Edakkal Caves in Hindi : एडक्कल गुफाएं दक्षिण भारतीय राज्य केरल के वायनाड में कालपेट्टा से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अपनी उत्कृष्ट चट्टान और दीवार की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध, एडक्कल गुफाएं नव पाषाण युग, स्वर्गीय पाषाण युग से संबधित है, जो 5000 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व पुरानी मानी जाती है। बता दें कि गुफा की दीवारों की लम्बाई और चौड़ाई की क्रमश 96 और 22 फीट हैं। एडक्कल गुफाएं दक्षिण भारत के प्रमुख पर्यटक स्थलों और भारत की ऐतिहासिक गुफाएं में से एक है जहाँ हर साल हजारों हजारों पर्यटक इसकी प्राकृतिक सुंदरता और पौराणिक स्थिति की जांच करने के लिए गुफाओं में जाते हैं। इन गुफाओं के निर्माण के बारे में कई किंवदंतियां और किस्से हैं जिनके बारे में जानने के लिए हर कोई दिलचस्पी रखता है।
यदि आप एडक्कल गुफाएं घूमने जाने वाले है या फिर इन गुफयों के बारे में जानना चाहते है तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े –
एडक्कल गुफाओं के निर्माण के पीछे कई कहानियां हैं। एक प्रसिद्ध कहानी यह है कि, कुश और लव के तीरों द्वारा गुफाओं का निर्माण किया गया था जबकि एक और लोककथा यह है कि इसका निर्माण कुटीचथान और देवी मुडिम्पी के कारण हुआ था।
लेकिन आधुनिक समय की बात करें तो इन गुफाओं को सबसे पहले 1890 में मालाबार जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक फ्रेड फॉसेट ने अपनी शिकार यात्रा पर खोजा था। उन्होंने गुफाओं को एडक्कल माला के पश्चिम में पाया और शोधकर्ताओं के अनुसार ये गुफाएं 5000 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व की है जो नवपाषाण लोगों का निवास स्थान थीं। इन गुफयों में आज भी नवपाषाण युग की कई पेंटिंगस और नक्काशी मौजूद है।
केरल राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक एडक्कल गुफाएं किसी एक चीज के लिए फेमस नही है। एडक्कल गुफाएं एक ऐसी जगह है जो इतिहास प्रेमियों, वास्तुकला प्रेमियों, ट्रेकर्स और पर्यटकों सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यदि आप इतिहास में जानने में दिलचस्पी रखते है तो इसके हजारों साल पुराने इतिहास पर नजर डाल सकते है। यदि आप एक कला प्रेमी है तो यहाँ विभिन्न चित्रकारी और नक्काशी देख सकते है। जबकी अन्य पर्यटक यहाँ ट्रेकिंग करते हुए गुफयों में घूम सकते है।
एडक्कल गुफाएं अगर अपने किसी चीज के लिए सबसे जाड्या प्रसिद्ध है तो वह इन गुफायों की चट्टनो पर उकेरे गये इन चित्रों के लिए जिसमे मानव, जानवर, और सितारे, क्रॉस, पहिए, त्रिकोण, सर्पिल, त्रिशूल, पौधे और पॉट आकृति शामिल हैं। माना जाता है कि ये पेंटिंग 6000 ईसा पूर्व की हैं। ये नक्काशी और प्रागैतिहासिक रेखा चित्र उन लोगों की संस्कृति और जीवन के बारे में बताती है जो वर्षों पहले गुफाओं में रहते थे।
एडक्कल गुफाओं के अंदर आप आंतरिक गुफाओं की दीवारों पर पाषाण युग की नक्काशी देख सकते हैं। यह नक्काशी को नवपाषाण और मेसोलिथिक युग से माना जाता है। कुछ गुफाओं की दीवारों पर, तमिल और ब्राह्मी शिलालेख भी देखे जा सकते हैं। हाल ही में, इतिहासकारों और पुरातत्वविदों ने अनुमान लगाया है कि सिंधु घाटी सभ्यता की एक कड़ी है क्योंकि उन्होंने “एक जार कप के साथ एक आदमी” की नक्काशी पाई है, जो सिंधु घाटी सभ्यता का है।
एडक्कल गुफाओं के कुछ हिस्से पेट्रोग्लिफ्स या शिलाएं हैं, ये गुफाएँ नहीं हैं, बल्कि चट्टानों में दरारें हैं। एडक्कल गुफाओं को देखने के लिए तीन प्रकार के पेट्रोग्लिफ हैं जिसमे में से सबसे पुराने 8,000 साल पुराने हैं। पेट्रोग्लिफ़ में उत्कृष्ट संरचनाएं हैं जो देखने में बहुत अच्छी हैं।
एडक्कल गुफायं अपनी उत्कृष्ट चट्टान और हजारों साल पुरानी नक्काशी के साथ साथ एक ट्रेकिंग स्पॉट के रूप में भी फेमस है। यदि आप प्रकृति और साहसिक खेलों की खोज करना पसंद करते हैं, तो आप एडक्कल गुफाओं तक ट्रेकिंग करना आपके लिए शानदार ट्रेक रूट है,जो प्रकृति से जुड़ने का एक शानदार तरीका है।
अडाकुटी की गुफाओं से होकर एडक्कल गुफाओं तक जाने का ट्रेक एक बेहतरीन अनुभव है इसमें आप न केवल खुद को चुनौती देंगे बल्कि आप अद्भुद दृश्यों और इलाके से भी गुजरेंगे। अंबुक्थी पहाड़ी के आधार से गुफाओं के रास्ते में शानदार कॉफी बागान भी देखे जा सकते है। साथ ही रास्ते में आपको बाइबल से आदम, हव्वा और शैतान की नक्काशी भी दिखाई देगी। गुफाओं के रास्ते में स्वादिष्ट स्नैक्स परोसने वाली एक अच्छी छोटी झोंपड़ी भी है जो इस ट्रेक को और मजेदार बना देती है।
