Kerala Backwaters In Hindi, केरल भारत का एक खूबसूरत राज्य हैं जोकि अपने बैकवाटर के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। भारत के केरल राज्य में आकर्षित झील, नहरे, लैगून और ज्वारनदमुख (Estuaries) आदि हैं। केरल का नाम सुनते ही हमारे दिल में केरल के बैकवाटर में घूमने की इक्षा जाग्रित होने लगती हैं। इसके अलावा बैकवाटर में हाउस बोट में घूमते हुए केले के पत्ते में भोजन करना और नारियल पानी पीना बाकाई दिलचस्प हैं। केरल बैकवाटर में घूमना एक सपने के सच होने जैसा प्रतीत होता हैं। हाउसबोट क्रूज़ पर जाना और दिल खोलकर मस्ती करना केरला की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर खीचता हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केरल राज्य के लिए मीठे पानी का सबसे प्रमुख स्रोत बैकवाटर हैं जोकि समुद्री वनस्पति और जीवों का एक विशाल स्थान बन गया हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से केरला के समस्त बैकवाटर की जानकारी देने जा रहे हैं। यदि आप भी इसमें रूचि रखते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
बैकवाटर नदी का एक हिस्सा होता हैं जोकि सक्रीय नही होता हैं। लेकिन भूमि से जुड़े होने की वजह से यह खूबसूरत गतिविधियों से भरा होता हैं। इसमें इसमें हाउसबोट और छोटी नाव चलती हैं। जिसमे पर्यटक नदी के किनारे से जुड़े हुए रोचक स्थान और दृश्य को देखने के साथ साथ इनमे भ्रमण करना पसंद करते हैं।
केरल बैकवाटर्स में आपको कई तरह की नाव और सुविधाएँ देखने को मिल जाएगी जिनमे से कुछ जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं। केरल हाउसबोट्स, डोंगी नावें और एसडब्ल्यूटीडी (SWTD) द्वारा सार्वजनिक घाट आदि हैं।
केरला हाउस बोट में आप शांत बैकवाटर के आसपास घूम सकते हैं। हाउसबोट कासरगोड, कोट्टायम, अलाप्पुझा, कोल्लम, त्रिशूर और एर्नाकुलम में उपलब्ध हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक औसत हाउसबोट लगभग 4-5 पर्यटकों की मेजबानी कर सकती है। इसके अलावा इनमे लगने वाली शुल्क मौसम और सीजन के अनुसार कम-ज्यादा होते रहता हैं। लेकिन औसत शुल्क लगभग 6000 से 45000 के मध्य होती हैं।
कैनो बोट्स या केट्टुवलम के माध्यम से आप गांव की यात्रा पर जा सकते हैं। डोंगी में 5-6 लोग सवार हो सकते है और 3-4 घंटे की धीमी यात्रा कर सकते हैं। डोंगी की लागत लगभग 400-1000 रूपए प्रति व्यक्ति होती है।
केरला राज्य जल परिवहन विभाग द्वारा नाव घाट और VCSB (नाव जेट्टी) से नियमित अंतराल पर नौकाए चलाई जाती हैं। इन नौकाओं की लागत 5 रुपए के बराबर होती हैं।
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केरल के बैकवाटर में शामिल सबसे प्रसिद्ध अल्लेप्पी हैं जोकि अलप्पुझा के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। कोच्ची से लगभग 62 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एल्लेप्पी बैकवाटर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। यहाँ कि सुंदरता में आपको प्राकृतिक हरियाली, नारियल के आकर्षित उद्यान, खूबसूरत धान के खेत और द्वीप आदि देखने को मिलते हैं। Alleppey Backwaters कपल्स या हनीमून मानाने वालो के लिए एक शानदार डेस्टिनेशन साबित होता हैं।
यह रोमांटिक स्थान खुशनुमा वातावरण पर्यटकों के लिए बनाता हैं। हाउसबोट राइडिंग (सवारी) खूबसूरत पानी में लकड़ी के घर को तैरते हुए देखना और उस पर सवारी करना दिलचस्प होता हैं इसके अलावा नीले और हरे रंग क्षेत्र में रंग-बिरंगे पक्षियों को उड़ते हुए देखना और उनकी आवाज सुनना मन को सुकून प्रदान करता हैं।
