Kalibangan Museum In Hindi : कालीबंगा एक ऐतिहासिक स्थल है जो राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है। आपको बता दें कि यह स्थल विश्व मानचित्र पर अंकित है जो कि राजस्थान के लिए गौरव कि बात है। कालीबंगा में वर्ष 1995 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कालीबंगा संग्रहालय की स्थापना की थी, जो आज एक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो गया है। इस संग्रहालय की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां रखी प्राचीन वस्तुओं को देखने के लिए भारतीय पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी काफी रूचि दिखाते हैं। कालीबंगा संग्रहालय में स्थित गैलरियों में रखा हुआ पुरावशेष हजारों सालों पहले सरस्वती नदी के किनारे बसे सिंधु घाटी सभ्यता के इतिहास के बारे में बताता है। यहां पर खुदाई के दौरान मिले ज्यादातर सामन को इस संग्रहालय में पर्याप्त जगह नहीं होने की वजह से दिल्ली भिजवा दिया गया था।
उसके बाद पर्यटकों की संख्या बढाने के उद्देश्य से इसे 25 नवंबर 2015 को आम दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया और संग्रहालय के सौंदर्यीकरण का काम शुरू किया गया व इसकी गैलरियों के विस्तार भी किया गया। काम पूरा हो जाने के बाद कालीबंगा संग्रहालय को 18 मई 2017 को पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया गया। दिल्ली भिजवाए गए अवशेषों को वापस यहां रखने के बाद पर्यटकों की संख्या में पहले से काफी बढोतरी हुई है –
कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का एक हिस्सा है। आपको बता दें कि इस स्थान की खोज लुइगी पियो टेसिटोरी ने की थी। भारत की स्वतंत्रता के बाद 1952 में अमलानंद घोष ने हड़प्पा सभ्यता के हिस्से के रूप में इस स्थल की पहचान की और 1961-69 के दौरान, बीबी लाल और बालकृष्ण थापर द्वारा इस जगह की खुदाई की गई। कालीबंगा का इतिहास कई हजारों साल पुराना है। बता दें कि यह कभी सरस्वती नामक नदी के किनारे एक शहर हुआ करता था, जहाँ पर कृषि भी काफी अच्छी थी और मिट्टी के बर्तन, लोहे और मोतियों के उद्योग किये जाते थे।
लेकिन जब शक्तिशाली नदी सरस्वती ने अपना जलमार्ग बदला तो यहां रेगिस्तान होने की बजह से शहर पूरी तरह से सूख गया और हवाओं के परिवर्तन ने इस जगह को रेत के नीचे दफन कर दिया। यह प्राचीन स्थान लगभग चार साल से भी ज्यादा समय तक रेत के नीचे दफन रहा लेकिन साल 1962 में एक दिन इस प्रचीन शहर को दुर्घटना के रूप में फिर से खोजा गया। आपको बता दें कि कालीबंगा में सात फीट लंबे हड़प्पा कालीन सभ्यता के मनुष्य का कंकाल भी मिला है।
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कालीबंगा म्यूजियम की पहली गैलरी में हड़प्पाकालीन आप मृदभांडों व उनके अवशेषों, शतरंज और चौरस खेलने वाले पासे, पक्की मिटटी के खिलोने, पानी की निकासी के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले पाइप, पक्षियों के शिकार में उपयोग की जाने वाली बॉल्स, पक्की मिटटी के बर्तन दूसरी गैलरी में अंत्येष्टि संस्कार में इस्तेमाल होने वाले बर्तन तथा तीसरी गैलरी में तांबे के बने उपकरण देखे जा सकते हैं।
कालीबंगा संग्रहालय में भारतीय पर्यटकों को प्रवेश शुल्क के रूप में 5 रूपये और विदेशी पर्यटकों को 100 रूपये देने होते हैं। बता दें कि 15 साल से छोटे बच्चों के लिए यहां कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता।
कालीबंगा म्यूजियम शुक्रवार को छोडक़र पूरे सप्ताह पर्यटकों के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।
कालीबंगा संग्रहालय जाने का सबसे अच्छा सर्दियों का मौसम होता है, क्योंकि गर्मियों के मौसम में राजस्थान में बहुत तेज गर्मी पड़ती है जिसकी वजह से यह मौसम पर्यटन स्थलों की यात्रा के लिए सही नहीं है। फरवरी, मार्च और सितंबर से दिसंबर के महीने कालीबंगा संग्रहालय में घूमने के लिए अच्छा समय है।
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अगर आप कालीबंगा की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि देश के कई प्रमुख शहरों से कालीबंगा के लिए आसानी से नियमित ट्रेन प्राप्त कर सकते हैं। देश के अन्य प्रमुख शहरों से कालीबंगा के लिए नियमित बसें हैं। कालीबंगा दिल्ली से 661 किमी की दूरी पर है।
अगर आप कालीबंगा की यात्रा हवाई जहाज से करना चाहते है तो बता दें कि कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है, जहाँ पर अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है। इसका निकटतम हवाई अड्डा लुधियाना हवाई अड्डा है जो कालीबंगा से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अगर आप रेल द्वारा कालीबंगा की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि हनुमानगढ़ जंक्शन यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन हैं। यहां के लिए भारत के कई हिस्सों से दैनिक आधार पर ट्रेन गुजरती हैं। हनुमानगढ़ जंक्शन से कालीबंगा संग्रहालय की दूरी करीब 33 किलोमीटर है। पीलीबंगा यहां का एक और निकटतम रेलवे स्टेशन है जो 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अगर आप कालीबंगा की यात्रा सड़क मार्ग द्वारा करना चाहते हैं जो कि हनुमानगढ़ में स्थित है। यह शहर सूरतगढ़, गंगानगर, अबोहर से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जो इससे क्रमशः 29 किमी, 35 किमी, 37 किमी दूर हैं। इन शहरों से आप कालीबंगा की यात्रा आसानी से कर सकते हैं।
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इस लेख में आपने कालीबंगा संग्रहालय के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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