Complete information about Ukhimath in Hindi : उखीमठ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो उषा, भगवान शिव, देवी पार्वती, अनिरुद्ध और मांधाता को समर्पित अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। बता दे ऊखीमठ वह पवित्र जगह है जहाँ सर्दियों में मध्यमहेश्वर और केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान की मूर्ति को ऊखीमठ में विराजित किया जाता है और मंदिर खुलने तक उनकी पूजा अर्चना इसी मंदिर में की जाती है। जिस कारण से इसे सर्दियों में केदारनाथ के रूप में भी जाना जाता है। रुद्रप्रयाग जिले की निचली पहाड़ियों में, 1300 मीटर की ऊंचाई पर बसा बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है जो देश के सभी हिस्सों से श्रद्धालुओं और यात्रियों को समान रूप से आकर्षित करता है। उखीमठ बर्फ में ढंके हुई हिमालय की चोटियों के कुछ शानदार मनोरम दृश्य भी प्रदान करता है जो इसके आकर्षण में चार चाँद लगाने का कार्य करते है। बता दे उखीमठ तक पहुचने के लिए ट्रेकिंग करना पड़ता है इसीलिए यह जगह ट्रेकर्स के लिए भी काफी लोकप्रिय है।
यदि आप कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ मंदिर की यात्रा पर नही जा पाये है तो आपको निराश होने की आवश्यकता नही है इसके लिए आप ऊखीमठ जाकर केदारनाथ के दर्शन करके पुण्य अर्जित कर सकते है। इस लेख के माध्यम से हम आपको उखीमठ की यात्रा करने वाले है इसीलिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
यदि हम उखीमठ के इतिहास पर नजर डाले तो हम हमको कई हजारों साल या तो कहे कई युगों पीछे ले जाता है। ग्रंथो में में मिले उल्लेख के अनुसार माना जाता है ऊखीमठ का प्राचीन का नाम उषामट था। यहाँ मान बाणासुर की बेटी उषा से लिया था। उखीमठ वह भूमि थी जहां भगवान कृष्ण के पोते उषा और अनिरुद्ध की शादी धूमधाम से हुई थी। जबकि आधुनिक समय में उखीमठ की स्थापना केदारनाथ मंदिर के पुजारियों द्वारा की गयी थी।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग से 41 किमी दूरी पर स्थित उखीमठ एक सुखद और मनोरम पहाड़ी शहर है, जिसे सर्दियों का केदारनाथ के नाम से भी जाना जाता है। उखीमठ का सर्दियों में केदारनाथ माने जाने के पीछे एक मुख्य बजह यह है की सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण जब केदारनाथ मंदिर को बंद किया जाता है उस दौरान भगवान केदारनाथ की मूर्ति को एक डोली में उखीमठ लाया जाता है और उखीमठ में विराजमान किया जाता है। मंदिर खुलने तक लगभग 6 महीनो तक भगवान् भोले नाथ की पूजा की जाती है। इस दौरान उखीमठ का महत्व भी केदारनाथ के बराबर माना जाता है और बड़ी संख्या में भक्त केदारनाथ, देवी पार्वती, अनिरुद्ध और मांधाता देवी के दर्शन के लिए आते है।
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उखीमठ 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जो अपने प्राचीन मंदिरों के साथ साथ बर्फ से ढकी चोटियों के अद्भुद दृश्यों और ट्रेकिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए फेमस है। जी हाँ यदि आप उखीमठ की यात्रा में कुछ एडवेंचर एक्टिविटीज एन्जॉय करना चाहते है तो आप उखीमठ के लिए ट्रेकिंग कर सकते है।
यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ उखीमठ के दर्शन के लिए जाने वाले है तो अपनी ट्रिप पर जाने से पहले उखीमठ की यात्रा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टिप्स को जरूर जान लें जिन्हें हम नीचे बताने वाले है –
