पालमपुर के चाय के बागान घूमने की जानकारी और इसके पर्यटन स्थल – Palampur Tea Garden Information In Hindi

2.7/5 - (3 votes)

Palampur Tea Garden In Hindi : पालमपुर को उत्तरी भारत की चाय राजधानी के रूप में जाना जाता है और यह पूरे देश में हरे-भरे चाय के बागानों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ स्थित चाय के बागान पालमपुर का मुख्य आकर्षण है। पालमपुर, चाय बागानों और चाय बनाने की प्रक्रिया को बड़े रूप में देखने के लिए सही जगह है। यहां के हरे भरे बागानों में जब आप अपने कदम रखेंगे तो आपको ऐसा लगेगा जैसे आप सपनों की दुनिया में हैं। बागानों की दिव्या सुगंध आपको स्वर्ग में होने का एहसास कराती है।

पालमपुर में चाय के बागान घूमने जाना पर्यटकों और प्रकृति प्रेमी के लिए बहुत खास साबित होता है। 19 वीं शताब्दी में इस क्षेत्र में चाय बागानों की अवधारणा शुरू की गई थी, तब से यह स्थान अपनी विशेष चाय के लिए (विशेष रूप से कांगड़ा चाय के लिए) काफी प्रसिद्ध हो गया है। यहाँ की चाय की क्वालिटी इतनी अच्छी है कि इसका 90 प्रतिशत देश के बाहर निर्यात किया जाता है। अगर आप पालमपुर की यात्रा कर रहे हैं तो यहां चाय के बागानों में घूमने आपको एक मजेदार और जानकारी से भरा अनुभव प्राप्त होगा।

 1. पालमपुर के चाय के बागानों में क्या क्या कर सकते है – Things To Do In Tea Gardens Of Palampur In Hindi

पालमपुर के चाय के बागानों में क्या क्या कर सकते है

पालमपुर की यात्रा करने वाले पर्यटकों को चाय बागानों की सैर करना कभी मिस नहीं करना चाहिए। पर्यटक यहां आकर हरे भरे चाय के बागानों के लुहावने दृश्य देख सकते हैं और पालमपुर चाय निगम चाय कारखाने में वास्तविक चाय बनाने की प्रक्रिया को देखने की भी अनुमति है। पर्यटक चाय के बागानों में कुछ शानदार तस्वीरें भी क्लिक कर सकते हैं। चाय बागानों में एक झोंपड़ी में गर्म कांगड़ा चाय के एक कप का स्वाद लेना भी आपके लिए बेहद खास साबित हो सकता है।

और पढ़े: पालमपुर के टॉप पर्यटन स्थल घूमने की जानकारी

2. पालमपुर की सहकारी चाय फैक्ट्री – Palampur Cooperative Tea Factory In Hindi

पालमपुर की सहकारी चाय फैक्ट्री

पालमपुर सहकारी चाय फैक्ट्री, धर्मशाला की ओर जाने वाली सड़क के ठीक नीचे, पालमपुर तक स्थित है। यह कारखाना सभी चाय प्रेमियों के लिए चाय की पत्तियों की प्लकिंग, पिकिंग और प्रोसेसिंग की पूरी प्रक्रिया और इसके व्यावसायिक उत्पादन की बाद की प्रक्रिया को देखने का मौका भी देता है। पालमपुर सहकारी चाय फैक्ट्री भारत के टी बोर्ड के मार्गदर्शन में संचालित और प्रबंधित की जाती है। अप्रैल और नवंबर के महीनों के बीच हर दिन लगभग 4,000 टन चाय का उत्पादन करने में सक्षम है। इस फैक्ट्री की यात्रा करना सच में एक अनूठा अनुभव है जो बहुत सारी चीजें सीखने का मौका देता है। यहां पर पर्यटक चाय बनने की प्रक्रिया के बारे में जितने चाहें उतने सवाल पूछ सकते हैं।

