Famous Tourist Places in Uttarkashi in Hindi : “उत्तरकाशी” उत्तराखंड के पहाड़ी राज्य में बसा एक छोटा सा शहर है जिसे उत्तर के “वाराणसी” के रूप में भी जाना जाता है। हिंदुओं द्वारा एक धार्मिक स्थल के रूप में प्रतिष्ठित “उत्तरकाशी” भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। उत्तरकाशी एक धार्मिक स्थल होने के साथ साथ एक खूबसूरत हिल्स स्टेशन भी है जो बर्फ से लदी पहाड़ियाँ, सुरम्य घाटियाँ, ग्लेशियर और बरामदे की लकड़ियों से सुसज्जित है। यह क्षेत्र शुरू में धार्मिक पर्यटन के पक्ष में था, लेकिन कुछ बर्षो से प्राकृतिक सुन्दरता, झीलों, और ट्रेकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों के कारण पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है।
यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए उत्तराखंड की सबसे अच्छी जगहें सर्च कर रहे है, तो आपको उत्तर के काशी घूमने जरूर जाना चाहिए, क्योंकि उत्तरकाशी एक ऐसी जगह है जहाँ आप धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हुए कई ऐडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज भी एन्जॉय कर सकते है।
तो आइये जानते है उत्तरकाशी के प्रमुख धार्मिक स्थल और यात्रा से जुडी पूरी जानकारी –
“उत्तरकाशी का इतिहास” महाभारत के पौराणिक समय से जुड़ा है और इसमें बहुत सारी आध्यात्मिकता और धर्म जुड़ा हुआ है। उत्तरकाशी का पुराना नाम विश्वनाथ था अर्थात उत्तरकाशी को प्राचीन में “विश्वनाथ की नगरी” के नाम से जाना जाता था। जबकि केदारखंड और पुराणों में उत्तरकाशी के लिए ‘बाडाहाट’ शब्द का प्रयोग मिलता है।
यह पवित्र स्थल प्राचीन में बहुत सारे ऋषियों और साधुओं के लिए एक ध्यान का आधार था। इतिहास बताता है कि जड़ा भगत नाम के एक महान ऋषि ने उत्तरकाशी की भूमि पर तपस्या की थी और आत्मज्ञान प्राप्त किया था।
जबकि इस क्षेत्र की प्राचीन झील को भगवान गणेश की जन्मभूमि माना जाता है। इस प्रकार उत्तरकाशी से पोराणिक कथायें जुडी हुई है जो अलग अलग समय की घटनायों को प्रकाशित करती है।
उत्तरकाशी का शाब्दिक अर्थ है “उत्तर की काशी या वाराणसी“। जिस बजह से इसे उत्तर का वाराणसी के नाम से जाना जाता है। अपने नाम के अनुरूप, उत्तरकाशी पवित्र गंगा के तट पर स्थित कई आश्रमों और मंदिरों का एक घर है जो भक्तों को शांति प्रदान करते हैं। मंदिरों के अलावा, उत्तरकाशी में कई आश्रम हैं जो अपने अनुयायियों को ध्यान, संतुलन और योग का सही मार्ग प्रदान करते हैं।
बता दे उत्तरकाशी नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के लिए भी प्रसिद्ध है, जहां हजारों साहसिक उत्साही लोग हिमालय के बीहड़ क्षेत्रों की सैर के लिए विभिन्न पर्वतारोहण पाठ्यक्रमों को सीखने आते हैं।
गढ़वाल हिमालय की समृद्ध सुंदरता, बर्फ से लदी पहाड़ियाँ,और सुरम्य घाटियाँ से समृद्ध उत्तरकाशी ट्रेकर्स के लिए कई ट्रेकिंग ट्रेल्स प्रदान करता है।
जिनमे से प्रमुख दयारा बुग्याल ट्रेक है जो आपको उत्तरकाशी के मैदानी इलाकों से 3048 मीटर की ऊँचाई पर ले जाता है। जबकि यही मैदान बर्फबारी के बाद स्की स्टेशन में परिवर्तित हो जाता है।
उत्तरकाशी से शुरू होने वाला एक और ट्रेक डोडीताल से यमुनोत्री तक का ट्रेक है। इस ट्रेक का अंतिम बिंदु 3085 मीटर की ऊँचाई पर स्थित सुरम्य मीठे पानी की झील है, जो हिमालय की पहाड़ियों की खूबसूरत वादियों से घिरी हुई है। उत्तरकाशी के अन्य प्रसिद्ध ट्रेक गौमुख तपोवन, हर की दून और केदारकांठा ट्रेक हैं।
