Kanheri Caves in Hindi : मुंबई में बोरीवली के पास, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित “कान्हेरी की गुफाएँ” चट्टानों का समूह हैं जिन्हें गुफाओं के रूप में काटा गया हैं। ये गुफाएँ भारत की सबसे प्राचीन गुफायों में से एक है जो प्राचीन काल के बौद्ध प्रभाव का चित्रण करती हैं। आपको जानकारी हैरानी हो सकती है कान्हेरी गुफाओं में सौ से अधिक गुफाएं या प्रवेश द्वार है जो अपने आप में अद्वतीय है। यहाँ जगह अपनी गुफाएं के साथ-साथ प्राचीन मूर्तियों, नक्काशी, चित्रों और शिलालेखों के लिए भी प्रसिद्ध हैं जो पहली शताब्दी से लेकर 10 वीं शताब्दी तक के माने जाते हैं, जो उनके बेसाल्ट संरचनाओं को दर्शाते हैं।
कान्हेरी गुफाएँ इतनी प्रसिद्ध है की इतिहास और कला प्रेमियों के साथ साथ देश विदेश से भारी संख्या में पर्यटक भी यहाँ घूमने के लिए आते है। यहाँ पर गुफाओं के अलावा, एक मण्डली हॉल, जटिल नक्काशीदार खंभे और अन्य कई चमत्कारिक संरचनाओं को भी देखा जा सकते है। इस आर्टिकल में हम कान्हेरी गुफाएँ मुंबई की यात्रा, रोचक तथ्य और अन्य पहुलुयों पर बात करने वाले है इसीलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
कान्हेरी गुफाएँ का इतिहास – History of Kanheri Caves in Hindi
कान्हेरी गुफाएँ के इतिहास पर नजर डालने पर हमे ज्ञात होता है की कान्हेरी गुफाओं का एक लंबा और शानदार इतिहास है। इन गुफायों ने इतिहास में एक उत्कृष्ट अंतर्दृष्टि प्रदान की है जो कि इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म के प्रसार के साथ विशिष्ट रूप से जुड़ा हुआ है। कन्हेरी शब्द संस्कृत के शब्द “कृष्णगिरि” से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है काला पहाड़। कान्हेरी गुफाएँ को अपना नाम अपने काले बेसाल्टिक पत्थर के कारण मिला था, जिसमें से इन गुफाओं को तराशा गया था। कान्हेरी गुफाएं 9 वीं और 1 शताब्दी ईसा पूर्व के बीच बौद्ध भिक्षुओं के लिए एक महत्वपूर्ण बौद्ध शिक्षा केंद्र और एक तीर्थ स्थल थीं। बड़े स्तूपों के साथ मण्डली हॉल 3 वीं शताब्दी के दौरान गुफा के महत्व को बौद्ध मंदिर और बौद्ध निपटान के केंद्र बिंदु के रूप में दर्शाते हैं।
कन्हेरी की गुफाएं किसने बनवाई – Who Built The Kanheri Caves in Hindi
यदि आप इस विषय के बारे में जानना चाहते है की कन्हेरी की गुफाएं आखिर किसने बनवाई थी तो हम आपको बता दे इतिहास से मिले शिलालेखो के अनुसार कन्हेरी की गुफाएं मौर्य और कुशना सम्राटों के शासनकाल के दौरान बनाई गयी थी।
कन्हेरी गुफाओं के अंदर की संरचनाएं – Inside the Kanheri Caves in Hindi
काहेरी गुफाएँ 100 से अधिक रॉक-कट गुफाओं का एक आकर्षक संग्रह है जिसमें ब्राह्मी, देवनागरी और 3 पाहलवी में शिलालेख सहित लगभग 51 सुपाठ्य शिलालेख और 26 एपिग्राफ हैं। यहाँ की अधिकांश गुफाओं का उपयोग बौद्ध विरह के रूप में किया गया था, जो अध्ययन, ध्यान और आवास के लिए हैं, और इसमें बेड के स्थान पर पत्थर के प्लेटफार्म थे। चैत्यग्रास नामक कान्हेरी गुफाओं के बीच की बड़ी गुफाओं का उपयोग पुराने समय के दौरान पूजा और धार्मिक सभाओं के हॉल के रूप में किया जाता था। ये हॉल आकार में आयताकार हैं और पत्थर के खंभों से सजी हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी निर्माण शैली है और दूसरे की कोई समानता नहीं है। 34 स्तंभों की एक पंक्ति है जो ग्रहाओं को विभाजित करते हैं और बुद्ध और बोधिसत्वों की जटिल नक्काशी करते हैं।
जैसे ही आप चैत्यगृह से बाहर निकलते हैं, आपका स्वागत एक बड़े सामने के बरामदे में किया जाता है। विहार और चैत्यगृह दोनों में बौद्ध धर्म से संबंधित मूर्तियां और नक्काशियां हैं, जो अपने स्तंभों, छतों और दीवारों को अलंकृत करती हैं। अवलोकितेश्वरा कन्हेरी गुफाओं में सबसे प्रमुख व्यक्ति है, जो एक बोधिसत्व है जो सभी के लिए प्यार और करुणा का प्रतिनिधित्व करता है। एक अन्य शिलालेख में सातवाहन शासक वशिष्ठपुत्र सातकर्णी की रुद्रदामन प्रथम की बेटी से शादी का वर्णन है।
