लक्ष्मी नारायण मंदिर घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल – Laxmi Narayan Temple Chamba Information In Hindi

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Laxmi Narayan Temple In Hindi : लक्ष्मी नारायण मंदिर हिमाचल प्रदेश के चंबा शहर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। अगर आप चंबा की सैर के लिए आते हैं तो आप इस मंदिर की यात्रा भी कर सकते हैं। आपको बता दें कि लक्ष्मी नारायण मंदिर चंबा में सबसे पुराना और सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर को शिखर के आकार में बनाया गया है और इसमें भगवान विष्णु और शिव की छह मूर्तियाँ स्थित हैं। केंद्र में स्थित भगवान् विष्णु की मूर्ति को संगमरमर से उकेरा गया है।

बता दें कि लक्ष्मी नारायण मंदिर चंबा के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है, जो अपने महान ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला चमत्कार के लिए जाना जाता है। इस मंदिर के परिवार में अन्य मंदिर जैसे राधा कृष्ण मंदिर, चंद्रगुप्त का शिव मंदिर और गौरी शंकर मंदिर स्थित हैं। अगर आप लक्ष्मी नारायण मंदिर के इतिहास या इसके पास के पर्यटन स्थलों और मंदिरों के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, यहाँ हमने मंदिर के बारे में पूरी जानकारी दी है –

1. लक्ष्मी नारायण मंदिर का इतिहास – History Of Laxmi Narayan Temple In Hindi

लक्ष्मी नारायण मंदिर का इतिहास
Image Credit: Sourav Das

इतिहास की माने तो इस मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति एक दुर्लभ संगमरमर से बनी थी, जिसे विंध्याचल पर्वत से लाया गया था। ऐसा बताया जाता है कि इस क्षेत्र के पूर्व राजा- साहिल वर्मन ने संगमरमर लाने के लिए अपने आठ पुत्रों की बलि दी थी और आखिरकार उनके सबसे बड़े पुत्र, जिनका नाम युगकारा था, संगमरमर हासिल करने में सफल रहे। राजा पर भी लुटेरों द्वारा हमला किया गया था, लेकिन एक संत की मदद से, उसने अपने आप कोलुटेरों से बचाया था।

2. लक्ष्मी नारायण मंदिर के दर्शन का समय – Laxmi Narayan Temple Timings In Hindi

लक्ष्मी नारायण मंदिर के दर्शन का समय
Image Credit: Meet Savani

अगर आप चंबा के लक्ष्मी नारायण मंदिर के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो बता दें कि मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और फिर दोपहर 2:30 से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है। यह दिन में दो बार भक्तों के लिए खुला रहता है।

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3. लक्ष्मी नारायण मंदिर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय क्या है – What Is The Best Time To Visit Laxmi Narayan Temple In Hindi

लक्ष्मी नारायण मंदिर के लिए चंबा जाने का सबसे अच्छा मौसम अप्रैल से अक्टूबर के बीच होगा, लेकिन अगर आप चंबा के अन्य पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो मार्च से जून सबसे अच्छा समय है क्योंकि इन महीनों में तापमान कम और सुखद रहता है। चंबा की घाटियों में गर्मी में रात ठंडी होती हैं। अगर आप एक ऑफबीट वेकेशन या हनीमून प्लान कर रहे हैं तो दोबारा मत सोचिए। यहाँ जुलाई मानसून की शुरुआत है और भारी बारिश होने की वजह से यहाँ की यात्रा करने की सलाह नहीं दी जाती। दिसंबर बर्फ प्रेमियों के लिए अच्छा समय है लेकिन इस दौरान यात्रा करते समय गर्म कपड़ें जरुर ले जाएँ, क्योंकि तापमान शून्य स्तर तक कम हो सकता है।

4. लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल – Tourist Places To Visit Near Laxmi Narayan Mandir In Hindi