3. पालमपुर चाय बागानों में चाय का ब्रांड – Tea Brands At Palampur Tea Gardens In Hindi

पालमपुर चाय बागानों में चाय का ब्रांड

इन उद्यानों में पैदा होने वाली चाय को विभिन्न ब्रांड नामों के तहत मार्क किया जाता है, जैसे दरबारी, बागेश्वरी, बहार और मल्हार अदि। इन सभी ब्रांडों का नाम भारतीय शास्त्रीय संगीत के विभिन्न रागों के नाम पर रखा गया है। कोई भी चाय कारखाने से सीधे इन ब्रांडों को खरीद सकता है।

और पढ़े: तिब्बती बाजार मनाली घूमने की जानकारी और इसके पर्यटन स्थल 

4. पालमपुर में खाने के लिए स्थानीय भोजन – Local Food In Palampur In Hindi

पालमपुर में खाने के लिए स्थानीय भोजन

आपको बता दें कि पालमपुर में पर्यटन धीरे-धीरे बढ़ रहा है और यहां खाने के लिए कई विकल्प मिल सकते हैं। यहाँ पर पहाड़ी और जैन भोजन अच्छी तरह से उपलब्ध है। यहाँ के कई रेस्तरां में उत्तर भारतीय, चीनी और कॉन्टिनेंटल व्यंजनों को परोसा जाता है। इनके अलावा पालमपुर स्थानीय व्यंजनों के तत्वों और स्वादों को बढ़ावा देता है। यहाँ के लोकप्रिय स्थानीय व्यंजनों में सेपू वड़ी, भटूरा, चना मदरा, ट्राउट मछली, मीठे चावल, पटंडे, मोमोज, कड्डू का खट्टा, चिकन अनारदाना, नूडल्स के नाम शामिल हैं।

5. पालमपुर टी गार्डन घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Palampur Tea Gardens In Hindi

पालमपुर टी गार्डन घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

पालमपुर पहाड़ों और जंगलों बीच स्थित है, जहाँ पर पूरे साल सुखद मौसम का अनुभव होता है। यहाँ पर गर्मी में केवल 30 डिग्री तक तापमान बढ़ता है। जबकि मॉनसून में हल्की वर्षा होती है, सर्दियों के समय तापमान शून्य से उप-शून्य स्तर तक गिर जाता है। इसलिए अगर आप पालमपुर की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहाँ की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मार्च और जून के बीच गर्मियों के मौसम की शुरुआत में है। सितंबर से नवंबर के शुरुआती सर्दियां भी यात्रा के लिए एक सुखद समय होता है। पालमपुर में सर्दियाँ जमने लगी हैं, लेकिन अगर आप रोमांच की तलाश में हैं तो यह समय यात्रा के लिए बिलकुल सही है।

और पढ़े: असम में प्रमुख चाय के बागन

6. पालमपुर के चाय बागानों के आसपास प्रमुख पर्यटन और आकर्षण स्थल – Places To Visit Near Palampur Tea Gardens In Hindi

पालमपुर हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन शहर हैं जो अपने अंदर कई पर्यटन आकर्षणों को समेटे हुए है, अगर आप पालमपुर के चाय बागानों अलावा इसके पास के पर्यटन स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी जरुर पढ़ें।

6.1 करेरी झील – Kareri Lake In Hindi

करेरी झील
Image Credit: Sanchit Sharma

करेरी झील, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में धर्मशाला के लगभग 9 किमी उत्तर पश्चिम में धौलाधार श्रेणी में स्थित एक उथली और ताज़ी पानी की झील है, जिसकी सतह समुद्र तल से 2934 मीटर ऊपर है। करेरी झील एक प्रमुख दर्शनीय स्थल होने के अलावा धौलाधार रेंज में एक बेहद लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थल भी है। इस झील में पानी बर्फ पिघलने से मिलता है और यह झील कैफ उथली है इसमें पानी की दृश्यता बहुत अधिक है। हिमाचल प्रदेश की यात्रा करने वाले अधिकांश बैकपैकर्स ट्राइंड या इंद्रहार पास सर्किट ट्रेकिंग के लिए आते हैं, यह करारी झील के लिए एक छोटा ट्रेक है जो शानदार और शांत अनुभव देता है।

