Tawang In Hindi, तवांग पर्यटन स्थल भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य में उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है जो भूटान की सीमा से लगा हुआ हैं। बता दें कि तवांग समुद्र तल से 2669 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। तवांग पर्यटन स्थल को दलाई लामा की जन्म स्थली के रूप में भी जाना जाता हैं। तवांग में कई आकर्षित मठ बने हुए है जोकि बौद्ध भिक्षुओं के लिए बेहद ख़ास महत्व रखते है। तवांग धार्मिक महत्व की भूमि है जोकि अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पवित्र स्थलों की वजह से पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन चुकी हैं। पर्यटक दूर दूर से यहाँ घूमने के लिए आते हैं। यदि आप भी तवांग शहर और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा अवश्य पढ़े।
तवांग के इतिहास के पन्ने पलेटने पर हम पाते हैं कि तवांग की उत्पत्ति के बारे में जानकारी अस्पष्ट है। मध्यकाल के दौरान तवांग तिब्बत राज्य का एक अहम हिस्सा हुआ करता था। यहाँ के स्थानीय आदिवासी शासकों द्वारा इस स्थान पर शासन किया गया हैं। बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने सन 1873 में इस क्षेत्र को ऑफ-लिमिट (Off-Limits) घोषित कर दिया था। सन 1947 में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद से ही यह क्षेत्र भारत और चीन के बीच विवादों का विषय बना रहा। जिसके चलते चीनी सेना ने सन 1962 में तवांग पर आक्रमण कर दिया लेकिन बाद भारतीय सेना द्वारा की गई जबाबी कारबाई के चलते चीनी सेना पीछे हट गई।
तवांग पर्यटन स्थल में घूमने के लिए कई आकर्षित स्थान हैं जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि आप तवांग शहर की यात्रा पर हैं तो इसके निकट के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर अवश्य घूमने के लिए जाए।
तवांग पर्यटन के प्रमुख आकर्षण में शामिल तवांग मठ को गोल्डन नामग्याल ल्हासे के नाम से भी जाना जाता हैं। बता दें कि तवांग मठ (तवांग मोनेस्ट्री) अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख रत्नों में से एक है। यह आकर्षित स्थान समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मठ का दर्जा प्राप्त करता हैं, हालाकि पहले स्थान पर ल्हासा मठ हैं। मठ के इतिहास से पता चलता हैं कि यह 400 साल पुराना है और एक बड़ी हवेली के रूप में निर्मित किया गया था जोकि 300 से भी अधिक भिक्षुओं के लिए आश्रय स्थल के रूप में जाना जाता हैं।
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तवांग पर्यटन स्थल में घूमने वाली जगह नूरानांग जलप्रपात पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। तवांग के खूबसूरत जंगल में स्थित यह वॉटरफॉल देश के सबसे अच्छे झरनों में गिना जाता हैं और पर्यटक झरने के पास अक्सर पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। झरने का पानी 100 मीटर की ऊँचाई से गिरता हैं। बता दें कि यह वॉटरफॉल नूरनांग नदी का एक अहम हिस्सा जोकि सेला दर्रे से निकलता है।
तवांग वॉर मेमोरियल (युद्ध स्मारक) की संरचना 40 फीट ऊँची हैं और इस युद्ध स्मारक को सन 1962 में हुए चीन-भारत युद्ध के सभी शहीदों को समर्पित किया गया है। बता दें कि तवांग वॉर मेमोरियल से नवांग-चू घाटी दृश्य देखने लायक होता हैं।
तवांग का मशहूर जसवंत गढ़ सन 1962 में हुए भारत चीन युद्ध में मारे गए जसवंत सिंह की याद में बनबाया गया है। बता दें कि देश के वीर शहीद जसवंत सिंह की समाधी स्थल सेला दर्रे से लगभग 21 की दूरी पर तवांग की ओर स्थित हैं। तवांग पर्यटन पर आने वाले पर्यटक वीर शहीद को नमन करने के लिए यहाँ अक्सर आते हैं।
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सेला दर्रा तवांग का प्रसिद्ध स्थान हैं जोकि हिमालयी विस्टा में सबसे खूबसूरत दृश्य प्रस्तुत करने के लिए जाना जाता है। सेला पास को अरुणांचल प्रदेश के लोगो की जीवन रेखा भी माना जाता हैं। दर्रा की रहस्यवादी सौंदर्यता यहाँ आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। भारत के पूर्वोत्तर में यह प्रकृति के आकर्षण का सुन्दर नमूना है। यह स्थान बर्फ से ढंका हुआ रहता हैं और समुद्र तल से 4170 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं। सेला दर्रा और सेला झील को अरुणाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है।
