Chopta Valley Uttarakhand Information in Hindi, चोपता उत्तराखंड में केदारनाथ की अद्भुत घाटी में बसा एक छोटा गाँव है जोकि एक बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थल है। चोपता ट्रेक सर्दियों के मौसम में ट्रेकिंग करने के लिए भारत के सबसे अद्भुद और रोमांचक ट्रेको में से एक है जो बड़ी संख्यां में ट्रेकर्स और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। वास्तव में सर्दियों के मौसम में बर्फ से ढके हिमालय के पहाड़ों के बीच ट्रेकिंग करना जीवन के सबसे शानदार अनुभवों में से एक है जिसमे आप त्रिशूल, नंदा देवी और चौखम्भा की बर्फ से ढंकी चोटियों के सुंदर परिदृश्यों को देख सकते है।
इसके अलावा यह आकर्षक जगह अल्पाइन और देवदार के वृक्षो से सजी हुई है जो किसी भी पर्यटक का मन मोहने के लिए पर्याप्त है। चोपता घाटी अपने रोमांचक ट्रेक मार्ग के साथ – साथ अपने पर्यटक स्थलों के लिए भी काफी फेमस है जिन्हें पर्यटको द्वारा खूब पसंद किया जाते है। यदि आप भी उतराखंड की इस खुबसूरत जगह घूमने जाने का प्लान बना रहे है या इसकी रोमांचक ट्रिप के बारे में जानने के लिए उत्साहित है तो इसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़े –
यदि आप उत्तराखंड की मशहुर चोपता घाटी के लिए एक व्यक्तिगत ट्रेक के लिए योजना बना रहे हैं, तो आपको बता दे चोपता घाटी ट्रिप के लिए औसत बजट 15,000 से 20,000 के बीच हो सकता है। लेकिन यदि आप अपने फ्रेंड्स के साथ ग्रूप टूर पर घूमने जा रहे है, तो आपके बजट को थोड़ा कम भी किया जा सकता है। यदि आप दिल्ली के निवासी हैं, तो लागत को और कम किया जा सकता है क्योंकि किसी को उड़ान भरने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि आप किसी अन्य स्थान से यात्रा कर रहे हैं, तो उड़ान शुल्क की वजह से ट्रेक की लागत थोड़ी अधिक होगी।
इसके अलावा ट्रेकिंग पर जाने से पहले आपको कुछ आवश्यक चीजें खरीदनी पड़ सकती है, जो आपका थोड़ा अतिरिक्त खर्च करा सकती हैं। चोपता वैली में ट्रेकिंग के लिए कई पैकेज भी उपलब्ध है जिनका चुनाव आप अपने बजट और इच्छानुसार कर सकते है। इसलिए चोपता घाटी ट्रिप के लिए कम से कम 15,000 से 20,000 रूपये के बजट के साथ चलने की सलाह दी जाती है।
चोपता चंद्रशिला ट्रेक भारत के सबसे प्रसिद्ध और उच्च ऊंचाई वाले ट्रेको में से एक है। चोपता घाटी ट्रेक चोपता से शुरू होता है जो तुंगनाथ (विश्व का सबसे ऊँचा शिव मंदिर) तक जाता है जो पांच किलोमीटर लंबा है। इस ट्रेक के दौरान केदारनाथ, चौखम्बा, नंदा देवी और त्रिशूल जैसे विभिन्न हिमालयी चोटियों के 360 ° दृश्यों को देखा जा सकता है। साथ ही यह क्षेत्र अल्पाइन वनस्पति की सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। जबकि ट्रेक का मुख्य आकर्षण भगवान शिव को समर्पित 1000 साल पुराना तुंगनाथ मंदिर हैं।
बता दे चोपता चंद्रशिला ट्रेक की ट्रेकिंग बर्ष के किसी भी समय की जा सकती है, हालांकि सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के कारण यह ट्रेक कठिन हो जाता है क्योंकि चोपता के लिए रास्ता बंद हो जाता है।
किसी भी स्थान पर घूमने जाने या ट्रेक पर जाने से पहले उस जगह के मौसम की जानकारी होना अति आवश्यक है। इसीलिए यदि आप चोपता घाटी घूमने और ट्रेकिंग के लिए जाने वाले है तो जान लें अक्टूबर से जनवरी के बीच चोपता वैली का अधिकतम तापमान -15 डिग्री सेल्सियस से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच कहीं भी रह सकता है और इस दौरान इस स्थान पर भारी बर्फबारी भी देखी जा सकती है। जबकि मार्च से मई के महीनों के दौरान औसत तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच कहीं भी रह सकता है। इसीलिए मौसम के आधार पर, चोपता घाटी के लिए ट्रेक की योजना बनाये।
उत्तराखंड में चोपता घाटी की यात्रा के लिए सर्दियों (अक्टूबर से जनवरी) का समय सबसे अच्छा समय होता है, खासकर जब आप बर्फ से ढके पहाड़ो के सुंदर परिदृश्यों देखते हुए ट्रेकिंग करना चाहते है। लेकिन यदि आप चोपता वैली में ट्रेकिंग के साथ साथ अन्य पर्यटक स्थलों की यात्रा भी करना चाहते हैं और हरे-भरे घाटी का एक अद्भुत दृश्य प्राप्त करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको मार्च से मई के महीनो के दौरान चोपता वैली की यात्रा करनी चाहिये। देखा जाये तो आप अपनी ट्रिप के अनुसार अक्टूबर से मई के बीच कभी भी चोपता घाटी की यात्रा कर सकते है।