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कन्हेरी केव्स की ट्रेकिंग – Trekking in Kanheri Caves in Hindi
मुंबई में बोरीवली के पास, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कान्हेरी की गुफाएँ इतिहास प्रेमियों के साथ साथ ट्रेकर्स और रोमांच प्रेमियों के लिए भी काफी पसंदीदा बनी हुई है। यदि किसी के मन में मुंबई में ट्रेकिंग करने का ख्याल आता है तो उसकी पहली पसंद कन्हेरी केव्स की ट्रेकिंग करना होती है। बता दे कान्हेरी की गुफाएँ तक ट्रेक करने के लिए लगभग 2 घंटे का समय लगता है जो संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में वन क्षेत्रों के माध्यम से होती हुई पूरी होती है। हरे भरे जंगल और खूबसूरत झरने के कारण यहां का नजारा काफी लुभावना है जो पर्यटकों इस ट्रेकिंग को काफी स्पेशल और यादगार बना देता है। यदि आप भाग्यशाली रहे, तो आप पार्क में जानवरों की एक झलक भी देख सकते हैं,जो कन्हेरी की यात्रा को और भी दिलचस्प बना देता है।
कन्हेरी गुफाओं की यात्रा के लिए टिप्स – Tips for visiting Kanheri Caves in Hindi
यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ कान्हेरी की गुफाएँ घूमने जाने को प्लान कर रहे है तो अपनी यात्रा में किसी भी असुविधा से बचने के लिए नीचे दिए गये इन टिप्स को जरूर फॉलो करें –
- यदि आप कन्हेरी केव्स की यात्रा में भीड़ भाड़ से बचना चाहते है तो सुबह जल्दी यहाँ आना सबसे अच्छा होता है।
- अगर आप गर्मी के महीनों में यात्रा कर रहे हैं, तो एक टोपी, पानी की बोटल्स और सनस्क्रीन न भूलें।
- बंदरों से सावधान रहें जो प्रवेश द्वार की दीवारों के साथ बैठते हैं और भोजन छीन सकते हैं ।
- ध्यान दे आप जब भी कन्हेरी केव्स के लिए ट्रेकिंग कर रहे होंगे तो जितना अधिक आप चलते हैं, उतना ही ऊबड़-खाबड़ इलाका मिलता है। इसलिए, आरामदायक जूते पहनने और ऊँची हील वाली चप्पल पहनने से बचें
- अगर आप सर्दियों के महीनों के दौरान यात्रा कर रहे हैं, तो एक रेनकोट या जैकेट लेना न भूलें।
- इसके ऊपर एक रेस्टोरेंट भी है जहां आप खाना और पानी खरीद सकते हैं इसीलिए खान पीना की जाड्या चिंता न करें हाँ लेकिन यहाँ आपको चीजें थोड़ी महंगी मिल सकती है इसीलिए जितना हो सके आप मार्किट या घर से खाने पीने का सामान ले आकर आयें।
- हालांकि कोई सख्त नियम नहीं हैं, लेकिन यह बौद्धों के लिए बहुत बड़ा धार्मिक महत्व का स्थान है और इसलिए हर समय इस स्थान की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए।
कन्हेरी केव्स की टाइमिंग – Timings of Kanheri Caves in Hindi
कान्हेरी गुफाएँ की ट्रिप पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे कान्हेरी गुफाएँ पर्यटकों के घूमने के लिए सुबह 7.30 बजे से शाम 5.00 बजे तक खुली रहती है जबकि यह गुफाएँ प्रत्येक सोमबार को बंद रहती है।
ध्यान दे आप कान्हेरी गुफाएँ की यात्रा पर आयें तो विस्तृत और आरामदायक यात्रा के लिए कम से कम 3- 4 घंटे का समय अपनी यात्रा के लिए जरूर निकालें।
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कन्हेरी केव्स की एंट्री फीस – Entry Fee in Hindi
- भारतीय पर्यटकों के लिए : 5 रूपये प्रति व्यक्ति
- विदेशी पर्यटकों के लिए : 100 रूपये
कन्हेरी गुफाओं के पास मुख्य आकर्षण – Main attractions near the Kanheri Caves in Hindi
कान्हेरी गुफाओं में और इसके आसपास देखने के लिए बहुत कुछ है। इस गंतव्य में 34 अधूरे बौद्ध चित्र हैं और एक प्रार्थना हॉल है जिसमें बौद्ध जीवन शैली और संस्कृति को दर्शाया गया है। यदि आप रोमांच की तलाश कर रहे हैं, तो संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के चारों ओर ट्रेपिंग और ट्रेकिंग जैसे साहसिक खेलों को एन्जॉय कर सकते हैं। चूंकि गुफाएं पहाड़ी इलाकों पर स्थित हैं, इसलिए यहाँ कुछ छोटे झरने भी हैं जहाँ पर्यटक एकांत में टाइम व्यतीत कर सकते है। गुफाओं के आसपास की प्राकृतिक नदियाँ और जलप्रपात एक सुखदायक और सुंदर वातावरण का निर्माण करते हैं जो अपनी फैमली के साथ एक छोटी पिकनिक का आनंद लेने के लिए परफेक्ट जगह है।