नौका बिहार आपको सभी तरह के बजट में मिल जाएगा जोकि आधुनिक सुविधाओं के साथ उपलब्ध हैं। हाउसबोट में मिलने वाली सुविधाओं में बैठने की आदर्श जगह, विशाल बेडरूम, लिविंग / डाइनिंग रूम, एयर कंडीशनर, देखने के लिए खूबसूरत स्थान आदि शामिल हैं। यदि आप चाहे तो रातभर भी नौका बिहार कर सकते हैं, यहाँ के स्थानीय लोगो से मिल सकते हैं, स्थानीय भोजन का स्वाद भी ले सकते हैं, स्थानीय क्षेत्र की कुछ प्रचलित कहानियां सुनकर आनंद उठा सकते हैं।
पुन्नमदा झील और अलाप्पुझा में नेहरू ट्रॉफी बोट रेस बहुत अधिक लौकप्रिय हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केरला बैकवाटर में 4 घंटे की दैनिक सवारी का कार्यक्रम अलग-अलग होता हैं। यहाँ होने वाली दिन की सवारी, सूर्यास्त की सवारी और रात की सवारी उपलब्ध हैं। नौका बिहार के दौरान आपको समयानुसार नास्ता, दोपहर का खाना और रात के भोजन की सुविधा मुहैया कराई जाती हैं। SWTD की देख रेख में घाट और कैनो नाव की सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं।
सितंबर से मार्च के बीच केरला बैकवाटर की यात्रा पर आने का सबसे अच्छा समय हैं।
केरला का कुमारकोम बैकवाटर्स एक ऐसा स्थान हैं जहां पर्यटक सहज ही खिचे चले आते हैं। आपकी जानकारी के लिए बाते दें कि कुमारकोम बैकवाटर्स केरला राज्य की सबसे बड़े ताजे पानी की झील पर स्थित हैं। वेम्बनाड झील केरला राज्य की एक स्वर्गीय झील हैं जोकि तेजस्वी बैकवाटर के आनंद के साथ-साथ आपको किंगफिशर, डार्टर और टर्न जैसे खूबसूरत पक्षियों को देखने का आनंद प्रदान करता हैं। यह स्थान ऐसे लोगो के लिए बेहद खास हैं जोकि एक शांतिपूर्ण माहोल में रहकर जीवन का लुत्फ़ उठाना चाहते है। यहाँ एक शांतिपूर्ण गाँव घूमने के लिए एक शानदार जगह है। इसके अलावा आप रोमांटिक कैंडललाइट डिनर का आनंद भी ले सकते हैं।
एलेप्पी बैकवाटर्स की तुलना कुमारकोम बैकवाटर्स में मिलने वाली सुविधाएँ कुछ अलग होती हैं। कुमारकोम बैकवाटर में केटुवल्लम नामक पारंपरिक हाउसबोट की सुविधा हैं। आप यहाँ हाउसबोट में द्वीपों पर स्थित गांव की यात्रा कर सकते हैं और गांव के कॉटेज में ठहर सकते हैं।
कुमारकोम बैकवाटर में नौका बिहार करने के कई विकल्प मौजूद हैं। आप मोटर राइड्स, कैनो राइड्स और केटवुल्लम विकल्प का उपयोग कर सकते हैं जोकि यहाँ की पारंपरिक हाउसबोट सुविधाएँ हैं।
कुमारकोम अर्पूकारा, वनिथा, जलमेला, कुमारकोम
कुमारकोम बैकवाटर घूमने के लिए सबसे आदर्श समय सितंबर से मार्च महीने दौरान का होता हैं।
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कुट्टनाद बैकवाटर केरल का प्रमुख स्थान हैं जहां पर्यटक भारी संख्या में आते हैं। कुट्टनाद बैकवाटर की सबसे प्रमुख बात यह है कि यह स्थान समुद्र और जमीन के बीच में स्थित है। कुट्टनाद बैकवाटर के प्रमुख आकर्षण में यहाँ के हरे-भरे धान के खेत, स्वादिष्ट समुद्री भोजन, पारंपरिक स्थानीय संस्कृति आदि हैं इसके अलावा लौका दौड़ यहाँ बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं जोकि सितंबर माह के दौरान ओणम त्यौहार के अवसर पर आयोजित की जाती हैं।
कुट्टनाद बैकवाटर क्षेत्र को प्रमुख रूप से पानी के नीचे कवर किया गया है। कुट्टनाद बैकवाटर की सबसे प्रमुख सवारी हाउसबोटिंग और शिकारा सवारी आदि हैं। यहाँ यात्री नौका की सुविधा सरकार द्वारा सप्ताह के पांच दिन प्रदान की जाती हैं। जिसकी लगत 100 रूपए से भी कम होती हैं।