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यदि आप अपने दोस्तों के साथ चोपता वैली घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे चोपता घाटी अपने ट्रेक मार्ग के साथ साथ अपने पर्यटक और दर्शनीय स्थलों के लिए भी कभी प्रसिद्ध जिन्हें आप अपनी चोपता घाटी में ट्रेकिंग के दौरान घूम सकते है, तो हम आइये नीचे चोपता वैली के पर्यटक स्थलों के बारे में जानते है-
तुंगनाथ मंदिर चोपता के पहाड़ों की चोटी के बीच बसा हुआ एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यह मंदिर 1000 साल पुराना है जो समुद्र तल से 3680 मीटर की उंचाई पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो उत्तराखंड में स्थित पांच पवित्रतम शिव मंदिरों में से एक है। चोपता में घूमने की जगहों के रूप में सूचीबद्ध तुंगनाथ मंदिर चोपता से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहाँ 2 घंटे की ट्रेकिंग करके पहुचा जा सकता है। यदि आप चोपता वैली घूमने जाने वाले है तो अपनी ट्रेकिंग के दौरान तुंगनाथ मंदिर अवश्य जायें।
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(Places To Visit In Chopta in Hindi) कंचुला खरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य चोपता का प्रमुख पर्यटक स्थल है जोकि चोपता में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में शामिल हैं। यह अभयारण्य कई प्रकार की वनस्पतियों से घिरा हुआ है जो प्रजनन कस्तूरी मृग और अन्य हिमालयी जानवरों के लिए भी जाना जाता है। यदि आप एक वन्यजीव प्रेमी हैं, तो आप निश्चित रूप से इस खूबसूरत अभयारण्य में समय बिताना पसंद करेंगे।
देवरिया ताल उखीमठ-गोपेश्वर मार्ग पर स्थित है जो चोपता ट्रेक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चोपता में बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच सुबह-सुबह झील का अनुभव करना जीवन के सबसे यादगार अनुभवों में से एक हो सकता है। झील चारों तरफ से चीड़ से घिरी हुई और इस झील का अन्य आकर्षण चौखम्बा पीक का प्रतिबिम्ब है जो वास्तव देखने योग्य है। देवरिया ताल का दौरा करना अपने आप में एक शानदार अनुभव है जिसमे आप सारी गाँव के सुंदरा नजारों को समेटते हुए देवरिया ताल की तरफ बढ़ते है।
सारी गाँव उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत गाँवों में से एक है जो बहुत सारे ट्रेकर्स और यात्रियों को आकर्षित करता है। यह गाँव ट्रेकर्स के लिए एक आधार शिविर के रूप में कार्य करता है, जहाँ पर्यटकों और ट्रेकर्स के रुकने के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध हैं, और अक्सर मौसम ख़राब होने पर ट्रेकर्स इस सुंदर गाँव में रुकते है। देखा जाये तो सारी गाँव पर्यटकों और ट्रेकर्स सभी के दृष्टिकोण से चोपता में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है जो सुंदर परिदृश्यो के साथ साथ उत्तराखंड के लोगों की जीवन शैली और संस्कृति के बारे में जानने का अवसर प्रदान करती है।
उखीमठ चोपता की यात्रा में घूमने के लिए सबसे प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है जहाँ आज भी भगवान शिव और माता पार्वती के कई सारे पुराने मंदिर स्थित है। इसके साथ ही वाणासुर, उषा और अनिरुद्ध की कहानियों की जानकारी भी इसी स्थान पर छुपी हुई है। उखीमठ एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के साथ साथ एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है जो हिमालय के शानदार दृश्य प्रदान करता है। रुद्रप्रयाग जिले की निचली पहाड़ियों में, 1300 मीटर की ऊंचाई पर बसा यह हिल स्टेशन श्रद्धालुओं और यात्रियों दोनों को समान रूप से आकर्षित करता है।