लक्ष्मी नारायण मंदिर चंबा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो शहर के केंद्र में स्थित है। अगर आप इस मंदिर के अलावा चंबा के अन्य पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी जरुर पढ़ें, क्योंकि यहाँ हमने लक्ष्मी नारायण मंदिर के नजदीक के सभी पर्यटन स्थलों की जानकारी दी है।

4.1 मणिमहेश झील – Manimahesh Lake In Hindi

मणिमहेश झील

मणिमहेश झील हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर उपखंड में 4,080 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। झील मणिमहेश कैलाश पर्वत की वर्जिन चोटी के निकट स्थित है, जिसे भगवान शिव का पवित्र निवास माना जाता है। यह झील पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को अपने आकर्षण से बेहद प्रभावित करती है। यह स्थान ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए बहतु खास है क्योंकि यहाँ पर 13 किलोमीटर का ट्रेकिंग मार्ग शामिल है। इस झील की यात्रा करने वाले पर्यटक यहाँ की मनमोहक पहाड़ियों और हरियाली को देखने के बाद पर्यटक थकान महसूस नहीं करते।

4.2 चमेरा झील – Chamera Lake In Hindi

चमेरा झील

चमेरा झील डलहौजी के पास चंबा जिले में सबसे खूबसूरत और समृद्ध प्राकृतिक झील है, जो अपने आकर्षण से पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। आपको बता दें कि चमेरा झील डलहौजी से 25 किमी की दूरी पर स्थित है जो वास्तव में चमेरा बांध द्वारा निर्मित एक जलाशय है और 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हिमाचल प्रदेश का यह लोकप्रिय पर्यटन स्थल यहाँ की यात्रा करने वाले सभी पर्यटकों को बेहद पसंद आता है। चमेरा झील यहाँ के ग्रामीणों के लिए आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है और यह रावी नदी द्वारा भरा जाता है।

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4.3 चामुंडा देवी मंदिर – Chamunda Devi Temple In Hindi

चामुंडा देवी मंदिर

चामुंडा देवी मंदिर शाह मदार रेंज के शीर्ष पर स्थित है। इस मंदिर से पर्यटक चंबा शहर के शानदार दृश्य को देख सकते हैं। चामुंडा देवी मंदिर को राजा उम्मेद सिंह द्वारा वर्ष 1762 में बनाया गया था। पाटीदार और लाहला के जंगल के बीच यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बना है, जिसकी विशाल छतें हैं। बानेर नदी के तट पर स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जिन्हें युद्ध की देवी के रूप में भी जाना जाता है। पहले इस मंदिर तक जाने के लिए पत्थरों से काटी गई 400 सीढियां चढ़ कर जाना पड़ता था लेकिन अब चंबा से 3 किलोमीटर लंबी कंक्रीट सड़क के माध्यम से आसानी से मंदिर तक पहुँचा जा सकता है। सात सौ साल पुराने मंदिर में पीछे की ओर एक गुफा जैसी संरचना है जिसको भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है।

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4.4 हरि राइ मंदिर – Hari Rai Temple In Hindi

हरि राइ मंदिर
Image Credit: Yogeshwar Mishra

हरि रिया मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित चंबा का के प्रमुख मंदिर है जिसमें भगवान विष्णु अपने तीन अवतारों मानव, सूअर और शेर के रूप में विराजमान हैं। मंदिर में भगवान की मूर्ति को अंगूठियों, बाजुओं, मुकुट (सिर वाले गियर), मनके हार और कुंडल के साथ उत्कृष्ट रूप से सजाया गया है। इस मंदिर में भगवान विष्णु की एक और आकर्षक मूर्ति है जिसमें वे छह घोड़ों के रथ पर सवार हैं। यह मंदिर की सबसे उत्कृष्ट मूर्ति है जो कि एक शिकारा शैली में वास्तुकला है और माना जाता है कि यह भगवा रंग में लिपटी एकमात्र मूर्ति है। इस मंदिर का का प्रवेश द्वार गंगा और यमुना की सुंदर मूर्तियों से सुसज्जित है। इसके अलावा मंदिर में भगवान शिव सूर्य, अरुणा, देवी उमा और नंदी की भी मूर्ति हैं।