जो भी पर्यटक और श्रद्धालु उखीमठ की टाइमिंग के बारे में सर्च कर रहे है हम उन्हें बता दे उखीमठ सुबह से लेकर शाम तक पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के लिए खुला रहता है इस दौरान आप कभी उखीमठ के दर्शन के लिए आ सकते है।
बता दे उखीमठ में विराजमान देवता के दर्शन और यहाँ घूमने के लिए कोई शुल्क नही है यहाँ आप बिना किसी शुल्क का भुगतान किये घूम और दर्शन कर सकते है।
यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ उखीमठ की यात्रा पर जाने वाले है तो क्या आप जानते है ? यहाँ उखीमठ के साथ साथ अन्य कई मंदिर, और पर्यटक स्थल भी मौजूद है जिन्हें आप अपनी उखीमठ की यात्रा के दौरान घूमने जा सकते है।
वैसे तो उखीमठ की यात्रा बर्ष के लगभग किसी भी समय की जा सकती है लेकिन हम आपको मानसून के मौसम और दिसम्बर – जनवरी के महीने में उखीमठ की यात्रा से बचने की सलाह देगे। क्योंकि मानसून के मौसम में यहाँ भारी बर्षा के कारण कई बार भूस्खलन देखा जाता है जिससे रास्ते जाम हो जाते है जबकि भारी बर्फ़बारी में भी यही समस्या उत्पन्न होती है।
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उखीमठ पर्यटन स्थल बहुत ही छोटा सा क्षेत्र है इसीलिए यहाँ ज्यादा होटल नही है। लेकिन फिर भी उखीमठ के प्रसिद्ध पकवानों में गेंहूँ और मंडुआ के आटे में दाल भरकर बनाया गया फिंगर मिल्ट बहुत लौकप्रिय है। जोकि भांग की चटनी के साथ परोसा जाता है। पर्यटकों को उखीमठ में बहुत अनोखे व्यंजन चखने का मौका मिलता है। तुंगनाथ बहुत ही धार्मिक स्थान है इसलिए यहाँ आपको सिर्फ शुद्ध शाकाहारी व्यंजन ही मिलते हैं।
यदि आप उखीमठ घूमने और यहाँ के प्रमुख आकर्षक स्थानों के दर्शन के बाद आप यहाँ रुकना चाहते है तो हम आपको बता दे उखीमठ में रुकने के लिए काफी कम ऑप्शन है लेकिन उखीमठ के नजदीकी शहर रुद्रप्रयाग में रुकने के लिए कम कीमत से अधिक कीमत तक की होटल तथा लॉज उपलब्ध है। जिन्हें आप अपनी ट्रिप में रुकने के लिए सिलेक्ट कर सकते है।
हलाकि उखीमठ के लिए सड़क मार्ग की छोड़कर किसी से भी सीधी कनेक्टविटी नही है। लेकिन इसके बाबजूद भी आप फ्लाइट या ट्रेन से आने वाले है तो उसके लिए आपको नजदीकी हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन तक फ्लाइट या ट्रेन लेनी होगी। तो आइये डिटेल में जानते है की हम उखीमठ केसे पहुचें –
अगर आपने उखीमठ जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें कि उखीमठ का सबसे नजदीक हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून हैं। जो उखीमठ से लगभग 198 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद आप बस या एक प्राइवेट टेक्सी ले कर उखीमठ आ सकते है।
उखीमठ की यात्रा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है जो ऊखीमठ से 174 किमी दूर है। ट्रेन से ट्रेवल करके ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद आप एक टैक्सी प्राप्त कर सकते हैं या रेलवे स्टेशन से उखीमठ के लिए बस पकड़ सकते हैं।
ऊखीमठ राज्य के सभी हिस्सों के लिए मोटर योग्य सड़कों द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है इसीलिए सड़क मार्ग से उखीमठ की यात्रा काफी आसान और सुविधाजनक है। सार्वजनिक और निजी बसों के साथ-साथ टैक्सी भी नियमित रूप से उखीमठ को नजदीकी शहरों से जोड़ती हैं जिनसे कोई भी यात्रा करके आसानी से उखीमठ आ सकता है।
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इस लेख में आपने उखीमठ की यात्रा के बारे में जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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उखीमठ का मेप – Map of Ukhimath
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