Gwalior Fort Information In Hindi : ग्वालियर किला भारत में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। ये किला मध्य भारत की सबसे प्राचीन जगह में से एक है। ग्वालियर फोर्ट मध्यप्रदेश स्टेट के ग्वालियर शहर में एक पहाड़ी पर स्थित है, जिसे “ग्वालियर का किला” के नाम से भी जाना-जाता है। इस किले की ऊंचाई 35 मीटर है। यह किला करीब 10वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। लेकिन इस किले में जो किला परिसर है उसके अंदर मिले शिलालेख और स्मारक इस बात का संकेत देते हैं कि ऐसा भी हो सकता है कि यह किला 6 वीं शताब्दी की शुरुआत में अस्तित्व में रहा हो। इस किले के इतिहास के अनुसार इसे विभिन्न शासकों द्वारा नियंत्रित किया गया है। अगर आप ग्वालियर की सेर करने आये हैं तो आप यहाँ स्थित ग्वालियर किला जरुर घूमे।
- ग्वालियर का किला क्यों प्रसिद्ध है – Gwalior Fort Is Famous For In Hindi
- ग्वालियर किले का इतिहास- Gwalior Fort History In Hindi
- ग्वालियर का किला किसने बनवाया था – Who Built Gwalior Fort In Hindi
- ग्वालियर के किले में घूमने की खास जगह – Best Places To Visit In Gwalior Kila In Hindi
- सिद्धाचल जैन मंदिर की गुफाएं – Siddhachal Jain Temple Caves Gwalior Madhya Pradesh
- उर्वशी मंदिर – Urvashi Temple Gwalior In Hindi
- गोपाचल पर्वत ग्वालियर – Gopachal Parvat History In Hindi
- तेली का मंदिर ग्वालियर का किला – Teli Ka Mandir Gwalior History In Hindi
- गरुड़ स्तंभ ग्वालियर – Garuda Monument Gwalior Fort In Hindi
- सहस्त्रबाहु (सास-बहू) मंदिर – Sahastrabahu (Sas-Bahu) Temple Gwalior Fort In Hindi
- दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारा ग्वालियर – Gurudwara Data Bandi Chhod Gwalior History In Hindi
- मान मंदिर महल ग्वालियर – Man Mandir Palace Gwalior Fort In Hindi
- जौहर कुंड ग्वालियर – Jauhar Kund Gwalior Fort In Hindi
- हाथी पोल गेट या हाथी पौर – Hathi Pol Gwalior Kila In Hindi
- कर्ण महल ग्वालियर – Karan Mahal Gwalior Madhya Pradesh In Hindi
- विक्रम महल – Vikram Mahal Gwalior In Hindi
- भीम सिंह राणा की छत्री – Chhatri Of Bhim Singh Rana Gwalior Fort In Hindi
- ग्वालियर के किले की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Gwalior Fort In Hindi
- ग्वालियर फोर्ट- रुकने के लिए जगह – Hotels In Gwalior In Hindi
- ग्वालियर का किला जाने के तरीके – How To Reach Gwalior Fort In Hindi
- ग्वालियर किला हवाई जहाज द्वारा कैसे जाएँ- How To Reach Gwalior Fort By Airplane In Hindi
- ट्रेन द्वारा ग्वालियर किला कैसे पहुंचे – How Can I Go To Gwalior By Train In Hindi
- सड़क मार्ग से ग्वालियर किला कैसे पहुंचे – How To Reach Gwalior Fort By Road In Hindi
- ग्वालियर किला का पता- Gwalior Fort Location
- ग्वालियर किला की फोटो – Gwalior Fort Photo Gallery
1. ग्वालियर का किला क्यों प्रसिद्ध है – Gwalior Fort Is Famous For In Hindi
ग्वालियर के किले को भारत का “जिब्राल्टर” भी कहा जाता है। ग्वालियर का किला भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण किले में से एक है। इस किले को बड़े ही रक्षात्मक तरीके से बनाया गया है, इस किले के दो मुख्य महल है एक गुजरी महल और दूसरा मान मंदिर हैं। इन दोनों को मान सिंह तोमर (शासनकाल 1486-1516 सीई) में बनवाया था। गुजरी महल को रानी मृगनयनी के लिए बनवाया गया था। दुनिया में “शून्य” का दूसरा सबसे पुराना रिकॉर्ड इस मंदिर में पाया गया है। जो इस किले के शीर्ष रास्ते पर मिलता है। इसके शिलालेख लगभग 1500 साल पुराने हैं।
