Ramnagar Fort In Hindi : रामनगर का किला वाराणसी के रामनगर में स्थित एक प्रसिद्ध किला है। यह तुलसी घाट के सामने गंगा के पूर्वी तट (Eastern Bank) पर स्थित है। बलुआ पत्थर (Sandstone) की संरचना वाले इस किले का निर्माण 1750 में काशी नरेश राजा बलवंत सिंह द्वारा मुगल शैली में कराया गया था जो वर्तमान समय में किला अच्छी हालत में नहीं है। यहां अठारहवीं शताब्दी से ही काशी नरेश रह रहे हैं। यह वाराणसी से 14 किलोमीटर और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
किले तक जाने के लिए पोंटून पुल (Pontoon Bridge) बनाया गया है। मानसून के मौसम के दौरान किले में जाने के लिए केवल नौका सेवा सुलभ है। वाराणसी आने वाले पर्यटक रामनगर का ऐतिहासिक किला देखने जरूर आते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको रामनगर किले का इतिहास, रोचक तथ्य एवं रामनगर किला देखने जाने उत्तम समय के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं इसीलिए इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़े –
महाभारत काल के दौरान रामनगर ही वह स्थान था जहाँ वेद व्यास रहकर तपस्या किया करते थे। यह किला 18 वीं शताब्दी में ऋषि के प्रति समर्पण (Dedication) के रूप में बनाया गया था। हालांकि किले की दीवार पर शिलालेख 17 वीं शताब्दी के हैं। 18 वीं शताब्दी तक यहां भगवान राम के जीवन की कहानियों का मंचीय प्रदर्शन (Stage Performances) होने लगा और इस तरह इस स्थान को रामनगर नाम मिला।
उससे पहले इसे व्यास काशी कहा जाता था। काशी नरेश अपने परिवार के साथ किले में रहते थे और उन्होंने बाद में किले के अंदर कई मंदिरों का निर्माण किया। शाही शासन के उन्मूलन के बाद यह किला अब पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। वर्तमान शाही परिवार अभी भी किले के अंदर रहता है।
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रामनगर का किला एक प्राचीन किला है। अगर आप इसे अंदर से देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको शुल्क देना पड़ेगा। रामनगर किले में वयस्कों के लिए 15 रुपये प्रति व्यक्ति जबकि बच्चों के लिए 10 रुपये प्रति व्यक्ति टिकट लगता है। किले के बाहर टिकट काउंटर बना हुआ है जहां से टिकट लेने के बाद ही आपको अंदर प्रवेश मिलेगा।
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इस भव्य किले को वर्ष के किसी भी समय देखा जा सकता है, लेकिन अक्टूबर से मार्च के महीने के दौरान वाराणसी के रामनगर किले को देखने जाना सबसे अच्छा समय माना जाता है।
अक्टूबर महीने में दशहरा के अवसर पर भगवान राम के जीवन पर आधारित रामलीला का यहां मंचन होता है जो की विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यह किला रंगीन और जीवंत हो उठता है। भव्य किले को देखने के लिए शाही परिवार (Royal Family) किले के चारों ओर सजे हुए हाथी पर सवार होकर घूमता है।
मानसून के मौसम यानि जुलाई से सितंबर के बीच नदी किनारे स्थित होने के कारण अत्यधिक बारिश या गंगा में बाढ़ आने के कारण किला बंद कर दिया जाता है। हालांकि यह बारिश की तीव्रता पर निर्भर करता है। बरसात के मौसम में दशाश्वमेघ घाट से नाव की सवारी करते हुए बहुत से पर्यटक रामनगर का किला देखने जाते हैं। दशाश्वमेध से किले तक पहुंचने में लगभग एक घंटे का समय लगता है।
जनवरी और फरवरी के महीने के दौरान किले के अंदर कई त्योहार मनाए जाते हैं। जो लोग रामनगर की संस्कृति का आनंद लेना चाहते हैं, उन्हें इस महीने में आना चाहिए।
रामनगर का किला रोजाना सुबह 10 बजे खुलता है और शाम 5 बजे बंद हो जाता है। दस बजे से पांच बजे के दौरान पर्यटक इस किले के अंदर जाकर अच्छी तरह से घूम सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि होली और दीवाली के दिन रामनगर का किला बंद रहता है। जबकि यह किला रविवार और सार्वजनिक अवकाश ( Public Holidays) के दिन भी खोला जाता है।
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अगर आप रामनगर का किला देखने आना चाहते हैं तो यहां रुकने के लिए भी कई विकल्प मौजूद हैं। आप अपने बजट के अनुसार गेस्ट हाउस और लक्जरी होटलों में रुक सकते हैं। आप रामनगर में ब्लिस होटल, केदार गेस्ट हाउस, बुटिक होटल, होटल वाराणसी इन, होटल सूर्या, होटल बुद्धा, गौतम आदि होटलों में रुक सकते हैं।
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चूंकि रामनगर वाराणसी में स्थित है इसलिए इस शहर में आने के लिए देश के प्रत्येक कोने से सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां आने के बाद आप स्थानीय साधनों से बेहद आसानी से रामनगर किला पहुंच सकते हैं।
वाराणसी हवाई अड्डा जिसे लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में जाना जाता है शहर के उत्तर पश्चिम में लगभग 18 किमी दूर बाबतपुर में स्थित है। यह भारत के कई शहरों से दैनिक घरेलू उड़ानें (Domestic Flights) संचालित करता है। इंडियन एयरलाइंस, एयर सहारा और स्पाइस जेट की मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई आदि के लिए दैनिक उड़ानें हैं। दिल्ली-आगरा- खजुराहो- वाराणसी मार्ग पर इंडियन एयरलाइंस के फ्लाइट शटल पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। एयरपोर्ट के बाहर से आप ऑटो या कैब बुक करके किले तक पहुंच सकते हैं।
वाराणसी में दो रेलवे स्टेशन हैं, पहला वाराणसी जंक्शन और दूसरा वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन। इन स्टेशनों पर देश के कोने कोने से ट्रेने आती हैं। वाराणसी रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप सिटी बस, ऑटो या फिर कैब से रामनगर किला पहुंच सकते हैं।
वाराणसी उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों और आसपास के क्षेत्रों से सड़क परिवहन के नेटवर्क से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित सेंट्रल बस स्टेशन, छावनी क्षेत्र में शेरशाह सूरी मार्ग पर स्थित है। दिल्ली, झांसी, बरेली, जौनपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, फैजाबाद और गोरखपुर से राज्य परिवहन की बसों से वाराणसी पहुंचने के बाद आप ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा,मिनी बसें और नावों एवं स्टीमरों से रामनगर किले तक पहुंच सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने वाराणसी के प्रसिद्ध रामनगर किले से जुडी सभी महत्वपूर्ण जानकारी को जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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