बनियाकुंड चोपता के आकर्षक घास के मैदानों में से एक है जिनमें ट्रेकर्स के लिए कई आवास विकल्प उपलब्ध हैं। इसलिए बनियाकुंड को ट्रेकर्स के लिए एक निवास स्थान कहना गलत नही होगा। चोपता ट्रेकिंग के दौरान अधिकाँश ट्रेकर्स अपने ट्रेक के दौरान बेस कैंप के रूप में इस स्थान का चयन करते हैं। ट्रेकर्स के साथ साथ पर्यटकों के लिए भी यह जगह पसंदीदा बनी हुई है जहाँ आप हरे-भरे घास के मैदान में आराम कर सकते है और इसके आसपास के सुंदर परिदृश्यों को देख सकते है।
रोहिणी बुग्याल कैम्पिंग के लिए चोपता की सबसे अच्छी जगहों में से एक है, क्योंकि यह स्थान घने जंगलों से भरा हुआ है। राजसी हिमालय की गोद में बसा रोहिणी बुग्याल चोपता के सबसे विचित्र गाँवों में से एक है जो सभी ट्रेकर्स के लिए स्वर्ग है। रोहिणी बुग्याल में कैम्पिंग के दौरान गढ़वाल हिमालय के दूरगामी नजारे देखे जा सकते है और अक्सर ट्रेकर्स चोपता ट्रेक के दौरान रोहिणी बुग्याल में कैम्पिंग करते हुए देखे जाते है।
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पेकिंग यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिस पर पूरी ट्रिप निर्भर करती है। अगर पेकिंग में थोड़ी सी भी कमी रह जाती है, तो पूरी यात्रा अधूरी-अधूरी सी लगती है। इसीलिए अगर आप चोपता घाटी घूमने जा रहे है तो नीचे दी गयी कुछ महत्वपूर्ण चीजो की पेकिंग करना बिलकुल ना भूलें, इनके अलावा आप मौसम के अनुसार पैकिंग में बदलाव कर सकते है।
(Chopta Valley Uttarakhand Information in hindi) जब आप चोपता में ट्रैकिंग कर रहे होगे, तो उस दौरान खाने के लिए आपके पास बहुत सारे विकल्प नहीं होंगे। लेकिन जब आप चोपता में रहेगे तो उस दौरान आपको खाने के लिए बिभिन्न विकल्प मिल जायगें। शिवांश कैफे एंड रेस्टोरेंट, चोपता और उसके आसपास के प्रसिद्ध कैफ़ो में से एक है जहाँ आप कुछ स्नैक्स खाने के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा जब आप इस कैफ़े में होते हैं तो चिकन सिज़लर और पैन ऑमलेट को चखना बिलकुल ना भूलें। बता दे स्नैक्स के अलावा, इस स्थान पर दोपहर के भोजन की सुविधा भी है।
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यदि आप अपने दोस्तों के साथ चोपता वैली घूमने जाने का प्लान बना रहे है और अपनी यात्रा के दौरान चोपता में रुकने के लिए होटल्स की तलाश में है, तो हम आपकी जानकारी के लिए चोपता में सभी बजट की होटल्स उपलब्ध है जिनकी आप अपनी सुविधानुसार चुनाव कर सकते है-
(Chopta Valley Uttarakhand Information in Hindi) चोपता एक छोटा शहर है, इसलिए वहां पर कोई हवाई अड्डा या ट्रेन स्टेशन नहीं हैं। चोपता का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून अड्डा है जबकि निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार में स्थित है। इसीलिए बसों, टैक्सियों या निजी कारों से यात्रा करके चोपता पहुचना सबसे बेहतर विकल्प हो सकता हैं। लेकिन उसके बाद भी यदि आप फ्लाइट या ट्रेन से यात्रा करना चाहते है तो आइये विस्तार से जानते है की हम फ्लाइट,ट्रेन और सड़क मार्ग से चोपता केसे पहुंचे।
चोपता घाटी का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो चोपता से लगभग 226 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। फ्लाइट से चोपता घाटी पहुचने के लिए देहरादून के लिए उड़ान भरना सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। एयरपोर्ट पहुचने के बाद आप टैक्सी या बस की मदद से चोपता घाटी पहुँच जायेगे।
यदि आपने चोपता वैली की यात्रा के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे चोपता का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जो चोपता से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ट्रेन से यात्रा करके ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद आप बस या एक टेक्सी किराये पर लेकर चोपता घाटी जा सकते है।
सड़क मार्ग से चोपता घाटी की यात्रा करना सबसे अच्छा तरीका है। चोपता पहुचने के लिए आप उत्तराखंड के प्रमुख शहरों से बस ले सकते है या एक टेक्सी बुक कर सकते है। इसके अलावा आप NH58 के माध्यम से अपने निजी वाहन से यात्रा करके भी चोपता वैली जा सकते है।
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