2. ग्वालियर किले का इतिहास- Gwalior Fort History In Hindi
ग्वालियर का किला या फोर्ट भारत के राज्य मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में पहाड़ पर स्थित है, इस किले को भारत का सबसे बड़ा किला माना जाता है, इस स्थान के महत्व को अमर बनाने के लिए भारतीय डाक सेवा द्वारा एक डाक टिकट जारी किया गया है। ग्वालियर में सांस्कृतिक विरासत और साम्राज्यवाद बड़ी विविधता है। क्योंकि ये किला बेहद पुराना है और इस किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था और तब से कई राजाओं ने मुगलों और ब्रिटिशों के साथ मिलकर इस जगह पर राज किया और उन्होंने यहाँ कई स्थानों का निर्माण भी करवाया। इस किले को लेकर बताया जाता है कि मुगल सम्राट बाबर ने यहाँ के बारे में कहा था कि यह हिंद के किलों के गले में मोती के सामान है।
किले के इतिहास दो भागो में बंटा हुआ है जिसमें एक हिस्सा मान मंदिर पैलेस और दूसरा एक गुर्जरारी महल है।
3. ग्वालियर का किला किसने बनवाया था – Who Built Gwalior Fort In Hindi
इस किले का पहला भाग शुरुआती तोमर शासन में बनवाया गया था और दूसरा भाग जिसका नाम गुर्जरी महल है वो राजा मान सिंह तोमर ने 15वीं शताब्दी में अपनी प्रिय रानी, मृगनयनी के लिए बनाया गया था। अब यह संग्रहालय और महल है। एक रिसर्च में यह बताया गया है कि 727 ईस्वी में निर्मित किले के बारे में कहा गया था कि इस किले का इतिहास ग्वालियर पूर्व राज्य से जुड़ा हुआ है और इस पर कई राजपूत राजाओं ने राज किया है।
इसमें एक चतुर्भुज मंदिर है जो भगवान् विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर को 875 ईस्वी में बनवाया गया था। इस मंदिर संबंध तेली के मंदिर से है। प्राप्त दस्तावेज की माने तो 15वीं शताब्दी से पहले ग्वालियर पर कछवाह, पाल वंश, प्रतिहार शासकों, तुर्क शासकों, तोमर शासकों जैसे राजवंशों का शासन किया था।
1519 में लोधी राजवंश से इब्राहिम लोधी ने किला जीता था इसके बाद उसकी मृत्यु के बाद मुगल सम्राट ने किले पर अधिकार कर लिया, लेकिन उसके बाद शेरशाह सूरी ने मुगल सम्राट के पुत्र हुमायूँ को हरा कर इस किले पर अपना कब्जा कर लिया और बाद में यह किला सूरी वंश के शासनकाल में आया।
1540 में उनके बेटे इस्लाम शाह ने अपनी राजधानी को दिल्ली से ग्वालियर बना दी, क्योंकि यह पश्चिम से से होने वाले लगातार हमलो से बचने के लिए यह एक सुरक्षित जगह थी। जब वर्ष 1553 इस्लाम शाह की मृत्यु हो गई, तब उनके अधिकारी आदिल शाह सूरी ने हिन्दू योद्धा हेम चंद्र विक्रमादित्य को राज्य का प्रधानमंत्री सेना प्रमुख रखा। बाद में हेम चंद्र विक्रमादित्य ने आदिल शाह शासन पर हमला किया और उन्हें 22 बार हराया। 1556 में आगरा और दिल्ली में अकबर की सेनाओं को युद्ध में हारने के बाद उन्होंने उत्तर भारत में विक्रमादित्य राजा के रूप में ‘हिंदू राज’ की स्थापना की और 07 अक्टूबर, 1556 को नई दिल्ली में पुराण किला में उनका राज्याभिषेक किया था।
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4. ग्वालियर के किले में घूमने की खास जगह – Best Places To Visit In Gwalior Kila In Hindi