कुट्टनाद बैकवाटर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च माह के बीच का माना जाता हैं।
कोल्लम बैकवाटर्स केरल के बैकवाटर्स के लिए प्रवेश द्वार माना जाता हैं। जोकि वर्तमान समय में क्विलोन के नाम से भी जाना जाता हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोल्लम बैकवाटर केरल के कुछ महत्वपूर्ण बैकवाटर का प्रवेश द्वार है जोकि विभिन्न तरह व्यापारों जैसे – चंदन, आइवरी, मसाले और कॉयर के निर्यात के लिए जाने जाते हैं। अष्टमुडी बैकवाटर्स कोल्लम ग्रीस, रोम, पुर्तगाली, अरब और चीन के निर्यात का व्यापर कैंटर के रूप में भी जाना जाता हैं।
कोल्लम बैकवाटर अपनी बोट राइडिंग, प्राकृतिक सुंदरता, लुभावने दृश्य, कपल्स के घूमने के लिए अनुकूल वातावरण के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं। कोल्लम बैकवाटर्स केरल का सबसे बड़ा आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र (Largest Wetland Ecosystem In Kerala) भी है। इस स्थान पर एकांत में स्पार्कलिंग, शांति प्रिय झील और नाव की सवारी का आनंद लिया जा सकता हैं। अष्टमुडी बैकवाटर्स कोल्लम नाम आठ चैनलों से मिलकर बना हैं।
कोल्लम बैकवाटर की सबसे पसंदीदा कोल्लम से अलाप्पुझा के बीच होने वाली क्रूज यात्रा हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 8 घंटे की इस यात्रा (सवारी) के दौरान आपको आवश्यकतानुसार सभी सुविधाए जैसे भोजन, नास्ता, बेडरूम, खुले में बैठने की सुविधा आदि मुहैया कराई जाती है।
यदि कोल्लम बैकवाटर की यात्रा पर हैं तो यहाँ आयोजित होने वाली राष्ट्रपति ट्रॉफी बोट रेस, कोल्लम में कल्लदा बोट रेस का आनंद लेना न भूले। जोकि कल्लदा नदी में आयोजित की जाती हैं।
कोल्लम बैकवाटर्स की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी माह के दौरान का माना जाता हैं।
तिरुवल्ला बैकवाटर त्रिवेंद्रम केरला के प्रमुख आकर्षणो में शामिल हैं। यह खूबसूरत बैकवाटर अरब सागर और पश्चिमी घाटी के साथ खूबसूरत दृश्य प्रस्तुत करता हैं। तिरुवल्लम वेली और कोवलम से नजदीकी होने के कारण यह जगह पर्यटकों द्वारा अधिक पसंद की जाती हैं। तिरुवल्ला बैकवाटर की यात्रा के दौरान आप हाउसबोट बुक कर सकते है, समुद्री तटों पर समय बिता सकते हैं, नेयार नदी के मुहाने (Neyar River Estuary) और पिएटा चर्च घूमने जा सकते हैं। यह बैकवाटर केरला स्टेट की राजधानी से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
तिरुवल्ला बैकवाटर खासतौर पर कयाकिंग, डोंगी सवारी, केतवुल्लम, पैडल बोटिंग, हाउसबोट, स्विमिंग पूल इसके अलावा खूबसूरत पिकनिक स्पॉट आदि के लिए प्रसिद्ध हैं। तिरुवल्लम में भगवान परशुराम का दर्शनीय मंदिर स्थित हैं, यहाँ की वेली झील और वेल्ली पर्यटक गांव आकर्षण का प्रमुख केंद्र है, नौका विहार की सुविधा आपको यहाँ मिल जाएगी इसके अलावा आप फ्लोटिंग रेस्तरां में लजीज भोजन का आनंद उठा सकते हैं।
तिरुवल्ला बैकवाटर की यात्रा के लिए यदि आप अक्टूबर से मार्च के दौरान का समय चुनते हैं तो अच्छा रहेगा।
