Darjeeling Ki Yatra In Hindi : दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तर में स्थित है और पूर्वी हिमालय की तलहटी में स्थित है। दार्जिलिंग के जिलों की सीमाएं बांग्लादेश, भूटान और नेपाल जैसे देशों के साथ मिलती हैं। यह समुद्र तल से 2134 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और विभिन्न बौद्ध मठों और हिमालय की शक्तिशाली चोटियों से घिरा हुआ है। यहां की वादियां बेहद मनमोहक हैं और यह एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। दार्जिलिंग सिर्फ चाय के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध नहीं है बल्कि अपनी खूबसूरती के कारण भी यह शहर दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां के ज्यादातर निवासी बौद्ध हैं और दार्जिलिंग में ज्यातार नेपाली एवं बंगाली भाषा बोली जाती है। दार्जिलिंग में घूमने की कई जगहें तो मौजूद हैं ही, साथ में यहां शॉपिंग करने का भी अच्छा विकल्प मौजूद है। यही कारण है कि हर महीने लाखों लोग दार्जिलिंग की सैर करने पहुंचते हैं।
दार्जिलिंग में घूमने लायक कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं। इसलिए आपको कम से कम तीन दिन के टूर की योजना बनाकर ही यहां आना चाहिए। तीन दिनों में आप यहां के बहुत से स्थलों को देख सकते हैं। लेकिन यदि आप दार्जिलिंग की हिल्स बहुत अच्छे से घूमना और देखना चाहते हैं तो आपको पांच दिनों की प्लानिंग करके आना चाहिए। पहले दिन रात में आराम करने के बाद अगले दिन सुबह से आपकी घूमने की यात्रा शुरू हो जाती है।
पहले दिन के टूर में गाइड आपको मिरिक, पशुपति नगर यानि नेपाल की सीमा दिखाते हैं। जिसे घूमने में करीब चार से छह घंटे लगते हैं।
आमतौर पर दूसरे दिन का टूर सुबह चार बजे से साढ़े सात बजे के बीच शुरू होता है। जिसमें पर्यटकों को सिर्फ जीप से तीन स्थानों यानि टाइगर हिल, बतासिया लूप और यिगा चोलंग बौद्ध मठ दिखाया जाता है।
तीसरे दिन पर्यटकों को स्थानीय पर्यटन यात्रा करायी जाती है जिसमें लगभग आधा दिन लगता है। इस दौरान कुल सात प्वाइंट्स दिखाये जाते हैं जिसे आप सुबह साढ़े नौ बजे से बारह बजे और दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे के बीच देख सकते हैं। इस दौरान हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान और प्राणी उद्यान, रोपवे, तेनजिंग रॉक, रॉय विला, छोटा रंग से छोटा रंगनीत टी एस्टेट, तिब्बती शरणार्थी स्वयं सहायता केंद्र, लेबोंग स्टेडियम आदि दिखाया जाता है।
और पढ़े: काजीरंगा नेशनल पार्क के बारे में पूरी जानकारी
आमतौर पर पर्यटकों को चौथे दिन पांच प्वाइंट दिखाये जाते हैं जिसे आप सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े बारह बजे और दोपहर दो बजे से पांच बजे के बीच देख सकते हैं। इस दौरान पर्यटकों को जापानी मंदिर, लाल कोठी, अवा आर्ट गैलरी, धीरधाम मंदिर, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय दिखाया जाता है।
अंतिम दिन आपको सुबह नौ बजे से बारह बजे और शाम को दो बजे से पांच बजे के बीच रॉक गार्डेन, गंगामाया पार्क का टूर कराया जाता है।
दार्जिलिंग में इन दृश्यों के अलावा भी बहुत कुछ देखने के लिए मौजूद है। आप अपने समय और सुविधा के अनुसार यहां की यात्रा की प्लानिंग कर सकते हैं।
दार्जिलिंग घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून के महीनों के बीच होता है। इस दौरान जब देश के अन्य भागों में खूब गर्मी पड़ती है तब दार्जिलिंग का तापमान 14 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। इस दौरान यहां भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। यदि आपको खूब ठंड का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो नवंबर से दिसंबर के मध्य यहां आ सकते हैं। इन महीनों में यहां का तापमान 6 डिग्री सेल्सियस गिर जाता है और 1 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है। बारिश के मौसम में यहां भारी वर्षा होती है और भूस्खलन भी होता है इसलिए इस दौरान पर्यटक यहां कम आते हैं। दिसंबर से जनवरी के बीच आप यहां हनीमून मनाने आ सकते हैं। यदि आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो फरवरी से जून के बीच कभी भी आ सकते हैं।
और पढ़े : दार्जिलिंग के टॉप पर्यटन और दर्शनीय स्थल की जानकारी
दार्जिलिंग के आसपास के शहरों में हवाई जहाज, ट्रेन और बस से आने की सुविधा मौजूद है। इन स्थानों पर पहुंचने के बाद आप आसानी से दार्जिलिंग जा सकते हैं।
दार्जिलिंग का निकटतम एयरपोर्ट बागडोगरा है जो यहां से 88 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से लगभग साढ़े तीन घंटे की यात्रा के बाद दार्जिलिंग पहुंचा जा सकता है। बागडोगरा एयरपोर्ट देश के मेट्रो शहरों के एयरपोर्ट से हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा है। इसलिए आप प्लेन से यहां पहुंच सकते हैं।
न्यू जलपाईगुड़ी (NJP) यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है और दार्जिलिंग से लगभग 88 किलोमीटर की दूरी पर है। एनजेपी देश के सभी प्रमुख शहरों से भी जुड़ा हुआ है, इस जंक्शन पर उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए जाने वाली अधिकांश ट्रेनें रुकती हैं। इसके बाद आप यहां से ढाई से तीन घंटे में बस या टैक्सी द्वारा दार्जिलिंग पहुंच सकते हैं।
दार्जिलिंग, मिरिक और कलिम्पोंग पहुंचने के लिए तेनजिंग नोर्गे बस टर्मिनस, सिलीगुड़ी से बस सेवाएं उपलब्ध हैं। यदि आप दार्जिलिंग बस से जाना चाहते हैं तो आपको पहले सिलीगुड़ी पहुंचना होगा। इसके बाद आप सीट शेयरिंग बसों या जीप से लगभग तीन से साढ़े तीन घंटों में दार्जिलिंग पहुंच सकते हैं।
और पढ़े: कामाख्या देवी मंदिर के बारे में रोचक तथ्य और इतिहास
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…