अगर आप किसी अच्छी जगह घूमना चाहते हैं और आपको इतिहास जानने के बारे में दिलचस्पी है, तो ग्वालियर से अच्छी आपके लिए कोई नहीं है। ग्वालियर का किला पूरे भारत में एक मोती के सामान है। यहाँ के किले की बनावट आने वाले पर्यटकों को बेहद लुभाती है। यहाँ हम ग्वालियर के किले की उन जगह की जानकारी दे रहे हैं, जहाँ आपको एक बार जरुर जाना चाहिए।
5. सिद्धाचल जैन मंदिर की गुफाएं – Siddhachal Jain Temple Caves Gwalior Madhya Pradesh
सिद्धाचल जैन मंदिर की गुफाएं 7 वीं से 15 वीं शताब्दी में बनाई गई थीं। ग्वालियर फोर्ट के अंदर ग्यारह जैन मंदिर हैं जो जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं। इसके दक्षिणी ओर तीर्थंकरों की नक्काशी के साथ चट्टान से काटे गए 21 मंदिर हैं। इन मंदिरों में टालस्ट आइडल, ऋषभनाथ या आदिनाथ की छवि है, जो जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर है, यह मंदिर 58 फीट 4 इंच (17.78 मीटर) ऊँचा है।
6. उर्वशी मंदिर – Urvashi Temple Gwalior In Hindi
उर्वशी किले में एक मंदिर है जिसमें विभिन्न मुद्राओं में बैठे तीर्थंकरों की कई मूर्तियाँ हैं। पद्मासन की मुद्रा में जैन तीर्थंकरों की 24 मूर्तियाँ विराजमान हैं। 40 मूर्तियों का एक और समूह कैयोट्सार्गा की स्थिति में बैठा है। दीवारों में खुदी हुई मूर्तियों की संख्या 840 है। उर्वशी मंदिर की सबसे बड़ी मूर्ति उर्वशी गेट के बाहर है जो 58 फीट 4 इंच ऊंची है और इसके अलावा पत्थर-की बावड़ी (पत्थर की टंकी) में पद्मासन में 35 फीट ऊंची मूर्ति है।
7. गोपाचल पर्वत ग्वालियर – Gopachal Parvat History In Hindi
ग्वालियर का प्रसिद्ध किला भी इसी पर्वत पर स्थित है। गोपाचल पर्वत पर लगभग 1500 मूर्तियाँ हैं इनमे 6 इंच से लेकर 57 फीट की ऊँचाई तक के आकर की मूर्ति है। इन सभी मूर्तियों का निर्माण पहाड़ी चट्टानों को काटकर किया गया है, ये सभी मूर्ति देखने में बहुत ही कलात्मक हैं। इनमे से ज्यादातर मूर्तियों का निर्माण तोमर वंश के राजा डूंगर सिंह और कीर्ति सिंह (1341-1479) के काल में हुआ था। यहां पर एक भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन मुद्रा में बहुत ही सुंदर और चमत्कारी मूर्ति है, जिसकी ऊँचाई 42 फीट और चौड़ाई 30 फीट है।
ऐसा बताया जाता है की 1527 में मुगल सम्राट बाबर ने किले पर कब्जा करने के बाद अपने सैनिकों को मूर्तियों को तोड़ने का आदेश दिया, लेकिन जैसे ही उसके सैनिकों ने अंगूठे पर प्रहार किया तो एक ऐसा चमत्कार हुआ जिसने आक्रमणकारियों को भागने के लिए मजबूर कर दिया। मुगलों के काल जिन मूर्तियों तोड़ दिया गया था, उन मूर्तियों के टूटे हुए टुकड़े यहाँ और किले में फैले हुए हैं।
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8. तेली का मंदिर ग्वालियर का किला – Teli Ka Mandir Gwalior History In Hindi
तेली का मंदिर का निर्माण प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज ने करवाया था। यह तेली का मंदिर एक हिंदू मंदिर है। यह मन्दिर विष्णु, शिव और मातृका को समर्पित किया गया है। इस मंदिर को प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज ने बनवाया था। यह किले का सबसे पुराना भाग है इसमें दक्षिण और उत्तर भारतीय स्थापत्य शैली का मिश्रण है। इसकी आयताकार संरचना के अंदर स्तंभ है जिसमें बिना खंभे वाला मंडप और शीर्ष पर दक्षिण भारतीय बैरल-वॉल्टेड छत है। इसमें उत्तर भारतीय शैली में एक चिनाई वाली मीनार