Kirti Stambh In Hindi,कीर्ति स्तंभ राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है जिसका निर्माण 12 वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। आपको बता दें कि यह स्तंभ 220 मीटर लंबा है जो जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा प्रमुख तीर्थ माना जाता है। बता दें कि इस टॉवर का निर्माण एक जैन व्यापारी “बघेर वंशीय शाह जीजा” द्वारा राजा रावल कुमार सिंह के शासनकाल के दौरान किया गया था। ताकि जैन धर्म का महिमामंडन किया जा सके। बता दे कि कीर्ति स्तम्भ को टावर ऑफ फेम के नाम से भी जाना जाता है जो प्रथम तीर्थ कर ऋषभ को समर्पित है। यह स्तंभ दिगंबर संप्रदाय की जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। इस मंजिला टावर में आदित्यनाथ की प्रतिमा बनी हुई है। इसके साथ ही विभिन्न जैन संतों के चित्रों को स्तंभ के चारों कोनों पर उकेरा गया है जो इस स्तंभ को और भी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं।
अगर आप चित्तौड़गढ़ की यात्रा करने के लिए जा रहे हैं, तो आपको कीर्ति स्तंभ देखने के लिए जरूर जाना चाहिए। क्योंकि यह स्तंभ ना केवल आपको इतिहास के पन्नों को पढ़ने का मौका देता है बल्कि यह देखने में भी बेहद आकर्षक नजर आता है। अगर आप कीर्ति स्तम्भ देखने जाने की योजना बना रहे हैं या इसके बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अवश्य पढ़ें जिसमे हम आपको कीर्ति स्तंभ के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं –
1. कीर्ति स्तम्भ का इतिहास – Kirti Stambh History In Hindi
कीर्ति स्तम्भ चित्तौड़गढ़ किले की सबसे प्रमुख संरचनाओं में से एक है। चित्तौड़गढ़ किले को अलाउद्दीन खिलजी द्वारा घेर लेने के बाद रानी पद्मिनी ने जौहर किया था। कीर्ति स्तम्भ चित्तौड़गढ़ किले का ही एक भाग है जिसका निर्माण जैन धर्म के प्रथम तीर्थ कर श्री आदित्यनाथ के समर्थन में किया गया था। इस टावर में तीन शिलालेख हैं जो इसके बारे में जानकारी देते हैं। इस स्तम्भ के ऊपर बनी हुई तीर्थ कार की नग्न कृतियां से पता चलता है कि यह दिगंबर संप्रदाय की है। इसके अलावा एक शिलालेख में धर्म कीर्ति, शुभ कीर्ति के शिष्य का उल्लेख है। यहां उपस्थित अभिलेखों से यह पता चलता है कि इस संरचना का निर्माण तेरहवीं शताब्दी के दौरान हुआ था।
2. कीर्ति स्तम्भ की वास्तुकला – Kirti Stambh Architecture In Hindi
बता दें कि कीर्ति स्तम्भ टावर ऑफ फ्रेम का निर्माण सोलंकी वास्तुकला की शैली में कई बालकनी यू और जटिल धनुष आकार के साथ किया गया है। यह टावर आपने 30 मीटर चौड़े बेस के साथ 72 मीटर ऊंचा है और नीचे 15 फीट तक फैला है। इस टावर के ऊपर एक अवलोकन कक्ष हे जो पर्यटक को नीचे के निवास स्थान का सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता। इस कक्ष तक पर्यटक एक सीढ़ी के माध्यम से पहुंच सकते हैं और आसपास के शानदार प्राकृतिक दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
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3. चित्तौड़गढ़ के कीर्ति स्तम्भ का प्रवेश शुल्क – Kirti Pillar Entry Fee In Hindi
यहां के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
4. कीर्ति स्तम्भ के खुलने और बंद होने का समय – Kirti Stambh Timings In Hindi
सुबह 10:00 से शाम के 5:00 बजे तक
5. कीर्ति स्तम्भ के आसपास में घूमने लायक दर्शनीय और आकर्षण स्थल – Best Places To Visit Near Kirti Stambh In Hindi
अगर आप कीर्ति स्तम्भ चित्तौड़गढ़ घूमने योजना बना रहे है तो आप चित्तौड़गढ़ के अन्य पर्यटन स्थल के बारे में भी जान ले, चित्तौड़गढ़ पर्यटन में ऐसे बहुत से आकर्षण स्थल है जो हर साल पर्यटकों को दूर दूर से अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
5.1 चित्तौड़गढ़ दुर्ग – Chittorgarh Fort In Hindi
