Hari Rai Temple In Hindi : हरि राय मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हिमाचल प्रदेश के चंबा शहर का प्रमुख मंदिर है जिसमें भगवान विष्णु अपने तीन अवतारों मानव, सूअर और शेर के रूप में विराजमान हैं। 11 वीं शताब्दी में निर्मित मंदिर में भगवान की मूर्ति को अंगूठियों, बाजुओं, मुकुट (सिर वाले गियर), मनके हार और कुंडल के साथ उत्कृष्ट रूप से सजाया गया है। इस मंदिर में भगवान विष्णु की एक और आकर्षक मूर्ति है जिसमें वे छह घोड़ों के रथ पर सवार हैं। यह मंदिर की सबसे उत्कृष्ट मूर्ति है जो कि एक शिकारा शैली की वास्तुकला है और माना जाता है कि यह भगवा रंग में लिपटी एकमात्र मूर्ति है।
यह मंदिर भगवा रंग के लेप में लिपटा हुआ क्षेत्र के अन्य मंदिरों से बिलकुल अलग है। इस मंदिर का का प्रवेश द्वार गंगा और यमुना की सुंदर मूर्तियों से सुसज्जित है। इसके अलावा मंदिर में भगवान शिव सूर्य, अरुणा, देवी उमा और नंदी की भी मूर्ति हैं। अगर आप हरि राय जाने के बारे में विचार बना रहे हैं और चंबा शहर के अन्य पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, यहाँ हम आपको हरि राय के पास के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में भी बता रहें हैं –
चंबा की यात्रा के लिए मार्च से जून सबसे अच्छा समय है क्योंकि इन महीनों में तापमान कम और सुखद रहता है। चंबा की घाटियों में गर्मी में रात ठंडी होती हैं। अगर आप एक ऑफबीट वेकेशन या हनीमून प्लान कर रहे हैं तो दोबारा मत सोचिए। यहाँ जुलाई मानसून की शुरुआत है और भारी बारिश होने की वजह से यहाँ की यात्रा करने की सलाह नहीं दी जाती। दिसंबर बर्फ प्रेमियों के लिए अच्छा समय है लेकिन इस दौरान यात्रा करते समय गर्म कपड़ें जरुर ले जाएँ, क्योंकि तापमान शून्य स्तर तक कम हो सकता है।
और पढ़े: मनसा देवी मंदिर हरिद्वार
हरि राय मंदिर चंबा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो शहर के केंद्र में स्थित है। अगर आप इस मंदिर के अलावा चंबा के अन्य पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी जरुर पढ़ें, क्योंकि यहाँ हमने हरि राय मंदिर के नजदीक के सभी पर्यटन स्थलों की जानकारी दी है।
मणिमहेश झील हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर उपखंड में 4,080 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। झील मणिमहेश कैलाश पर्वत की वर्जिन चोटी के निकट स्थित है, जिसे भगवान शिव का पवित्र निवास माना जाता है। यह झील पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को अपने आकर्षण से बेहद प्रभावित करती है। यह स्थान ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए बहतु खास है क्योंकि यहाँ पर 13 किलोमीटर का ट्रेकिंग मार्ग शामिल है। इस झील की यात्रा करने वाले पर्यटक यहाँ की मनमोहक पहाड़ियों और हरियाली को देखने के बाद पर्यटक थकान महसूस नहीं करते।
शक्ति देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य में चंबा क्षेत्र के भरमौर में स्थित है जो एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण उस समय किया गया था जब यहाँ पर लक्ष्मण मंदिर का निर्माण किया गया था। इस मंदिर को पहाड़ियों के तीर्थों के अच्छे नमूनों में से एक माना जाता है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। शक्ति देवी मंदिर समुद्र तल से 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। भरमौर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक होने की वजह से यह स्थान एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। इस मंदिर के अंदर मौजूद अन्य मूर्तियों में छह मुखी कार्तिकेय, चार भुजाओं वाले ब्रह्मा, तीन मुखी विष्णु, शिव और दुर्गा शामिल हैं।