है, इस मीनार की ऊँचाई 25 मीटर (82 फीट) है। इस मंदिर की बाहरी दीवारों में मूर्तियों को रखा गया था। बता दें कि तेली का मंदिर को तेल के आदमी का मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर पहले भगवन बिष्णु का मंदिर था जो कि बाद में भगवन शिव का मंदिर बन गया। इस मंदिर के अंदर देवी, साँपों, प्रेमी जोड़े और मनुष्य की मूर्तियाँ है। यह मंदिर पहले विष्णु का मदिर था लेकिन मुस्लिम आक्रमण के समय इसे नष्ट कर दिया गया था। बाद में इसे शिव मंदिर के रूप में फिर से बनाया गया।
9. गरुड़ स्तंभ ग्वालियर – Garuda Monument Gwalior Fort In Hindi
गरूड़ स्मारक, तेली का मंदिर मंदिर करीब है। यह स्मारक भगवन विष्णु को समर्पित है जो किले में सबसे ऊंचा है। इस स्तंभ में मुस्लिम और भारतीय दोनों ही वास्तुकला का मिश्रण है। तेली शब्द की उत्पत्ति हिंदू शब्द ताली से हुई है। यह पूजा के समय इस्तेमाल की जाने वाली घंटी है।
10. सहस्त्रबाहु (सास-बहू) मंदिर – Sahastrabahu (Sas-Bahu) Temple Gwalior Fort In Hindi
सास-बहू मंदिर कच्छपघाट वंश द्वारा 1092-93 में बनाया गया था। यह मंदिर विष्णु को समर्पित है। इसका आकार पिरामिड नुमा है, जो लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है।
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11. दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारा ग्वालियर – Gurudwara Data Bandi Chhod Gwalior History In Hindi
यह सिखों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण जगह है। दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारा, गुरु हरगोबिंद सिंह की याद में वर्ष 1970 में बनाया गया था। गुरुद्वारा दाता बांदी छोर का निर्माण उस जगह पर किया गया था जहां सिखों के 6 वें गुरु हरगोबिंद साहिब को गिरफ्तार किया गया था और 1609 में मुगल सम्राट जहांगीर ने 14 साल की उम्र में उनके पिता, 5 वें सिख गुरु अर्जन पर जुर्माना लगाया था जिसका भुगतान सिखों और गुरु हरगोबिंद द्वारा किया गया था। जहाँगीर ने गुरु गोबिंद साहिब को दो साल तक कैद में रखा था।
जब उन्हें कैद से मुक्त किया गया था तो उन्होंने अपने साथ बंधी बने 52 कैदियों को छोड़ने की प्रार्थना की। यह 52 कैदी हिन्दू राजा थे। जहाँगीर ने आदेश किया कि जो भी राजा गुरु का जामा पहनेगा उसे छोड़ दिया जायेगा। इसके बाद गुरु का नाम दाता बांदी छोर पड़ गया।
12. मान मंदिर महल ग्वालियर – Man Mandir Palace Gwalior Fort In Hindi
मान मंदिर की कलात्मकता और कहानी यहाँ आने वाले पर्यटकों को बेहद लुभाती है। मान मंदिर महल तोमर वंश के राजा महाराजा मान सिंह ने 15 वीं शताब्दी में अपनी प्रिय रानी मृगनयनी के लिए बनवाया था। इसके बाद यह दिल्ली सल्तनत, राजपूतों, मुग़ल, मराठा, ब्रिटिश और सिंधिया के काल से होकर गुजरा है। यह मंदिर को एक प्रिंटेड पैलेस रूप में जाना जाता है क्योंकि मान मंदिर पैलेस स्टाइलिश टाइलों के उपयोग किया गया है। इस मंदिर को पेटेंट हाउस भी कहा जाता है क्योंकि इनमे फूलो पत्तियों मनुष्यों और जानवरों के चित्र बने हुए हैं। जब आप इस महल के अंदर जायेगे तो आपको एक यहाँ आपको एक गोल काराग्रह मिलेगा, इस जगह औरंगजेब ने अपने भाई मुराद की हत्या की थी। इस महल में एक तालाब भी है जिसका नाम जौहर कुंड है। यहां पर राजपूतो के पत्नियां सती होती थी।
13. जौहर कुंड ग्वालियर – Jauhar Kund Gwalior Fort In Hindi
