Badami Caves In Hindi, बादामी गुफा मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य में बागलकोट जिले में स्थित दर्शनीय स्थल हैं जोकि भगवान विष्णु को समर्पित हैं। यहां चार गुफाएं स्थित हैं जिनमे से तीन हिन्दू धर्म से सम्बंधित और एक जैन धर्म से हैं। बादामी (प्राचीन नाम वातपी या वातपपी) अगत्स्य झील के किनारे पर स्थित हैं जोकि लाल पत्थरों की एक आकर्षित घाटी में स्थित हैं।
पर्यटक यहां की प्राचीन गुफाओं में स्थित मंदिर, किले और नक्काशी को देखने दूर-दूर से आते हैं। द्रविड़ वास्तुकला की मिशाल के रूप में जानी जाने वाली बादामी पर्यटन प्राचीन समय में चालुक्य राजवंश की राजधानी के रूप में जाना जाता था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बादामी शहर उत्तर और दक्षिण भारतीय शैली का शानदार उदहारण प्रस्तुत करता हैं। यदि आप बादामी गुफा टेम्पल से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
बादामी गुफा की संरचना में चालुक्यों की वास्तुकला को देखा गया हैं जोकि बहुत खूबसूरत हैं और 6 वीं शताब्दी के दौरान की याद दिलाती हैं। चालुक्य वंश द्वारा यहाँ कई खूबसूरत मंदिर और गुफाओं का निर्माण किया गया है। सैंडस्टोन पहाड़ियों से निर्मित बादामी गुफा मंदिर रॉक-कट वास्तुकला का दावा प्रस्तुत करता हैं। बादामी में चार गुफा मंदिर हैं जोकि 3 हिन्दू धर्म से और एक जैन धर्म से सम्बंधित हैं। यह गुफा मंदिर अपनी सुंदर नक्काशी के लिए जाने जाते है। इन गुफा मंदिरों में दक्षिण भारतीय द्रविड़ वास्तुकला और उत्तर भारतीय नगर शैली की झलक देखने लायक होती है। हरेक गुफा में एक बरामदा, गर्भगृह, एक हॉल, स्तंभ और जलाशय आदि देख जा सकते हैं।
बादामी गुफा मंदिर का इतिहास छटवीं से आठवीं शताब्दी के दौरान का हैं। बादामी गुफाओं का निर्माण पल्लव वंश के शासको द्वारा किया गया था।
और पढ़े: हम्पी घूमने की जानकारी और 30 पर्यटक स्थल
बादामी गुफाओं को चालुक्य राजा मंगलेसा के शासनकाल में निर्मित किया गया था। यह चार गुफाएं हैं जिनका विवरण नीचे दिया गया हैं। इनमे से तीन हिन्दू धर्म जबकि अन्य एक जैन धर्म से सम्बंधित हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुफाओं तक पहुँचने के लिए लगभग 2000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
गुफा संख्या एक को शैव गुफा के नाम से जाना जाता हैं। इस आकर्षित गुफा में खूबसूरत भगवान शिव की 18-सशस्त्र नृत्य नक्काशी, भगवान गणेश की दो हाथो वाली नक्काशी, महिषासुर मर्दिनी, अर्ध नरेश्वर और शंकरनारायण आदि की नक्काशी शामिल हैं। गुफा का छत एक नाग आकृति की भाती प्रतीत होता हैं।
बादामी की गुफा संख्या II में वैष्णव प्रभावों को त्रिविक्रम और भुवराहा के साथ प्रदर्शित किया गया हैं। इसके अलावा छत पर अनंतनायण, शिव, ब्रह्मा, विष्णु और अन्य अष्टदिक्पालों की दर्शनीय नक्काशी की गई हैं।
गुफा संख्या तीन जोकि बादामी की सबसे बड़ी और सुन्दर गुफा हैं। पर्यटकों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करती हैं। गुफा संख्या III में शैव और वैष्णव से सम्बंधित नक्काशी देखने को मिलती है। केव्स-3 में त्रिविक्रम, नरसिम्हा, शंकरनारायण, भुवराहा, अनंतसयाना और हरिहर आदि को शानदार ढंग से उकेरा गया हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 578 ईस्वी के दौरान एक शिलालेख में मंगलेश द्वारा निर्माण के रिकॉर्ड की जानकारी मिलती हैं।
गुफा संख्या तीन के पूर्व में स्थित चौथी गुफा जैन धर्म से सम्बंधित हैं। इस गुफा में गर्भगृह को सुशोभित करने वाली एक दर्शनीय छवि श्री महावीर की हैं जोकि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इसके अलावा अन्य नक्काशीयों में शामिल पद्मावती सहित अन्य तीर्थकर आदि शामिल हैं।