चित्तौड़गढ़ का दुर्ग उत्तर भारत का ऐतिहासिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण किलों में से एक है जो कई वीरता और बलिदान की कहानियों के साथ यहां आज भी खड़ा हुआ है। चित्तौड़गढ़ का दुर्ग राजस्थान में घूमी जाने वाली सबसे अच्छी जगहों में से एक है। सही अर्थों में यह दुर्ग राजपूत संस्कृति और मूल्यों को भी प्रदर्शित करता है।
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5.2 विजय स्तम्भ – Vijay Stambh In Hindi
विजय स्तम्भ को विजय टॉवर के रूप में भी जाना जाता है। यह स्तंभ चित्तौड़गढ़ के प्रतिरोध का एक टुकड़ा है जिसका निर्माण मेवाड़ के राजा राणा कुंभा ने 1448 में महमूद खिलजी की मालवा और गुजरात की संयुक्त सेना पर अपनी विजय का जश्न के रूप में मनाया था। विजय स्तम्भ चित्तौड़गढ़ की आकर्षक संरचनाओं में एक है जिसका निर्माण 1458 और 1488 की अवधि के बीच किया गया था। इस स्तम्भ की सबसे खास बात यह है कि इतना विशाल और लंबा है कि देश के किसी भी हिस्से से दिखाई देता है, इसलिए यहां से पूरे शहर को देखा जा सकता है।
5.3 महा सती चित्तौड़गढ़ – Maha Sati In Hindi
महा सती चित्तौड़गढ़ से करीब 110 किलोमीटर दूर स्थित एक बहुत ही पवित्र स्थान है। आपको बता दें कि यह जगह इतनी खास इसलिए है क्योंकि यहां पर उदयपुर शासकों का अंतिम संस्कार किया जाता था। यह एक बहुत की सुंदर और शानदार संरचना है जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। यहां एक जलाशय के कारण यह माना जाता है कि इससे गंगा नदी का पानी निकलता है। यहां अहर सेनोटाफ में 19 राजाओं का स्मरण करने के लिए 19 छत्रियाँ हैं जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
5.4 गौ मुख कुंड – Gau Mukh Kund In Hindi
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित गोमुख कुंड को चित्तौड़गढ़ के तीर्थराज के रूप में भी जाना जाता है ,क्योंकि जब भी कोई तीर्थयात्री हिंदू आध्यात्मिक स्थानों के दौरे पर जाते हैं तो वो लौटने के बाद अपनी यात्रा को पूरा करने के लिए इस पवित्र गौमुख कुंड में आते हैं। गौ मुख का अर्थ है गाय का मुंह। इसका नाम गौमुख कुंड इसलिए रखा गया है क्योंकि यहाँ गाय के मुहं के आकार की जगह से पानी बहता है। यहाँ के हरे भरे पेड़ पौधे इस जगह के वातावरण को और भी ज्यादा खास बनाते हैं। गोमुख कुंड तीर्थयात्रियों के साथ पर्यटकों को भी अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है।
5.5 राणा कुंभा का महल – Rana Kumbha’s Palace In Hindi
राणा कुंभ महल चित्तौड़गढ़ की एक ऐसी खास जगह है जहाँ पर राणा कुंभा रहते थे और उन्होंने अपना शाही जीवन बिताया था। इस महल का आकर्षण और कलात्मक वास्तुकला चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। राणा कुंभ महल के पास भगवान शिव का एक मंदिर और यहाँ परिसर का लाइट एंड साउंड शो पर्यटकों की यात्रा को बेहद यादगार बनाता है।
5.6 कालिका माता मंदिर – Kalika Mata Temple In Hindi
कालिका माता मंदिर चित्तौड़गढ़ के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। अगर आप इस शहर की यात्रा करने के लिए आते हैं तो आपको मंदिर के दर्शन करने जरुर आना चाहि ए क्योंकि अपनी यात्रा इस मंदिर के बिना पूरी नहीं हो सकती। इस मंदिर की शानदार मूर्ति सबसे ज्यादा पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। कालिका माता मंदिर कलिका देवी दुर्गा को समर्पित है। एक मंच पर बना यह मंदिर प्रथिरा वास्तुकला शैली को दर्शाता है। मंदिर के छत, खंभे और फाटक सभी पर जटिल डिजाइन है यह मंदिर आंशिक रूप से खंडहर है लेकिन फिर भी इसकी वास्तुकला हैरान कर देने वाली है।
5.7 पद्मिनी का महल – Padmini’s Palace In Hindi
रानी पद्मिनी का महल तीन मंजिला इमारत है और इस महल का 19 वीं सदी में पुनर्निर्माण किया गया था। यह महल चित्तौड़गढ़ किले के दक्षिणी भाग की स्थित है और यह एक आकर्षक सफेद पत्थर की संरचना है। इस जगह पर अलाउद्दीन खिलजी को रानी ने अपनी एक झलक दिखाने की अनुमति दी थी।
