Porbandar In Hindi, पोरबंदर पर्यटन स्थल भारत के गुजरात राज्य में स्थित हैं जो अपने आकर्षित पर्यटन स्थलों के साथ साथ राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की जन्म भूमि के रूप में भी जाना जाता हैं। पोरबंदर आने वाले पर्यटकों को यहाँ कई दर्शनीय मंदिर, बांध, वन्यजीव अभ्यारण, सुंदर समुद्र तट, ऐतिहासिक महल आदि देखने को मिलेंगे। पोरबंदर के समुद्री बीच पर घूमते हुए पक्षी और भव्य त्योहारों का रंगारंग कार्यक्रम पर्यटकों के मन को मोह लेता हैं। गुजरात राज्य की संस्कृति को उजागर करते हुए पोरबंदर पर्यटन स्थल अपने यहा आने वाले सैलानियों की महमान नवाजी शानदार ढंग से करता हैं।
यदि आप पोरबंदर के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
पोरबंदर का इतिहास बहुत पुराना हैं जोकि 16 वीं – 14 वीं शताब्दी ईसा पूर्व का माना जाता हैं। पोरबंदर के इतिहास में हड़प्पा सभ्यता के अवशेष भी सामने आते हैं। सौराष्ट्र तट के आसपास हड़प्पा काल के दौरान की जाने वाली समुद्री गतिविधियों कि जानकारी मिलती हैं। हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार पोरबंदर भगवान श्री कृष्ण के परम मित्र सुदामा की जन्म भूमि और राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की भी जन्म स्थली के रूप में जाना जाता हैं।
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पोरबंदर पर्यटन स्थल में कई आकर्षित बीच, दर्शनीय मंदिर और ऐतिहासिक महल स्थित हैं। पोरबंदर की यात्रा पर आने वाले पर्यटक इन स्थलों पर घूम कर अपनी यात्रा को ओर अधिक यादगार बना सकते हैं।
पोरबंदर बीच को विलिंगडन मरीना बीच के नाम से भी जाना जाता हैं। बता दें कि यह बीच पोरबंदर समुद्र तट के सबसे आकर्षित स्थानों में से एक हैं। हुज़ूर पैलेस पोरबंदर बीच के निकट एक ऐतिहासिक महल है जोकि पर्यटकों को आकर्षित करता हैं। वेरावल और द्वारका नगरी के बीच स्थित यह समुद्री तट आकर्षित लहरों को देखने, मछली पकड़ने और नौका बिहार के लिए जाना जाता हैं।
पोरबंदर में घूमने लायक जगह पोरबंदर पक्षी अभ्यारण पर्यटकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं। एक किलोमीटर वर्ग के क्षेत्र में फैले हुए इस अभ्यारण कई प्रवासी पक्षी प्रतिवर्ष दौरा करते हैं। यहाँ मुख रूप से राजहंस, डक एंड गीज़, ग्रीव्स, जैक्स, रफ, कॉट्स, कॉर्मोरेंट्स, पेलिकन, एवोकेट्स, हेरोन्स, एग्रेस, इबिस, स्पूनबिल, रेड शैंक्स, क्रेन, बिटर्न, स्टॉर्क, व्हिस्लेट टील्स, गल्स, टर्न्स, इंडियन रोलर आदि किस्मो के पक्षियों को देखा जा सकता हैं।
पोरबंदर के दर्शनीय स्थलों में से एक कीर्ति मंदिर का निर्माण महात्मा गाँधी और पत्नी कस्तूरबा गाँधी कि याद में बनबाया गया हैं। बता दें कि मंदिर कि निकट महात्मा गाँधी का पैतृक निवास स्थान भी हैं। कीर्ति मंदिर का निर्माण सन 1944 में किया गया था। कीर्ति मंदिर का निर्माण 73 साल पहले किया गया था जहाँ अब बड़ी संख्या में पर्यटक महात्मा गाँधी से जुड़े इतिहास को जानने के लिए आते हैं।
पोरबंदर का मशहूर बर्दा हिल्स वन्यजीव अभ्यारण पोरबंदर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। बर्दा हिल्स वन्यजीव अभ्यारण को दो जिलों पोरबंदर और जामनगर में विभाजित किया गया हैं। पहाड़ी क्षेत्र में स्थित यह अभयारण्य कृषि क्षेत्र, बंजर भूमि और जंगल से घिरा हुआ हैं। बर्दा हिल्स वन्यजीव अभ्यारण में पाए जाने वाले जीव जंतुओं में चिंकारा, तितलियां, शेर, गिरगिट, चित्तीदार ईगल, सांभर, मगरमच्छ, तेंदुए, भेड़िया और क्रेस्टेड हॉक-ईगल आदि को देखा जा सकता हैं। इसके अलावा आप वर्दा कि पहाड़ियों में ट्रेकिंग का लुत्फ़ भी उठा सकते हैं।
