Chhatarpur In Hindi, छतरपुर जिला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक आकर्षित पर्यटन स्थल है जोकि अपने धार्मिक आकर्षण और शानदार वन्यजीव अभ्यारण, सुन्दर इमारते और खजानों के लिए जाना जाता हैं। छतरपुर जिले में ही पर्यटकों को खुदार और केन नदियों का संगम स्थल देखने को मिलता हैं। इसके अलावा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए छतरपुर जिले में महाराजा छत्रसाल संग्रहालय, पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, जटाशंकर और भीमकुंड आदि खूबसूरत स्थान हैं जहां पर्यटक घूमने के लिए जा सकते हैं। छतरपुर जिले में पर्यटकों के बीच सबसे अधिक लौकप्रिय पर्यटन स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल खजुराहो मंदिर हैं। छतरपुर जिला चारो ओर से आकर्षित वृक्षों, पहाड़ो, नदियों और तालाबो से घिरा हुआ हैं।
जिले के पूर्वी सीमा से सटी हुई सिंघारी नदी प्रवाहित होती हैं। छतरपुर जिले तीन प्रमुख तालाब किशोर सागर, राव सागर और प्रताप सागर हैं जोकि पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खीचते है। यदि आप छतरपुर जिले से जुडी रोचक बातो की जानकारी पाना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।
छतरपुर जिले का इतिहास बुंदेल राजाओं और मुगलों से सम्बंधित है। छतरपुर जिले की स्थापना का श्रेय बुन्देल राजा छत्रसाल को जाता हैं उन्होंने सन 1707 के दौरान इसकी स्थापना की नीव रखी थी। छत्रसाल एक ऐसे बुन्देला शासक थे जिन्होंने मुगलों के शासन का विरोध किया और सफलता प्राप्त की। 18 वीं शताब्दी के दौरान कुंवर सोने शाह परमार ने इस नगर पर अपना अधिपत्य जमा लिया था। छतरपुर जिले में 1908 के दौरान नगर पालिका का गठन किया गया। हालाकि छतरपुर को प्राचीन समय में एक देशी राज्य का दर्जा प्राप्त था लेकिन अब यह एक जिले के रूप में कार्यरत हैं।
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छत्तरपुर जिले में कई ऐतिहासिक, प्राकृतिक, दर्शनीय और घूमने वाले स्थान हैं। आप छत्तरपुर जिले की यात्रा के दौरान छतरपुर ज़िला के दर्शनीय स्थलों पर भी घूमने जा सकते हैं जिनकी जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं।
महाराजा छत्रसाल संग्रहालय मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में छतरपुर अव्गांव राज्य मार्ग पर स्थित एक प्राचीन महल के अन्दर बना हुआ हैं। महाराजा छत्रसाल संग्रहालय में वर्तमान समय में 8 गैलरियां बनी हुई हैं जोकि बुंदेला राजाओं से सम्बंधित चित्र, वस्त्र और उनके हथियारों को प्रदर्शित करती हैं। छत्तरपुर आने वाले पर्यटक इस महाराजा छत्रसाल संग्रहालय घूमने के लिए जरूर आते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराजा छत्रसाल संग्रहालय में जैन धर्म से संबधित चित्रों को भी शानदार ढंग से चित्रित किया गया हैं।
छतरपुर का सबसे प्रमुख आकर्षण खजुराहो भारत के मध्य में स्थित मध्यप्रदेश स्टेट का एक बहुत ही खास शहर और पर्यटक स्थल है। जोकि अपने प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिए देश भर में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश में कामसूत्र की रहस्यमई भूमि खजुराहो अनादिकाल से दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। छतरपुर जिले का यह छोटा सा गाँव स्मारकों के अनुकरणीय कामुक समूह के कारण विश्व-प्रसिद्ध है, जिसके कारण इसने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में अपना स्थान बनाया है।