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5.8 फतेह प्रकाश पैलेस – Fateh Prakash Palace In Hindi
चित्तौड़गढ़ का फतेह प्रकाश पैलेस आपको भव्यता को एक नए स्तर पर लेकर जाता है। इसकी शानदार वास्तुकला और लेआउट पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करते हैं। महल में कई गलियारें हैं और राजस्थानी चित्रों का एक समृद्ध प्रदर्शन है। यहाँ पर क्रिस्टल कलाकृतियों की एक विशाल विविधता का होना राजा के इस महल के लिए प्यार को बताता है। अब इस महल के एक बड़े हिस्से को संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है और यहाँ पर शाही क्रिस्टल आइटम का शानदार प्रदर्शन है।
5.9 श्यामा मंदिर – Shyama Temple In Hindi
श्यामा मंदिर चित्तौड़गढ़ किले में स्थित प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर बुलंद छत और पिरामिडनुमा मीनार है। इसकी दीवारें हिंदू देवी-देवताओं से जुड़ी कई मूर्तियों से सजी हुई है
5.10 सांवरियाजी मंदिर – Sanwariaji Temple In Hindi
सांवरियाजी मंदिर भगवान् कृष्ण को समर्पित एक प्रमुख मंदिर है जो राजस्थान के मंडफिया में स्थित है। मंडफिया, चित्तौड़गढ़ शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर चित्तौड़गढ़-उदयपुर राजमार्ग पर पड़ता है जिसकी वजह से इस जगह पर ज्यादा से ज्यादा पर्यटक और श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर हिंदू धर्म के लिए भगवान कृष्ण को समर्पित धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण मंदिरों की सूचि में दूसरे नंबर पर आता है।
5.11 मीरा मंदिर – Meera Temple In Hindi
मीरा मंदिर चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में स्थित मीरा बाई को समर्पित है जो कि एक राजपूत राजकुमारी थी। इस मंदिर का निर्माण राजपूत राजा महाराणा कुंभा ने अपने शासन काल के समय करवाया था, जिसकी वजह से यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक आकर्षण था। जब भी कोई पूजा करने के लिए इस मंदिर में प्रवेश करता है तो यहाँ अदभुद शांति और खुशी का एहसास करता है। इस मंदिर में आकर पर्यटक ध्यान कर सकते हैं, अपने लक्ष्य के बारे में सोच सकते हैं। यहाँ आने वाले कई लोग अपने जीवन में एक नई दिशा पाते हैं।
5.12 रतन सिंह पैलेस – Ratan Singh Palace In Hindi
रतन सिंह पैलेस या रतन सिंह महल चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में स्थित एक बहुत ही आकर्षित और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व वाला स्मारक है। रतन सिंह पैलेस चित्तौड़गढ़ किले का एक बहुत ही खूबसूरत आकर्षण है लेकिन यहाँ स्थित रत्नेश्वर झील इसकी खूबसूरती को दस गुना बढ़ा देती है। जो भी पर्यटक इस महल की सैर करने के लिए जाते हैं वो इसकी पारंपरिक राजस्थानी वास्तुकला, प्रवेश द्वार, विशाल दीवारें, भव्य प्रांगण, शाही कक्ष स्तंभित छत्रियाँ, मंडप और बालकनियों को देखकर हैरान रह जाते हैं क्योंकि इस मंदिर का ज्यादातर भाग अब खंडहर लेकिन इसकी खूबसूरती और आकर्षण अब भी बरकरार है।
5.13 भैंसरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य – Bhainsrorgarh Wildlife Sanctuary In Hindi
भैंसरोगढ़ वन्यजीव अभयारण्य चित्तौड़गढ़, राजस्थान में अरावली पहाड़ियों में स्थित है। यह अभ्यारण राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण अभ्यारणों में से एक है जिसको 1983 में घोषित किया गया था। यह अभ्यारण भैंसरोडगढ़ किले के एक प्राचीन किले के परिसर के अंदर बेमानी और चंबल नदियों के अभिसरण के पास स्थित है। यह अभ्यारण प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस नेशनल पार्क में कई तरह के पक्षी और जीवजंतु पाए जाते हैं। इस वन्यजीव अभ्यारण की सैर करने का सबसे अच्छा समय सुबह का है। अगर आप चित्तौड़गढ़ शहर घूमने के लिए आ रहे हैं तो इस अभ्यारण की सैर करना न भूलें।
