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डलहौज़ी के सतधारा झरना घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल – Satdhara Waterfalls Information In Hindi

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Satdhara Falls In Hindi : सतधारा झरना या फाल्स हिमाचल प्रदेश राज्य में चंबा घाटी में स्थित है, जो बर्फ से ढके पहाड़ों और ताज़े देवदार के पेड़ों के शानदार दृश्यों से घिरा हुआ है। ‘सतधारा’ का मतलब होता है सात झरने, इस झरने का नाम सातधारा सात खूबसूरत झरनों के जल के एक साथ मिलने की वजह से रखा गया है। इन झरनों का पानी समुद्र से 2036 मीटर ऊपर एक बिंदु पर मिलता है। यह जगह उन लोगों के लिए एक खास है जो शहर की भीड़-भाड़ वाली जिंदगी से दूर जाकर शांति का अनुभव करना चाहते हैं। सतधारा फाल्स अपने औषधीय गुणों की वजह से भी जानी जाती है क्योंकि यहां के पानी में अभ्रक पाया जाता है, जिसमें त्वचा के रोग ठीक करने के गुण होते हैं।
अगर आप डलहौजी के पास घूमने की अच्छी जगह तलाश रहे हैं तो सतधारा फाल्स आपके लिए एक अच्छी जगह है। इसे स्थानीय भाषा में ‘गंडक’ के नाम से जाना जाता है। यहां का पानी साफ क्रिस्टल और निर्मल है। राजसी सतधारा झरने का पानी की बूंदे जब चट्टानों पर टकराकर उछलती हैं तो पर्यटकों को बेहद आनंदित करती हैं। यहाँ पानी से गीली हुई मिटटी की खुशबु हवा को ताजा कर देती है। सतधारा जलप्रपात को चारों ओर का दृश्य अपनी भव्यता के साथ दर्शकों को बेहद प्रभावित करता है।

अगर आप सतधारा फाल्स घूमने के अलावा इसके पर्यटन स्थलों की सैर भी करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें, इसमें हमने सतधारा फाल्स जाने के बारे में और इसके पास के पर्यटन स्थलों के बारे में पूरी जानकारी दी है –

1. सतधारा जलप्रपात की मुख्य विशेषताएं – Why Satdhara Waterfall Is Famous In Hindi

सतधारा जलप्रपात का अपना अलग औषधीय मूल्य है। स्प्रिंग्स में तत्व माइका तत्व पाया जाता है, जिसमें ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो संभावित रूप से कई बीमारियों का इलाज कर सकता है। यह चकाचौंध वाला झरने पंचपुला के रास्ते में स्थित हैं, जो डलहौजी में घूमने के लिए एक और बहुत ही लोकप्रिय जगह है। सतधारा झरने से सूर्यास्त का दृश्य बस शानदार दिखाई देता है, पर्यटकों को देखने में ऐसा लगता है कि एक पीली आग की नारंगी गेंद घूमती है और धीरे-धीरे पहाड़ियों के पीछे छुप जाती है।

2. सतधारा फाल्स घूमने के लिए टिप्स – Tips For Visiting Satdhara Falls In Hindi

  • जब आप झरने के क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं और इसमें चारों ओर छींटे आपके कपड़ों को गीला कर सकते हैं, इसलिए अतिरिक्त कपड़ें ले जाना न भूलें।
  • फॉल्स से सूर्यास्त देखने के लिए वहां उपस्थित रहने की कोशिश करें।
  • ऐसे जूते पहनें जो आपको अच्छी पकड़ और आराम दें क्योंकि चट्टानों में काई से फिसलन होती है।
  • अपने साथ कैमरा लाना न भूलें।

और पढ़े: नाहन घूमने की जानकारी और प्रमुख पर्यटन स्थल

3. सतधारा फाल्स के आसपास के प्रमुख पर्यटन और आकर्षण स्थल – Satdhara Falls Ke Pass Ghumne Ki Jagah In Hindi

सतधारा फाल्स डलहौजी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो शहर 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप इस फाल्स के अलावा डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो यहाँ दी गई जानकारी को जरुर पढ़ें।

3.1 बकरोटा हिल्स – Bakrota Hills In Hindi

Image Credit: Anirban Sarkar

बकरोटा हिल्स जिसे अपर बकरोटा के नाम से भी जाना जाता है, यह डलहौज़ी का सबसे ऊँचा इलाका है और यह बकरोटा वॉक नाम की एक सड़क का सर्किल है, जो खजियार की ओर जाती है। भले ही इस जगह पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ नहीं है लेकिन यहाँ टहलना और चारों तरफ के आकर्षक दृश्यों को देखना पर्यटकों की आँखों को बेहद आनंद देता है। आपको बता दें कि यह क्षेत्र चारों तरफ से देवदार के पेड़ों और हरी-भरी पहाड़ियों से घिरा हुआ है।

