Manas National Park In Hindi : मानस नेशनल पार्क भारत के असम राज्य में फैला हुआ एक ऐसा पार्क है जो एक यूनेस्को प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल होने के साथ ही एक प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व, एक हाथी रिजर्व और असम में एक बायोस्फीयर रिजर्व भी है। मानस राष्ट्रीय उद्यान भारत के सबसे अच्छे राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जो बाघ अभयारण्य, दुर्लभ गोल्डन लंगूर और लाल पांडा के लिए प्रसिद्ध है। मानस नेशनल पार्क न सिर्फ इसकी जैव विविधता के लिए, बल्कि इसके शानदार दृश्यों और प्राकृतिक परिदृश्य के लिए भी जाना है। बता दें कि यह नेशनल पार्क भारत की दूसरी सबसे बड़ी बाघ आबादी का घर है। मानस राष्ट्रीय उद्यान हाथी पर बैठकर कोई भी आसानी से गैंडों और बाघों को देखा जा सकता है।
अगर आप मानस पार्क घूमने के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, इसमें हमने मानस नेशनल पार्क के बारे में पूरी जानकारी दी है।
मानस नेशनल पार्क भारत का एक प्रमुख नेशनल पार्क है जिसका नाम यहां बहने वाली मानस नदी से लिया गया है। इस नदी का नाम सर्प देवी मानसा के नाम पर रखा गया है। मानस नदी ब्रह्मपुत्र की एक प्रमुख सहायक नदी है। मानस नेशनल पार्क को 1 अक्टूबर 1928 को 360 वर्ग किमी के साथ एक अभयारण्य घोषित किया गया था। 1951 और 1955 में इस अभ्यारण के क्षेत्र को बढ़ाकर 391 वर्ग किमी कर दिया गया था। इसे मानस बायो रिज़र्व 1973 में बनाया गया था और1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
मानस नेशनल पार्क में वनस्पतियों की कई सुंदर और दुर्लभ प्रजाति पाई जाती है। इसका नाम भारत के समृद्ध जैव विविधता वाले स्थानों में आता है। पार्क में पाए जाने वाले जीवों की बात करे तो बता दें कि यहां ग्रासलैंड बायोम में इंडियन गैंडा, प्योगी हॉग, बंगाल फ्लोरिकन और वाइल्ड एशियन बफेलो जैसे जानवर पाए जाते हैं। इसके अलावा दूसरा बायोम फॉरेस्ट बायोम है जिसमें स्लो लोरिस, सांभर, कैप्ड लंगूर, गिलहरी, ग्रेट हॉर्नबिल और कई अन्य जानवर हैं। बता दें कि पार्क में स्तनधारियों की 55 प्रजातियां, पक्षियों की 380 प्रजातियां, उभयचरों की 3 प्रजातियां, सरीसृपों की 50 प्रजातियां पाई जाती है जिनमें भारतीय हाथी, भारतीय गैंडे, एशियाई जल भैंस, भारतीय बाघ, तेंदुए, असमिया मकाक, ब्लैक पैंथर्स और बार्किंग हिरण जैसे जानवर शामिल हैं। इस पार्क की सबसे खास बात यह है रूफेड टर्टल, पिग्मी हॉग और गोल्डन लंगूर जैसे जानवर पूरी दुनिया में सिर्फ इस पार्क में ही पाए जाते हैं।
मानस नेशनल पार्क पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। पक्षी देखने के लिए इस पार्क के मुख्या स्पॉट कोकिलाबारी और अलबरी में हैं। इस पार्क में बंगाल फ्लोरिकन पक्षियों की सबसे बड़ी आबादी पाई जाती है और यह लगभग 500 किस्मों के पक्षियों का घर है। मानस नेशनल पार्क में पाए जाने पक्षियों में सर्प ईगल्स, श्येन, ग्रे हॉर्नबिल्स, मर्गेन्सर्स, बुलबुल, हैरियर, जाइंट हॉर्नबिल्स, ब्राह्मणी डक, पाइड हॉर्नबिल्स, स्कार्लेट मिनिवेट्स, कालिज तीतर, बी-ईटर के नाम शामिल हैं। मछली पकड़ने वाले ईगल को आप कोकिलाबारी और अलबारी में बड़ी संख्या में देखे सकते हैं।