5.14 बस्सी वन्यजीव अभयारण्य – Bassi Wildlife Sanctuary In Hindi
बस्सी वन्यजीव अभयारण्य चित्तौड़गढ़ में स्थित है और यह बस्सी फोर्ट पैलेस से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण भी राजस्थान का एक प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण है। बस्सी वन्यजीव अभयारण्य विंध्याचल पर्वत की पश्चिमी सीमा पर 150 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमे कई जल प्रपात और झीलें स्थित हैं जो जो वनस्पति के लिए आवश्यक हैं। बस्सी वन्यजीव अभयारण्य कृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए स्वर्ग के समान है।
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6. चित्तौड़गढ़ में खाने के लिए मशहूर स्थानीय भोजन – Local Food In Chittorgarh In Hindi
चित्तौड़गढ़ के भोजन के लिए आप यहाँ पर स्थनीय सड़क के किनारे कई तरह के फास्ट फूड का स्वाद ले सकते हैं और इसके साथ-साथ रेस्तरां में भी जा सकते हैं। इसके साथ ही यहाँ पर आप मुगल व्यंजन, स्थानीय राजस्थानी भोजन के अलावा विशिष्ट शाकाहारी भारतीय भोजन का मजा भी ले सकते हैं।
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7. कीर्ति स्तंभ चित्तौड़गढ़ कैसे जाए – How To Reach Kirti Stambh In Hindi
अगर आप कीर्ति स्तंभ की यात्रा करने जा रहे हैं तो बता दे कि यह चित्तौड़गढ़ किले के अंदर शहर के केंद्र से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां तक आप किसी भी रिक्शा बस या टैक्सी की मदद से पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि चित्तौड़गढ़ शहर उदयपुर शहर से करीब 112 किमी की दूरी पर, राजस्थान में गणभेरी नदी के पास एक ऊंचे ढलान पर स्थित है। इस किले की यात्रा करने के लिए आप बस से या फिर उदयपुर से टैक्सी किराये पर लेकर यात्रा करना है।
7.1 फ्लाइट से कीर्ति स्तम्भ कैसे पहुँचे – How To Reach Kirti Stambh By Flight In Hindi
अगर आप कीर्ति स्तम्भ किले की यात्रा हवाई जहाज द्वारा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां का निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में डबोक हवाई अड्डा चित्तौड़गढ़ से 70 किमी दूर है। हवाई अड्डे से आप कीर्ति स्तम्भ पहुंचने के लिए आप टैक्सी या कैब किराये पर ले सकते हैं। सड़क मार्ग से उदयपुर से कीर्ति स्तम्भ पहुंचने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगता है।
7.2 कीर्ति स्तम्भ सड़क मार्ग से कैसे पहुँचे – How To Reach Kirti Stambh By Road In Hindi
अगर आप सड़क मार्ग द्वारा कीर्ति स्तम्भ की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि चित्तौड़गढ़ राजस्थान के प्रमुख शहरों जैसे उदयपुर, जयपुर, जोधपुर आदि से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से चित्तौड़गढ़ पहुंचना आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। दिल्ली से चित्तौड़गढ़ के बीच की दूरी 566 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अहमदाबाद से भी चित्तौड़गढ़ सड़क मार्ग द्वारा बड़ी आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां कीर्ति स्तम्भ चित्तौड़गढ़ तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 7 से 8 घंटे का समय लगेगा।
7.3 कैसे पहुँचे कीर्ति स्तंभ ट्रेन से – How To Reach Kirti Stambh By Train In Hindi
अगर रेल मार्ग द्वारा कीर्ति स्तंभ चित्तौड़गढ़ की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि चित्तौड़गढ़ जंक्शन यहां का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन ब्रॉड गेज लाइन पर स्थित है यह रेलवे स्टेशन राजस्थान के प्रमुख जंक्शन में से एक है।
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8. कीर्ति स्तम्भ चित्तौड़गढ़ का नक्शा – Kirti Stambh Chittorgarh Map
9. कीर्ति स्तंभ की फोटो गैलरी – Kirti Stambh Images
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