Jhulta Minar in Hindi : अहमदाबाद के सकर बाजार में स्थित झूलता मीनार सबसे पेचीदा वास्तुशिल्प आश्चर्यों में से एक है जो वास्तव में देखने योग्य है। इन मीनारों की खासियत है कि यदि मीनारों में से एक को हिलाया जाता है, तो दूसरी मीनार कुछ सेकंड के भीतर हिल जाती है यही रहस्य आज भी एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ हैं जिसने पर्यटकों से लेकर वैज्ञानिको तक सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इसी अद्भुद घटना के कारण इसका नाम इसका नाम झूलता मीनार रखा है। बता दे 500 साल पुरानी यह मंदिर शुरू में सिदी बशीर मस्जिद का एक हिस्सा था जिसे बाद में एक गुजराती सल्तनत युद्ध के दौरान अलग कर दिया गया था।
यदि आप इस अद्भुद झुल्ता मीनार घूमने जाने वाले है या इसके बारे में और अधिक विस्तार से जानना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
यदि हम झुल्ता मीनार के इतिहास पर नजर डालें तो इसके निर्माण के पीछे दो दिलचस्प कहानियां सामने आती है। पहली कहानी की माने तो इस मस्जिद का निर्माण सुल्तान अहमद शाह के एक गुलाम सिदी बशीर द्वारा किया था, और यहीं से मस्जिद का नाम पड़ा। माना जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण 1452 तक पूरा हो गया था, बाद में 1753 में मराठों और गुज़रात सल्तनत के ख़ानों के बीच युद्ध के दौरान नष्ट हो गया।
दूसरी कहानी में कहा गया है कि मीनारें मलिक सारंग द्वारा बनाई गई एक मस्जिद के एक भाग के रूप में बनाई गई थीं, जो मुहम्मद बेगादा के दरबार में एक रईस था जो गुज़रात का था। मीनारों के निर्माण के लिए जिस शैली और सामग्री का उपयोग किया गया है, वह मुहम्मद बगदा के शासनकाल के करीब है, जिससे 1511 या उसके बाद इसका निर्माण हुआ। दुर्भाग्य से, मस्जिद के मुख्य निकाय को ध्वस्त करने के दौरान इसके नाम और तारीख के सभी निशान गायब हो गए हैं, जिससे मीनारों के इतिहास का पता लगाना बहुत मुश्किल हो गया है।
अहमदाबाद में स्थित झूलता मीनार भारत की सबसे आश्चर्यचकित कर देने वाली संरचनायों में से एक है जो मध्ययुगीन भारत की वास्तविक स्थापत्य कला का प्रदर्शन करती है जो राजपुताना प्रभावों के साथ गोथिक मुस्लिम तरीके से निर्मित हैं। ये मीनार 34 मीटर लंबी है और इसमें तीन मंजिला हैं। उनमें पत्थर से बनी अच्छी तरह से संतुलित बालकनियाँ शामिल हैं। इन बालकनियों का एकमात्र उद्देश्य मीनार की सीमा बनाना है।
मीनार को ऐसे इरादे से बनाया गया था कि मस्जिद के ऊपरी मेहराब पर थोड़ी मात्रा में बल लगाने से हर मीनार एक साथ हिलने डुलने लगेगी। इसलिए यह माना जाता है कि मीनारों का निर्माण प्राकृतिक आपदा के मामले में मस्जिद को किसी भी तरह की क्षति से बचने के मुख्य उद्देश्य से किया गया था।
झूलता मीनार का रहस्य काफी दिलचस्प है जिसके बारे में सुनकर आप भी शौक हो जायेगे जी हाँ इस मीनार कुछ ऐसी ही घटना जुडी हुई जिसने इस मीनार को काफी फेमस बना दिया है। इन मीनारों के बारे में कहाँ जाता है अगर इनमे से एक मीनार हिलती है तो कुछ सेकंड बाद दूसरी मीनार अपने आप ही हिलना शुरू हो जाती है। इन मीनारों के हिलने का कारण खोजने की कोशिश की गयी जिसमे कुछ शोधकर्ताओं की खोज में पाया गया है की इन मीनारों के निर्माण में लचीले पत्थरों का प्रयोग किया था जिससे ये मीनारें अनजाने में ही झूलने वाली बन गयीं थी।
