Parshuram Mahadev Temple In Hindi : परशुराम मंदिर राजस्थान राज्य के पाली जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह प्रसिद्ध मंदिर भगवान शिव या महादेव को समर्पित है। परशुराम मंदिर एक प्राचीन गुफा है जहां तक पर्यटकों को 500 सीढ़ियों से चढ़कर जाना होता है। यह मंदिर अरावली पहाड़ियों के ऊपर से एक शानदार दृश्य भी प्रस्तुत करता है जो तीर्थयात्रीयों और पर्यटकों काफी अट्रेक्ट करता है। आप इस मंदिर के द्वार तक पहुंचने के लिए एक छोटा ट्रेकिंग अनुभव ले सकते हैं। परशुराम मंदिर कुंभलगढ़ वन में सबसे अच्छा स्थान माना जाता है।
यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं है बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटक भी यहां के सुंदर वातावरण की वजह से आकर्षित होते हैं। परशुराम मंदिर के अतीत के बारे में कई कहानियां भी बताई जाती है, जिसके बारे में आप मंदिर के पुजारियों से भी जान सकते हैं। मंदिर के दर्शन के समय यहां स्थित भगवान गणेश का पवित्र मंदिर और नौ कुंड भी देख सकते हैं। इन कुंडों की सबसे खास बात यह है कि यह कभी नहीं सूखते। इस लेख के माध्यम से हम आपको परशुराम मंदिर की यात्रा कराने वाले है इसीलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े –
परशुराम महादेव मंदिर के इतिहास की बात करें तो माना जाता है की भगवान विष्णु का छठा अवतार कहे जाने वाले संत परशुराम ने अपनी कुल्हाड़ी से एक गुफा बनाई थी और अरावली पर्वत की तलहटी में भगवान शिव की पूजा की थी। इसी वजह से यहां पहाड़ी के ऊपर परशुराम को समर्पित मंदिर बनाया गया था जिसे हम परशुराम महादेव मंदिर के नाम से जानते हैं।
यदि आप श्रवण सुकला सप्तमी और सप्तमी के विशेष अवसरों के दौरान मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं तो आप यहां पर इस समय आयोजित होने वाले विशाल मेले को देख सकते हैं। यहां कई ट्रस्ट भी हैं जो इस त्योहार के दौरान संगीतमय रातों का आयोजन करते हैं। यहां पर भक्तों को भोजन और रहने की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
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इस मंदिर के द्वार पूरे सप्ताह खुले रहते हैं और भक्त सुबह 6 से शाम 7 बजे तक किसी भी दिन मंदिर के दर्शन करने के लिए आ सकते हैं।
मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
अगर आप परशुराम महादेव मंदिर की यात्रा के लिए जाना चाहते हैं तो बता दें कि यहां आने का अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के महीनों के समय होता है। अगस्त और सितंबर के महीनों में यहां आयोजित होने वाले भव्य मेले में शामिल होने के लिए आप इस समय भी मंदिर भी जा सकते हैं।
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परशुराम महादेव मंदिर पाली राजस्थान में स्थित है जो एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर घूमने के लिए बहुत कुछ है अगर आप पाली घूमने की योजना बना रहें हैं और इसके पास स्थित पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो नीचे हम पाली शहर के पर्यटन स्थलों की जानकारी दे रहे हैं, जहां आपको अपनी यात्रा के दौरान जरुर जाना चाहिए।
लखोटिया गार्डन पाली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। आपको बता दें कि यह गार्डन लाखोटिया तालाब से घिरा हुआ है और इसी की वजह से इसे अपना नाम मिला है। लखोटिया गार्डन एक बहुत विशाल उद्यान है जिसमेंबैठने के लिए बहुत सारी साफ और हरी भरी जगह है। दिन के समय काफी लोग इस खूबसूरत गार्डन को देखने के लिए आते हैं। बात दें कि इस गार्डन का प्रमुख आकर्षण यहां केंद्र में स्थित शिव मंदिर है जो पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। यह सुंदर मंदिर नीलकंठ को समर्पित है और पर्यटकों को बेहद रोमांचित करता है। लखोटिया गार्डन पाली की एक ऐसी जगह है जिसे आपको अपनी लिस्ट में जरुर शामिल करना चाहिए।
पाली में एक साफ सुथरा छोटा संग्रहालय, जिसमें आप तांबे के सिक्के, पेंटिंग, आर्मरेस्ट और जनजातीय हस्तशिल्प के अदभुद संग्रह को देख सकते हैं। आपको बता दें कि इस संग्रहालय में कई उपकरण है जो पुरापाषाण काल के हैं। इसके अलावा बांगुर संग्रहालय में चित्रकला और हथियारों का शानदार संग्रह भी हैं, जो राजस्थान की संस्कृति का वर्णन करते हैं। तुगलक, खिलजी और शासकों से संबंधित यहां पर कई सिक्के रखे हुए हैं। यह संग्रहालय पारंपरिक कला और शिल्प को भी बर्तनों से लेकर गहनों तक प्रदर्शित करता है जो स्थानीय और क्षेत्रीय संस्कृति के बारे में बताते हैं। इस संग्रहालय की एक यात्रा आपके लिए यादगार साबित होगी और आपको राजस्थान राज्य के बारे में और अधिक जागरूक करेगी।