भगवान शिव को समर्पित विश्वनाथ मंदिर, भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक और उत्तरकाशी में घूमने के लिए सबसे सच्ची जगहें (Best Places to visitUttarkashi in Hindi) में से एक है। पौराणिक कथायों के अनुसार भागीरथी नदी के तट पर स्थित “विश्वनाथ मंदिर” का निर्माण परशुराम जी ने करबाया था जिसका बाद में 1857 में महारानी खनेटी द्वारा जीर्णोद्धार कराया गया था।
बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरे हुए इस मंदिर में एक शानदार 60 सेमी लंबा शिव लिंग स्थापित है जो प्र्तिबर्ष लाखों भक्तों को आकर्षित करता है, खासकर गंगोत्री और यमुनोत्री तीर्थ यात्रा और चार धाम यात्रा के दौरान।
देवी दुर्गा के एक रूप “देवी कुटेटी देवी” को समर्पित यह एक हिन्दू मंदिर है जो भागीरथी के तट पर हरि पर्वत पहाड़ी पर स्थित है। माना जाता है कुटेटी देवी मंदिर का निर्माण महाराजा कोटा के दामाद और पुत्री द्वारा किया गया था, जिन्हें स्वयं देवी ने आशीर्वाद दिया था। कुटेटी देवी मंदिर उत्तरकाशी के प्रमुख धार्मिक स्थल और मंदिर (Famous temples of Uttarkashi in Hindi) में से एक है, जहाँ प्रतिबर्ष हजारों श्र्धालुयों और पर्यटकों द्वारा दौरा किया जाता है।
यह मंदिर चारो ओर हरे भरे आवरण और झरनों से घिरा हुआ हुआ है। यही बजह है की इस मंदिर को उत्तरकाशी में घूमने के सबसे अच्छी जगहें में से एक माना गया है। जहाँ पर्यटक देवी कुटेटी देवी के दर्शन के साथ साथ मंदिर के आसपास के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते है, जो पर्यटकों और तीर्थयात्री दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है।
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3024 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, डोडीताल झील, उत्तरकाशी के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल (Famous Tourist Places in Uttarkashi in Hindi) में से एक है। डोडीताल उत्तरकाशी की एक शानदार ताजे पानी की झील है जिसका स्थानीय रूप से का अर्थ है गणेश का ताल। डोडीताल झील भव्य अल्पाइन वनस्पति और बर्फ से लदे पहाड़ों से घिरी हुई है जो इसे पिकनिक और ट्रेकिंग जैसी एक्टिविटीज के लिए उत्तरकाशी की सबसे अच्छी जगहे में से एक बनाती है। क्योंकि ट्रेकर्स इस झील को यमुना घाटी में दारवा टॉप और हनुमानचट्टी तक ट्रेकिंग के लिए बेस कैंप के रूप में चुनते हैं।
जो भी पर्यटक उत्तरकाशी के घूमने के लिए बेस्ट जगहें सर्च कर रहे है वो अपनी ट्रिप से डोडीताल झील को पिक कर सकते है। यह झील धार्मिक झेत्र में भी काफी महत्वपूर्ण स्थान रखती है क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान गणेश ने इस स्थान को अपने निवास स्थान के रूप में चुना था, इसीलिए आप जब भी यहाँ आयेंगे तो झील के किनारे स्थापित एक गणेश मंदिर भी देख सकेगें।
नचिकेता झील उत्तरकाशी की एक और खूबसूरत झील है जो उत्तरकाशी की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। डोडीताल झील की तरह नचिकेता झील से भी एक पौराणिक कथा जुडी हुई है जिसके अनुसार माना जाता है इस झील का निर्माण उद्दालोक द्वारा करवाया गया था जिसने अपने बेटे के नाम के पर इस झील का नाम रखा था। इस झील के किनारे एक प्रसिद्ध नाग देवता का मंदिर भी स्थित है।
यह झील आसपास के घने देवदार और ओक के जंगल से घिरी हुई है, यकीन माने इस झील का सुखद माहौल और विस्मयकारी सौंदर्यता को देखकर एक पल के लिए आप सब कुछ भूलकर इसकी सुन्दरता में खो जायेंगे। इसीलिए आप जब भी उत्तरकाशी के प्रमुख पर्यटक स्थल (Famous Tourist Places in Uttarkashi in Hindi) या धार्मिक स्थल की यात्रा पर जायें तो नचिकेता झील भी जरूर आयें।
