Meera Temple Chittorgarh In Hindi, मीरा मंदिर चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में स्थित मीरा बाई को समर्पित मंदिर है जो एक राजपूत राजकुमारी थी। राणा कुंभा के शासनकाल के दौरान निर्मित शानदार स्थल है, जहाँ मीरा बाई ने भगवान कृष्ण के एक भक्त के रूप में रहने के लिए अपनी शाही जीवन शैली को त्याग दिया था। जिसके बाद मे वह एक कवित्री और संत के रूप में भी जानी जाने लगी थीं। यह राजसी मंदिर हिंदुओं के लिए पूजा का एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि मीरा बाई ने यहाँ भगवान कृष्ण को समर्पित कई भजन और कविताएं लिखी हैं। जब भी कोई पूजा करने के लिए इस मंदिर में प्रवेश करता है तो यहाँ अदभुद शांति और खुशी का एहसास करता है। मीरा बाई मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक प्रासंगिकता इसे चित्तौड़गढ़ का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटक स्थान बनाती है।
चलिए आइये तो फिर जानते है मीरा मंदिर चित्तौड़गढ़ के बारे में –
मीरा बाई का जन्म 1498 राठौर परिवार में हुआ था जो राजस्थान के राजपूत थे। मीरा बाई बहुत कम उम्र में भगवान कृष्ण और उसके आकर्षण से इतना अधिक मंत्रमुग्ध था कि वह उन्हें अपना पति मानने लगी थी। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, उनके माता-पिता ने उसकी इच्छा के खिलाफ उसकी शादी मेवाड़ के राजकुमार, भोज राज से करवा दी। हिंदू मुस्लिम युद्ध के दौरान उन्होंने अपने पति को खो दिया। पति के गुजर जाने के कुछ समय ही बाद उन्होंने अपने ससुर को खो दिया।
ऐसा माना जाता है कि उनके ससुराल वालों ने उसे जहरीला अमृत पीने की बात कहकर उसे मारने की कोशिश की और एक बार फूलों की एक टोकरी में एक विषेला साप रखकर मीरा बाई के यहाँ भेजी, लेकिन भगवान कृष्ण ने सांप को अपनी मूर्ति के रूप में बदल दिया। और तभी से उनका स्नेह बेपनाह ऊंचाइयों पर पहुंच गया, जिसके बाद मीरा बाई ने सब सुख और राजकुमारी के रूप को त्याग करके भगवान कृष्ण की भक्ति में खोने का निर्णय लिया।
मीरा एक राजपूत राजकुमारी थीं, जो भगवान कृष्ण के प्यार में पागल थीं और उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान कृष्ण के लिए समर्पित कर दिया था। जिस कारण मुख्य रूप से राणा कुंभा के शासन के दौरान कृष्ण मंदिर को बनाया गया था। जिससे मीरा बाई भगवान् कृष्ण की भक्ति कर सके और बाद में इस मंदिर को कृष्ण मंदिर के साथ-साथ मीरा बाई मंदिर के नाम से जाना जाने लगा।
और पढ़े: मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा के दर्शन की जानकारी
मीरा बाई मंदिर का निर्माण इंडो-आर्यन शैली के अनुसार बनाया गया है। यह हिंदुओं के लिए सांस्कृतिक विरासत होने के साथ-साथ भारत में कला का एक अद्भुत कार्य माना जाता है। मंदिर के केंद्र में भगवान कृष्ण की एक सुंदर मूर्ति स्थापित है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर, एक सिर के साथ पांच निकायों की शानदार नक्काशी है जो जाति ,धर्म सत्य, एकता और गैर-भेदभाव का प्रतीक है। मंदिर का एक छोटा क्षेत्र भी स्वामी रविदास को समर्पित है जो मीरा बाई के गुरु थे। मीरा बाई स्मारक को पत्थर में बनाया गया है जिसमे मीरा बाई और भगवान कृष्ण की कहानियों को दर्शाया गया है।
मीरा बाई मंदिर पर्यटकों और श्रद्धालुओं के घूमने के लिए प्रतिदिन सुबह 9.30 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुला रहता है और आपको बता मंदिर की पूर्ण और सुखद यात्रा के लिए 1-2 घंटे का समय अवश्य दें।
और पढ़े : बाड़मेर जिले में घुमने लायक आकर्षण स्थल की जानकारी
बता दे मीरा बाई मंदिर में पर्यटकों और श्रद्धालुओं के घूमने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नही है।
