सिंधुदुर्ग किला का इतिहास और घूमने की पूरी जानकारी – Complete information of Sindhudurg Fort in Hindi

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Sindhudurg Fort in Hindi : सिंधुदुर्ग किला महाराष्ट्र राज्य के मालवन में समुद्र तट पर स्थित एक प्राचीन किला है जो अरब सागर में एक टापू पर स्थित है। यह भव्य किला 48 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसकी विशाल दीवारें समुद्र की दुर्घटनाग्रस्त लहरों के खिलाफ खड़ी हैं। किले के मुख्य द्वार को इस तरह छुपाया गया है कि कोई भी इसे बाहर से पहचान न सके। सिंधुदुर्ग किला मराठा दूरदर्शिता और साधन संपन्नता का एक ठोस उदाहरण है। यह शक्तिशाली किला न केवल ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण आकर्षण है, बल्कि आसपास के परिदृश्य की प्राकृतिक सुंदरता इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाती है। शक्तिशाली अरब सागर के ठीक बीच में फैला यह किला एक मनमोहक नजारा प्रस्तुत करता है अपने इन्ही आकर्षणों के दम पर यह किला हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है।

आज के इस लेख में हम आपको छत्रपति शिवाजी द्वारा निर्मित सिंधुदुर्ग किला का इतिहास, वास्तुकला और इसकी यात्रा से जुड़ी देने वाले हैं इसीलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –

Table of Contents

सिंधुदुर्ग किला का इतिहास – History of Sindhudurg Fort in Hindi

सिंधुदुर्ग किला का इतिहास – History of Sindhudurg Fort in Hindi
image Credit : Rahul Sonawane

सिंधुदुर्ग किला महाराष्ट्र का एक ऐतिहासिक किला है। सिंधुदुर्ग किला के इतिहास पर नजर डालने पर हम पाते है की सिंधुदुर्ग किला का निर्माण सन् 1664 में छत्रपति शिवाजी द्वारा अंग्रेजी, डच, फ्रेंच और पुर्तगाली व्यापारियों के बढ़ते प्रभाव से सुरक्षा प्रदान करने और सिद्दी के उदय को रोकने के उद्देश्य से किया गया था। सिंधुदुर्ग किला शुरू में 1765 तक मराठा साम्राज्य की कमान में था। लेकिन 1792 में ब्रिटिश संधि के अनुसार यह किला ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।

आर्किटेक्चर ऑफ़ सिंधुदुर्ग फोर्ट – Architecture of Sindhudurg Fort in Hindi

आर्किटेक्चर ऑफ़ सिंधुदुर्ग फोर्ट - Architecture of Sindhudurg Fort in Hindi
Image Credit : Sameer misal

सिंधुदुर्ग किले की ताकत इसकी अडिग इंजीनियरिंग में निहित है, जिसने स्वदेशी सामग्रियों का उपयोग अपनी सर्वोत्तम संपत्तियों में किया है। किले को बनाने के लिए मुख्य सामग्री गुजरात से लाई गई रेत थी, जबकि किले की नींव सैकड़ों किलोग्राम सीसे से रखी गई थी। किले का परिसर 48 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें 3 किलोमीटर लंबा बुलेवार्ड है।

सिंधुदुर्ग किले की दीवारें 30 फीट ऊंची और 12 फीट मोटी हैं, जिससे यह व्यावहारिक रूप से असंभव पैमाना है। किले के मुख्य द्वार को इस तरह बनाया गया है कि कोई भी इसे बाहर से पहचान न सके। सिंधुदुर्ग किले में 42 बुर्ज भी हैं, जो अभी भी ऊंचे हैं और पद्मगढ़, राजकोट और सरजेकोट किले जैसे कई छोटे किलों से घिरे हैं। साथ मराठा वीर छत्रपति को समर्पित एक छोटा मंदिर भी किले की सीमा के अन्दर स्थित है।

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सिंधुदुर्ग किला की टाइमिंग – Timings of Sindhudurg Fort in Hindi

यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ सिंधुदुर्ग फोर्ट की ट्रिप को प्लान कर रहे हैं और अपनी ट्रिप पर जाने से पहले टाइमिंग सर्च कर रहे हैं तो हम आपके बता दे सिंधुदुर्ग किला सप्ताह के सातों दिन सुबह 8.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुला रहता है। आप इस दौरान कभी भी यहाँ घूमने आ सकते है। एक बात का और विशेष ध्यान दें सिंधुदुर्ग फोर्ट ट्रिप के लिए कम से कम 2-3 घंटे का समय जरूर निकालें।

सिंधुदुर्ग किला की एंट्री फ़ीस – Entry Fee of Sindhudurg Fort in Hindi

एंट्री फ़ीस ऑफ़ सिंधुदुर्ग फोर्ट सर्च करने वाले पर्यटकों को बता दे सिंधुदुर्ग किला घूमने के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क या फीस नही हैं यहाँ बिना किसी फीस का भुगतान आराम से घूम सकते हैं।

सिंधुदुर्ग किला के आसपास घूमने की जगहें – Places To Visit Near Sindhudurg Fort in Hindi

यदि आप मालवन में सिंधुदुर्ग फोर्ट घूमने जाने वाले हैं तो हम आपको बता दे मालवन में सिंधुदुर्ग किला के अलावा भी घूमने के लिए कई प्रसिद्ध मंदिर, समुद्र तट और कई पर्यटक स्थल मौजूद है जिन्हें आप अपनी यात्रा के दौरान घूमने जा सकते