भागीरथी नदी पर बना, मनेरी डेम उत्तरकाशी के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल (Famous Tourist Places in Uttarkashi in Hindi) में से एक है। यह बांध उदात्त पहाड़ों और हरे भरे अल्पाइन घास के मैदानों से घिरा हुआ है, जो इसे आराम करने के लिए एक आकर्षक जगह बनाता है। यह बांध 1 दिन की ट्रिप और पिकनिक के लिए काफी फेमस है जहाँ पर्यटकों और स्थानीय लोगो की काफी भीड़ देखी जा सकती है।
दयारा बुग्याल उत्तरकाशी की एक शांत और आकर्षक जगह है, जो ट्रैकिंग और कैम्पिंग के लिए बेस्ट स्पॉट है। 3048 मीटर ऊँची एक पहाड़ी के उपर स्थित दयारा बुग्याल अल्पाइन घास का मैदान है, जो अपने आसपास की मनमोहनीय सुन्दरता को प्रस्तुत करता है। दयारा बुग्याल तक पहुचने के लिए पर्यटकों को बारसू गाँव से लगभग 9 किमी लम्बी ट्रेकिंग करनी होती है जो हरे भरे जंगल से होती हुई जाती है।
यह ट्रेक उत्तरकाशी में ट्रेकिंग के लिए सबसे रोमांचक ट्रेक में से एक है। सर्दियों के दौरान दयारा बुग्याल में भरी बर्फबारी होती है जिस दौरान यह स्थान उत्तराखंड के पॉपुलर स्कीइंग स्पॉट में से एक बन जाता है। इस प्रकार दयारा बुग्याल में पर्यटक ट्रेकिंग और स्कीइंग दोनों एक्टिविटीज एन्जॉय कर सकते है।
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उत्तरकाशी के प्रमुख तीर्थ स्थल (Famous religious places in Uttarkashi in Hindi) में से एक “शक्ति मंदिर” देवी दुर्गा को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित, शक्ति मंदिर एक शक्तिशाली त्रिशूल के लिए जाना जाता है, जो लोहे और तांबे से बना है।
पौराणिक कथायों के अनुसार यह बही त्रिशूल है जिससे देवी शक्ति ने राक्षसों का वध किया था। इस त्रिशूल से जुडी एक और कहानी बेहद प्रसिद्ध है जिसके अनुसार माना जाता है, की कोई भी व्यक्ति अपनी पूरी ताकत से इस त्रिशूल को नही उठा सकता है लेकिन यदि वही व्यक्ति सच्चे मन से माता का नाम ले कर सिर्फ एक ऊँगली से इसे धक्का दे तो वह अपनी जगह से खिसक जाता है। हो सकता है आप इस तथ्य पर विश्वास न कर पा रहे है हो लेकिन स्थानीय लोगो द्वारा इस तथ्य को पूरे श्रद्धा भाव से स्वीकारा गया है।
उत्तरकाशी के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल (Famous Tourist Places in Uttarkashi in Hindi) में से एक नेहरू पर्वतारोहण संस्थान भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहण संस्थानों में से एक और एशिया में एक बहुत प्रतिष्ठित माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट है। इस माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट को भारत के पहले प्रधान मंत्री और पर्वत प्रेमी पं जवाहरलाल नेहरू के सम्मान में 14 नवंबर 1965 को उत्तरकाशी में स्थापित किया गया था। यह इंस्टीट्यूट ट्रेकर्स को ट्रेकिंग और माउंटेनियरिंग के लिए ट्रेनिंग प्रदान करता है जो माउंटेनियरिंग करते समय, टिप्स, सेफ्टी, आने वाली कठनाइयों और उनसे निपटने जैसी कई महत्वपूर्ण बातों का प्रशिक्षण देते है।
यदि आप अपने आप को प्राकृतिक इलाकों में चुनौती देना पसंद करते हैं, तो आपको नेहरू माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग ट्रेकिंग जरूर लेना चाहिए। इसके अलावा यहाँ आप माउंट एवरेस्ट के शिखर पर जाने के लिए खुद को एक विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में भी शामिल कर सकते हैं!