गुजरत राज्य के प्रमुख आकर्षण में शामिल पोरबंदर का नेहरू प्लेटिनम पर्यटकों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करता हैं। बता दें कि नेहरू प्लेटिनम कि स्थापना 3 मार्च 1977 को तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा की गई थी जोकि महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आन्दोलन को समर्पित हैं।
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पोरबंदर में घूमने वाली शानदार जगहों में शामिल मियानी बीच पोरबंदर से लगभग 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। बीच पर आप पानी से सम्बंधित गतिविधियों के अलावा सुदामा मंदिर, कीर्ति मंदिर, हरसिद्धि मंदिर और ब्रह्मा मंदिर आदि आकर्षण भी देख सकते हैं।
पोरबंदर के धार्मिक स्थलों में शामिल भारत मंदिर पोरबंदर शहर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। भारत मंदिर भारतीय परंपराओं, आकर्षित मूर्तियों, चित्रों और सुन्दर कलाकृतियों को प्रदर्शित करता है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के नायको से संबधित देवताओं कि प्रतिमा के साथ भारत मंदिर एक बगीचे में नेहरू तारामंडल के सामने स्थित हैं।
श्री हरि मंदिर पोरबंदर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं जोकि यहाँ के प्रमुख आकर्षण में शामिल हैं। श्री हरी मंदिर ऋषिकुल के छात्रों वैदिक शिक्षा और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता हैं। बता दें कि गुरुकुल होने के अलावा यह अपने राधा कृष्ण, श्री लक्ष्मी नारायण, करुणामयी देवी, भगवान गणेश और हिन्दू धर्म से संबधित अन्य देवताओं के मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
पोरबंदर का तीर्थ स्थल भूतनाथ महादेव मंदिर पोरबंदर आने वालो भक्तो की आस्था केंद्र बना हुआ हैं। यह मंदिर एक शांत और छोटी जगह पर स्थित हैं। भगवान शिव के भूतनाथ स्वरुप को समर्पित यह मंदिर लिंगम के लिए प्रसिद्ध है। भूतनाथ महादेव मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर पर्यटकों की भीड़ देखने लायक होती हैं।
पोरबंदर का दार्शनिक कृष्ण सुदामा मंदिर भगवान श्री कृष्ण और उनके बाल सखा सुदामा जी को समर्पित हैं। मंदिर का निर्माण 1902 और 1907 के दौरान जेठवा राजवंश के श्री राम देवजी जेठवा ने करबाया था। सफेद पत्थर से बना यह आकर्षित मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर खीचता हैं।
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पोरबंदर का आकर्षण घुमली 12वीं-13वीं शताब्दी के दौरान सैंधव और फिर सौराष्ट्र के जेठवा राजवंश की राजधानी के रूप में जानी जाती थी। बता दें की घुमली वर्तमान में एक महत्वपूर्ण और संरक्षित पुरातात्विक स्थल बन चुका है। घुमली में कई आकर्षित मंदिर, ऐतिहासिक द्वार और राजवंशों द्वारा प्राचीन काल में निर्मित की गई खूबसूरत संरचनाएँ देखने को मिलती हैं। घुमली का नवलखा मंदिर और आशापुरा मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