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कोझिकोड कालीकट केरला का एक प्रमुख बंदरगाह हैं जहां नौका विहार का आनंद लिया जा सकता हैं। कोझिकोड कालीकट वही स्थान हैं जहां सबसे पहले पुर्तगाली आए थे। कोझिकोड कालीकट उत्तर केरल में स्थित हैं और ऐतिहासिक दृष्टीकोण से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं। रिवर कल्लाई और कैनोली नदी में बोट राइडिंग जैसी गतिविधियों का आनंद लिया जा सकता हैं। साइकिल द्वारा भी इस क्षेत्र में घूमा जा सकता हैं। डॉल्फिन बिंदु, समुद्र तट और हाउसबोट जैसी गतिविधियाँ यहाँ का प्रमुख आकर्षण हैं।
कोझिकोड कालीकट में प्रति दिन सुबह 8 बजे से शाम के 7 बजे तक नौका विहार की सुविधा उपलब्ध हैं।
कोझिकोड कालीकट बैकवाटर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च महीने के बीच का माना जाता हैं।
काव्यावे बैकवाटर्स पय्यानुर का निर्माण काव्यावे नदी द्वारा केरल के उत्तरी हिस्से में द्वीपों से मिलकर हुआ हैं। काव्यावे बैकवाटर्स व्यावसायीकरण, आजीविका, दर्शनीय स्थलों और हाउसबोट संस्कृति के लिए अधिक प्रसिद्ध हैं। यह बैकवाटर दक्षिण के बैकवाटरों से अलग हैं इसमें क्रूज की सुविधा उपलब्ध नही हैं। पॉकेट-फ्रेंडली हाउसबोट टूर आपको यहाँ मिल जाते हैं। मोटर बोट, शिकारा या डोंगी की सवारी कर सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाउसबोट और क्रूज़िंग जैसी गतिविधियाँ आपको यहाँ देखने के लिए नही मिलेगी। काव्यावे बैकवाटर सबसे आम नाव की सवारी काववाई कोटी से कोट्टप्पुरम के लिए मानी जाती हैं।
काव्यावे बैकवाटर में कमरे और रिसॉर्ट के लिए लगभग 2000 रूपए अदा करने होते हैं। जबकि हाउसबोट पैकेज में आपको 18000 प्रति कमरा अदा करना होता हैं।
काव्यावे बैकवाटर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का माना जाता हैं।
कासरगोड का पद्ना बैकवाटर केरल के सबसे लौकप्रिय बैकवाटर में से एक है जोकि पर्यटकों द्वारा भारी संख्या में पसंद किया जाता हैं। यह केरला के उत्तरी हिस्से में स्थित हैं और हाउसबोट्स, रोमांटिक जगहे और प्राकृतिक वनस्पति पद्ना बैकवाटर के प्रमुख आकर्षण है। आप यहाँ के समुद्री भोजन का लुत्फ भी उठा सकते हैं जोकि मसालेदार और स्वादिष्ट होता हैं।
पद्ना बैकवाटर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी माह के बीच का माना जाता हैं।
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केरला बैकवाटर जाने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन, बस और समुद्री मार्ग का चुनाव कर सकते हैं।
हवाई मार्ग से केरला बैकवाटर जाने के लिए आप तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। इसके अलावा कोझिकोड घरेलु हवाई अड्डा भी सक्रीय हैं। एयरपोर्ट के बाहर से यहाँ चलने वाले स्थानीय साधनों की मदद से आप केरला बैकवाटर पहुँच जाएंगे।
केरला रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से संपर्क हैं, इसलिए आप रेल मार्ग के माध्यम से भी आसानी से केरला पहुँच जाएंगे। स्टेशन से स्थनीय साधनों की मदद भी आप ले सकते हैं।
यदि आप केरला सड़क मार्ग से जा रहे है तो हम आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 17, 47 और 49 से अपनी यात्रा बस या किसी निजी साधन से पूरी कर सकते हैं।
समुद्री मार्ग से केरला आने वालो यात्रियों के लिए कोच्ची प्रमुख बंदरगाह है। यदि आप लक्ष्यद्वीप से केरला आ रहे है तो कोच्ची पर उतर सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने केरल बैक वाटर घूमने की जानकारी को जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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