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बता दें कि भूटान के राजा का ग्रीष्मकालीन महल मानस नदी के पास स्थित है जो मानस राष्ट्रीय उद्यान के भूटान की ओर स्थित है। आपको भूटान ओर जाने के लिए एक नाव किराये पर लेनी होगी जिसके लिए आपको पहले से अनुमति लेनी होगी। भूटान के राजा के ग्रीष्मकालीन महल में जाने के लिए आपको एक किलोमीटर पर पैदल चलना होगा जो चौकीदार द्वारा संरक्षित है।
जो भी पर्यटक मानस नेशनल पार्क घूमने के साथ कुछ अलग करना चाहते हैं वो लोग इस पार्क की नदी में वाटर राफ्टिंग कर अपनी यात्रा का पूरा मजा ले सकते हैं। आपको अपने जीवनकाल में एक बार इसका मजा जरुर लेना चाहिए।
मानस नदी भूटान क्षेत्र की तीन अन्य नदी प्रणाली में सबसे बड़ी है। यह नदी दक्षिणी भूटान और भारत के बीच हिमालय की तलहटी वाले दो देशों बहती है। इस नदी का नाम हिन्दू देवी मानसा के नाम पर पड़ा है। मानस नदी की कुल लम्बाई 367 किमी है जो भूटान से असम में बहती है और अंत में ब्रह्मपुत्र नदी के साथ जोगीघोपा में मिल जाती है। मानस नदी के चारों ओर मानस वन्यजीव अभयारण्य और शाही मानस राष्ट्रीय उद्यान दो वन आरक्षित क्षेत्र हैं जो हाथी, जैवमंडल और बाघ आरक्षित परियोजना पर काम करते हैं।
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अगर आप मानस नेशनल पार्क की यात्रा के लिए की योजना बना रहे हैं और जानना चाहते हैं कि यहां जाने का अच्छा समय कौनसा है तो हम आपको बता दें कि इस पार्क के लिए जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल तक के महीने हैं। इस समय आप पार्क में वन्यजीवों की कई प्रजातियों को देख सकते हैं। बारिश के मौसम में इस पार्क की यात्रा करने से बचें क्योंकि मॉनसून यानी जून से लेकर सितंबर तक भारी वर्षा होने की वजह से पार्क में पानी भर सकता है।
मानस नेशनल पार्क की ट्रिप पर जाने वाले पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग किसी से भी ट्रेवल करके मानस नेशनल पार्क जा सकते है।
आइये नीचे डिटेल में जानते है की हम फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग से मानस नेशनल पार्क केसे पहुचें –
अगर आप हवाईजहाज से मानस नेशनल पार्क जाने का प्लान बना रहे हैं तो बता दें कि इसका निकटतम हवाई अड्डा बोरझार हवाई अड्डा है जो गुवाहाटी में स्थित है। इस हवाई अड्डे के लिए आपको दिल्ली, कलकत्ता और मुंबई से फ्लाइट मिल जाएगी। गुवाहाटी पहुंचने के बाद आपको मानस नेशनल पार्क के लिए टैक्सी या कैब मिल जाएगी।
अगर आप रेल द्वारा मानस नेशनल पार्क के लिए जाना चाहते हैं तो बता दें कि इस पार्क का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन बारपेटा रोड है जो 22 किमी दूर स्थित है। बारपेटा रोड दिल्ली, मुंबई चेन्नई और बैंगलोर जैसे प्रमुख शहरों से रेल द्वारा जुड़ा हुआ है।
मानस नेशनल पार्क अच्छी तरह से निर्मित सड़कों के नेटवर्क से असम के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। अगर आप बस से सफर करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि राज्य परिवहन बसें पार्क को असम और इसके आसपास के कई शहरों से जोड़ती हैं। गुवहाटी से पार्क पहुंचने के लिए आप NH-31 से रंगिया, नलबाड़ी और होवली के रास्ते शिमलागुरी जायें और वहां से बारपेटा रोड के लिए लिंक रोड पकड़ लें।
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