जौहर कुंड मान महल मंदिर के अंदर उपस्थित है। इस कुंड को लेकर एक अलग ही कहानी सामने आती है जो आपको इसके बारे और भी जानने के लिए मजबूर कर देगी बता दें कि जौहर का अर्थ होता है आत्महत्या। जौहर कुंड वो जगह है जहाँ पर इल्तुतमिश के आक्रमण के समय राजपूतों की पत्नियों ने अग्नि में कूदकर अपनी जान दे दी थी। जब 1232 में ग्वालियर के राजा हार गए थे तो बहुत बड़ी संख्या में रानियों ने जौहर कुंड में अपने प्राण दे दिए थे।
14. हाथी पोल गेट या हाथी पौर – Hathi Pol Gwalior Kila In Hindi
हाथी पोल गेट किले के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इस गेट को राव रतन सिंह ने बनवाया था। यह गेट मैन मंदिर महल की ओर जाता है। यह सात द्वारों की श्रृंखला का आखिरी द्वारा है। इसका नाम हाथी पोल गेट इसलिए रखा गया है कि इसमें दो हाथी बिगुल बजाते हुए एक मेहराब बनाते हैं। यह गेट देखने में बेहद आकर्षक लगता है।
15. कर्ण महल ग्वालियर – Karan Mahal Gwalior Madhya Pradesh In Hindi
कर्ण महल, ग्वालियर किले का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्मारक है। तोमर वंश के दूसरे राजा कीर्ति सिंह ने कर्ण महल का निर्माण करवाया था। राजा कीर्ति सिंह को कर्ण सिंह के नाम से भी जाना जाता था, इसलिए इस महल का नाम कर्ण महल रखा गया।
16. विक्रम महल – Vikram Mahal Gwalior In Hindi
विक्रम महल को विक्रम मंदिर के नाम से भी जाना-जाता है क्योंकि महाराजा मानसिंह के बड़े बेटे विक्रमादित्य सिंह ने इस मंदिर को बनवाया था। विक्रमादित्य सिंह, शिव जी का भक्त था। मुगल काल समय इस मंदिर को नष्ट कर दिया गया था, लेकिन बाद इसके विक्रम महल के सामने खुली जगह में फिर से स्थापित किया गया है।
17. भीम सिंह राणा की छत्री – Chhatri Of Bhim Singh Rana Gwalior Fort In Hindi
इस छत्री को गुबंद के आकर में गोहद राज्य के शासक भीम सिंह राणा (1707-1756) के स्मारक के रूप में बनाया गया था। इसका निर्माण उनके उत्तराधिकारी छत्र सिंह ने बनवाया था। बता दें कि जब मुगल सतप, अली खान ने आत्मसमर्पण किया था तो 1740 में भीम सिंह ने ग्वालियर किले पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद 1754 में भीम सिंह ने किले में एक स्मारक के रूप में भीमताल (एक झील) का निर्माण किया। इसके बाद उनके उत्तराधिकारी छत्र सिंह ने भीमताल के पास स्मारक छतरी का निर्माण कराया।
18. ग्वालियर के किले की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Gwalior Fort In Hindi
अगर आप ग्वालियर का किला घूमना चाहते है तो आप यहाँ किसी भी मौसम में आ सकते हैं, क्योंकि यह किला पूरे साल पर्यटकों के लिए खुला रहता है। अगर मौसम के हिसाब से देखा जाए तो आप दिसंबर से लेकर फरवरी या मार्च तक यहां आ सकते हैं। इन महीनो में यहां सर्दियों का मौसम होता है। इस मौसम में ग्वालियर फोर्ट की सैर करना आपके लिए बेहद यादगार साबित हो सकता है। अप्रैल-मई में यहां गर्मियों का मौसम होता है, जिसके दौरान तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या इससे भी अधिक हो जाता है। जुलाई से अक्टूबर तक यहां बारिश होती है क्योंकि यह मध्य भारत के मानसून का मौसम है। यहां ज्यादातर पर्यटक अक्टूबर से मार्च तक आते हैं क्योंकि इस क्षेत्र में जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम इन्ही महीनो में होता है।
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19. ग्वालियर फोर्ट- रुकने के लिए जगह – Hotels In Gwalior In Hindi