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एडक्कल गुफा की यात्रा पर जाने वाले पर्यटक किसी भी असुविधा से बचने के लिए नीचे दिए गये इन टिप्स को फॉलो जरूर करें –
यदि आप अपने फ्रेंड्स के साथ एडक्कल गुफाएं की ट्रिप को प्लान कर रहे है तो हम आपको बता दे वायनाड में एडक्कल गुफाएं के साथ साथ घूमने के लिए एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल मौजूद है जिन्हें आप अपनी एडक्कल गुफा की यात्रा घूमने जा सकते है
नवंबर – मार्च के महीने एडक्कल गुफाएं सहित वायनाड के अन्य पर्यटक स्थलों की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय होता है यह समय इस गंतव्य की प्राचीन प्राकृतिक सुंदरता और रहस्यपूर्ण पेट्रोग्लिफ्स का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय है। जिस दौरान हजारों पर्यटक और प्रकृति प्रेम यहाँ आना पसंद करते है।
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यदि आप एडक्कल गुफाओं की यात्रा में रुकना चाहते हैं, तो आप इस क्षेत्र में रिसॉर्ट बुक करने के विकल्प पर विचार कर सकते हैं। वायनाड की हरी-भरी हरियाली की गोद में बसा, यहां के विभिन्न आवास विकल्प निश्चित रूप से शहर के भोजन से एक स्वागत योग्य परिवर्तन हैं। आप एडक्कल हर्मिटेज में एक रूम बुक कर सकते हैं, जिसमें कई कॉटेज, एक गुफा रेस्तरां और एक एम्फीथिएटर है। वेदांत जागो! एक और अन्य विकल्प है जो एडक्कल गुफाओं के नज़दीक है जहाँ निजी कमरे और मिश्रित डोरम्स दोनों उपलब्ध हैं। इनके अलावा आपको वायनाड में भी सभी बजट की होटल्स मिल जायेगी।
वायनाड अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों और आकर्षित वातावरण के लिए तो पर्यटकों की पसंद है लेकिन साथ ही अपने स्वादिष्ट भोजन के लिए भी जाना जाता हैं। इसीलिए आप जब भी एडक्कल गुफाओं की यात्रा पर आयें तो वायनाड के लजीज भोजन का स्वाद जरूर लें जो आपको उंगलिया चाटने पर मजबूर कर देगा। वायनाड के स्थानीय व्यंजनों में आपको दम बिरयानी, मालाबार पराठा, पथरी या चावल की रोटी, घी और केसर चावल, घी रोस्ट डोसा, अप्पम, इडली, टोडी आदि चखने को मिलेंगे हैं। इसके अलावा वायनाड में आपको अन्य दक्षिण-भारतीय व्यंजनो को खाने से नही चूकना चाहिए।
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एडक्कल गुफाएं वायनाड जिले में कालपेट्टा से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इडाक्कल गुफाएं की यात्रा पर आने वाले पर्यटक सड़क मार्ग, ट्रेन या फ्लाइट किसी से भी यात्रा करके पहुंच सकते है। चूँकि यह गुफाएं जंगलो में स्थित है इसीलिए सड़क मार्ग से यात्रा करना सबसे बेहतर विकल्प है। लेकिन यदि आप भारत के अन्य हिस्सों से इडाक्कल गुफाएं की यात्रा करने वाले है तो आइये हम आपको बता दे की फ्लाइट और ट्रेन से इडाक्कल गुफाएं केसे पहुंचा जा सकता है –
एडक्कल गुफाएं की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि वायनाड जाने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा कालीकट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Calicut International Airport) है। जोकि वायनाड से शहर से लगभग 98 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से आप बस,टैक्सी आदि का उपयोग कर आसानी से एडक्कल गुफाएं पहुँच जायेंगे।
एडक्कल गुफाओं के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन नीलांबुर रोड रेलवे स्टेशन है जो एडक्कल गुफाओं से 38 किमी दूर है। यह रेलवे स्टेशन दक्षिण भारतीय शहरों सहित भारत के अन्य कई प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा है इसीलिए आप इस रेलवे स्टेशन के लिए आसानी से ट्रेन पकड़ सकते है। एक बार जब आप इस रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाते है तो यहाँ से स्थानीय साधनों की मदद से आसानी से एडक्कल गुफाओं तक पहुंच सकते है।
एडक्कल गुफाओं की सड़क मार्ग, बस या अपनी निजी कार से यात्रा करना सबसे आसन और आरामदायक तरीका है। क्योंकि वायनाड अपने आसपास के शहरों के लिए सुव्यवस्थित रोड नेटवर्क प्रदान करता है। आप्सास के शहरों से वायनाड और कालपेट्टा के लिए नियमित रूप से बसें भी संचालित की जाती है।
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इस लेख में आपने एडक्कल गुफाएं के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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