Living Root Bridge In Hindi, भारत एक ऐसा देश है जो कई घने जंगलों से भरा हुआ है जिसमें से कई जंगल में कुछ ऐसे प्राकृतिक आकर्षण छिपे हुए हैं जो हर किसी को हैरान कर सकते हैं। ऐसा ही एक प्राकृतिक आकर्षण चेरापूंजी, मेघालय में छिपा हुआ है जो बड़ी संख्या में पर्यटकों अपनी ओर आकर्षित करता है। हम बात कर रहें हैं उमशियांग डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज जिसे “डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज” और जीवित जड़ सेतु के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो यह क्षेत्र रबड़ ट्री से बने रूट पुलों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन डबल डेकर ब्रिज इन सभी में सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।
आपको बता दें कि यह ब्रिज लगभग 50 मीटर लंबा है और 1.5 मीटर चौड़ा है। डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज के नीचे उमशियांग नदी बहती है और यह प्रकृति और इंजीनियरिंग एक अदभुद उदाहरण है। अगर आप डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़े जिसमे हम आपको इस आकर्षक पुल के बारे में पूरी जानकारी दे रहें हैं।
डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज को देखने के बाद हर किसी के दिमाग में यही बात आती है कि इतने बड़े ब्रिज का निर्माण कैसे और कब हुआ होगा ? आपको बता दें कि प्रकृति के इस पराक्रम के निर्माण में मदद करने का श्रेय खासिस की स्थानीय जनजाति को दिया जाता है। इस जनजाति के लोगों ने जब देखा कि यह भारतीय रबड़ ट्री की मजबूत जड़ें अपने गांव लिटकिनेसे के पास बढ़ रही हैं, तो उन्होंने इसे एक सही आकार दिया। बता दें कि इस प्रकार के प्राचीन रबर के पेड़ केवल भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में ही उगते हैं, और यही सबसे बड़ा कारण है कि यहांके रूट ब्रिज इतने ज्यादा प्रसिद्ध हैं। यहां के स्थानीय ग्रामीण को पेड़ को पुल के रूप में आकार देते हैं।
वे लोग पेड़ की जड़ों को खींचकर और उन्हें घुमाकर सही दिशा देते हैं। लेकिन बता दें कि पेड़ को पुल आकार देने के तुरंत बाद इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता। बात दें कि इस पेड़ के पुल को लोगों का वजन झेलने के लिए इसकी जड़ों को मजबूत होने में कम से कम 15 साल का समय लगता है। डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज भी लगभग 200 साल से अधिक पुराना बताया जाता है। इस प्राकृतिक ब्रिज को एक बार में 50 लोग ही इस्तेमाल कर सकते हैं।
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जैसा कि आप लोग देख चुकें हैं कि इसका पुल का नाम डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज है क्योंकि यह एक डबल डेकर पुल है। जिसका मतलब है कि पुल में 2 डेक या परतें हैं, जो जड़ों के उलझाव के कारण बनाई गई हैं। अगर कोई भी शरीरिक रूप से फिट नहीं है तो उसका इस ब्रिज पर चढ़ना बेहद मुश्किल हो सकता।
यह लिविंग रूट ब्रिज तिर्ना गाँव से शुरू होता है और उमशियांग नदी के उपर से होकर गुजरता है। इस ब्रिज तक जाने के लिए पर्यटकों को पहाड़ी से 3500-3600 सीढ़ी नीचे उतरना है जिसमें 3-4 घंटे का समय लग सकता है। अगर आप इस ब्रिज पर ट्रेकिंग करते हैं तो पुल के रास्ते में कई अन्य छोटे ब्रिज को भी देख सकते हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक नहीं होते हैं। इन छोटे पुलों को धातु के तार का उपयोग करके संरचनात्मक रूप से मजबूत बनाया जातः क्योंकि पुलों की तरह इस्तेमाल किये जाने वाले इन पेड़ों की जड़ें अन्य पेड़ों की तरह मजबूत नहीं होती हैं।
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अगर आप मेघालय में स्थित डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां चेरापूंजी के आसपास के क्षेत्र में आमतौर पर पूरे साल बारिश होती है, लेकिन मानसून के मौसम मई से सितंबर तक काफी ज्यादा वर्षा होती है। फिसलन वाला क्षेत्र होने की वजह से मई और सितंबर के बीच इस मौसम में पुल पर नहीं जाने की सलाह दी जाती है। लेकिन आपको इस मौसम में यात्रा करने का अनुभव है तो आप मानसून का मौसम वास्तव में चेरापूंजी की यात्रा के लिए एक सुंदर समय है। लेकिन जब आप इस क्षेत्र की यात्रा करने के लिए जाएं तो अपने साथ छाता और रेनकोट ले जाना न भूलें।
यहां पुल के स्थल पर एक गेस्ट हाउस भी बना हुआ है जहाँ पर पर्यटक बहुत कम चार्ज में रुक सकते हैं। लेकिन बस यहां के गेस्ट हाउस में एक ही कमी है कि यहां पर सुविधाएं काफी कम है। लेकिन यहां पर आप एक छोटी सी दुकान को देख सकते हैं जो ड्रिंक, बिस्कुट और चिप्स बेचती है, जो आपकी थकाऊ यात्रा के बाद भूख मिटाने का काम कर सकते हैं।
डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज चेरापूंजी के बेहद निकट स्थित है। इसलिए आप यहां जाने के लिए चेरापूंजी की यात्रा कर सकते हैं। यहां का निकटतम हवाई अड्डा शिलांग हवाई अड्डा निकटतम है। शिलांग पहुंचने के बाद आप टैक्सी से भी यात्रा कर सकते हैं। यदि आप ट्रेन से जाने की योजना बनाते हैं, तो गुवाहाटी स्टेशन सबसे नजदीक है। हेलीकाप्टर सेवाएं गुवाहाटी से शिलांग तक उपलब्ध हैं जो आपको एक रोमांचकारी अनुभव प्रदान करता है। शिलांग और चेरापूंजी के बीच बस सेवा काफी अच्छी है। चेरापूंजी के किसी भी स्थल की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा तरीका एक टैक्सी किराए पर लेना है।
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इस लेख में आपने डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज चेरापूंजी के बारे में जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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