यदि आप उत्तरकाशी में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें (Best Places to visitUttarkashi in Hindi) सर्च कर रहे है तो आपको हर की दून की यात्रा जरूर करनी चाहिए। हर की दून वास्तव में एक खूबसूरत घाटी है जो स्वर्गारोहिणी, बंदरपून, रुइंसारा, और काली चोटी जैसी हिमाच्छादित हिमालय की चोटियों का एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है।
इस चोटी तक गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के माध्यम से ट्रेकिंग करके पहुचा जाता है इसीलिए यह जगह प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकर्स के लिए स्वर्ग के समाना माना जाता है। इस स्थान को ‘देवताओं की घाटी’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना है कि पांडवों ने स्वर्ग जाने के लिए इस मार्ग को अपना लिया था। इसीलिए यह घाटी उत्तरकाशी के तीर्थ स्थल में भी काफी महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
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गोमुख ग्लेशियर “गंगा नदी या भागीरथी नदी” का मुख्य स्रोत है। यह स्थान हिंदू पौराणिक कथाओं में बहुत अधिक महत्व रखता है और बहुत से भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है जो बर्फीले ठंडे पानी में डुबकी लगाने के लिए यहां आते हैं। गोमुख गंगोत्री से 18 किमी की दूरी पर स्थित है जहाँ ट्रेकिंग करके पहुचा जा सकता है।
उत्तरकाशी में घूमने की जगहें (Best Places to visitUttarkashi in Hindi) और तीर्थ स्थल में से एक “यमुनोत्री” यमुना नदी का उद्गम स्थल है। युमुनोत्री छोटे चार धाम में से एक हैं जो अब श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष पर्यटन स्थल बन चुका हैं । 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित योमुनोत्री धाम गढ़वाल हिमालय की गोद में बसा हुआ हैं जो अपने आसपास की पहाड़ियों का अद्भुद दृश्य भी प्रदान करता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार यम की बहन के रूप में यमुना को मौत के देवता के रूप में प्रतिष्ठित करती हैं। माना जाता है कि यमुना में स्नान करने से जीवन के अंतिम समय में मृत्यु दर्द रहित हो सकती है। इसीलिए यदि आप उत्तरकाशी के तीर्थ स्थल की यात्रा पर जाने वाले है तो अपनी यात्रा के दौरान युमना नदी में एक डुबकी अवश्य लगायें।
उत्तरकाशी में स्थित “गंगोत्री” एक लोकप्रिय तीर्थस्थल हैं जहाँ आने वाले पर्यटकों और श्र्धालुयों की लम्बी कतार लगी रहती हैं। यह ग्रेटर हिमालयन रेंज पर समुद्र तल से 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भागीरथी नदी के तट पर स्त्जित गंगोत्री गंगा नदी का मूल बिंदु है। माँ गंगा मंदिर, गंगोत्री मंदिर, और सूर्य कुंड गंगोत्री घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थान हैं जिन्हें आप गंगोत्री की यात्रा देख सकेगें।
पौराणिक कहानियों से पता चलता हैं कि सदियों पहले राजा भागीरथ की तपस्या के बाद देवी गंगा ने उनके पूर्वजों के पापों को धोने के लिए खुद को एक नदी के रूप में प्रवाहित किया। लेकिन ऊंचाई से गिरते हुए जल के वेग को कम करने के लिए भगवान शिव ने आपनी जटाओं में उस जल को समा लिया। गंगा नदी के उद्गम स्थान को भागीरथी भी कहा जाता हैं।
कंडार देवता मंदिर उत्तरकाशी के प्रसिद्ध मंदिर में से के है जहाँ प्रतिबर्ष बड़ी संख्या में तीर्थयात्रीयों और पर्यटको द्वारा दौरा किया जाता है। कंडार देवता मंदिर के मुख्य देवता भगवान कंदर हैं। बता दे इस मंदिर की लोकप्रियता के पीछे एक दिलचस्प कहानी या श्रद्धा भाव जुड़ा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर के दर्शन करने और भगवान कंदर से आशीर्वाद मांगने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। इसीलिए यदि आप उत्तरकाशी की यात्रा पर है तो आपको कंडार देवता का आश्रीबाद लेने के लिए यहाँ जरूर आना चाहिए।