और पढ़े: मैसूर पैलेस घूमने की जानकारी और प्रमुख पर्यटन स्थल
बादामी गुफा सुबह के 9 बजे से शाम के 5.30 बजे तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है ।
और पढ़े: कुक्के श्री सुब्रमण्या मंदिर कर्नाटक के दर्शन की जानकारी
बादामी पर्यटन स्थल अपने खूबसूरत गुफा मंदिरों के लिए जाना जाता हैं लेकिन गुफा मंदिर के अलावा भी बादामी में कई आकर्षित स्थान हैं। जहां घूमकर पर्यटक अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।
बादामी में देखने वाली जगहों में शामिल बादामी किला 543 ईस्वी चालुक वंश के राजा पुलकेसगी द्वारा निर्मित किया था। दो शिवालय परिसर के साथ यह किला एक चट्टान के शीर्ष पर स्थित हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 14 वीं शताब्दी और 16 वीं शताब्दी के दौरान निर्मित किये गए प्रहरीदुर्ग को भी इसी चट्टान पर चित्रित किया गया हैं।
बादामी में घूमने वाली जगहों में शामिल अगत्स्य झील यहां का प्रमुख आकर्षण हैं। यह स्थल चिकित्सा शक्तियों के लिए के लिए भी जाना जाता हैं। अगत्स्य झील बादामी में बनी सभी गुफाओं का सामना करती है। जोकि लाल बलुआ पत्थर के मंदिरों से घिरी हुई है।
ऐहोल बादामी का प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। यहां प्राचीन मंदिरों का इतिहास और उनके दर्शन के लिए पर्यटक भारी संख्या में यहां का दौरा करते हैं। यदि आप भी बादामी के दौरे पर है तो इस खूबसूरत स्थान का पर जरूर जाए।
बादामी के दर्शनीय स्थलों में शामिल भूतनाथ मंदिर अगस्त्य झील के सामने स्थित हैं। यह दो मंदिर है जोकि स्थानीय बलुआ पत्थरो से निर्मित किए गए हैं। भूतनाथ मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित हैं जोकि भूतनाथ के रूप विराजमान हैं।
और पढ़े: गोल गुम्बज और इसके प्रमुख पर्यटन स्थान की पूरी जानकारी
बनशंकरी मंदिर को बनशंकरी अम्मा मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं। यह मंदिर बगलकोट जिले में बादामी के निकट चोलाचगड में स्थित है। हिन्दू धर्म से सम्बंधित यह कर्नाटक के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं। इस मंदिर से जुडी कई कहानियां सामने आती हैं जोकि मंदिर की प्रसिद्धी की सबसे बड़ी वजह हैं। हालांकि मंदिर से जुडी सबसे रोचक बात राहू काल के दौरान मंदिर में की जाने वाली पूजा हैं जोकि हिन्दू संस्कृति के अनुसार अशुभ मानी जाती हैं।
बादामी पर्यटन में घूमने के लिए पत्तदकल एक छोटा सा गाँव है जोकि रक्तापुरा के नाम से भी जाना जाता हैं। पत्तदकल में पत्थर से बने 10 अद्भुत मंदिर हैं जोकि दर्शनीय हैं। इन मंदिरों का निर्माण 7 वीं और 8 वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दस मंदिरों में से नौ हिंदू मंदिर हैं और एक जैन धर्म से सम्बंधित मंदिर है।
बादामी में दर्शनीय प्राचीन मालेगिट्टी शिवालय किला और मंदिर चालुक्य वास्तुकला का एक भव्य उदाहरण प्रस्तुत करता हैं। इसमें शानदार नक्काशीदार, रॉक-कट मंदिर है जोकि बादामी शहर में एक ऊबड़-खाबड़ पथरीली चट्टानी स्थान से घिरा हुआ है। मंदिर का निर्माण 7 वीं शताब्दी के दौरान किया गया था और चालुक्य वंश की प्रारंभिक वास्तुकला की द्रविड़ शैली को जीवित रखे हुए हैं।