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यदि आप इस अद्भुद और रहस्यमयी मीनार घूमने जाने की सोच रहे है और अपनी यात्रा पर जाने से पहले झूलता मीनार की टाइमिंग के बारे में जानना चाहते है तो हम आपको बता दे झूलता मीनार पर्यटकों के घूमने के लिए प्रतिदिन सुबह 5.30 बजे से शाम 9.00 बजे तक खुली रहती है आप इस दौरान कभी भी यहाँ घूमने आ सकते है।
बता दे झूलता मीनार में प्रवेश और घूमने के लिए कोई भी एंट्री फीस नही है आप बिना किसी शुल्क का भुगतान आराम से यहाँ घूम सकते है।
यदि आप अपने परिवार या दोस्तों के अहमदाबाद में झूलता मीनार घूमने जाने का प्लान बना रहे है, तो हम आपको बता दे अहमदाबाद में झूलता मीनार के अलावा भी अन्य आकर्षक पर्यटक स्थल मौजूद है जिन्हें आप अपनी झूलता मीनार की यात्रा के दौरान घूमने जा सकते हैं –
वैसे तो आप साल के किसी भी झूलता मीनार की यात्रा पर आ सकते है। लेकिन यदि आप झूलता मीनार के साथ साथ अहमदाबाद के अन्य पर्यटक स्थलों की यात्रा भी करना चाहते है तो उनके लिए आपको गर्मी के मौसम में बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान काफी अधिक हो जाता है। इसीलिए सर्दियों के महीने अहमदाबाद की यात्रा के लिए सबसे अच्छी महीने होते है।
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यदि आप अपनी फैमली या दोस्तों के साथ झूलता मीनार अहमदाबाद घूमने जाने का प्लान बना रहे है। और अहमदाबाद में किसी होटल की तलाश में हैं, तो हम आपको बता दें केरल की मशहूर वेम्बनाड झील के आसपास अहमदाबाद में आपको लो बजट से लेकर हाई बजट तक सभी प्रकार के होटल मिल जायेगे, जिनकी आप अपनी सुविधानुसार चुनाव कर सकते हैं।
झूलता मीनार अहमदाबाद की आकर्षण संरचना है जहाँ तक पहुचने के लिए आप अहमदाबाद के किसी भी हिस्से एक केब ऑटो या टेक्सी बुक कर सकते है। लेकिन उससे पहले आपको अहमदाबाद आना होगा जिसके लिए आप भारत के किसी भी शहर से फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग से यात्रा कर सकते है।
यदि आपने अहमदाबाद जाने के लिए फ्लाइट का सिलेक्शन किया है, तो हम आपको बता दे सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अहमदाबाद का अपना हवाई अड्डा है। जो भारत के कई प्रमुख शहरों से नियमित फ्लाइट्स से जुड़ा हुआ है। एक बार जब एयरपोर्ट पहुंच जाते है तो यहाँ से झूलता मीनार पहुंचने के लिए आप बस, टेक्सी या एक कैब बुक कर सकते है।
झूलता मीनार अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के माध्यम से पश्चिम रेलवे के माध्यम से अन्य सभी शहरों से जुड़ा हुआ है, जिसे कालूपुर स्टेशन भी कहा जाता है। कई एक्सप्रेस और सुपर फास्ट ट्रेनें अहमदाबाद को अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ती हैं। स्टेशन से बस, ऑटो और टैक्सी जैसे स्थानीय परिवहन आसानी से उपलब्ध हैं जिनसे आप आराम से झूलता मीनार जा सकते है।
अहमदाबाद अपने आसपास के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा काफी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है इसीलिए सड़क मार्ग या बस से झूलता मीनार की यात्रा करना काफी आसान है।
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Featured Image Credit : Bratati Sarkar
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