तवांग पर्यटन की प्रसिद्ध झीलों में माधुरी लेक का नाम भी शामिल हैं और यहाँ पर्यटक बड़ी संख्या में घूमने के लिए आते हैं। माधुरी झील को संगतेसर झील के नाम से भी जाना जाता हैं। बता दें कि माधुरी झील को बॉलीवुड फिल्म कोयला में फिल्माया गया था और तभी से यह झील लोगो के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हो गई हैं। फिल्म की मुख्य में माधुरी दीक्षित थी और उन्ही के नाम पर इस झील का नाम पड़ा हैं। माधुरी झील की ऊंचाई समुद्र तल से 12,000 फीट हैं, हिमालय के बीचों बीच यह झील शानदार दृश्य प्रस्तुत करती हैं। माधुरी झील तवांग से लगभग 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
तवांग पर्यटन के दौरान घूमने लायक जगह गोरीचेन पीक अरुणाचल प्रदेश राज्य की सबसे ऊंची चोटी है। बता दें कि यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिले के बीच में स्थित हैं और समुद्र तल से 22,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। गोरीचेन पीक और तवांग के बीच की दूरी लगभग 57 किलोमीटर हैं। ऐसे पर्यटक जो ट्रैकिंग के शौकीन हैं गोरीचेन पीक की यात्रा कर सकते हैं। चोटी उच्तम शिखर को सा-नगा फु के नाम से जाना जाता हैं।
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तवांग शहर का एक अन्य आकर्षण पी टी त्सो झील तवांग शहर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। पर्यटन के लिहाज से यह बेहद ही आकर्षित स्थान हैं और पिकनिक जैसी गतिविधियों के लिए जाना जाता हैं। पी टी त्सो झील के आसपास का खूबसूरत वातावरण पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
तवांग पर्यटन स्थल में लोसर का तिब्बती बौद्ध त्योहार प्रतिवर्ष फरवरी-मार्च के महीने में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हैं।
तवांग जाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से सितंबर माह के दौरान का माना जाता हैं। बता दें कि तवांग पर्यटन ग्रीष्मकाल और मानसून के दौरान घूमने के लिए आदर्शं माना जाता हैं। सर्दियों के मौसम में तवांग का तापमान 1-3 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता हैं और बर्फबारी देखने को मिलती हैं। बता दें कि तवांग घूमने के लिए आदर्श समय दो दिन का माना जाता हैं।
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तवांग और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप यहाँ किसी अच्छे निवास स्थान की तलाश कर रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि तवांग में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल मिल जाएंगे। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं।
तवांग अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों और आकर्षित वातावरण के साथ साथ अपने लजीज भोजन के लिए भी प्रसिद्ध है। तवांग के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद आपको उंगलिया चाटने पर मजबूर कर देगा। तवांग के स्थानीय व्यंजनों में पराँठे-सब्ज़ी, बिरयानी, स्टेपल मोमोज और थुक्पा आदि यहाँ के प्रमुख व्यंजन हैं। इसके अलावा तवांग पर्यटन में आपको शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के व्यंजन मिल जाएंगे।
तवांग पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
तवांग पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि तवांग का सबसे निकटतम हवाई अड्डा तेजपुर हैं। जोकि लगभग 143 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं और यह कोलकाता और गुवाहाटी हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ हैं। अंतर्राष्ट्रीय यात्री लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय गुवाहटी (Lokpriya Gopinath Bordoloi International Airport) हवाई अड्डे से यात्रा कर सकते हैं। हवाई अड्डे से आप बस या टैक्सी का चुनाव कर सकते हैं।
तवांग की यात्रा के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि तवांग का अपना कोई रेलवे स्टेशन नही हैं और इसका सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन तेजपुर हैं। यात्री स्टेशन से बस या कैब के माध्यम से तवांग पर्यटन स्थल तक आसानी से पहुँच जायेंगे।
तवांग जाने के लिए अगर आपने बस का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि तवांग सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं और यात्रा के लिए बसे नियमित रूप से चलती हैं। तेजपुर (असम) और बोमडिला से पर्यटकों सीधी बसे मिल जाएगी।
इस आर्टिकल में आपने तवांग घूमने की पूरी (Touirst Places In Tawang In Hindi)जानकारी को जाना है आपको यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेन्ट करके जरूर बतायें।
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