Naval Aviation Museum In Hindi : नौसेना उड्डयन संग्रहालय भारत के गोवा राज्य में वास्को डी गामा से 6 किलोमीटर की दूरी पर बोगमालो में स्थित एक सैन्य संग्रहालय हैं। नेवल एविएशन म्यूजियम में कुछ ऐसे संग्रहालय हैं, जोकि भारतीय वायु सेना के विकास को प्रदर्शित करते हैं। नौसेना उड्डयन संग्रहालय को दो भागो में विभाजित किया गया हैं। इसमें से एक बाहरी प्रदर्शनी है और एक दो मंजिला इनडोर गैलरी है। गोवा नेवल एविएशन म्यूजियम का उद्घाटन अक्टूबर 1998 में किया गया था। गोवा में स्थित नौसेना उड्डयन संग्रहालय भारत में अपनी तरह का दूसरा संग्रहालय हैं। इसके अलवा एक अन्य संग्रहालय दिल्ली में पालम में हैं। नौसेना उड्डयन संग्रहालय एशिया में अपनी तरह का एक मात्र संग्रहालय है जिसके बारे में आपको अवश्य जानना चाहिये। तो इस आर्टिकल में नेवल एविएशन म्यूजियम से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी को जानने वाले है इसीलिए इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़े –
नेवल एविएशन म्यूजियम के परिसर में प्रवेश करने पर पहला प्रहरी सुपर कॉन्स्टेलेशन उभरे हुआ दिखाई देता हैं, जोकि खास तौर से इंडियन एयरलाइंस द्वारा यात्री विमान के रूप में उपयोग किया जाने वाला एक शिल्प है। इसके पश्चात वायु सेना को एक परिवहन वाहन के रूप में तब्दील कर दिया गया, जिसने बाद में इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया। यह म्यूजियम बाद में विघटित हो गया लेकिन नौसेना के दायरे में बना रहा।
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नौसेना उड्डयन संग्रहालय की बाहरी गैलरी में एक बहुत बड़ा पार्क हैं, जिसमे घूमते हुए पर्यटक नौसेना के डिकम्प्रेशन वाले विमान देख सकते हैं। जिनमे से कुछ 1940 के दशक के पहले के हैं। एक छोटा शेड विभिन्न विमान इंजनों को भी प्रदर्शित करता है। यहां कुल 13 विमान गैलरीयों को प्रदर्शित किया गया हैं।
यह भारत में अपनी तरह का एकमात्र जीवित विमान है जो दुनिया में अस्तित्व ज्ञात तीन में से एक है। सीलैंड ऐसा पहला विमान हैं जिसे सन 1953 में नौसेना विमानन निदेशालय की स्थापना के बाद शामिल किया गया था।
फैरी फायरफ्लाई टीटी एमके 1 यह भारत में अपने प्रकार का एकमात्र क्राफ्ट है यह दुनिया अपनी तरह के 12 क्राफ्टो में से एक हैं। यह क्राफ्ट ब्रिटिश WW2 के समय के वाहक जनित लड़ाकू और पनडुब्बी रोधी विमानों में से एक था। यह क्राफ्ट अपने टारगेट को लक्षित करने के उद्देश्य से मई 1955 में हासिल किया गया था।
नौसेना ने 1956 से 1964 तक HALHT -2 का इस्तेमाल प्राथमिक प्रशिक्षकों के रूप में किया था। वर्तमान समय में जिस विमान का उपयोग नौसेना करती हैं वह आईएएफ अंकन है।
डी हैविलैंड वैम्पायर टी -55 जोकि दो-सीटर वैरिएंट हैं भारतीय नौसेना द्वारा सितंबर 1957 में नौसेना के हवाई जहाजों पर नौसेना के वायुयानों को प्रशिक्षित करने के उद्देश से खरीदा गया था।
हॉकर सी हॉक एफजीए एमके 100 ने भारत के पहले विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के साथ नौसैनिक सेवा जुड़ा था और अंत में सी हैरियर द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने से पहले दो दशकों तक देश को अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।
ब्रेगेट अलिजे 202 नौसेना का पहला वाहक था जोकि एंटी सबमरीन और मैरी टाइम सर्विलांस (एएसएम) विमान पर आधारित था। ब्रेगेट अलिजे 202 ने नौसेना में 1961 में प्रवेश किया था।
डी हैविलैंड डोव को भारतीय वायु सेना के साथ 1965 में शोर्ट सीलैंड को बदलने के लिए जोड़ा गया था।
एचएएल चेतक – एचएएल चेतक को सन 1975 में INS विक्रांत के साथ एक खोज और बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर के रूप में शामिल किया गया था।
ह्यूजेस हू 300 दो सीटर हेलीकॉप्टर हैं जिसे सन 1971 में हेलीकॉप्टर पायलटों के एबइनिटियो के प्रशिक्षण के लिए शामिल किया गया था। लेकिन 1980 के दशक के मध्य में चरणबद्ध किया गया था।
नौसेना में एंटी सबमरीन वारफेयर की भूमिका को पूरा करने के उद्देश्य से 1970 के दौरान वेस्टलैंड सी किंग एमके 42 को खरीदा गया था।
यह लॉकहीड L-1049G मूल रूप से 1955 में एयर इंडिया में शामिल किया गया था। इसे “एलोरा की रानी” के नाम से जाना गया था। सन 1961 में भारतीय वायु सेना में स्थानांतरित किया गया था बाद में सन 1976 में नौसेना शामिल किया था और 1983 में सेवानिवृत्त कर दिया गया।