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छतरपुर जिले में घूमने वाली जगहों में शामिल भीमकुण्ड बजना गांव के पास स्थित एक आकर्षित स्थान है जोकि छतरपुर जिले से लगभग 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। भीमकुंड एक प्राकृतिक जल कुण्ड के साथ साथ एक पवित्र स्थान के रूप में जाना जाता हैं। कुण्ड के पानी की स्वक्षता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि आप इस कुण्ड में तैरती हुई मछली को भी देख सकते हैं। स्थानीय लोगो का मानना हैं कि भीमकुण्ड की गहराई मापी नही जा सकती हैं।
गंगऊ बांध खजुराहो पर्यटन स्थल के पास स्थित है और छत्तरपुर जिले से इसकी दूरी लगभग 18 किलोमीटर हैं। गंगऊ बांध केन और सिमरी नदी के संगम स्थल पर स्थित हैं। पर्यटक यहाँ एक शानदार पिकनिक मनाने के लिए दूर दूर से आते हैं। इसके आलावा आप यहाँ दिलचस्प नौका बिहार का आनंद भी ले सकते हैं।
रनेह जल प्रपात छतरपुर जिले में स्थित एक आकर्षित वॉटरफॉल हैं जोकि खजुराहो पर्यटन स्थल से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। खुदार और केन नदी के संगम से रनेह जल प्रपात बनता हैं। रनेह जल प्रपात के बारे में रोचक तथ्य यह हैं कि यह लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने साथ कई छोटे-बड़े जलप्रपातो को मिलाता हैं। रनेह जल प्रपात की खूबसूरती को देखने के लिए पर्यटक दूर दूर से आते है। यहाँ का प्रमुख वॉटरफॉल लगभग 98 फिट गहरा और इसका पानी रंग-बिरंगी ग्रेनाईट चट्टानों से होकर गुजरता हैं जोकि आकर्षित दृश्य प्रस्तुत करता हैं।
हनुमान टोरिया मंदिर छतरपुर जिले का एक प्रमुख दर्शनीय मंदिर हैं। किशोर सागर तालाब के सामने स्थित यह खूबसूरत मंदिर शहर के बीच में स्थित एक पहाड़ी पर स्थित हैं। हनुमान टोरिया मंदिर छतरपुर बस स्टैंड से लगभग एक किलोमीटर के अन्तराल पर स्थित हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन इस मंदिर में भक्तो की संख्या देखने लायक होती हैं।
छतरपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों की सूची में शामिल बंबर देवी मंदिर एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है जोकि देवी दुर्गा के अन्य रूप देवी बंबर के लिए जाता हैं। यह मंदिर छतरपुर के लोडी क्षेत्र से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। प्रत्येक वर्ष नवरात्री के अवसर इस स्थान पर मेले का आयोजन किया जाता हैं।
छतरपुर जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी हीरो की खान है। छत्तरपुर को खजाने की भूमि इसीलिए कहा जाता हैं। यहाँ स्थित मझगाँव हीरे की खान को 50 किमी लम्बे बेल्ट के क्षेत्र में फैलाया गया। मध्य प्रदेश में स्थित एशिया की सबसे बड़ी हीरे की खान भारत सरकार के राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC Ltd) के डायमंड माइनिंग प्रोजेक्ट नियंत्रण में हैं।
छत्तरपुर के प्रमुख आकर्षण में शामिल पांडव जलप्रपात और गुफाएं पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अन्दर स्थित एक आकर्षित स्थान हैं। माना जाता है कि पांडवों ने अपने निर्वासन के समय इस स्थान पर शरण ली थी। पांडव जलप्रपात और गुफाओं के प्रमुख आकर्षण में यहाँ के खूबसूरत झरने, गहरी झील और हरे भरे प्राकृतिक वातावरण का नजारा देखने को मिलता हैं।
छत्तरपुर में घूमने वाली जगहों में शामिल पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भारत का 22वां बाघ अभयारण्य हैं। इसके अलावा यह मध्य प्रदेश राज्य का पांचवा बाघ अभयारण्य हैं। पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला पन्ना राष्ट्रीय उद्यान लगभग 542.67 किमी वर्ग के क्षेत्र में फैला हुआ हैं। पन्ना नेशनल पार्क में पाए जाने वाले जानवरों में जंगली बिल्ली, बाघ, हिरण और मृग के अलावा पक्षियों की 200 से भी अधिक प्रजातियां पर्यटकों द्वारा देखी जा सकती हैं।
