Jageshwar Dham In Hindi : जागेश्वर मंदिर जिसको “जागेश्वर घाटी मंदिर” भी कहा जाता है जो भारत में उतराखंड राज्य के अल्मोड़ा के पास 7 वीं और 12 वीं शताब्दी के बीच निर्मित 100 से अधिक हिंदू मंदिरों का एक समूह है। जागेश्वर मंदिर यहां के 124 मंदिरों में से सबसे बड़ा मंदिर जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों द्वारा सबसे ज्यादा देखा जाता है। बता दें कि जागेश्वर मंदिर जटागंगा घाटी पर स्थित है जिसका निर्माण 9 वीं शताब्दी में हुआ था। अगर आप भारत की संस्कृति को गहराई से जानना चाहते हैं और पौराणिक मान्यताओं की खोज करने में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह जगह आपके लिए स्वर्ग के सामान है। जागेश्वर में स्थित ज्यादातर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जबकि अन्य पास के मंदिर भगवान विष्णु, शक्ति देवी और हिंदू धर्म के कई देवी-देवताओं को समर्पित हैं।
अगर आप जागेश्वर धाम जाने की योजना बना रहे हैं या जाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को जरुर पढ़ें, जिसमें हमने जागेश्वर धाम के बारे में विस्तार से बताया है।
1. जागेश्वर धाम का इतिहास- Jageshwar Dham History In Hindi
बता दें कि जागेश्वर समूह के मंदिरों के निर्माण की कोई निश्चित डेट का पता नहीं है लेकिन एएसआई के अनुसार यह मंदिर गुप्तकालीन और पूर्व-मध्य युग के हैं। बताया जाता है कि यह मंदिर लगभग 2,500 साल पुराने है जिनका निर्माण 8 वीं शताब्दी (प्रारंभिक कात्युरी राजवंश) से 18 वीं शताब्दी (चंद राजवंश) तक की अवधि में हुआ है। कत्यूरी राजा शालिवाहनदेव के शासनकाल के दौरान इन मंदिरों का नवीनीकरण किया गया था। यहां मंदिर के मुख्य परिसर में मल्ला राजाओं का एक शिलालेख स्थित है जो उनकी जागेश्वर के प्रति भक्ति को दर्शाता है। कत्यूरी राजाओं ने मंदिर के रख रखाव में पुजारियों को गाँव भी दान में दिए थे और कुमायूँ के चाँद राजा भी जागेश्वर मंदिर के संरक्षक थे। जगरेश्वर मंदिरों की दीवारों और स्तंभों पर विभिन्न अवधियों के 25 शिलालेख देखने को मिलते हैं, जिनमे से ज्यादातर 7 वीं शताब्दी ईस्वी से 10 वीं शताब्दी ईस्वी के बीच के हैं। इन शिलालेखों भाषा संस्कृत और ब्राह्मी है।
2. जागेश्वर धाम के बारे में पौराणिक कथा- Mythology About Jageshwar Dham In Hindi
पौराणिक कथाओं के अनुसार गुरु आदि शंकराचार्य ने केदारनाथ के लिए प्रस्थान करने से पहले जागेश्वर के दर्शन किए और यहां कई मंदिरों का जीर्णोद्धार और पुन: स्थापना भी की थी। जागेश्वर में स्थित शमशान घाट पूर्ववर्ती चंद राजाओं का श्मशान घाट भी है। जागेश्वर महादेव मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर बाल जागेश्वर या बाल शिव को समर्पित है। महापुरुषों के अनुसार यह भी मान जाता है कि भगवान शिव यहां अपने निवास स्थान से नीचे आकर ध्यान करते थे।
3. जागेश्वर मंदिर की वास्तुकला- Architecture Of Jageshwar Mandir In Hindi
अधिकांश मंदिरों में पत्थर के लिंग स्थित हैं। एक नक्काशीदार द्वार आपको चौकोर गर्भगृह की ओर ले जाता है। यहाँ पर उत्तरी भारत में सबसे दुर्लभ नमूनों में से एक एकमुखलिंग को भी आप यहां पर देख सकते हैं।
4. जागेश्वर धाम के प्रमुख मंदिर- Jageshwar Dham Ke Pramukhya Mandir In Hindi