कामोव 25 को 1980 में खरीदा गया था जोकि अनिवार्य रूप से एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW) के लिए माध्यमिक निगरानी, खोज और बचाव (SAR) कार्यों में अपनी भूमिका निभाता था।
डिस्प्ले पर सिंगल सीटर सी हैरियर को 1991 में शामिल किया गया था और यह INS विक्रांत के साथ-साथ INS विराट के पर आधारित हैं।
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नौसेना उड्डयन संग्रहालय के अंदर भारतीय वायु सेना और नौसेना बलों की प्रमुख लड़ाइयों के बारे में पढने को मिल जाएगा। इनडोर गैलरी को एक विशेष कमरों के रूप प्रदर्शित किया गया हैं। इनमे से कुछ आयुध हैं जो सैन्य हथियार, पनडुब्बियों और जहाजों से जुडी चीजों को दिखाते हैं। भारतीय वायु सैना और नौसेना की वर्दी के बारे में बताते हैं। इसके अलावा कई दुर्लभ, रोचक और पुरानी तस्वीरों के अलावा कीमती दस्तावेजों को प्रदर्शित किया गया है। जोकि 1959 के बाद की नौसेना विमान के इतिहास को दर्शाते हैं। भारतीय नौसेना के द्वारा उपयोग किए जाने वाले बम, टॉरपीडो, सेंसर और तोप आदि को प्रदर्शित किया गया हैं। पर्यटक इस स्थान पर आकर भारतीय वायु सेना और नौसेना की जीती जागती निशानियों से रूबरू हो सकते हैं।
नेवल एविएशन म्यूजियम मंगलवार से रविवार तक सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। हालांकि संग्रहालय राष्ट्रीय अवकाश के दिन भी बंद रहता है।
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नेवल एविएशन म्यूजियम के आसपास ऐसी कई जगह है, जहां आप घूमने जा सकते हैं और अपनी यात्रा को ओर अधिक यादगार बना सकते हैं।
नेवल एविएशन म्यूजियम के नजदीक यदि आप होटल की तलाश में हैं, तो हम आपको बता दें कि नेवल एविएशन म्यूजियम के नजदीक कई होटल मौजूद हैं तो आप अपनी सुविधा और बजट के हिसाब से होटल ले सकते हैं. हम आपको कुछ होटल के नाम नीचे देने जा रहे हैं.
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नेवल एविएशन म्यूजियम घूमने जाने के लिए यदि हम सबसे अच्छे समय की बात करे, तो आप किसी भी मौसम में गोवा के नेवल एविएशन म्यूजियम घूमने जा सकते हैं। लेकिन गोवा घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च महीने तक माना जाता हैं।
अगर आप नेवल एविएशन म्यूजियम घूमने जा रहे हैं तो हम आपको यहां लगने वाली प्रवेश शुल्क के बारे में बाते देते हैं, जोकि आपको अनिवार्य रूप से चुकानी होगी।
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यदि आप गोवा के पर्यटन स्थल नेवल एविएशन म्यूजियम जा रहे है तो हम आपको बता दें कि नेवल एविएशन म्यूजियम जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन, बस और अपने निजी साधन के माध्यम से गोवा के नेवल एविएशन म्यूजियम तक आसानी से पहुंच जायेंगे।
यदि आपने नेवल एविएशन म्यूजियम जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया है, तो हम आपको बता दें कि गोवा शहर का डाबोलिम एयरपोर्ट या गोवा एयरपोर्ट नेवल एविएशन म्यूजियम से सबसे नजदीक हैं। एयरपोर्ट से नेवल एविएशन म्यूजियम की दूरी लगभग 7 किलोमीटर हैं। एयरपोर्ट से आप यहां चलने वाले स्थानीय साधनों के माध्यम से नेवल एविएशन म्यूजियम पहुंच जायेंगे
ट्रेन के माध्यम से गोवा के नेवल एविएशन म्यूजियम जाने के लिए सबसे नजदीकी वास्को डी गामा रेल्वे स्टेशन हैं । यह रेल्वे स्टेशन नेवल एविएशन म्यूजियम से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
यदि आपने नेवल एविएशन म्यूजियम जाने के लिए सड़क मार्ग का चुनाव किया है, तो हम आपको बात दें कि नेवल एविएशन म्यूजियम के नजदीक कोई बस स्टैंड नही हैं, लेकिन नेवल एविएशन म्यूजियम से लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर पणजी का बस स्टैंड हैं। पणजी बस स्टैंड से आप यहां चलने वाले स्थानीय साधनों के माध्यम से नेवल एविएशन म्यूजियम पहुंच जायेंगे।
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इस आर्टिकल में आपने नेवल एविएशन म्यूजियम से जुडी सभी महत्वपूर्ण जानकारी को जाना है, आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।
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