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छत्तरपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शामिल बलदेवजी मंदिर रोमन वास्तुकला से प्रेरित है। जोकि छत्तरपुर की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। बलदेवजी मंदिर में बड़े स्तंभों के साथ महा मंडपा नामक एक बड़ा हॉल भी बना हुआ है। हॉल को इस तरह से डिजाइन किया गया हैं मंदिर के प्रमुख देवता के दर्शन बाहर से भी किया जा सकते हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि श्री बालदेवजी की आकर्षक प्रतिमा का निर्माण काले शालिग्राम पत्थर का उपयोग करके किया गया हैं।
छत्तरपुर के पन्ना में स्थित महामति प्राणनाथ जी मंदिर एक अधभुत मंदिर हैं जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। महामति प्राणनाथ जी मंदिर का निर्माण सन 1692 में किया गया था। महामति प्राणनाथ जी मंदिर संरचना हिंदू और मुस्लिम स्थापत्य शैली और मान्यताओं का समर्थन करती हैं।
केन घड़ियाल अभ्यारण छत्तरपुर देखने वाली आकर्षित जगहों में से एक हैं। केन घड़ियाल वाइल्ड लाइफ सेंचुरी छत्तरपुर और रीवा जिला में स्थित हैं। इस स्थान पर पर्यटक मगरमच्छो को भारी संख्या में देख सकते हैं जोकि संरक्षित करके रखे गए है।
छत्तरपुर जिले का ऐतिहासिक गुलगंज किला पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। गुलगंज किला जोकि दो मंजिला खूबसूरत ईमारत हैं इसका निर्माण 18वीं शताब्दी के दौरान का माना जाता हैं।
विश्व प्रसिद्ध खजुराहो से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी स्थित बैनी सागर बांध छत्तरपुर जिले का एक अन्य प्रमुख आकर्षण हैं। जोकि पर्यटकों के बीच एक पिकनिक स्पॉट के रूप में बहुत अधिक लोकप्रिय हैं।
छतरपुर जिले में कई तालाब बने हुए और इसलिए छत्तरपुर को तालाबो का शहर भी कहाँ जाता हैं। यहाँ के प्रमुख तालाबो में सागर तालाब, प्रताप सागर तालाब, किशोर सागर तालाब, ग्वाला मगरा तालाब और रानी तलैयाँ आदि हैं।
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छतरपुर जाने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों का माना जाता हैं। अक्टूबर से लेकर मार्च तक का समय छतरपुर की यात्रा और पर्यटन के लिए सबसे अच्छा माना जाता हैं।
छतरपुर के प्रसिद्ध भोजन में हम मध्य प्रदेश राज्य की भोजन संस्कृति की झलक देखते हैं। छतरपुर आने वाले पर्यटकों पोहा जलेबी, दाल बाफला, भुट्टे की कीस और बिरयानी पिलाफ आदि चखने को मिलेगा।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में यदि आप किसी आवास की तलाश में हैं। तो हम आपको बता दें कि यहाँ आपको कई होटल और आवास मिल जायंगे जोकि लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक की रेंज में उपलब्ध होते हैं।
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छतरपुर की यात्रा के लिए पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
छतरपुर की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि छत्तरपुर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा खजुराहो हैं। जोकि छत्तरपुर से लगभग 44 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। खजुराहो एयरपोर्ट से छत्तरपुर जाने के लिए आपको कैब की आवश्यकता होती हैं।
छत्तरपुर जाने के लिए यदि आपन रेल मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि भोपाल रेलवे स्टेशन से छतरपुर के लिए आपको सीधी ट्रेन मिल जाएगी।
छतरपुर जाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि छत्तरपुर सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसलिए आप बस, टेक्सी या अपने निजी साधनों से छतरपुर पर्यटन स्थल की यात्रा पर निकल सकते हैं।
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