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मेहंदीपुर बालाजी का इतिहास और दर्शन की पूरी जानकारी – Mehandipur Balaji Temple Information In Hindi

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Mehandipur Balaji Temple In Hindi : मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित एक हिंदू मंदिर है, जो हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर भारत में इतना लोकप्रिय कि हर साल दूर-दूर से इस मंदिर में तीर्थ यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। हनुमान जी को ही बालाजी के रूप में भी जाना जाता है और उनके मंदिर के सामने सियाराम को समर्पित एक मंदिर भी स्थित है जिसमें सियाराम की एक सुंदर मूर्ति है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने भक्तों को बुरी आत्माओं और परेशानी से मुक्ति दिलाते हैं।

मंदिर में आने वाले भक्त बालाजी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाते हैं और भैरव बाबा को उड़द की दाल और चावल चढ़ाते हैं जो बुरी आत्माओं से मुक्ति पाने में उनकी मदद करते हैं। मंदिर में शनिवार और मंगलवार को भीड़ काफी ज्यादा होती है क्योंकि यह बालाजी के सबसे खास दिन होते हैं। अगर आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास, कहानी, रहस्य और दर्शन की पूरी जानकारी देने जा रहें हैं –

1. मेहंदीपुर बालाजी की कहानी – Mehandipur Balaji Temple Story In Hindi

Image Credit: Sachin Kumar

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में तीन भगवान की पूजा की जाती है। लेकिन इस मंदिर में हनुमान की मुख्य रूप से पूजा की जाती है और इसके अलावा प्रेतराज और भैरव को भी पूजा जाता है। मंदिर के इन तीनों देवताओं को भूतों और आत्माओं से संबंधित माना जाता है। मंदिर में बालाजी की जिस मूर्ति की पूजा की जाती है उसके बारे में यह कहा जाता है कि यह मूर्ति अपने आप प्रकट हुई थी। बताया जाता है कि इस जगह पर हनुमान जी की लील बाल काल से ही शुरू हो गई थी इसलिए इस मंदिर को बालाजी के नाम से जाना जाता है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में एक दिव्य शक्ति है जो बुरी आत्माओं के चंगुल में फंसे लोगों को ठीक करने की ताकत रखती है। अगर आप लौकिक शक्तियों या भूतों पर विश्वास नहीं करते तो इस मंदिर में आने के बाद आप इन सभी चीजों पर विश्वास करने लगेंगे।

2. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास – Mehendipur Balaji Temple History In Hindi

Image Credit: Lakshmi Narayan

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है और इस मंदिर अपना एक एक समृद्ध और रोचक इतिहास है। आपको बता दें कि इस मंदिर का इतिहास लगभग 1000 साल पुराना है। मान्यतायों के अनुसार अरावली की पहाड़ियों के बीच भगवान हनुमान की मूर्ति स्वयंभू है इसे किसी के द्वारा बनाया नहीं गया है। बताया जाता है कि आज यह मंदिर जिस जगह स्थित है वहां पहले एक घना जंगल था और श्री महंत जी के पूर्वज बालाजी की पूजा करने लगे। कहानी के अनुसार एक दिन हनुमान जी, बालाजी और प्रेतराज तीनों भगवान महंत जी के सपने में आए और उन्होंने महंत जी से अपनी सेवा करने को कहा। इस घटना के बाद उन्होंने भगवान यहां हनुमान की पूजा करना शुरू कर दी।

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3. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का रहस्य और रोचक तथ्य – Mehandipur Balaji Temple Mystery And Interesting Facts In Hindi

Image Credit: Sunder Barange

राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी के बारे में कहा जाता है कि यह जगह जादुई शक्तियों से युक्त है और यहां आने से बुरी आत्माओं से मुक्ति मिलती है, इसलिए हर दिन हजारों भक्त इस तीर्थ स्थल की यात्रा करते हैं।

3.1 मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में अजीब अनुभव

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में जाना और यहां पर भुत-प्रेत से पीड़ित लोगों को देखकर भले ही आपको किसी हॉरर फिल्म की याद आ सकती है लेकिन यहां की यात्रा करने वाले कई भक्तों ने यहां आने के बाद अपने आसपास के माहौल में बदलाव का अनुभव किया है। यह मंदिर राजस्थान में स्थित है जहां पर काफी गर्म वातावरण होता है लेकिन यहां आने के बाद कुछ पलों के लिए आप अपनी पीठ पर ठंड का अनुभव करेंगे। यहां आने के बाद भक्तों को काफी भीड़ का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि यहां काफी संख्या में भक्त आते हैं। भले ही आप किसी भी दिन बालाजी के इस मंदिर के दर्शन के लिए आयें लेकिन आपको यहां हमेशा भीड़ मिलेगी।