  • रॉक गार्डन
  • रामेश्वर मंदिर
  • सुनामी द्वीप
  • श्री वागेश्वर मंदिर
  • मालवन समुद्री अभयारण्य
  • तलाशिल तोंदावली बीच
  • जय गणेश मंदिर
  • वेंगुर्ला मालवन बीच
  • सतेरी देवी मंदिर

सिंधुदुर्ग किला घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Sindhudurg Fort in Hindi

सिंधुदुर्ग किला घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Sindhudurg Fort in Hindi
Image Credit : Amol Bhamare

वैसे तो आप साल की किसी भी समय यहाँ घूमने आ सकते है लेकिन अक्टूबर और फरवरी के बीच के सर्दियों के महीने सिंधुदुर्ग किला और मालवन घूमने के लिए सबसे अच्छे महीने हैं। ठंडी रातों और आरामदायक दिनों के साथ, इस समुद्र तट शहर में सर्दी एक अविस्मरणीय छुट्टी का वादा करती है। जुलाई और सितंबर के बीच का मानसून मालवन जाने के लिए सबसे कम अनुकूल समय है, क्योंकि बारिश बाहरी गतिविधियों में बाधा डालती है। इसीलिए बेहतर होगा बारिश और गर्मी के मौसम को छोड़कर यहाँ घूमने आयें।

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सिंधुदुर्ग किला की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स – Hotels in Malvan in Hindi

सिंधुदुर्ग किला की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स - Hotels in Malvan in Hindi

यदि आप सिंधुदुर्ग किला और मालवन के अन्य पर्यटक स्थलों की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स सर्च कर रहे हैं तो हम आपको बता दे मालवन में आपको सस्ते से लेकर कई महंगे और लग्जरी होटल आसानी से मिल जायेंगे। इन होटल को आप अपने बजट अनुसार ऑनलाइन अथवा होटल में चेक-इन करते समय बुक कर सकते हैं।

  • मालवन कोणार्क रेजीडेंसी (Malvan Konark Residency)
  • होटल चिवला बीच(होटल चिवला बीच)
  • होटल अंजलि लॉज मालवन (Hotel Anjali Lodge Malvan)
  • सामंत बीच रिज़ॉर्ट (Samant Beach Resort)

सिंधुदुर्ग किला मालवन केसे पहुचें – How To Reach Sindhudurg Fort Malvan in Hindi

सिंधुदुर्ग किला मालवन केसे पहुचें – How To Reach Sindhudurg Fort Malvan in Hindi

चूंकि सिंधुदुर्ग किला एक द्वीप पर स्थित है, इसीलिए किले तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता घाटों के माध्यम से है जो मालवन तट से काफी आसानी से उपलब्ध हैं। फेरी एक राउंड ट्रिप के लिए INR 37 लेती है और इस आकर्षण तक पहुंचने में 15 मिनट का समय लेती है। लेकिन इससे पहले आपको मालवन पहुचना होगा जिसके लिए आप ट्रेन, फ्लाइट, और सड़क मार्ग से यात्रा करके जा सकते है।

तो आइये डिटेल में जानते हैं की हम मालवन केसे जा सकते है –

फ्लाइट से मालवन केसे पहुचें – How To Reach Malvan By Flight in Hindi

फ्लाइट से मालवन केसे पहुचें – How To Reach Malvan By Flight in Hindi

यदि आप फ्लाइट से ट्रेवल करके सिंधुदुर्ग किला मालवन घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आप डाबोलिम हवाई एयरपोर्ट गोवा या मुंबई एयरपोर्ट के लिए ले सकते है जो मालवन के दो सबसे नजदीकी हवाई अड्डे है। हालाकि डाबोलिम हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी बहुत कम है इसीलिए बेहतर होगा आप मुंबई एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरे। एक बार जब आप मुंबई एयरपोर्ट पहुंच जाते हैं तो एक टेक्सी, केब या बस से मालवन जा सकते है, और मालवन पहुचने के बाद फेरी लेकर सिंधुदुर्ग किला जा सकते है।

ट्रेन से मालवन केसे जायें – How To Reach Malvan By Train in Hindi

ट्रेन से मालवन केसे जायें - How To Reach Malvan By Train in Hindi

मालवन के लिए कोई सीधी रेल कनेक्टविटी भी नही है। मालवन का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन स्टेशन कुडाल है जो मालवन से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित है।

सड़क मार्ग से मालवन केसे पहुचें – How To Reach Malvan By Road in Hindi

सड़क मार्ग से मालवन केसे पहुचें – How To Reach Malvan By Road in Hindi

सिंधुदुर्ग किला मालवन जाने के लिए बस या सड़क मार्ग से यात्रा करना सबसे आरामदायक और पसंदीदा विकल्प है जिसे लगभग सभी पर्यटक पसंद करते है। मालवन कसोल नामक कस्बे से 35 किमी की दूरी पर स्थित है जो मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग NH17 पर स्थित है। मालवन के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से बसें भी संचालित की जाती है जिनसे कोई भी यात्रा करके मालवन और मालवन सिंधुदुर्ग किला जा सकता है।

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इस आर्टिकल में आपने सिंधुदुर्ग किला का इतिहास और इसकी यात्रा से जुड़ी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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सिंधुदुर्ग किला का मेप – Mep of Sindhudurg Fort

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Featured Image Credit : Farid Shaikh

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