“उत्तर का वाराणसी” उत्तरकाशी एक प्रमुख तीर्थ स्थल होने के साथ साथ एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी है जहाँ पर्यटक उत्तर काशी के प्रसिद्ध मंदिर की यात्रा के साथ साथ कई रोमांचक एक्टिविटीज भी एन्जॉय कर सकते है।
उत्तरकाशी तीर्थयात्रीयों के साथ साथ ट्रेकर्स के लिए भी स्वर्ग है, गढ़वाल हिमालय की समृद्ध सुंदरता, बर्फ से लदी पहाड़ियाँ,और सुरम्य घाटियाँ से समृद्ध उत्तरकाशी, ट्रेकर्स के लिए दयारा बुग्याल ट्रेक, तपोवन ट्रेक, डोडीताल ट्रेक, हर की दून और केदारकांठा ट्रेक जैसी कई ट्रेकिंग ट्रेल्स प्रदान करता है।
रिवर राफ्टिंग उत्तरकाशी में करने के लिए एक रोमांचक और मजेदार गतिविधि है, जिसे आप अपने फ्रेंड्स के साथ एन्जॉय कर सकते है। यदि आप रिवर राफ्टिंग के दीवाने है तो आप उत्तरकाशी में युमना और गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग एन्जॉय कर सकते है।
वैस तो पुरे बर्ष उत्तरकाशी की यात्रा की जा सकती है। लेकिन यदि हम उत्तरकाशी घूमने जाने के लिए सबसे अच्छे समय की बात करें तो मार्च से नवंबर के बीच के बीच होता है। अनिवार्य रूप से ग्रीष्मकाल, मानसून और शरद ऋतु उत्तरकाशी शहर का आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा मौसम है। इस दौरान उत्तरकाशी का मौसम तो सुखद होता ही है साथ में उत्सवो की लहर भी होती है, जो आपकी यात्रा में चार चाँद लगाने का कार्य करते है। गर्मियों के दौरान उत्तरकाशी का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है जो उत्तरकाशी के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस की ट्रिप के लिए परफेक्ट होता है।
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उत्तरकाशी उत्तराखंड का प्रमुख तीर्थ स्थल और पर्यटक स्थल है जिस वजह से यहाँ सभी बजट की होटल्स, होमस्टे और लोज उपलब्ध है। जिनको पर्यटक अपनी चॉइस के अनुसार सिलेक्ट कर सकते है जिनमे में से कुछ होटल्स नीचे दी गयी है।
उत्तरकाशी की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे आप फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग में से किसी से भी ट्रेवल करके उत्तरकाशी जा सकते है।
तो आइये हम नीचे डिटेल से जानते है की हम फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग से उत्तरकाशी केसे जायें।
यदि आपने उत्तरकाशी घूमने जाने के लिए फ्लाइट का सिलेक्शन किया है, तो जान लें उत्तरकाशी के लिए कोई सीधी फ्लाइट कनेक्टविटी नही है। उत्तरकाशी का निकटतम हवाई देहरादून में है, जो उत्तरकाशी से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, उत्तरकाशी पहुंचने के लिए आप बस, केब या एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं, जहाँ आप लगभग 4 घंटे का सफ़र करके उत्तरकाशी पहुंच जायेंगे।
ट्रेन से ट्रेवल करके उत्तरकाशी की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे उत्तरकाशी के लिए कोई सीधी रेल कनेक्टविटी भी नही है। उत्तरकाशी निकटतम रेलवे स्टेशन भी देहरादून में है, जो उत्तरकाशी से लगभग 145 किमी की दूरी पर है। देहरादून रेलवे स्टेशन से उत्तरकाशी पहुँचने के लिए यहाँ से टेक्सीकिराए पर लेना बहुत आसान है। वैकल्पिक रूप से, आप उन बसों में एक सीट भी बुक कर सकते हैं जो नियमित रूप से देहरादून से उत्तरकाशी के लिए चलती हैं।
उत्तरकाशी देहरादून, दिल्ली और आसपास के शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इन शहरों के बीच अक्सर कई बसें, चलती हैं। बस के अलावा आप अपनी कार या टेक्सी किराये पर लेकर भी आसानी से उत्तरकाशी जा सकते है।
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इस आर्टिकल में आपने उत्तरकाशी के तीर्थ स्थल और उत्तरकाशी की यात्रा से जुडी जानकारी को डिटेल जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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