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कान्हेरी गुफाएँ घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time to Visit Kanheri Caves in Hindi
कन्हेरी गुफाओं की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों के दौरान होता है जो नवंबर से मार्च तक होता है। वर्ष के इस समय, मौसम ठंडा और शुष्क होता है जिससे आप कान्हेरी गुफाएँ की यात्रा को आसानी से पूरा कर सकते है। एक और शानदार समय जुलाई से सितंबर के बीच मानसून महीनों के दौरान होता है इस समय मौसम सुखद होने के साथ साथ आसपास की प्राकृतिक सुन्दरता भी अपने चरम पर होती है। सिर्फ गर्मियों के महीने में यहाँ आने से बचे क्योंकि इस समय यहाँ का तापमान काफी अधिक होता है जो आपकी यात्रा में परेशानी उत्पन्न कर सकता है।
कान्हेरी गुफाएँ की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स – Hotels to stay in the journey to Kanheri Caves in Hindi
यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ कन्हेरी गुफाओं घूमने जाने को प्लान कर रहे है और अपनी यात्रा में रुकने के लिए होटल्स सर्च कर रहे है तो हम आपकी जानकारी के लिए मुंबई भारत का प्रमुख शहर है जहाँ लों-बजट से लेकर हाई-बजट के बड़ी संख्या में होटल उपलब्ध हैं। इसीलिए आपको कन्हेरी गुफाओं के आसपास आपको सभी बजट की होटल्स मिल जायेगी जिनको आप अपनी चॉइस के अनुसार सिलेक्ट कर सकते है।
कान्हेरी गुफाएँ मुंबई केसे पहुचें – How To Reach Kanheri Caves Mumbai in Hindi
कान्हेरी गुफाएँ मुंबई के उत्तर की ओर बोरीवली में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। जहाँ आप मुंबई आने के बाद लोकल ट्रेन या मेट्रो की मदद से पहुच सकते है। इसके अलावा गुफाओं तक पहुंचने के लिए आप संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के लिए सीधी टैक्सी भी ले सकते हैं।
फ्लाइट से कान्हेरी गुफाएँ केसे पहुचें – How To Reach Kanheri Caves By Flight in Hindi
यदि आप कान्हेरी गुफाएँ मुंबई जाने के लिए फ्लाइट से ट्रेवल करना चाहते है तो हम आपको बता दे मुबई में अपना छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मौजूद है जो लगभग देश के सभी प्रमुख शहरों से नियमित फ्लाइटस के माध्यम से जुड़ा हुआ है। एक बार जब आप फ्लाइट से ट्रेवल करके मुंबई हवाई अड्डे पर पहुच जाते है तो बस या एक टेक्सी बुक करके संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान जा सकते है। संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान पहुचें के बाद कान्हेरी गुफाएँ जाने के लिए आपको कुछ पैदल यात्रा और करनी होगी।
ट्रेन से कान्हेरी गुफाएँ केसे पहुचें – How To Reach Kanheri Caves By Train in Hindi
जो भी पर्यटक ट्रेन से ट्रेवल कान्हेरी गुफाएँ जाना चाहते है हम उन्हें बता दे कान्हेरी गुफाएँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन है जो संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह रेलवे स्टेशन शेष भारत से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है इसीलिए भारत के किसी भी प्रमुख शहर से ट्रेन से यात्रा करके छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पहुचने के बाद आप टेक्सी, ऑटो या अन्य स्थानीय साधनों की मदद से संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान पहुच सकते है।
सड़क मार्ग से कान्हेरी गुफाएँ केसे जाएँ – How To Reach Kanheri Caves By Road in Hindi
मुंबई के पास देश के सभी हिस्सों से सड़क संपर्क काफी अच्छा हैं इसीलिए सड़क मार्ग, बस और अपनी निजी कार से यात्रा करके कान्हेरी गुफाएँ जाना काफी आसान है।
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इस लेख में आपने कान्हेरी गुफाएँ का इतिहास और इसकी की यात्रा से जुडी जानकारी को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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कान्हेरी गुफाएँ का मेप – Kanheri Caves Map
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Featured Image Credit : Muhammed Unais P