3.2 सच पास – Sach Pass In Hindi

Image Credit: Tushar Rajput

सच दर्रा एक पहाड़ी दर्रा जो पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के ऊपर 4500 मीटर की ऊँचाई से होकर जाता है और डलहौजी को चंबा और पांगी घाटियों से जोड़ता है। आपको बता दें कि डलहौजी से 150 किलोमीटर की दूरी पर यह मार्ग यह उत्तर भारत में पार करने के लिए सबसे कठिन मार्गों में से एक है। जो लोग एडवेंचर को पसंद करते हैं तो अक्सर सच पास (जब यह खुला होता है) का दौरा करते हैं और यहाँ से बाइक या कार चलाने का रोमांचक अनुभव लेते हैं। अगर आप इस मार्ग यात्रा करें तो जरा भी जोखिम न लें और अपने साथ एक अनुभवी ड्राईवर को लेकर जाएं। यह चंबा या पांगी घाटी तक पहुँचने के लिए लोगों का पसंदिदा रास्ता है और डलहौजी से ट्रेकिंग के लिए एक प्रसिद्ध बिंदु है।

3.3 सुभाष बावली – Subhash Baoli In Hindi

सुभाष बावली डलहौजी में गांधी चौक से 1 किमी दूर स्थित एक ऐसे जगह है जिसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया। सुभाष बावली एको अपने खूबसूरत प्रकृतिक दृश्यों, दूर-दूर तक फैले बर्फ के पहाड़ों दृश्यों और सुंदरता के लिए जाना जाता है। सुभाष बावली वो जगह है जहाँ पर सुभाष चंद्र बोस 1937 में स्‍वास्‍थ्‍य की खराबी के चलते आये थे और वो इस जगह पर 7 महीने तक रहे थे। इस जगह पर रह कर वे बिलकुल ठीक हो गए थे। आपको बता दें कि यहाँ पर एक खूबसूरत झरना भी है जो हिमनदी धारा में बहता है।

3.4 डैनकुंड पीक – Dainkund Peak In Hindi

Image Credit: Soummo Bose

डैनकुंड पीक जिसे सिंगिंग हिल के नाम से भी जाना जाता है जो डलहौजी में समुद्र तल से 2755 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। आपको बता दें कि यह डलहौज़ी में सबसे ऊँचा स्थान होने के कारण यहाँ से घाटियों और पहाड़ों के अद्भुत दृश्यों को देखा जा सकता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए शांत जगह स्वर्ग के सामान है। डलहौजी क्षेत्र में स्थित डैनकुंड सचमुच देखने लायक जगह है, जो अपनी खूबसूरत बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। डैनकुंड पीक हर साल भारी संख्या में देश भर से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है।

और पढ़े: डैनकुंड हिल घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल

3.5 गंजी पहाड़ी – Ganji Pahari In Hindi

Image Credit: Shaji V.K.

गंजी पहाड़ी पठानकोट रोड पर डलहौजी शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक सुंदर पहाड़ी है। इस पहाड़ का नाम गंजी पहाड़ी इसकी खास विशेषता से लिया गया था क्योंकि इस पहाड़ी पर वनस्पतियों की पूर्ण अनुपस्थिति है। गंजी का मतलब होता है गंजापन। डलहौजी के पास स्थित होने की वजह से यह पहाड़ी एक पसंदीदा पिकनिक स्थल स्थल है। सर्दियों के दौरान यह इलाका मोटी बर्फ से ढक जाता है जो मनोरम द्रिह्या प्रस्तुत करता है।

3.6 चामुंडा देवी मंदिर – Chamunda Devi Temple In Hindi

चामुंडा देवी मंदिर देवी काली को समर्पित एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर देवी अंबिका ने मुंडा और चंदा नाम के राक्षसों का वध किया था। इस मंदिर में देवी को एक लाल कपड़े में लपेटकर रखा जाता है, यहां आने वाले पर्यटकों को देवी की मूर्ति को छूने नहीं दिया जाता। इस क्षेत्र में पर्यटकों को कई सुंदर दृश्य भी देखने को मिलते हैं।

और पढ़े: चामुंडा देवी मंदिर का इतिहास और कहानी

3.7 रॉक गार्डन – Rock Garden In Hindi

Image Credit: Amit Sharma

रॉक गार्डन डलहौजी में एक सुंदर उद्यान और एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। इस पार्क में पर्यटक आराम करने के अलावा, इस क्षेत्र में उपलब्ध कई साहसिक खेलों का भी मजा ले सकते हैं, जिनमें ज़िप लाइनिंग आदि शामिल हैं।

3.8 खाज्जिअर – Khajjiar In Hindi

खाज्जिअर डलहौजी के पास स्थित एक छोटा सा शहर है जिसको ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ या ‘भारत का स्विटज़रलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थान की खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। 6,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित खाज्जिअर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुरम्य परिदृश्य की वजह से डलहौजी के पास घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। खाज्जिअर एक छोटी झील के साथ एक पठार है जो पर्यटकों की सबसे पसंदिता जगहों में से एक है। इस जगह होने वाले साहसिक खेल ज़ोरबिंग, ट्रेकिंग आदि पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