3.2 मेहंदीपुर बालाजी में जोर से चिल्लाने की आवाजें

जहां एक तरफ किसी भी मंदिर में आपको घंटियों की आवाज सुनाई देती है, लेकिन जैसे ही आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर परिसर में कदम रखते हैं तो यहां आपको मौजूद महिलाओं और पुरुषों के तेज चीखने की आवाजें सुनाई देने लगेंगी। यहां पीड़ित लोगों के चीखने की आवाजें आपको डरा सकती हैं।

3.3 मेहंदीपुर बालाजी में नहीं चढ़ाया जाता कोई प्रसाद

जहां एक तरफ भारत के अन्य मंदिरों को प्रसाद चढाने के लिए जाना जाता है लेकिन महेंदीपुर बालाजी मंदिर एक ऐसी जगह है जहां पर कोई प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता। जैसे ही आप मंदिर परिसर में कदम रखते हैं तो छोटे दुकानदार आपको प्रसाद बेचने की कोशिश करते हैं। बता दें कि यहां आपको एक काले रंग की गेंद लेना जरुरी होता है क्योंकि इसके लिए मना करना अशुभ माना जाता है। हालांकि यह गेंद खाने के लिए नहीं होती इसे आपको आग में फेकना होता है।

3.4 संकट मोचन हनुमान मेहंदीपुर बालाजी मंदिर

ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी यहां भक्तों को सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाते हैं। मंदिर के आस-पास छोटे दूकानदारों द्वारा पेश की जाने वाली ब्लैक बॉल को अपने शरीर के चारों और घुमा कर आग में फेकना होता है। इसके बाद संकटमोचन हनुमान जी से अपनी सारी परेशानियों को दूर करने का आशीर्वाद मांगा जाता है।

3.5 कमजोर दिल वाले लोगों के लिए नहीं है यह जगह

इस बात में कोई शक नहीं कि यह जगह कमजोर दिल वालों को डरा सकती है। जैसे जी आप इस मंदिर के परिसर में प्रवेश करेंगे तो आप अपने आसपास के माहौल में बदलाव महसूस कर सकते हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की वास्तुकला इसकी कहानी और विलक्षणता को दर्शाती है। मंदिर में आने के बाद आपको निश्चित रूप से अपने आसपास नकारात्मकता को महसूस करेंगे। बात दें कि इस मंदिर में कुल चार कक्ष हैं जिसमें से पहले दो हनुमान और भैरव की मूर्तियां हैं, लेकिन अंतिम हाल में जाने के बाद आपको एक भयानक अनुभव मिल सकता है। यहां पर आप कई पुरुष और महिलाएं अपना सिर पीटते और हिलाते हुए देख सकते हैं। आप उनमें से कुछ को लोहे की चैन से बंधा हुआ देख सकते हैं जो जोर-जोर से चिल्लाते हैं।

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3.6 मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से वापस जाते समय कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखें

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से वापस जाते समय यहां से अपने साथ कोई भी प्रसाद, पानी या खाद्य पदार्थ अपने साथ लेकर ना जाये। यहां मंदिर में किसी भी अनजान से बात करने छूने से बचे क्योंकि किसी पीड़ित व्यक्ति को छूने से आप भी प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ ही जब आप मंदिर से जाते हैं तो कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखें क्योंकि कौन जानता है कि एक बुरी आत्मा आपको देख रही है और आप उसे निमंत्रण दे रहें है।

3.7 मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के अनुष्ठान – Mehandipur Balaji Temple Rituals In Hindi

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में रोजाना किये जाने वाले कामों में पवित्र अनुष्ठान और जरूरतमंदों को भोजन देना शामिल है। इस मंदिर के कुछ विशिष्ट अनुष्ठान हैं जो यात्रियों द्वारा जरुर किये जाने चाहिए और सही अनुक्रम का पालन किया जाता चाहिए। बता दें कि मंदिर में किये जाने वाले अनुष्ठानों को मोटे तौर पर तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

3.8 मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दर्खास्त – Mehendipur Balaji Mandir Me Dorkhasta

इस अनुष्ठान के लिए आपको मंदिर के बाहर किसी भी दुकान से छोटे दर्खास्त लड्डू लेने होंगे। आपको इन लड्डुओं की दो प्लेट दी जाती है। आपको बस इन प्लेट को मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के सामने खड़े पुजारियों भेट करना है। हर प्लेट में लगभग 4-5 लड्डू होते हैं वे जितने चाहे उठा लेंगे और उन्हें भगवान के सामने जल रही अग्नि में छोड़ देंगे। दुर्खास्ता का समय सुबह की प्रार्थना के बाद और शाम की प्रार्थना से पहले है। भेंट करने के बाद आपको आगे बढ़ना होता है और आपको आगे बढ़ना चाहिए और प्रेतराज सरकार और कोतवाल भैरव जी के लिए भी ऐसा ही करना होता है। अंतिम भेंट के बाद आपके पास बचे हुए लड्डू को पीछे फेकना होता है और इसे फेंकते समय पीछे नहीं देखना चाहिए।