जागेश्वर मंदिरों का समूह प्राचीन संस्कृति और बनावट को दर्शाता है। आपको बता दें कि जागेश्वर धाम में लगभग 124 मंदिर और सैकड़ों मूर्तियाँ स्थित है जो अपनी यहां आने वाले लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। यहां उपस्थित देवदार के पेड़ और जटा खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ाते हैं। अगर आप घूमने जाने के लिए किसी शांत वातावरण वाली जगह की तलाश में हैं तो इससे अच्छी जगह आपके लिए और कोई नहीं हो सकती।
जागेश्वर के प्रमुख मंदिरों में जागेश्वर मंदिर, चंडी-का-मंदिर, दंडेश्वर मंदिर, कुबेर मंदिर, मृत्युंजय मंदिर, नव-गढ़ मंदिर, नौ दुर्गा, एक पिरामिड मंदिर और सूर्य मंदिर के नाम शामिल है। बता दें कि महा मृत्युंजय मंदिर यहाँ का सबसे पुराना है जबकि दंडेश्वर मंदिर जागेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर है।
5. जागेश्वर में गतिविधियाँ- Activities In Jageshwar In Hindi
5.1 टेम्पल सिटी जागेश्वर मंदिर – Temple City Jageshwar Dham In Hindi
जागेश्वर को अपने आकर्षक मंदिर परिसर के लिए जाना जाता है जो संस्कृति उत्साही और इतिहास प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। यहां आकर आपको इन प्राचीन मंदिरों और उनके राजवंशों के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलता है जिन्होंने इनका निर्माण करवाया था।
5.2 योग और ध्यान जागेश्वर धाम- Yoga And Meditation Near Jageshwar Mandir In Hindi
शांति से भरपूर इस जगह पर आप शहर के शोर भरे माहोल से दूर आकर अपने आप को बेहद हल्का महसूस कर सकते हैं। जो भी इंसान भीड़-भाड़ वाली जगह को छोड़ कर प्रकृति के करीब आना चाहता है तो जागेश्वर से अच्छी जगह उसके लिए और कोई नहीं हो सकती
5.3 कैम्पिंग जागेश्वर मंदिर -Camping In Jageshwar Dham In Hindi
जागेश्वर प्रकृति की गोद में बड़ी एक ऐसी शांत जगह है जहां आप अपने परिवार के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। अगर आप दोस्तों के साथ समय बिताना तो यह जगह आपके लिए एक दम परफेक्ट है। घने देवदार के वृक्षों के बीच स्थित होने की वजह से जागेश्वर प्रकृति की सुंदरता का शिविर और आनंद प्राप्त करने का एक आदर्श स्थान है।
6. जागेश्वर धाम यात्रा के समय ध्यान रखने योग्य बातें – Jageshwar Travel Tips In Hindi
बता दें कि जागेश्वर धाम में समशीतोष्ण जलवायु के कारण पूरे साल यहां पर्यटक जा सकते हैं। यहां गर्मियों का मौसम काफी शांत और सुखद होता है जबकि सर्दियों के मौसम में बर्फबारी से ठंडक हो सकती है।
जागेश्वर में या इसके पास की जगहों पर आपको एटीएम या पेट्रोल पंप ढूंढने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अल्मोड़ा से जागेश्वर के लिए आगे बढ़ने से पहले इन सभी खास बातों का ध्यान जरुर रखें।
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7. जागेश्वर जाने के लिए सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Jageshwar In Hindi
अगर आप जागेश्वर धाम जाने का प्लान बना रहे हैं और यहां की यात्रा के अच्छे समय के बारे में जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच यहां जाने का सबसे अच्छा समय है। वसंत और शुरुआती मानसून के मौसम जागेश्वर की यात्रा करना आपके लिए एक खास अनुभव साबित हो सकता है। यहां के मुख्य देवता शिव के दो लोकप्रिय त्योहार भी इन्ही महीनों में आयोजित किये जाते हैं। शिवरात्रि मेला वसंत के दौरान होता है और मॉनसून में जागेश्वर महोत्सव मनाया जाता है जो पर्यटकों के साथ यहां के स्थानीय लोगों को भी बेहद आकर्षित करता है।
