Gangotri Dham In Hindi : गंगोत्री धाम उत्तरकाशी में स्थित एक तीर्थस्थल हैं यह स्थान चार धामों में से एक हैं। गंगोत्री धाम के बारे में एक पौराणिक कथा प्रचलित हैं, जिसमे राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजो के पापो को धोने के लिए देवी गंगा को धरती पर लाने के लिए तपस्या की और जल के रूप में देवी गंगा ने भगवान शिव की जटाओं से होते हुए धरती तक का सफ़र तय किया। यही से हिमालय का हिमनद भी निकला हैं जिसे भागीरथी भी कहां जाता हैं।
देवप्रयाग से गुजरने और अलकनंदा नदी में विलीन होने के बाद इस नदी का नाम गंगा रखा जाता हैं। गंगोत्री धाम पर्यटकों के लिए अतिप्रिय तीर्थ स्थल है, यहां आने वाले पर्यटकों की तादाद वर्ष भर बहुत अधिक होती हैं। यदि आप भी इस पावन धाम की यात्रा का विचार बना रहे हैं, तो हमारे इस लेख को एक बार जरूर पढ़े –
गंगोत्री धाम की यात्रा पर आने वाले पर्यटक इस पावन भूमि पर कई ऐसे धार्मिक और आकर्षित स्थलों पर घूमने जा सकते हैं जोकि गंगोत्री के आसपास स्थित हैं। तो आइए हम आपको गंगोत्री यात्रा के दौरान घूमने लायक स्थानों की सैर अपने इस आर्टिकल के माध्यम से कराते हैं।
भोजबासा गंगोत्री यात्रा में बीहड़ इलाकों पर एक सुंदर स्थान है और यह समुद्र तल से 3,775 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गंगोत्री से शुरू करके भोजबासा तक 14 किलोमीटर लम्बी ट्रेक के माध्यम से पहुंचा जा सकता हैं। यह रास्ता बीहड़ इलाकों से होते हुए भागीरथी नदी तक जाता है।
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गंगोत्री धाम की यात्रा के दौरान गंगनानी शहर उत्तरकाशी से गंगोत्री जाने वाले मार्ग पर लगभग 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक आकर्षित पर्यटक स्थल है। माना जाता हैं कि यह स्थान आध्यात्मिक रूप से इच्छुक और मन की शांति के लिए एक आदर्श स्थान है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श माना गया हैं। उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी में स्थित शानदार पहाड़ो के साथ-साथ यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
गंगोत्री धाम की यात्रा में 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री मंदिर देवी गंगा को समर्पित किया गया यहां का सबसे ऊंचा मंदिर हैं और यह उत्तराखंड राज्य के चार धाम यात्रा चार छोटे तीर्थ स्थलों में से एक है। देवी गंगा को श्रद्धेय गंगा नदी का उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है। यह शांतिपूर्ण सफेद मंदिर यहां के देवदार, पाइंस और ग्रेटर हिमालयन पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां की पवित्र नदी भागीरथी हैं जो गंगा नदी की दो प्रमुख धाराओं में से एक है और गंगोत्री मंदिर के पास से बहती है।
भैरोंघाटी उत्तराखंड राज्य के उत्तरी पहाड़ों में जाध गंगा और भागीरथी नदियों के तट पर एक छोटी सी बस्ती है। यह स्थान अपनी सुन्दरता के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
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गंगोत्री धाम के प्रमुख आकर्षण में से एक जलमग्न शिवलिंग एक प्रसिद्ध शिवलिंग है। जोकि गर्मियों के दौरान गंगोत्री में डूबा रहता है। पर्यटक दूर-दूर से इस दर्शनीय शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आते हैं।
हरसिल पर्यटन स्थल उत्तराखंड राज्य का एक आकर्षित और छिपा हुआ गहना है। जोकि शांति की कामना करने वाले पर्यटकों के लिए हिमालय की गोद में स्थित एक शानदार टूरिस्ट प्लेस हैं। हरसिल पर्यटन स्थल की ऊंचाई समुद्र तल से 2620 मीटर की ऊंचाई पर भागीरथी नदी के किनार पर स्थित हैं। ट्रेकिंग करने के लिए हरसिल में कई साहसिक मार्ग हैं।
गंगोत्री पर्यटन में शामिल धराली गंगा नदी के शांत तट पर स्थित एक सुरम्य शहर है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 648 मीटर है और यह राजगढ़ी तहसील में स्थित है। धराली की परियों की कहानी शहर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। धराली अपने शानदार स्वादिष्ट सेब के बागों और राजमा की खेती के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