चमेरा झील डलहौजी के पास चंबा जिले में सबसे खूबसूरत और समृद्ध प्राकृतिक झील है, जो अपने आकर्षण से पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। आपको बता दें कि चमेरा झील डलहौजी से 25 किमी की दूरी पर स्थित है जो वास्तव में चमेरा बांध द्वारा निर्मित एक जलाशय है और 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हिमाचल प्रदेश का यह लोकप्रिय पर्यटन स्थल यहाँ की यात्रा करने वाले सभी पर्यटकों को बेहद पसंद आता है। चमेरा झील यहाँ के ग्रामीणों के लिए आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है और यह रावी नदी द्वारा भरा जाता है।
और पढ़े: चमेरा झील घूमने की जानकारी और दर्शनीय स्थल
लक्ष्मी नारायण मंदिर चंबा के प्रमुख मंदिरों में से एक है। अगर आप चंबा की सैर के लिए आते हैं तो आप इस मंदिर की यात्रा भी कर सकते हैं। आपको बता दें कि लक्ष्मी नारायण मंदिर चंबा में सबसे पुराना और सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर को शिखर के आकार में बनाया गया है और इसमें भगवान विष्णु और शिव की छह मूर्तियाँ स्थित हैं। केंद्र में स्थित भगवान् विष्णु की मूर्ति को संगमरमर से उकेरा गया है।
और पढ़े: लक्ष्मी नारायण मंदिर घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल
चामुंडा देवी मंदिर शाह मदार रेंज के शीर्ष पर स्थित है। इस मंदिर से पर्यटक चंबा शहर के शानदार दृश्य को देख सकते हैं। चामुंडा देवी मंदिर को राजा उम्मेद सिंह द्वारा वर्ष 1762 में बनाया गया था। पाटीदार और लाहला के जंगल के बीच यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बना है, जिसकी विशाल छतें हैं। बानेर नदी के तट पर स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जिन्हें युद्ध की देवी के रूप में भी जाना जाता है। पहले इस मंदिर तक जाने के लिए पत्थरों से काटी गई 400 सीढियां चढ़ कर जाना पड़ता था लेकिन अब चंबा से 3 किलोमीटर लंबी कंक्रीट सड़क के माध्यम से आसानी से मंदिर तक पहुँचा जा सकता है। सात सौ साल पुराने मंदिर में पीछे की ओर एक गुफा जैसी संरचना है जिसको भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है।
और पढ़े: चामुंडा देवी मंदिर का इतिहास और कहानी
सुई माता मंदिर चंबा में साहो जिले में स्थित एक प्रमुख मंदिर है जिसको राजा वर्मन ने अपनी पत्नी रानी सुई की याद में बनवाया था जिसने अपने लोगों के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया था। शाह दरबार पहाड़ी के ऊपर स्थित इस मंदिर से नीचे की छोटी बस्तियों का शानदार दृश्य नजर आता है। सुई माता मंदिर परिसर को तीन भागों में विभाजित किया गया है जिसमें मुख्य मंदिर, एक चैनल और रानी सुई माता को समर्पित एक स्मारक भी शामिल है, जिसको उनके बलिदान के प्रतीक के रूप में माना जाता है। यात्री सुई माता मंदिर तक नीचे से एक मार्ग के साथ पक्की सीढ़ियों की मदद से पहुँच सकते हैं।
यह मंदिर यहाँ के स्थानीय लोगों का एक पूजा स्थल है। अप्रैल और मई के महीने में यहाँ आयोजित होने वाले वार्षिक मेले के समय बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। उत्सव के दौरान महिलाएं और छोटी लड़कियां रानी सुई के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए असाधारण रूप से तैयार होती हैं। इस वार्षिक त्योहार को बहुत उत्साह और धूम-धाम से मनाया जाता है।
और पढ़े: सुई माता मंदिर की जानकारी और प्रमुख पर्यटन स्थल