8. जागेश्वर धाम में रुकने की जगह- Hotel In Jageshwar Dham In Hindi
आपको बता दे कि जागेश्वर में रुकने के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि इस जगह ने हाल ही में पर्यटकों को आकर्षित करना शुरू किया है। आप जागेश्वर में कुछ बजट गेस्टहाउस ले सकते हैं। अल्मोड़ा जागेश्वर से केवल 35 किमी दूर है, जिसके चलते यहां आने वाले लोग आमतौर पर अल्मोड़ा में आवास बुक करते हैं और जागेश्वर की यात्रा को एक दिन में पूरा कर लेते हैं। अल्मोड़ा में आपको आलीशान होटल और रिसॉर्ट से लेकर गेस्टहाउस और लॉज सभी उपलब्ध हो जायेंगे।
9. जागेश्वर धाम में खाने की चीज- Jageshwar Food Guide In Hindi
नैनीताल या मसूरी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के मुकाबले जागेश्वर के पास विभिन्न प्रकार के व्यंजन मिलना काफी मुश्किल है, क्योंकि यह जगह काफी छोटी है। आप जागेश्वर में स्थानीय रेस्तरां और सड़क पर स्थित किनारे खाने के स्टाल का स्वाद चख सकते हैं, जो कई तरह के चीनी और भारतीय व्यंजन परोसते हैं।
10. जागेश्वर धाम कैसे पहुंचे- How To Reach Jageshar In Hindi
जागेश्वर धाम उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित जो अल्मोड़ा से सिर्फ 35 किलोमीटर और दिल्ली से 400 किलोमीटर दूर स्थित है। जागेश्वर धाम पहुंचने के लिए दिल्ली से लगभग 10 घंटे और काठगोदाम से 4 घंटे लगते हैं।
10.1 जागेश्वर धाम सड़क मार्ग द्वारा कैसे पहुंचे – How To Reach Jageshar By Road In Hindi
जागेश्वर उत्तरी भारत के कई बड़े शहरों से सड़क मार्ग के द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जो भी लोग सड़क मार्ग द्वारा जागेश्वर की यात्रा करना चाहते हैं वो आईएसबीटी आनंद विहार, दिल्ली से हल्द्वानी और अल्मोड़ा के लिए बस पकड़ सकते हैं। जागेश्वर अल्मोड़ा से 37 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ कुमाऊँ क्षेत्र में जागेश्वर जाने के लिए टैक्सियाँ आसानी से मिल जाती है।
10.2 जागेश्वर हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे- How To Reach Jageshar By Airplane In Hindi
अगर आप हवाई जहाज से जागेश्वरधाम की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि जागेश्वर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है जो 150 किलोमीटर दूर स्थित है। पतंगनगर हवाई अड्डा पहुँचने के बाद आपको बाहर से जागेश्वर के लिए टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।
10.3 जागेश्वर ट्रेन से कैसे पहुंचे – How To Reach Jageshar By Train In Hindi
जो लोग जागेश्वर धाम के लिए रेल से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं उनके लिए बता दें कि जागेश्वर का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो जागेश्वर धाम से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता से ट्रेन के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। काठगोदाम पहुंचने के बाद आप अल्मोड़ा और जागेश्वर के लिए बसें और टैक्सी की मदद से जा सकते हैं।
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11. जागेश्वर धाम की लोकेशन का मैप – Jageshar Dham Location
12. जागेश्वर धाम की फोटो गैलरी – Jageshar Dham Images
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