और पढ़े: करेरी झील घूमने की जानकारी और पर्यटन स्थल

6.2 ब्रजेश्वरी मंदिर – Brajeshwari Temple In Hindi

वज्रेश्वरी मंदिर
Image Credit: Sandeep Chaudhary

ब्रजेश्वरी मंदिर कांगड़ा के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर पर्यटकों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने और आध्यात्मिक रूप से ज्ञानवर्धक स्थलों में से एक है। इस मंदिर को कांगड़ा के सबसे प्रमुख मंदिरों को शामिल किया गया है क्योंकि यह भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक है।

6.3 कांगड़ा किला – Kangra Fort In Hindi

कांगड़ा किला

कांगड़ा किला, भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा शहर के बाहरी इलाके में धर्मशाला शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह किला अपनी हजारों साल की भव्यता, आक्रमण, युद्ध, धन और विकास का बड़ा गवाह है। यह शक्तिशाली किला त्रिगर्त साम्राज्य की उत्पत्ति को बताता है जिसका उल्लेख महाभारत महाकाव्य में मिलता है। बता दें कि यह किला हिमालय का सबसे बड़ा और शायद भारत का सबसे पुराना किला है, जो ब्यास और उसकी सहायक नदियों की निचली घाटी पर स्थित है। इस किले के बारे में कहा जाता है कि एक समय ऐसा भी था कि जब इस किले में अकल्पनीय धन रखा गया था जो इस किले के अंदर स्थित बृजेश्वरी मंदिर में बड़ी मूर्ति को चढ़ाया जाता था। इसी खजाने की वजह से इस किले पर कई बार हमला हुआ था।

और पढ़े: कांगड़ा के टॉप पर्यटन स्थलों की जानकारी

6.4 धौलाधार रेंज – Dhauladhar Range In Hindi

धौलाधार रेंज

धौलाधार रेंज ट्रेक सबसे कांगड़ा के पास सबसे आकर्षक ट्रेक में से एक है। धौलाधार चोटी कांगड़ा में अधिक ऊंचाई वाले पूरे ट्रेक में दिखाई देती है। यह ट्रेक कांगड़ा के उत्तर में है और हिमालय की दक्षिणी बाहरी सीमा को कवर करता है। अगर आप कांगड़ा की यात्रा करने तो इस ट्रेक पर ट्रेकिंग के लिए जाएँ क्योंकि यह ट्रेक आपको कई अदभुद दृश्य प्रदान करेगा।

6.5 मंदिर ज्वालाजी मंदिर – Jwala Devi Mandir In Hindi

ज्वालाजी मंदिर

ज्वालाजी मंदिर को ज्वालामुखी या ज्वाला देवी के नाम से भी जाना जाता है। ज्वालाजी मंदिर हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी के दक्षिण में 30 किमी और धर्मशाला से 56 किमी की दूरी पर स्थित है। ज्वालाजी मंदिर हिंदू देवी ज्वालामुखी को समर्पित है। कांगड़ा की घाटियों में, ज्वाला देवी मंदिर की नौ अनन्त ज्वालाएं जलती हैं, जो पूरे भारत के हिंदू तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती हैं। मंदिर की नौ अनन्त ज्वालाओं में उनके निवास के कारण, उन्हें ज्वलंत देवी के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसा अद्भुत मंदिर है जिसमें भगवान की कोई मूर्ति नहीं है। ऐसा माना जाता है कि देवी मंदिर की पवित्र लपटों में रहती हैं, जो बाहर से बिना ईंधन के दिन-रात चमत्कारिक रूप से जलती हैं।