यदि आप चितौड़गढ़ में मीरा बाई मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता दे चितौड़गढ़ जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च का समय होता है, क्योंकि इस समय चितौड़गढ़ का मौसम खुशनुमा रहता है, इसीलिए सर्दियों के मौसम में चितौड़गढ़ की यात्रा करना काफी अच्छा माना जाता है। और आपको बता दे मार्च से शुरू होने वाली ग्रीष्मकाल के दौरान चितौड़गढ़ की यात्रा से बचें क्योंकि इस समय चितौड़गढ़ राजस्थान का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। जो आपकी मीरा बाई मंदिर चितौड़गढ़ की यात्रा को हतोत्साहित कर सकता है।
और पढ़े: साईं बाबा मंदिर अजमेर घूमने की जानकारी
यदि आप राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल चितौड़गढ़ में मीरा बाई मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो हम आपको अवगत करा दे की चितौड़गढ़ में मीरा बाई मंदिर, के अलावा भी प्रसिद्ध किले, धार्मिक स्थल, पार्क व अन्य पर्यटक स्थल मौजूद है, जिन्हें आप अपनी मीरा बाई मंदिर चितौड़गढ़ की यात्रा के दोरान घूम सकते हैं-
अगर आप मीरा बाई मंदिर चितौड़गढ़ घूमने जाने की योजना बना रहें हैं तो हम आपको बता दें आप सड़क, रेल और हवाई मार्ग से यात्रा करके मीरा बाई मंदिर चितौड़गढ़ पहुंच सकते है। अगर आप चितौड़गढ़ जाने के लिए परिवहन के विभिन्न तरीकों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी को अवश्य पढ़ें।
यदि आप चितौड़गढ़ के मीरा बाई मंदिर फ्लाइट से जाने की योजना बना रहे है तो हम आपको बता दे चित्तौड़गढ़ शहर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा डबोक हवाई अड्डा उदयपुर है जो चितौड़गढ़ से लगभग 70 किमी की दूरी पर स्थित है। आप फ्लाइट से यात्रा करके उदयपुर हवाई अड्डा पहुंच सकते है और हवाई अड्डे से चित्तौड़गढ़ जाने के लिए बस, टैक्सी या कैब किराये पर ले सकते हैं।
चित्तौड़गढ़ राजस्थान के प्रमुख शहरों जैसे उदयपुर, जयपुर, जोधपुर आदि और पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से मीरा बाई मंदिर चित्तौड़गढ़ की यात्रा करना एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। राजस्थान के प्रमुख शहरो से चितौड़गढ़ के लिए नियमित बस सेवा भी उपलब्ध है आप अपनी निजी कार, टैक्सी या डीलक्स बसें, एसी कोच और राज्य द्वारा संचालित बसों के माध्यम से मीरा बाई मंदिर चितौड़गढ़ की यात्रा कर सकते हैं।
अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ ट्रेन से यात्रा करके मीरा बाई मंदिर चित्तौड़गढ़ जाना चाहते है तो हम आपको बता दे चित्तौड़गढ़ का अपना घरेलू रेलवे जंक्शन है, जो मीरा बाई मंदिर से लगभग 7.0 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह रेलवे जंक्शन चित्तौड़गढ़, को राज्य के और भारत के प्रमुख शहरों से जोड़ता है। जो दक्षिणी राजस्थान के सबसे बड़े रेलवे जंक्शनों में से एक है। चित्तौड़गढ़ रेलवे जंक्शन पहुचने के बाद आप यहाँ से ऑटो, टैक्सी या स्थानीय वाहनों के माध्यम से मीरा बाई मंदिर पहुंच सकते है।
और पढ़े : चित्तौड़गढ़ जिला के आकर्षण स्थल और घूमने की जानकारी
इस आर्टिकल में आपने मीरा बाई मंदिर के बारे में जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
और पढ़े :
Hills Station of Tamil Nadu In Hindi : तमिलनाडु भारत का एक खूबसूरत पर्यटक राज्य…
Ghaziabad in Hindi : गाजियाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो राष्ट्रीय…
Mumbai Zoo in Hindi : मुंबई जू मुंबई शहर के केंद्र में स्थित है जो…
Famous Forts Of Maharashtra in Hindi : महाराष्ट्र एक समृद्ध इतिहास वाला राज्य है जो…
Famous Lakes of Himachal Pradesh in Hindi : हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख और…
Chintapurni Devi Temple in Hindi : चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से…