पोरबंदर में घूमने वाली जगह चौपाटी बीच अपनी आकर्षित रेतीले मैदानों में पर्यटकों को मस्ती करने के लिए आमंत्रित करते हैं। इसके अलावा आप बीच पर टहलने के लिए जा सकते हैं और बीच पर बैठकर समुद्र के नीले पानी में होने वाली हलचल को महसूस कर सकते हैं। अरब सागर के समुद्री तट पर फास्ट फूड और कुछ खास पेय पदार्थो का आनंद ले सकते हैं। चौपाटी बीच पर राजहंस, सीगल और अन्य समुद्री पक्षी पूरा दिन समुद्री तट के निकट घूमते हुए नजर आएंगे।
पोरबंदर का ऐतिहासिक हुज़ूर पैलेस 20 वीं शताब्दी दौरान कि एक आकर्षित नवशास्त्रीय संरचना हैं। हुजूर पैलेस कि संरचना को देखने के लिए पर्यटक दूर दूर से आते हैं। हुजूर पैलेस की संरचना में सजावटी स्तंभों, पोर्टिको, खूबसूरत फव्वारे, उद्यान और समुद्र किनारे पर होने कि वजह से एक दिलकश नजारा आदि शामिल हैं। बता दें कि नवरात्री के अवसर पर यहाँ भीड़ देखने लायक होती हैं।
पोरबंदर के धार्मिक स्थलों में से एक बिलेश्वर शिव मंदिर रब्रिस और चरण के पडोसी समुदाओ के लिए पूजनीय स्थल है। शिवरात्रि के अवसर पर बिलेश्वर शिव मंदिर में भक्तो की भीड़ उमड़ जाती हैं। बिलेश्वर शिव मंदिर भगवान शिव और श्री कृष्ण कि भक्ति के लिए जाना जाता हैं।
पोरबंदर के कुचडी गांव में खिमेश्वर मंदिर स्थित हैं जोकि भगवान शिव को समर्पित है। इसके अलावा पांडवो के निवास स्थान के रूप में भी इसे जाना जाता हैं। बता दें कि जून-जुलाई के महीने में यह मेले का आयोजन किया जाता हैं।
पोरबंदर का तीर्थ स्थल रामधुन मंदिर भगवान श्री राम चन्द्र जी को समर्पित हैं। मंदिर भगवान राम के अतिरिक्त देवी सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ती स्थापित हैं। मंदिर का निर्माण लगभग 5 दशक पहले भिक्षुजी महाराज ने करबाया था। मंदिर में चलने वाली मधुर राम धुन के कारण मंदिर का नाम रामधुन मंदिर रखा गया है।
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पोरबंदर पर्यटन में शामिल जदेश्वर मंदिर शहर के ऐतिहासिक शिव मंदिरों में से एक है। जदेश्वर मंदिर भगवान शिव का कोई भी लिंगम स्थित नही हैं बल्कि यहाँ भगवान शिव कि प्रतिमा को स्थापित किया गया हैं। यह स्थान शांत और शिव भक्ति के लिए विशेष माना जाता हैं।
पोरबंदर का मशहूर रोकडिया हनुमान मंदिर भक्तो कि आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। गंधमादन पर्वत पर स्थित हनुमान जी महाराज को समर्पित इस मंदिर में भगवान राम, देवी सीता और लक्ष्मण जी कि मूर्तियों सहित शनि देव कि मूर्ती भी स्थापित हैं।
पोरबंदर की धार्मिक भूमि पर स्थित भगवान विष्णु का सत्यनारायण मंदिर भक्तो की आस्था का केंद्र बना हुआ हैं। भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर में आने वाले भक्तो की भीड़ लगी रहती हैं। श्री हरी नारायण के गीतों की धुन मंदिर में निरंतर चलते रहती हैं।
पोरबंदर का ऐतिहासिक सार्तनजी चोरो एक प्रमुख आकर्षण हैं जोकि पर्यटकों को आकर्षित करता हैं। बता दें कि सार्तनजी चोरो राणा सर्तनजी का मंडप हुआ करता था और स्थान पर वह विश्राम करना पसंद करते थे।
रानीबाग पार्क पोरबंदर पर्यटन स्थल के ठीक सामने स्थित है और इस पार्क को शहर के प्रदूषण को दूर करने के लिए जाना जाता हैं जोकि एक प्राकृतिक और शुद्ध हवा शहरवासियों को प्रदान करता हैं। यह पार्क 50 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है जोकि 840 से भी अधिक प्रजातियों के पौधों को संरक्षित करके रखता हैं।