और पढ़े: ज्वाला देवी मंदिर कांगड़ा

6.6 बीर बिलिंग – Bir Billing In Hindi

बीर बिलिंग
Image Credit: Mahak Jain

भारत के हिमाचल प्रदेश में स्थित के बीर एक छोटा सा गाँव है जिसे व्यावहारिक रूप से भारत की पैराग्लाइडिंग राजधानी कहा जाता है। इस जगह के खूबसूरत पहाड़, हरियाली, मौसम के साथ यहां का शांत वातावरण पैराग्लाइडिंग के लिए अनुकूल है।आपको बता दें कि पैराग्लाइडिंग की बीर टेक-ऑफ साइट है और बिलिंग, जो उससे लगभग 14 किमी की दूरी पर स्थित है, जो कि लैंडिंग साइट है। अगर आप पैराग्लाइडिंग के शौक़ीन है तो इस जगह पर जरुर जाएँ। पैराग्लाइडिंग विश्व कप भारत में पहली बार साल 2015 में बीर-बिलिंग में हुआ था। बीर-बिलिंग अपने पैराग्लाइडिंग अनुभवों के लिए देश के लोगों के साथ-साथ साथ विदेशियों के साथ भी उतना ही प्रसिद्ध है।

और पढ़े: बीर बिलिंग में पैराग्लाइडिंग की जानकारी 

6.7 चामुंडा देवी मंदिर – Chamunda Devi Temple In Hindi

चंबा में प्रसिद्ध चामुंडा देवी मंदिर

चामुंडा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के चंबा जिले में स्थित एक प्रचीन मंदिर और एक प्रमुख आकर्षक स्थल है। चामुंडा देवी मंदिर का निर्माण वर्ष 1762 में उमेद सिंह ने करवाया था। पाटीदार और लाहला के जंगल स्थित यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बना हुआ है। बानेर नदी के तट पर स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जिन्हें युद्ध की देवी के रूप में जाना जाता है। पहले इस जगह पर सिर्फ पत्थर के रास्ते कटे हुए थे, लेकिन अब इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आपको 400 सीढ़ियों को चढ़कर जाना होगा। एक अन्य विकल्प के तौर पर आप चंबा से 3 किलोमीटर लंबी कंक्रीट सड़क के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

और पढ़े: चामुंडा देवी मंदिर का इतिहास और कहानी

6.8 बैजनाथ मंदिर – Baijnath Temple In Hindi

बैजनाथ मंदिर

बैजनाथ मंदिर हिमाचल प्रदेश में सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है, जहाँ भगवान शिव को ‘हीलिंग के देवता’ के रूप में पूजा जाता है। बैजनाथ या वैद्यनाथ भगवान शिव का एक अवतार है, और इस अवतार वे अपने भक्तों के सभी दुखों और पीड़ाओं को दूर करते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है और इसको बेहद पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर के जल में औषधीय गुण पाए जाते हैं जिससे कई बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। यह मंदिर हर साल लाखों की संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।

और पढ़े: बैजनाथ मंदिर दर्शन की जानकारी और पौराणिक कथा 

6.9 मैकलोडगंज – Mcleodganj In Hindi

मैकलोडगंज

हिमाचल प्रदेश राज्य में धर्मशाला के पास स्थित मैकलोडगंज एक प्रमुख हिल स्टेशन है, जो ट्रेकर्स के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां की संस्कृति कुछ ब्रिटिश प्रभाव के साथ तिब्बती संस्कृति का सुंदर मिश्रण है। मैकलोडगंज को छोटे ल्हासा के रूप में भी जाना जाता है। मैकलोडगंज एक सुंदर शहर है जो तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के घर होने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, जो ऊपरी धर्मशाला के पास स्थित है। राजसी पहाड़ियों और हरियाली के बीच बसा मैकलोडगंज सांस्कृतिक रूप से एक प्रमुख तिब्बती प्रभाव से धन्य है, जिसका प्रमुख कारण यहां की तिब्बतियों की बस्तियां हैं।