सूर्यकुंड उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित प्रसिद्ध गंगोत्री मंदिर के पास एक श्रद्धालु तीर्थ स्थल है। गंगोत्री मंदिर जाने वाले तीर्थयात्री भगवान सूर्यनारायण को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस पवित्र स्थान पर जाते हैं।
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गंगोत्री पर्यटन स्थल में गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय के सबसे बड़े ग्लेशियरों में से एक है और यह भारत वर्ष की सबसे बड़ी नदी गंगा का प्राथमिक स्रोत के रूप में जाना जाता है। यह शानदार ग्लेशियर लगभग 30 किलोमीटर लंबा और 4 किलोमीटर चौड़ा पर्यटन स्थल है। गंगोत्री ग्लेशियर की ऊंचाई समुद्र तल से 4238 मीटर हैं और यह भागीरथी ग्लेशियर चौखम्बा प्रारंभ होकर गौमुख में मिल जाता है।
गंगोत्री धाम की यात्रा के दौरान समुद्र तल से 4425 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारताल यहां का एक प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। केदारताल अपने ठंडे पानी और लगभग 18 किलोमीटर तक फैली रोलिंग पहाड़ियों पर एक शानदार ट्रेकिंग के लिए जाना जाता हैं।
गंगोत्री पर्यटन में 3204 मीटर की ऊंचाई पर इस स्पार्कलिंग डोडी ताल झील का नजारा देखने लायक होता हैं और यह गंगोत्री धाम की यात्रा में एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता हैं। शिविर और विश्राम के लिए इस झील के आसपास छोटे लॉग केबिन पर्यटकों को मिल जाते हैं। आप यहाँ पर मछली पकड़ने की अनुमति प्रभागीय वनाधिकारी से प्राप्त कर सकते है। डोडी ताल तक लगभग 16 किलोमीटर तक का सफ़र पर्यटक लुत्फ उठाते हुए पूरा कर सकते हैं।
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गंगोत्री पर्यटन में शामिल ऑडेन का कोल ट्रेक हर अनुभवी ट्रेकर और पर्वतारोही के लिए एक शानदार ड्रीम ट्रेक है। इसकी खोज पहली बार वर्ष 1935 में जॉन बिकनेल ऑडेन द्वारा की गई थी। यह पर्यटन स्थल निशान अल्पाइन पेड़ों के घने जंगलो से होकर गुजरता है।
गंगोत्री धाम के पर्यटन स्थल में दायरा बुग्याल यहां आने वाले टूरिस्ट के बीच बहुत अधिक लौकप्रिय हैं। दायरा बुग्याल समुद्र तल से 3950 मीटर की उंचाई पर स्थित एक व्यापक मैदान हैं। दायरा बुग्याल हरे-भरे घास के मैदान, मन्त्र मुग्ध कर देने वाली हवा और खूबसूरत पहाड़ी क्षेत्र है। बुग्याल शब्द का अर्थ यहां की स्थानीय भाषा के अनुसार ऊंचाई वाला घास का मैदान होता हैं।
गौमुख तपोवन ट्रेक करने के लिए उत्तरांचल में स्थित भारत की एक शानदार डेस्टिनेशन हैं। इस स्थान पर होने वाली ट्रेक में चिरबासा में शंकुधारी चीड़ के पेड़ों उद्यान से होते हुए भोजबासा में बिर्च के दौरान हर आकर्षित ट्रेकिंग का आनंद आप उठा सकते हैं। यहां की ऊँची-ऊँची चोटी पर बैठकर ब्लू माउंटेन बकरियों के झुंडों का दृश्य देखने लायक होता हैं।
उत्तरांचल राज्य में स्थित गंगोत्री धाम यात्रा का पर्यटन स्थल तपोवन अपने हॉट स्प्रिंग्स के लिए सबसे प्रसिद्ध डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन स्प्रिंग्स में औषधीय गुणों का समावेश होता हैं और यह त्वचा रोग के लिए बहुत अधिक लाभकारी होती हैं। इस स्थान से नंदादेवी और द्रोणागिरी चौकुम्भा जैसी खूबसूरत पहाड़ियों का दृश्य देखने को मिलता हैं।
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गंगोत्री पर्यटन स्थल में शामिल जोगिन एबीसी एक शानदार कैंपसाइट है, जोकि 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। जोगिन पर्यटन स्थल शानदार चोटियों के दृश्य को प्रस्तुत करते है।
गंगोत्री नेशनल पार्क भारत के उत्तराखंड राज्य में उत्तरकाशी जिले में स्थित एक शानदार पर्यटन स्थल है। इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम गंगोत्री ग्लेशियर से सम्बंधित है। इस स्थान पर ट्रेकिंग का मजा भी लिया जा सकता हैं। हिन्दू धर्म से सम्बंधित गंगा नदी का उद्गम स्थल गंगोत्री नेशनल पार्क से गुजरते हुए देखा जा सकता हैं।
