारा केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति की सैर करना यहां आने वाले अधिकांश पर्यटकों के लिए के लिए सबसे अच्छा विकल्प होगा। लेकिन साइकिल रिक्शा द्वारा सैर करना आपको थोड़ा महंगा पड़ सकता है। आपको पार्क में साइकल-रिक्शा से जाने के लिए 100 रुपये प्रति घंटे शुल्क देना होगा। साइकिल-रिक्शा चलाने वाले भी आपके लिए एक अच्छे गाइड साबित हो सकते हैं। अगर आप 10 या इससे ज्यादा लोगो के ग्रुप में जाते हैं तो यहां आपको एक गाइड अनिवार्य है। मार्गदर्शिका के लिए आपको 250 रूपये प्रति घंटा के अनुसार शुल्क देना होगा।

8. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में परिवार के साथ रिक्शा सफारी- Rickshaw Safari In Keoladeo National Park In Hindi

अगर आप अपने परिवार के साथ केवलादेव राष्ट्रीय अभयारण्य की सैर पर जा रहे हैं तो आपके लिए घोड़ा गाड़ी या तांगे से यहां की सैर करना ज्यादा अच्छा रहेगा। क्योंकि एक परिवार के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। इस तांगे से सवारी के लिए आपको 150 प्रति घंटे के हिसाब रूपये देने होंगे। इस सैर में बच्चे और बड़े सभी यहाँ की प्रकृति का आनंद ले पाएंगे। घोड़ा गाड़ी सफारी की मदद से आप भीड़ होने के बाद भी बहुत कम समय में ज्यादा से ज्यादा पार्क को देख सकते हैं।

और पढ़े : राजस्थान की यात्रा के लिए टिप्स और ध्यान रखने योग्य बातें

9. केवलादेव राष्ट्रीय पार्क का जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Keoladeo National Park In Hindi

अगर आप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के लिए जाना चाहते हैं तो बता दें कि अगर आप यहां जाकर पूरी तरह से मजा लेना चाहते हैं तो आपके लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा समय है। इस जगह पर ठंड के समय दिन में लगभग 23 से 26 डिग्री तापमान रहता है। अगर आप ठंड के मौसम में इस राष्ट्रीय पार्क की सैर करने जा रहे हैं तो अपने साथ गर्म कपड़े ले जाना न भूलें। गर्म कपड़ें आपके लिए सुबह की यात्रा करने के लिए सही रहेंगे।

10. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का शुल्क – Keoladeo National Park Entry Fees In Hindi

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के दौरे के लिए भारतीय नागरिकों प्रवेश शुल्क के रूप में प्रति व्यक्ति 25 रूपये देने होते हैं और विदेशी नागरिकों के लिए यह शुल्क 200 रूपये हैं। इसके अलावा 50 रूपये आपको हर वाहन के हिसाब से देने होंगे और अगर आप अपने साथ कैमरा लेकर जाते हैं तो इसके लिए भी 200 रूपये अलग से देने होंगे।

11. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचें – How To Reach Keoladeo National Park In Hindi

भारत में पक्षियों के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक, भरतपुर पक्षी अभयारण्य या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान उत्तर भारत में दिल्ली, आगरा और जयपुर जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कोई भी आसानी से भरतपुर नेशनल पार्क तक पहुँच सकता है, जिसे दुनिया के सबसे अच्छे पक्षी अभयारण्यों में से एक माना जाता है यहां हवाई, रेल या सड़क मार्ग से आसानी से पंहुचा जा सकता है।

12. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान हवाई मार्ग से कैसे पहुंचें – How To Reach Keoladeo National Park By Airplane In Hindi

अगर आप हवाई मार्ग की मदद से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए जाना चाहते हैं तो बता दें कि यहां का निकटतम हवाई अड्डा आगरा है जो भरतपुर से 54 किमी की दूरी पर स्थित है। आगरा हवाई अड्डा जबलपुर, ग्वालियर, गोरखपुर से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा भारतपुर से 184 किलोमीटर दूर अंतरराष्ट्रीय दिल्ली हवाई अड्डा है। आगरा हवाई अड्डे के लिए दिल्ली, जयपुर, मुंबई, वाराणसी और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों से आगरा के लिए दैनिक उड़ानें उपलब्ध हैं।

13. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान रेल से कैसे पहुंचें – How To Reach Keoladeo National Park By Train In Hindi

अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो बता दें कि भरतपुर एक रेलवे स्टेशन है जो केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से सिर्फ 5 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ पर मुंबई, मथुरा, कोटा जैसे शहरों से रेल आती है।

14. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान सड़क के रास्ते से कैसे पहुंचें – How To Reach Keoladeo National Park By Road in Hindi

बता दें कि भरतपुर मथुरा, दिल्ली, जयपुर और आगरा जैसे शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां के लिए आपको सभी प्रमुख शहरों से बस मिल जाएगी। भारत के सभी प्रमुख शहरों से केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान तक पहुँचने के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है। भरतपुर से महत्वपूर्ण स्थानों की सड़क दूरी हैं:

  • दिल्ली से भरतपुर -184 किलोमीटर
  • आगरा से भरतपुर -54 किलोमीटर
  • जयपुर से भरतपुर-176 किमी
  • माथुर से भरतपुर -39 किलोमीटर

और पढ़े: भानगढ़ किले का रहस्य और खास बाते 

15. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का पता – Keoladeo National Park Location

16. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की फोटो – Keoladeo National Park Images

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