सलकनपुर मंदिर के दर्शन और इतिहास की पूरी जानकारी – Salkanpur Temple Information In Hindi

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Salkanpur Temple In Hindi, सलकनपुर मंदिर मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले के बिजासन माता को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है जो हर साल नवरात्री के दौरान भारी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है। आपको बता दें कि सलकनपुर मंदिर भोपाल से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित है, जहाँ पर गर्भ गृह में बीजासन माता की एक प्राकृतिक रूप से निर्मित एक मूर्ति है। यहां पर मंदिर परिसर में देवी लक्ष्मी और सरस्वती, और भैरव के मंदिर भी स्थित है। सलकनपुर वाली बिजासन माता का मंदिर 1000 फीट ऊँची एक पहाड़ी पर बना हुआ है। पहले मंदिर तक जाने के लिए सिर्फ सीढियां ही बनी हुई थी जिनकी संख्या एक हजार भी ज्यादा है। अब मंदिर तक ऊपर पहुंचने के लिए वाहन मार्ग और रोपवे भी बना दिया गया है, जिसकी मदद से भक्त आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

अगर आप सलकनपुर वाली बिजासन माता मंदिर के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको मंदिर के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं –

1. सलकनपुर मंदिर का इतिहास – Salkanpur Temple History In Hindi

सलकनपुर मंदिर का इतिहास
Image Credit: Rohit Gupta

आपको बता दें कि बिजासन माता के भक्त हमेशा से ही यह जानने में बेहद दिलचस्पी दिखाते हैं कि आखिर सलकनपुर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था ? ऐसा बताया जाता है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण कुछ बंजारों द्वारा करवाया गया था। यह बात लगभग 300 साल से ज्यादा पुरानी है, जब एक बार पशुओं का व्यापार करने वाले बंजारे यहां पर रुके थे तो उनके पशू एक दम से गायब हो गए थे। फिर जब बंजारे अपने पशुओं को ढूँढने के लिए निकले तो उन्हें यहां पर एक छोटी लड़की मिली। जब बंजारों ने लड़की से कहा कि उनके पशु गम हो गए हैं तो उसने कहा कि यहां माता के स्थान पर मनोकामना मांग सकते हैं।

लेकिन बंजारों में कहा कि हम नहीं जानते कि यहां पर माता का स्थान कहाँ पर है। तब उस लड़की ने एक पत्थर फेक कर संकेत दिया। उसने जिस जगह पर पत्थर फेका था वहां पर माता के दर्शन हुए। इसके बाद बंजारों ने वहां माता की पूरा कि और कुछ समय के बाद उन्हें अपने गुमे हुए पशू मिल गए। अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद उन बंजारों ने यहां पर मंदिर बनवाया था। इस घटना की खबर जब लोगों को लगी तो यहां बहुत से लोग मन्नत मांगने के लिए आने लगे।

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2. सलकनपुर टेम्पल मध्य प्रदेश का धार्मिक महत्व – Religious Importance Of Salakanpur Temple In Hindi

सलकनपुर टेम्पल मध्य प्रदेश का धार्मिक महत्व
Image Credit: Mehul Baria

सलकनपुर मंदिर होशंगाबाद से 35 किलोमीटर की दूर पर स्थित है। यहां पर नवरात्री के मौके पर दूर-दूर से पैदल चलकर लोग माता के दर्शन करने के लिए जाते हैं। नवरात्री में यहां एक ही दिन में लाखों भक्त मंदिर में आते हैं। हम आपको बता चुकें हैं कि यह मंदिर 1000 फीट की खड़ी पहाड़ी पर स्थित है जहाँ पर जाने के लिए सीढियां, रोपवे और वाहन मार्ग भी है। लेकिन इसके बाद भी कई भक्त पैदल सीढ़ियों से सलकनपुर वाली बिजासन माता के दर्शन करने के लिए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि बिजासन माता के इस मंदिर में जो भी भक्त मनोकामना मानता है वो कभी खाली नहीं जाती। यहां पहाड़ी के ऊपर बिजासन माता अपने दिव्य रूप में विराजमान है।

विध्यांचल पर्वत विराजमान बिजासन माता को विध्यवासिनी देवी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म के पुराणों के अनुसार बिजासन देवी पार्वती का अवतार हैं। जब देवी ने देवताओं की प्रार्थना पर भयंकर राक्षस रक्तबीज का वध किया था तो देवी का नाम बिजासन पड़ा था। आपको बता दें कि बिजासन देवी की पूजा कई लोग अपनी कुल देवी के रूप में भी करते हैं।

3. सलकनपुर वाली मैया के दर्शन करने का समय – Salkanpur Temple Timing In Hindi

सलकनपुर वाली मैया के दर्शन करने का समय
Image Credit: Rohit Katare

सलकनपुर मंदिर कुछ दशकों में बिजासन माता के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन गया है। आपको बता दें कि मंदिर सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक खुला रहता है।

4. सलकनपुर मंदिर के लिए उड़न खटोला(रोपवे) की यात्रा – Salkanpur Mandir Ke Ropeway Charge In Hindi