और पढ़े: मैकलोडगंज का इतिहास और घूमने की 5 सबसे खास जगह

6.10 कांगड़ा कला संग्रहालय – Kangra Art Museum In Hindi

कांगड़ा कला संग्रहालय
Image Credit: Venkat Ramesh

कांगड़ा संग्रहालय तिब्बती और बौद्ध कलाकृति के शानदार चमत्कार और उनके समृद्ध इतिहास को बताता है। यह धर्मशाला के बस स्टेशन के पास स्थित है। इस संग्रहालय में आप कई पुराने गहने, दुर्लभ सिक्के यादगार, पेंटिंग, मूर्तियां और मिट्टी के बर्तन जैसी चीज़ें देख सकते हैं।

6.11 कालेश्वर महादेव मंदिर- Kaleshwar Mahadev Temple In Hindi

कालेश्वर महादेव मंदिर
Image Credit: Dr. Satish Sood

परागपुर गाँव से 8 किमी दूर स्थित कालेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण लिंगम है जो जमीनी स्तर पर स्थित है। यह मंदिर सुंदर मूर्तियों से सुशोभित और पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है।

और पढ़े: कालेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन की जानकारी और पर्यटन स्थल 

7. पालमपुर टी गार्डन कैसे जाये – How To Reach Palampur Tea Gardens In Hindi

पालमपुर का निकटतम ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन पठानकोट में है जो पालमपुर से 120 किलोमीटर दूर है और निकटतम संकरा रेलवे स्टेशन मारंडा में है जो 5 किलोमीटर दूर है। यहाँ पर पर्यटन स्थानों के बीच बस और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।

7.1 पालमपुर टी गार्डन फ्लाइट से कैसे पहुंचे – How To Reach Palampur By Flight In Hindi

पालमपुर टी गार्डन फ्लाइट से कैसे पहुंचे

अगर आप हवाई मार्ग से पालमपुर जाना चाहते हैं तो बता दें कि इसका निकटतम हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा है। जो पालमपुर शहर से 25 किमी की दूरी पर स्थित है। गग्गल हवाई अड्डा देश के अधिकांश हवाई अड्डों के साथ हवाई अड्डा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से आप कांगड़ा जाने के लिए ऑटोरिक्शा, बसों, और टैक्सियों की मदद ले सकते हैं। सड़क माध्यम से गग्गल से पालमपुर दूरी तय करने में आपको 1 घंटे का समय लगेगा।

7.2 ट्रेन से पालमपुर टी गार्डन कैसे पहुंचे – How To Reach Palampur By Train In Hindi

ट्रेन से पालमपुर टी गार्डन कैसे पहुंचे

जो भी पर्यटक ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तो उनके लिए बता दें कि पालमपुर का निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट रेलवे स्टेशन है जो पालमपुर से 90 किमी की दूरी पर है। पठानकोट से पालमपुर पहुँचने के लिए आपका टैक्सी किराये पर लेना या बस से यात्रा करना सबसे अच्छा रहेगा।

7.3 पालमपुर टी गार्डन कैसे पहुंचे रोड मार्ग से – How To Reach Palampur By Road Hindi

पालमपुर टी गार्डन कैसे पहुंचे रोड मार्ग से

पालमपुर हिमाचल प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सीधी बसें धर्मशाला, मनाली, कांगड़ा, चंडीगढ़ और राजधानी शहर से चलती हैं। डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसों के लिए 500-1000 रूपये तक चार्ज लिए जाते हैं।

और पढ़े: भारत में प्रमुख चाय के बगान

इस आर्टिकल में आपने पालमपुर के चाय के बागान घूमने की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।

इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।

8. पालमपुर टी गार्डन्स का नक्शा – Palampur Tea Gardens Map

9. पालमपुर टी गार्डन्स की फोटो गैलरी – Palampur Tea Gardens Images

और पढ़े:

Leave a Comment