बादामी पुरातत्व संग्रहालय कई प्राचीन संस्कृतिक कलाकृतियों को समेटे हुए हैं जोकि उत्तरी पहाड़ी की तलहटी में स्थित एक ऐतिहासिक खजाने के रूप में जाना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुरातत्व संग्रहालय में कई खूबसूरत मूर्तियां, शिलालेख, वास्तुशिल्प आदि संरक्षित है। मुख्य रूप से यहां प्राचीन पत्थर, मूर्तियां और औजार देखने को मिलते हैं। पुरातत्व संग्रहालय के अंदर चार गैलरी है और और इसके बरामदे में भगवान शिव, भगवान गणेश और भगवान विष्णु को चित्रित किया गया है। पर्यटक इस संग्रहालय में भारी संख्या में घूमने के लिए जाते हैं।
बादामी के बहारी क्षेत्र में स्थित महाकूटा मंदिर एक दर्शनीय स्थान हैं जोकि चालुक्यों के अद्वितीय रॉक-कट निर्माण पैटर्न को प्रस्तुत करता हैं। मंदिर का निर्माण सातवी शताब्दी में किया गया था जोकि भगवान शिव को समर्पित हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहाँ का महाकूटेश्वर मंदिर सबसे बड़ा है जोकि द्रविड़ और नगर शैलियों को उजागर करता हैं।
और पढ़े: मंगलौर के दर्शनीय स्थल की जानकारी
बादामी पर्यटन स्थल खरीददारी के लिए एक अहम स्थान है। जो कि अपने हाथ से बनी कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बादामी मे चंदन और शीशम की आकर्षित मूर्तियां भी मिलती है। इसके अलावा आप बादामी में आभूषणों की खरीदारी भी यहाँ कर सकते हैं।
बादामी गुफा मंदिर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल के बीच का माना जाता है। हालाकि बारिश के मौसम में भी मंदिर की यात्रा की जा सकती हैं लेकिन पथरीला क्षेत्र होने के कारण गर्मियों के मौसम में यहाँ आने से परहेज करे तो अच्छा रहेगा।
बादामी में स्वादिष्ट भोजन की भरमार हैं। बादामी के स्थानीय भोजन में सबसे प्रसिद्ध उड़द की दाल, गुड़, चावल, रागी, ज्वार और नारियल हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बादामी में खाना थोड़ा तीखा और खट्टा होता है और नारियल के तेल में पका हुआ होता हैं। यदि आप मांस, मछली और समुद्री भोजन के शौकीन हैं तो आपके लिए इसकी व्यवस्था भी मिल जाएगी। हलवा, चिरौटी और मैसूर पाक मिठाई कुछ अन्य प्रमुख व्यंजन हैं।
बादामी गुफा मंदिर घूमने वाले पर्यटकों को बता दें कि यहाँ कई अच्छे होटल है जोकि पर्यटकों को उचित मूल्य पर मिल जाते हैं। आप इन होटल का चुनाव अपनी जरूरत अनुसार कर सकते हैं।
और पढ़े: जाने उडुपी का कृष्ण मंदिर के बारे में
बादामी गुफा मंदिर जाने के लिए पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
बादामी गुफा मंदिर की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि बादामी का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बेलगाम में है जोकि गुफा मंदिर से लगभग 190 की दूरी पर हैं। आप यहाँ से स्थानीय साधनों की मदद से बादामी गुफा मंदिर आसानी से पहुँच जाएंगे।
यदि बादामी गुफा मंदिर जाने के लिए आपने रेलमार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि बादामी का अपना रेलवे स्टेशन हैं जोकि आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। रेलवे स्टेशन से आप यहाँ के स्थानीय साधनों की मदद से हिल स्टेशन आसानी से पहुंच जाएंगे।
बादामी गुफा मंदिर की यात्रा के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें कि बस के माध्यम से आप आसानी से अपनी यात्रा पूरी कर सकते है। इसके अलावा आप अपने निजी साधनों की मदद से भी बादामी गुफा मंदिर पहुँच सकते हैं क्योंकि यह स्थान सड़क मार्ग से अपने अपने आसपास के शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं।
और पढ़े: बैंगलोर में घूमने वाली जगहें
इस आर्टिकल में आपने बादामी गुफा मंदिर से जुड़ी जानकारी को जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े:
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…