पोरबंदर में स्थित इस ऐतिहासिक दरिया राजमहल का निर्माण महाराजा भवसिंहजी ने 19 वीं शताब्दी के दौरान करबाया था। महल की वास्तुकला गोथिक, इतालवी और अरबी शैली का खबसूरत संयोजन देखने को मिलता हैं। राज महल में पुराने यूरोपीय फर्नीचर, आकर्षित पेंटिंग और कलाकृतिया आदि देखने को मिलती हैं। हालाकि वर्तमान समय में महल को कॉलेज के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है।
पोरबंदर का ऐतिहासिक दरबारगढ़ एक शाही किला है जोकि राणा सरतनजी के शासन काल में निर्मित किया गया था। बता दें कि महल कि पूरी संरचना में राजपूत शैली कि झलक देखी जा सकती हैं।
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पोरबंदर पर्यटन स्थल की जलवायु आम तौर पर सुखद होती है लेकिन मार्च से जून के दरमयान दिन का तापमान 42 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुँच जाता हैं। जुलाई माह में मानसून के आने के साथ ही मौसम ठंडा हो जाता हैं। लेकिन सर्दियों के मौसम में (अक्टूबर से फरवरी) तक पोरबंदर पर्यटन स्थल की यात्रा करना सबसे अच्छा माना जाता हैं।
पोरबंदर और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के बाद यदि आप यहाँ किसी अच्छे निवास स्थान की तलाश कर रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि पोरबंदर में आपको लो-बजट से लेकर हाई-बजट तक होटल मिल जाएंगे। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल का चुनाव कर सकते हैं।
पोरबंदर अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों और आकर्षित वातावरण के लिए तो प्रसिद्ध है ही लेकिन यहाँ का भोजन भी बहुत स्वादिष्ट होता हैं। पोरबंदर के लजीज भोजन का स्वाद आपको उंगलिया चाटने पर मजबूर कर देगा। पोरबंदर में पर्यटकों को गुजराती व्यंजनों के साथ साथ पंजाबी, चीनी और कॉन्टिनेंटल भोजन आदि चखने का अनुभव होगा। पोरबंदर के भोजन में मुख्य रूप से शाकाहारी भोजन देखने को मिलता है। पोरबंदर के कुछ स्थानीय व्यंजनों में ढोकला, खंडवी, थेपला, खाखरा, घेवर, बसुंडी, श्रीखंड के अलावा भी अन्य व्यंजनों को चखा जा सकता हैं।
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पोरबंदर घूमने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं।
पोरबंदर पर्यटन स्थल की यात्रा के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि पोरबंदर हवाई अड्डा (Porbandar Airport) देश के प्रमुख शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। बता दें कि पोरबंदर हवाई अड्डा शहर के केंद्र से लगभग 6 किलोमीटर कि दूरी पर स्थित हैं। हवाई अड्डे से आप यहा चंलने वाले स्थानीय साधनों मदद से शहर में घूम सकते हैं।
पोरबंदर की यात्रा के लिए यदि आपने रेल मार्ग का चुनाव किया हैं। तो हम आपको बता दें कि पोरबंदर रेलवे स्टेशन पोरबंदर शहर को गुजरात और अपने निकट के प्रमुख शहरो के साथ जोड़ता हैं। आप ट्रेन के माध्यम से पोरबंदर की यात्रा पर जा सकते है। बता दें कि राजकोट, सोमनाथ और मुंबई के लिए नियमित ट्रेने आपको मिल जाएगी। इसके अलावा पोरबंदर से दिल्ली, कोलकाता और राजस्थान के लिए भी समय-समय पर ट्रेनें उपलब्ध हैं।
पोरबंदर पर्यटन स्थल कि यात्रा के लिए यदि आपने बस का चुनाव किया हैं। तो बता दें कि पोरबंदर सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। पोरबंदर जाने के लिए बस आपको नियमित रूप से मिल जाएगी।
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इस लेख में आपने पोरबंदर पर्यटन स्थल और उनकी यात्रा के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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