सलकनपुर मंदिर के लिए उड़न खटोला(रोपवे) की यात्रा
Image Credit: Pragati Sahu

हम आपको बता चुकें हैं कि बिजासन माता का मंदिर सलकनपुर में 1000 फीट उंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है। मंदिर तक सीढ़ियों से जाने में आपको काफी थकान हो सकती है और 1-2 घंटे का समय लग सकता है। रोपवे की मदद से आप 5 मिनट में मंदिर पहुंच जायेगे। रोपवे से सलकनपुर मंदिर जाने के लिए आपको प्रति व्यक्ति 100 रूपये देने होंगे जो बहुत ज्यादा नहीं है।

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5. सलकनपुर का मेला – Salkanpur Ka Mela In Hindi

सलकनपुर का मेला
Image Credit: Neeraj Soni

आपको बता दें कि फरवरी के महीने में सलकनपुर में माघ मेला आयोजित किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां विजयासन दरबार में अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद जमाल चोटी उतारने के लिए और तुलादान करने के लिए शामिल होते हैं। सलकनपुर माघ मेला एक बहुत बड़ा पशु मेला है। इस मेले में बड़ी संख्या में पशु विक्रेता- क्रेता शामिल होते हैं। इसलिए इस मेले को पशुओं की बिक्री का मेला भी कहते हैं।

6. सलकनपुर वाली मैया का मंदिर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Salkanpur Temple In Hindi

सलकनपुर वाली मैया का मंदिर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय
Image Credit: Saurabh Chaurawar

सलकनपुर की यात्रा के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा मौसम है। अक्टूबर से मार्च तक के महीने सलकनपुर यात्रा के लिए सबसे आदर्शसमय है। अगर आप सलकनपुर वाली मैया के मंदिर तक की यात्रा पैदल सीढ़ियों से जाना चाहते हैं तो आपको ग्रीष्मकाल में यात्रा करने से बचना चाहिए। बता दें कि साल में दो बार मानाये जाने वाले नवरात्री के समय मंदिर में भक्तों की भीड़ काफी ज्यादा होती है। सलकनपुर बीजासन माता मंदिर में नौ शुभ दिनों तक मेले की तरह लगता है। मंदिर में पंचमी, अष्टमी और नवमी के दिन सबसे अधिक भीड़ देखी जाती है। अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं तो नवरात्रि के अलावा कभी भी सलकनपुर मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। आप सड़क या रोपवे के माध्यम से मंदिर तक पहुंचकर अपना समय बचा सकते हैं।

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7.  सलकनपुर मंदिर सलकनपुर मध्य प्रदेश कैसे पहुंचे – How To Reach Salkanpur Temple Madhya Pradesh In Hindi

सलकनपुर सड़क मार्ग द्वारा भारत सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सलकनपुर शहर के लिए नियमित रूप से बस सेवाएं भी आसानी से उपलब्ध है। हालांकि, सल्कनपुर के लिए कोई सीधी उड़ान या रेल संपर्क नहीं है। भोपाल में स्थित राजा भोज हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है जो सलकनपुर को शेष भारत से जोड़ता है। सलकनपुर के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन भोपाल और होशंगाबाद में है।

7.1 हवाई जहाज से सलकनपुर मंदिर कैसे पहुँचें – How To Reach Salkanpur Temple By Airplane In Hindi

हवाई जहाज से सलकनपुर मंदिर कैसे पहुँचें

सलकनपुर मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा भोपाल है। जो मुंबई, दिल्ली, इंदौर और भारत के अन्य सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप हवाई अड्डे से कैब किराये पर लेकर भी सलकनपुर पहुंच सकते हैं। लेकिन अगर आपका बजट कम है तो आप भोपाल से होशंगाबाद तक ट्रेन से सफ़र कर सकते हैं और यहां से बस से सलकनपुर पहुंच सकते हैं। भोपाल से सलकनपुर के लिए डायरेक्ट बस भी उपलब्ध हैं।

7.2 सड़क मार्ग से सलकनपुर मंदिर तक कैसे पहुँचें – How To Reach Salkanpur Temple By Road In Hindi

सड़क मार्ग से सलकनपुर मंदिर तक कैसे पहुँचें

अगर आप सड़क मार्ग से सलकनपुर की यात्रा करना चाहते हैं तो आप होशंगाबाद तक ट्रेन से या सड़क मार्ग द्वारा यात्रा कर सकते हैं। इसके बाद होशंगाबाद से बस या किराये पर टैक्सी लेकर सलकनपुर पहुंच सकते हैं। होशंगाबाद से सलकनपुर की दूर मात्र 36 किलोमीटर है और यह शहर सड़क और रेल मार्ग द्वारा भारत के सभी शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

7.3 ट्रेन से सलकनपुर मंदिर कैसे पहुँचें – How To Reach Salkanpur Temple By Train In Hindi

ट्रेन से सलकनपुर मंदिर कैसे पहुँचें

अगर आप ट्रेन से सलकनपुर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दे कि यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन होशंगाबाद है, जो भारत के सभी शहरों से ट्रेन द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सलकनपुर के लिए विकल्प के तौर पर इटारसी जंक्शन भी है जहाँ भारत की लगभग हर ट्रेन का स्टॉप है। होशंगाबाद और इटारसी से आप सड़क मार्ग द्वारा सलकनपुर की यात्रा कर सकते हैं।

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इस लेख में आपने सलकनपुर मंदिर की यात्रा के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।

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8. सलकनपुर मंदिर मध्य प्रदेश का नक्शा – Salkanpur Temple Madhya Pradesh Map

9. सलकनपुर मंदिर की फोटो गैलरी – Salkanpur Temple Images

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