वज्रेश्वरी मंदिर चंबा में जनसाली बाजार के अंत में स्थित बिजली की देवी को देवी वज्रेश्वरी को समर्पित है। आपको बता दें कि यह मंदिर कम से एक हजार साल पुराना बताया जाता है। देवी वज्रेश्वरी को देवी पार्वती का रूप माना जाता है और उनकी पूजा यहां उनके उग्र रूप में की जाती है। यह मंदिर शिखर शैली की वास्तुकला में निर्मित है जो शानदार नक्काशियों, जटिल वुड वर्क और स्टोन वर्क के साथ सजा हुआ है। इस भव्य मंदिर की आंतरिक दीवारों पर विभिन्न हिंदू देवताओं और मूर्तियों की नक्काशी है।
यह मंदिर बजरेश्वरी मंदिर के रूप में भी लोकप्रिय है और इसकी दीवारों पर अठारह छोटे शिलालेख हैं। मंदिर में देवी दुर्गा की एक आकर्षक मूर्ति भी है जो भगवान विष्णु के साथ शेर पर बैठी हुई हैं। भगवान विष्णु की मूर्ति के तीन मुख है मानव, सूअर और सिंह। इस मंदिर में सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्यौहार अमावस्या है, जब देवी वज्रेश्वरी के सम्मान में विशाल मेला आयोजित किया जाता है। इस मंदिर का अगला प्रमख त्योहार नवरात्री है जिसे मार्च के महीने में भी मनाया जाता है।
और पढ़े: वज्रेश्वरी मंदिर के दर्शन की जानकारी और पर्यटन स्थल
18 वीं शताब्दी के मध्य में निर्मित चंबा पैलेस या अखंड चंडी पैलेस चंबा में स्थित सफेद रंग की इमारत है। टिबीगोन कला और वास्तुकला का एक शानदार प्रतिबिंब, इस शाही महल को मूल रूप से एक आवासीय भवन के रूप में राजा उम्मेद सिंह के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इस महल को टिश और मुगल बादशाहों द्वारा काफी बार पुनर्निर्मित और संशोधित किया गया था। इस महल में उन्होंने दरबार हॉल (जिसे मार्शल हॉल भी कहा जाता है) जेनाना महल और मुगल वास्तुकला के कई नमूने जोड़े हैं। अखंड चंडी महल में एक अलग हरे रंग की छत भी है, जो चंबा के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से रीगल भवन को दर्शाती है। यह पूरा भवन तीन भाग में विभाजित है, जिसमें बर्फ की आसान छाँव के लिए ढलानदार छतें हैं।
और पढ़े: अखण्ड चंडी महल घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल
चंबा हिमाचल प्रदेश का एक छोटा शहर है जो राज्य द्वारा संचालित बसों, टैक्सी, ऑटो और स्थानीय रिक्शा के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हरि राय मंदिर चौहान गेट के बगल में शहर के मध्य में स्थित है और उपरोक्त परिवहन विकल्पों में से किसी में भी पहुँचा जा सकता है।
अगर आप चबा के लिए हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहाँ के निकटतम हवाई अड्डों में पठानकोट (120 किलोमीटर), अमृतसर (220 किलोमीटर), कांगड़ा (172 किलोमीटर) और चंडीगढ़ (400 किलोमीटर) के नाम शामिल हैं। आपको इन सभी हवाई अड्डों से चंबा जाने के लिए बसें और कैब आसानी से उपलब्ध हैं।
HRTC (हिमाचल सड़क परिवहन निगम) पड़ोसी राज्यों दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से नियमित बसें चलाता है। जो राज्य के प्रमुख शहरों पठानकोट, शिमला, कांगड़ा, सोलन और धर्मशाला शहरों से होकर आती जाती है।
निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट में है, जो चंबा से लगभग 120 किलोमीटर दूर है। पठानकोट से चंबा के लिए बस और टैक्सी बहुत आसानी से उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप चंडीगढ़ तक या नई दिल्ली के लिए भी ट्रेन ले सकते हैं और फिर बस या कैब से यात्रा कर सकते हैं।
और पढ़े: ज्वाला देवी मंदिर कांगड़ा
इस आर्टिकल में आपने हरि राय मंदिर की जानकारी और इसके आसपास के पर्यटन स्थलों को जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…