ग्वालियर में पर्यटकों को बजट श्रेणी के और लक्जरी होटल दोनों मिल जाते हैं। यहाँ रुकने लिए आप ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से होटल बुक कर सकते हैं। यहाँ आपको 700 से लेकर 3000 रूपये तक अच्छे होटल मिल जाते हैं।
20. ग्वालियर का किला जाने के तरीके – How To Reach Gwalior Fort In Hindi
ग्वालियर का किला मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में है। यहाँ पर आप हवाई जहाज, ट्रेन और बस तीनो तरीके से पहुंच सकते हैं, जिसकी जानकारी हम आपको बताने जा रहे हैं।
21. ग्वालियर किला हवाई जहाज द्वारा कैसे जाएँ- How To Reach Gwalior Fort By Airplane In Hindi
ग्वालियर में हवाई अड्डा भी है जो शहर के बीच से सिर्फ 8 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से आपको कई स्थानीय टैक्सियाँ और बसें मिल जाती हैं। अगर आपको हवाई अड्डे पर जाना है तो आप टैक्सियों और बसों की सहायता से पहुँच सकते हैं। ग्वालियर से आपको दिल्ली, आगरा, इंदौर, भोपाल, मुंबई, जयपुर और वाराणसी के लिए फ्लाइट मिल जाएगी। ग्वालियर से लगभग 321 किमी दूर दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह दूसरे देशो से ग्वालियर फोर्ट घूमने आने वाले यात्रियों के लिए सबसे अच्छा हवाई अड्डा है।
22. ट्रेन द्वारा ग्वालियर किला कैसे पहुंचे – How Can I Go To Gwalior By Train In Hindi
ग्वालियर दिल्ली-चेन्नई और दिल्ली-मुंबई रेल लाइन का एक प्रमुख रेल जंक्शन है। यहाँ पर भारत के लगभग सभी महत्वपूर्ण शहरों और पर्यटन स्थलों से ट्रेन आती है। दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत से आने वाली ट्रेनें ग्वालियर शहर से होकर गुजरती और रूकती भी हैं। जो भी लोग ग्वालियर किला घूमने का प्लान बना रहे हैं उन्हें दिल्ली, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, जयपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, भरतपुर, मुंबई, जबलपुर, इंदौर, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, नागपुर, भोपाल, आदि से सीधी ट्रेन मिल जाएगी।
23. सड़क मार्ग से ग्वालियर किला कैसे पहुंचे – How To Reach Gwalior Fort By Road In Hindi
आगरा के पास का एक मुख्य पर्यटक स्थल होने के वजह से ग्वालियर की सड़क परिवहन बहुत अच्छी है। यहाँ की सड़कें काफी अच्छी है,जो आपको एक उत्तम और एक आरामदायक यात्रा का अनुभव कराएगी। ग्वालियर के लिए आपको निजी डीलक्स बस और राज्य की सरकारी बसों दोनों की सुविधा मिल जाएगी। ग्वालियर के पास कुछ खास पर्यटन स्थल हैं जहाँ से आपको यहाँ के लिए डायरेक्ट बस मिल सकती है। इन पर्यटन स्थलों के नाम है नई दिल्ली (321 किलोमीटर), दतिया (75 किलोमीटर), आगरा (120 किलोमीटर), चंबल अभयारण्य (150 किलोमीटर), शिवपुरी (120 किलोमीटर), ओरछा (150 किमी) जैसे सड़क मार्ग से आसानी से जा सकते हैं), इंदौर 486 किलोमीटर) और जयपुर (350 किलोमीटर)। पर्यटन स्थान होने के साथ ही ग्वालियर एक मुख्य प्रशासनिक और सैन्य केंद्र भी है, इसलिए यह यहाँ के आस-पास के शहरों और गांव से सड़क के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
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24. ग्वालियर किला का पता- Gwalior Fort Location
25. ग्वालियर किला की फोटो – Gwalior Fort Photo Gallery
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