3.9 मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में अर्जी – Mehandipur Balaji Mandir Me Arzi

मंदिर के बाहर स्थित किसी भी दुकाने से अर्जी लेने की आवश्यकता होती है जिसके लिए आपको 270 रूपये देने होते हैं। इसमें 1. 25 किलोग्राम लड्डू, 2.25 किलोग्राम उड़द की दाल और 4.25 किलोग्राम उबले हुए चावल होते हैं। यह भोग प्रेतराज और कोतवाल भैरव जी को दो अलग-अलग कंटेनरों में चढ़ाया जाता है।

3.10 मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में सवामणी – Mehendipur Balaji Mandir Me Savamani

मंदिर से दर्शन करके वापस जाने से पहले अगर आप कोई मनोकामना मानते हैं तो आपको मनोकामना पूर्ण होने पर अपने संकल्प के अनुसार सवामनी का भोग बालाजी को लगाना होता है। आप सवामणी की रस्म किसी भी मंगलवार और शनिवार को कर सकते हैं।

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4. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर खुलने और बंद होने का समय – Mehandipur Balaji Temple Timing In Hindi

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भक्तों के लिए 24 घंटे खुला रहता है।

5. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के नियम (मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के अंदर क्या करें और क्या न करें) – Mehandipur Balaji Temple Ke Rules In Hindi

  • जब भी आप मंदिर के दर्शन करने के लिए जाएं तो अंदर अजनबियों को स्पर्श करने या बातचीत करने से बचें।
  • मंदिर के अंदर कुछ भी पिए या खाए नहीं।
  • मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने से पहले मांस, प्याज या नॉन-वेज खाना भोजन कभी न करें।
  • मंदिर से अपने घर वापस जाते समय कोई भी प्रसाद या खाद्य सामग्री न ले जाएँ।
  • मंदिर से बाहर जाते समय कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखें कौन जनता है कि कोई बुरी आत्मा आपको देख रही हो।
  • जब आप अपने घर वापस जाते हैं तो खाने के पैकेट और पानी की बोतल को खाली कर दें।

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6. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के पास खाने के लिए स्थानीय भोजन – What To Eat At Mehandipur Balaji Temple In Hindi

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के नियम के अनुसार आपको मंदिर परिसर के अंदर कुछ भी खाने या पीने की अनुमति नहीं देते हैं। और यहां किसी को खाना देने की भी मनाही है। यहां गाँव से बाहर निकलने से पहले अपने खाने और पानी के बोतल को भी खाली कर देने की सलाह दी जाती है। अगर आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की यात्रा करने जा रहें हैं तो यहां मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में कुछ रेस्तरां उपलब्ध हैं जहां पर आप भोजन कर सकते हैं। यहां पर स्थित एक सुरभि फूड प्लाजा काफी प्रसिद्ध है जहां पर आप शुद्ध शाकाहारी भोजन कर सकते हैं। इसके साथ ही यह फूड प्लाजा अपने पराठों के लिए काफी प्रसिद्ध है।

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7. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर कैसे जाये – How To Reach Mehandipur Balaji Temple In Hindi

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित है। बता दें कि यह मंदिर मेहंदीपुर गांव में स्थित है जो जयपुर से 99 किमी दूर है। मंदिर के लिए आप सड़क, हवाई और रेल मार्ग द्वारा यात्रा कर सकते हैं जिसकी पूरी जानकारी नीचे दी गई है।

7.1 हवाई जहाज से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर कैसे पहुंचें – How To Reach Mehndipur Balaji In Hindi

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर हवाई अड्डा है जो दिल्ली और आगरा हवाई अड्डे से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जयपुर हवाई अड्डे से मंदिर तक जाने के लिए आपको कार या बस द्वारा यात्रा करनी होगी।

7.2 ट्रेन से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर कैसे पहुंचें – How To Reach Mehandipur Balaji In Hindi

अगर आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की यात्रा जयपुर देश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप बस या टैक्सी की मदद से रेलवे से मंदिर पहुंच सकते हैं।

7.3 मेहंदीपुर बालाजी मंदिर तक कैसे पहुंचें सड़क मार्ग द्वारा – How To Reach Mehandipur Balaji In Hindi

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जयपुर, आगरा और दिल्ली रेलवे स्टेशन से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मंदिर के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है, जो इसे रेलवे स्टेशनों से जोड़ती है। अलवर – महवा या मथुरा – भरतपुर-महवा राजमार्ग से आप कार से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

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इस आर्टिकल में आपने मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की यात्रा से जुडी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में बताना ना भूलें।

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8. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का नक्शा – Mehandipur Balaji Temple Map

9. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की फोटो गैलरी – Mehandipur Balaji Temple Images

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Featured Image Credit: Rohit Mogha

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