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4.5 सुई माता मंदिर – Sui Mata Temple In Hindi

सुई माता मंदिर
Image Credit: Gourav Sharma

सुई माता मंदिर चंबा में साहो जिले में स्थित एक प्रमुख मंदिर है जिसको राजा वर्मन ने अपनी पत्नी रानी सुई की याद में बनवाया था जिसने अपने लोगों के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया था। शाह दरबार पहाड़ी के ऊपर स्थित इस मंदिर से नीचे की छोटी बस्तियों का शानदार दृश्य नजर आता है। सुई माता मंदिर परिसर को तीन भागों में विभाजित किया गया है जिसमें मुख्य मंदिर, एक चैनल और रानी सुई माता को समर्पित एक स्मारक भी शामिल है, जिसको उनके बलिदान के प्रतीक के रूप में माना जाता है। यात्री सुई माता मंदिर तक नीचे से एक मार्ग के साथ पक्की सीढ़ियों की मदद से पहुँच सकते हैं।

यह मंदिर यहाँ के स्थानीय लोगों का एक पूजा स्थल है। अप्रैल और मई के महीने में यहाँ आयोजित होने वाले वार्षिक मेले के समय बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। उत्सव के दौरान महिलाएं और छोटी लड़कियां रानी सुई के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए असाधारण रूप से तैयार होती हैं। इस वार्षिक त्योहार को बहुत उत्साह और धूम-धाम से मनाया जाता है।

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4.6 वज्रेश्वरी मंदिर – Shaktipeeth Shri Vajreshwari Devi Temple In Hindi

वज्रेश्वरी मंदिर
Image Credit: Sandeep Chaudhary

वज्रेश्वरी मंदिर चंबा में जनसाली बाजार के अंत में स्थित बिजली की देवी को देवी वज्रेश्वरी को समर्पित है। आपको बता दें कि यह मंदिर कम से एक हजार साल पुराना बताया जाता है। देवी वज्रेश्वरी को देवी पार्वती का रूप माना जाता है और उनकी पूजा यहां उनके उग्र रूप में की जाती है। यह मंदिर शिखर शैली की वास्तुकला में निर्मित है जो शानदार नक्काशियों, जटिल वुड वर्क और स्टोन वर्क के साथ सजा हुआ है। इस भव्य मंदिर की आंतरिक दीवारों पर विभिन्न हिंदू देवताओं और मूर्तियों की नक्काशी है। यह मंदिर बजरेश्वरी मंदिर के रूप में भी लोकप्रिय है और इसकी दीवारों पर अठारह छोटे शिलालेख हैं।

मंदिर में देवी दुर्गा की एक आकर्षक मूर्ति भी है जो भगवान विष्णु के साथ शेर पर बैठी हुई हैं। भगवान विष्णु की मूर्ति के तीन मुख है मानव, सूअर और सिंह। इस मंदिर में सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्यौहार अमावस्या है, जब देवी वज्रेश्वरी के सम्मान में विशाल मेला आयोजित किया जाता है। इस मंदिर का अगला प्रमख त्योहार नवरात्री है जिसे मार्च के महीने में भी मनाया जाता है।

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4.7 शिवशक्ति देवी मंदिर छतरी – Shivshakti Devi Temple Chhatrari In Hindi

शिवशक्ति देवी मंदिर छतरी
Image Credit: Varun Sharma

शक्ति देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य में चंबा क्षेत्र के भरमौर में स्थित है जो एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण उस समय किया गया था जब यहाँ पर लक्ष्मण मंदिर का निर्माण किया गया था। इस मंदिर को पहाड़ियों के तीर्थों के अच्छे नमूनों में से एक माना जाता है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। शक्ति देवी मंदिर समुद्र तल से 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। भरमौर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक होने की वजह से यह स्थान एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। इस मंदिर के अंदर मौजूद अन्य मूर्तियों में छह मुखी कार्तिकेय, चार भुजाओं वाले ब्रह्मा, तीन मुखी विष्णु, शिव और दुर्गा शामिल हैं।