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जवाई बांध जवाई नदी पर बना हुआ प्रमुख बांध है जो लगभग 70 साल पुराना है और राजस्थान में सबसे बड़ा बांध है। आपको बता दें कि यह बांध यहां के आस-पास के गाँव के लिए जीवन रेखा के रूप में काम करता है। यह बांध दिखने में बेहद सुंदर और आकर्षक है। अगर आप पाली घूमने के लिए जा रहें हैं तो आपको इस बांध की सैर जरुर करना चाहिए। जवाई बांध ठंड से बचने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों से सर्दियों के दौरान आने वाले प्रवासी पक्षियों के प्रवास का एक प्रमुख स्थान है। क्रेन और गीज़ आम प्रवासी पक्षी हैं जिन्हें इस बांध के पास अक्सर देखा जा सकता है। इसके अलावा आप भालू और हाइना को बांध पर पानी पीते देख सकते हैं।
ओम बन्ना मंदिर पाली का एक प्रमुख मंदिर है जो दुनिया के बाकी मंदिरों से बिलकुल अलग है। पाली के इस मंदिर को बुलेट बाबा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि ओम बन्ना मंदिर का अपना एक अलग खास महत्व है। जब आप इस मंदिर में प्रवेश करेंगे तो आपको यहां पर किसी देवी या देवता की मूर्ति नहीं बल्कि कांच के अंदर एक रॉयल एनफील्ड बाइक दिखेगी और यहां के व्यक्ति की फोटो भी दिखेगी। आपको यह तस्वीर और किसी की नहीं बल्कि खुद ओम बन्ना की है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पाली हाईवे पर ओम बन्ना की आत्मा दुर्घटनाओं से लोगों की रक्षा करती इसलिए लोग उनकी पूजा करते हैं और उन्हें फूलों की माला भी चढ़ाते हैं। अगर आप पाली की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको एक बार ओम बन्ना के मंदिर जरुर जाना चाहिए।
पाली को अपने आकर्षक मंदिरों के लिए भी जाना जाता है जिनमें कई एक से बढ़कर एक मंदिर शामिल हैं। बता दें यहां पर्यटक हिंगलाज माँ मंदिर, श्री नवलखा पार्श्वनाथ जैन मंदिर, जैन मंदिर, देवगिरी मंदिर, रामेश्वर महादेव मंदिर, सोमनाथ मंदिर, साईं बाबा मंदिर, करणी माता मंदिर, बंगोर मंदिर, इलोजी मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। इन सभी मंदिरों के अलावा पाली में गीता भवन, बजरंग बाग, हवास बांध जैसे पर्यटन स्थल भी हैं।
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अगर आप परशुराम मंदिर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं और यह जानना चाहते हैं कि आप मंदिर तक कैसे पहुंच सकते हैं तो बता दें कि मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन रानी और फालना रेलवे स्टेशन है जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हवाई यात्रा करने वाले पर्यटक उदयपुर हवाई अड्डे पर भी उड़ान भर सकते हैं और फिर मंदिर तक पहुँचने के लिए वहां से परिवहन के किसी भी स्थानीय साधन की मदद ले सकते हैं।
अगर आप सड़क द्वारा परशुराम मंदिर की यात्रा करना कहते हैं तो बता दें कि यह मंदिर राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ में और उदयपुर से 98 किमी दूर स्थित है। यहां से बस या टैक्सी द्वारा आसानी से मंदिर पहुंचा जा सकता है।
परशुराम मंदिर के लिए दिल्ली, आगरा, मुंबई, चेन्नई, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर, अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों रेलवे स्टेशनों के लिए निकटतम स्टेशन फालना और रानी रेलवे स्टेशन है। यहां से बस या टैक्सी द्वारा मंदिर पहुंचा जा सकता है।
परशुराम मंदिर को निकटतम उदयपुर हवाई अड्डा है जो दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद, जोधपुर और जयपुर के लिए नियमित घरेलू उड़ानों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से से बस या टैक्सी द्वारा मंदिर पहुंचा जा सकता है।
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इस लेख में आपने परशुराम मंदिर और इसके आसपास घूमने की जगहें के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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