गंगोत्री धाम का पर्यटन स्थल विश्वनाथ मंदिर का निर्माण परसुराम द्वारा निर्मित करबाया गया था। उत्तरकाशी में स्थित भगवान विश्वनाथ का मंदिर केदार खंड या स्कंद पुराण में शामिल है। हालाकि बाद में वर्ष 1857 में महारानी खनेटी ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। मंदिर का सबसे अधिक आकर्षण यहां का शिवलिंग हैं जोकि 60 सेमी लंबा है और परिधि में 90 सेमी है।
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गंगोत्री यात्रा में शानदार प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित कालिंदी खल उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में हिमालय की गोद में स्थित सबसे साहसिक और चुनौतीपूर्ण ट्रेक के रूप में जाना जाता है। यह पर्यटन स्थल 6000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं, जिसकी तक जाने वाली पैदल यात्रा पर्यटकों के मन को मोह लेती हैं।
गंगोत्री पर्यटन का आकर्षण मनेरी 8 किलोमीटर के खंड में पानी भरते हुए तिलोथ में स्थित बांध एक बाँध के रूप में गंगोत्री से 92 किलोमीटर की दूरी तक एक सुंदर ड्राइव प्रदान करता है। यहां आने वाले पर्यटक हिमालयन ट्राउट के लिए कैचमेंट एरिया में मछली पकड़ने का अनुभव ले सकते हैं और यहां एक शानदार पिकनिक का आनंद ले सकते हैं।
उत्तरकाशी पर्यटन जिसे देव भूमि के नाम से भी जाना जाता हैं गंगोत्री धाम की यात्रा में देखने लायक प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। इसका शाब्दिक अर्थ है ‘उत्तर की काशी’ हैं यह उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में बसा छोटा सा शहर है। यहां आने वाले पर्यटकों में पहले सिर्फ धर्म से सम्बंधित लोग ही आते थे लेकिन वर्तमान में ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों के चलते गैर धार्मिक पर्यटक भी यहां का दौरा करते हैं।
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गंगोत्री पर्यटन स्थल जाने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितम्बर से अक्टूबर का माना जाता हैं। क्योंकि इस स्थान पर साल के अधिकांश समय मौसम ठंडा ही रहता हैं।
गंगोत्री धाम के स्थानीय भोजन की बात करे तो यहां एक विस्तृत मेनू नहीं है। यहां कई स्थनीय खाने के जोड़े पर्यटकों आपको मिल जाएंगे। गंगोत्री में स्थानीय खाने को परोसने के लिए कुछ स्टालों और रेस्तरां के साथ-साथ आश्रम भी हैं। यह स्थान धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ हैं इसलिए यहां मांसहारी भोजन और शराब जैसे चीजे नही मिलती हैं।
गंगोत्री धाम की यात्रा और इसके पर्यटन स्थल घूमने के बाद यदि आप यहां किसी आवास की तलाश में हैं तो हम आपको बता दें कि यहां आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट के कई होटल मिल जाएंगे।
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हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग से गंगोत्री धाम पंहुचा जा सकता है।
गंगोत्री पर्यटन स्थल की यात्रा पर हवाई मार्ग से जाने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है जोकि गंगोत्री से 115 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। एयरपोर्ट से आपको टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।
गंगोत्री धाम का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऋषिकेश में है। यहां से गंगोत्री के लिए बस या टैक्सी मिल जाएंगी। हरिद्वार भी एक नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।
गंगोत्री जाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि गंगोत्री पर्यटन स्थल यहां चलने वाली नियमित बसों द्वारा यमुनोत्री, मसूरी, टिहरी आदि शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
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इस आर्टिकल में आपने गंगोत्री धाम की यात्रा और प्रमुख पर्यटन स्थलों को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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