4.8 अखंड चंडी महल – Akhand Chandi Palace In Hindi

अखंड चंडी महल
Image Credit: Himanshu Bizalwan

18 वीं शताब्दी के मध्य में निर्मित चंबा पैलेस या अखंड चंडी पैलेस चंबा में स्थित सफेद रंग की इमारत है। टिबीगोन कला और वास्तुकला का एक शानदार प्रतिबिंब, इस शाही महल को मूल रूप से एक आवासीय भवन के रूप में राजा उम्मेद सिंह के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इस महल को टिश और मुगल बादशाहों द्वारा काफी बार पुनर्निर्मित और संशोधित किया गया था। इस महल में उन्होंने दरबार हॉल (जिसे मार्शल हॉल भी कहा जाता है) जेनाना महल और मुगल वास्तुकला के कई नमूने जोड़े हैं। अखंड चंडी महल में एक अलग हरे रंग की छत भी है, जो चंबा के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से रीगल भवन को दर्शाती है। यह पूरा भवन तीन भाग में विभाजित है, जिसमें बर्फ की आसान छाँव के लिए ढलानदार छतें हैं।

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5. लक्ष्मी नारायण मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Laxmi Narayan Temple In Hindi

लक्ष्मी नारायण मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा गग्गल (कांगड़ा 135 किमी) और अमृतसर (220 कि.मी) में स्थित है। मंदिर का निकटतम ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन पठानकोट में 120 किमी है। आसपास के शहरों से मंदिर के लिए सड़क सुविधा अच्छी है क्योंकि यह राज्य का प्रत्येक भाग सड़कों से जुड़ा हुआ है। हिमाचल सड़क परिवहन निगम की बसें भी इस क्षेत्र में संचालित हैं जो लोगों की जरूरतों को पूरा करती हैं।

5.1 फ्लाइट से लक्ष्मी नारायण मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Laxmi Narayan Temple By Flight In Hindi

फ्लाइट से लक्ष्मी नारायण मंदिर कैसे पहुंचे

अगर आप चंबा के लिए हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहाँ के निकटतम हवाई अड्डों में अमृतसर (220 किलोमीटर), कांगड़ा (135 किलोमीटर) और चंडीगढ़ (400 किलोमीटर) के नाम शामिल हैं। आपको इन सभी हवाई अड्डों से चंबा जाने के लिए बसें और कैब आसानी से उपलब्ध हैं।

5.2 सड़क मार्ग से लक्ष्मी नारायण मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Laxmi Narayan Temple By Road In Hindi

सड़क मार्ग से लक्ष्मी नारायण मंदिर कैसे पहुंचे

HRTC (हिमाचल सड़क परिवहन निगम) पड़ोसी राज्यों दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से नियमित बसें चलाता है। जो राज्य के प्रमुख शहरों पठानकोट, शिमला, कांगड़ा, सोलन और धर्मशाला शहरों से होकर आती जाती है।

5.3 ट्रेन से लक्ष्मी नारायण मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Laxmi Narayan Temple By Train In Hindi

ट्रेन से लक्ष्मी नारायण मंदिर कैसे पहुंचे

निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट में है, जो चंबा से लगभग 120 किलोमीटर दूर है। पठानकोट से चंबा के लिए बस और टैक्सी बहुत आसानी से उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप चंडीगढ़ तक या नई दिल्ली के लिए भी ट्रेन ले सकते हैं और फिर बस या कैब से यात्रा कर सकते हैं।

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इस आर्टिकल में आपने लक्ष्मी नारायण मंदिर घूमने की जानकारी और आसपास के पर्यटन स्थल को जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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6. लक्ष्मी नारायण मंदिर का नक्शा – Laxmi Narayan Temple Map

7. लक्ष्मी नारायण मंदिर की फोटो गैलरी – Laxmi Narayan Temple Images

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