और पढ़े: खाज्जिअर के 5 प्रमुख पर्यटन स्थल

3.9 पंचपुला – Panchpula In Hindi

पंचपुला हरे देवदार के पेड़ों के आवरण से घिरा एक झरना है जो डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। पंचपुला वो जगह है जहां पर पाँच धाराएँ एक साथ आती हैं। पंचपुला की मुख्य धारा डलहौजी के आसपास की विभिन्न जगहों में पानी की पूर्ति करती है। यह जगह ट्रेकिंग और अपने खूबसूरत दृश्यों की वजह से जानी जाती है। पंचपुला के पास एक महान क्रांतिकारी सरदार अजीत सिंह (शहीद भगत सिंह के चाचा) की याद में एक समाधि (स्मारक) बनाई गई है, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली थी। मॉनसून के मौसम में इस जगह के प्राचीन पानी का सबसे अच्छा आनंद लिया जाता है, जब पानी गिरता तो यहां का वातावरण पर्यटकों को आनंदित कर देता है।

3.10 कलातोप खाज्जिअर अभयारण्य – Kalatop Khajjiar Sanctuary In Hindi

कलातोप खजियार अभयारण्य को कलातोप वन्यजीव अभयारण्य भी कहा जाता है जो हिमाचल प्रदेश के चंबल जिले में स्थित है और डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। कलातोप नाम का अर्थ ‘काली टोपी’ है, जो संभवतः अभयारण्य में सबसे ऊंची पहाड़ी पर घने काले वन को बताता है। कलातोप वनस्पति और जीवों में काफी समृद्ध है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करती है। अगर आप डलहौजी की यात्रा पर जा रहे हैं तो कलातोप खाज्जिअर अभयारण्य को भी अपनी लिस्ट में शामिल करें।

और पढ़े: कलातोप खजियार अभयारण्य घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल

4.  सतधारा फाल्स कैसे पहुंचें – How To Reach Satdhara Falls In Hindi

सतधारा फाल्स पंचपुला के रस्ते में पड़ता है, इसलिए यहाँ पहुंचना बेहद आसान है। गांधी चौक सतधारा फाल्स के बसें चलती हैं, आप सतधारा झरने के लिए टैक्सी लाकर भी पहुँच सकते हैं। चूंकि डलहौजी का अपना हवाई अड्डा नहीं है, इसका निकटतम हवाई अड्डा पठानकोट हवाई अड्डा है जो केवल 75 किलोमीटर दूर है। बसें पठानकोट और चंबा तक जाती हैं। 71 किलोमीटर की दूरी पर पठानकोट का चक्की बैंक रेलहेड है, जो सतधारा फाल्स का निकटतम रेलवे स्टेशन है।

4.1 फ्लाइट से सतधारा फाल्स कैसे पहुंचे – How To Reach Satdhara Falls By Air In Hindi

हवाई जहाज से डलहौजी पहुंचने के लिए कांगड़ा में गग्गल हवाई अड्डा इसका सबसे निकटतम घरेलू हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा शहर से 13 किमी दूर है और यहां से डलहौजी हिल स्टेशन तक पहुंचने के लिए टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप अन्य हवाई अड्डे चंडीगढ़ (255 किमी), अमृतसर (208 किमी) और जम्मू (200 किमी) के लिए भी उड़ान ले सकते हैं।

4.2 ट्रेन से सतधारा फाल्स कैसे पहुँचे – How To Reach Satdhara Falls By Train In Hindi

डलहौजी का सबसे निकटतम रेल स्टेशन पठानकोट है। जो इस पहाड़ी शहर से 80 किमी दूर स्थित है और भारत के विभिन्न शहरों, जैसे दिल्ली, मुंबई और अमृतसर से कई ट्रेनों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पठानकोट रेलवे स्टेशन से डलहौजी पहुंचने के लिए आपको बाहर से टैक्सियाँ मिल जायेंगी।

4.3 सड़क मार्ग से सतधारा फाल्स कैसे पहुंचे – How To Reach Satdhara Falls By Road In Hindi

डलहौजी सड़क मार्ग की मदद से आसपास के प्रमुख शहरों और जगहों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राज्य बस सेवा और लक्जरी कोच डलहौजी को आसपास की सभी प्रमुख जगहों और शहरों से जोड़ते हैं। दिल्ली से डलहौजी के लिए रात भर लक्जरी बसें भी उपलब्ध हैं। इस मार्ग पर टैक्सी और निजी वाहन भी मिल जाते हैं।

और पढ़े: डलहौजी के 10 प्रमुख पर्यटन स्थल

इस आर्टिकल में आपने सतधारा झरना घूमने की पूरी जानकारी को जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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5. सतधारा फाल्स का नक्शा – Satdhara Falls Map

6. सतधारा फाल्स की फोटो गैलरी – Satdhara Falls Images

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