Naini Lake in Hindi : उत्तराखंड के खूबसूरत हिल्स स्टेशन नैनीताल के केंद्र में स्थित नैनी झील ताजे पानी की सुरम्य झील है जो नैनीताल के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है। उत्तर पश्चिम में नैनी पीक, दक्षिण पश्चिम में टिफिन प्वाइंट और उत्तर में बर्फ से ढकी चोटियों से घिरी, नैनी झील विशेष रूप से सुबह और सूर्यास्त के दौरान लुभावने दृश्य प्रदान करती है जो बेहद मन भावनीय होते है। यह नौका विहार, पिकनिक और शाम की सैर के लिए सबसे प्रसिद्ध है जो स्थानीय लोगो के साथ साथ बड़ी संख्या में पर्यटकों और हनीमून कपल्स को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
सात पहाड़ियों से घिरी इस झील की प्राकृतिक सुन्दरता देखने योग्य है जो बकाई किसी जन्नत से कम नही है। यदि आप शहर की हलचल से दूर कही अपने फैमली या वाइफ के साथ रोमांटिक और क्वालिटी टाइम स्पेंड करना चाहते है तो नैनीताल की गौद में बसी इस सुन्दर झील से अच्छी और कोई जगह हो ही नही सकते है। इस झील से कई किंवदंतीयां भी जुड़ी हुई है जो इसे और भी दिलचस्प बनाती है। इस आर्टिकल में हम आपको नैनी झील और इसकी यात्रा से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताने वाले है इसीलिए इस आकर्षक झील के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े –
हिंदू धर्म ग्रंथों जैसे कि स्कंद पुराण में ‘त्रिरषि सरोवर’ नामक एक झील का उल्लेख है, जिसे नैनी झील माना जाता है। यह नाम अत्रि, पुलस्त्य और पुलाहा नामक तीन महान ऋषियों के नामों से लिया गया था, जो यहां ध्यान करते थे। माना जाता है उन्होंने यहाँ एक गड्ढा खोदा जो जल्द ही पानी से भर गया जिसके बाद इसे नैनी झील या त्रिरिशी सरोवर के रूप में जाना जाने लगा। ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार, 1839 में, एक यूरोपीय व्यवसायी पी. बैरॉन ने नैनी झील की खोज की थी। कहा जाता है वह एक बार शिकार के लिए निकले थे जिस दौरान उन्हें गलती से नैनी झील मिल गई और वो इसकी सुंदरता को देखकर मोहित हो गए। तब उन्होंने अंग्रेजों के लिए गर्मियों में वापसी के रूप में झील के किनारे पर एक यूरोपीय कॉलोनी बनाने का फैसला किया।
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माना जाता है कि नैनी झील भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। नैनीझील का इतिहास लोकप्रिय देवी सती की मृत्यु की कहानी पर आधारित है। जब देवी सती की मृत्यु हई तो शोक से बाहर आते हुए भगवान शिव सती के शव को लेकर ब्रह्मांड घूमते रहे। तब भगवान शिव ने सुदर्शन चक्र का उपयोग करते हुए देवी सती के शरीर को 52 हिस्सों में काट दिया, जो पृथ्वी स्थल पर गिरकर पवित्र स्थल बन गए, लेकिन जिस स्थान पर देवी सती की आंखें गिरी थी, उसे आंख की नैन ताल या झील कहा जाने लगा। इसके बाद से देवी शक्ति की पूजा नैना देवी के रूप में की जाती है। जिसे स्थानीय लोग नैनी देवी माता मंदिर के रूप में जानते हैं।
सात पहाड़ियों अर्थात् लारिया कांता, शेर का डंडा, चेना पीक, हांडी बांडी, आर्यपता और दियोपाटा से घिरी हुई नैनीताल झील मिश्रित वनस्पति का दावा करती है जिसमें शंकुधारी पेड़, ओक के पेड़ और नैनीताल (कुमाऊँ) के प्रसिद्ध बिचू बूटी संयंत्र शामिल हैं। यह झील इतनी बड़ी है की इसे दो भागो में विभाजित किया गया है जिसके उत्तरी भाग को मल्लीताल और दक्षिणी क्षेत्र को तल्लीताल कहा जाता है। खूबसूरत वादियों के बीच बसी इस झील का नजारा बेहद मनमोहक होता है हल्की हल्की धुंध और कोहरा होने पर झील एक अलग ही रूप धारण कर लेती है जिसकी कल्पना करना भी मुमकिन नही है। यदि आप इन नजारों को महसूस करना चाहते है तो एक बार इस खूबसूरत झील की यात्रा जरूर करनी चाहिए।
बोटिंग या नौका विहार नैनी झील का सबसे प्रमुख आकर्षण और एक्टिविटीज है। यदि आप नैनीताल झील आयें और आपने बोटिंग नही करते तो यक़ीनन आपकी यात्रा अधूरी रह जायेगी। खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बसी यह झील प्राकृतिक और मनमोहनीय नजारों का खजाना है। जब आप इस झील में नौका विहार करते हुए आगे बढ़ेगे तो कोमल हवाएं और सुन्दर परिदृश्य आपको एक अलग ही दुनिया का एहसास करायेगे। यदि आप हनीमून पर आये है या फिर अपने कपल के साथ यहाँ आयें है तो उनके साथ रोमांटिक टाइम स्पेंड करने के लिए नैनी झील में बोटिंग से अच्छी चीज कोई और हो ही नही सकती है। इस झील में बोटिंग के साथ साथ यचिंग और कयाकिंग भी उपलब्ध है।
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जो भी पर्यटक नैनी झील की ट्रिप पर जाने से वाले है और इसकी टाइमिंग के बारे में जानना चाहते है हम उन्हें बता दे नैनी झील सुबह 6.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुली रहती है इस दौरान आप कभी नैनी झील की ट्रिप आ सकते है और यहाँ की सुरम्य मौसम में टाइम बिता सकते है साथ ही बोटिंग को एन्जॉय कर सकते है। लेकिन ध्यान दे यदि आप अपनी ट्रिप को फुल एन्जॉय करना चाहते है तो यहाँ कम से कम 2 घंटे जरूर बितायें।
बता दे नैनी झील में एंट्री या घूमने के लिए कोई भी फीस नही है लेकिन हाँ यदि आप यहाँ नौका विहार करना चाहते है तो उसके लिए आपको निश्चित शुल्क का भुगतान करना होगा।
यदि आप अपनी फैमली, फ्रेंड्स या फिर अपने कपल के साथ नैनी झील की ट्रिप पर जाने वाले है तो अपनी यात्रा में किसी भी असुविधा से बचने के लिए नीचे दिए गये टिप्स को जरूर फोलो करें –
नैनीताल उत्तराखंड के साथ साथ भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटक स्थल में से एक है जहाँ घूमने के लिए नैनी झील के साथ साथ कई फेमस जगहें मौजूद है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को बेहद अट्रेक्ट करती है। इसीलिए यदि आप नैनी झील की ट्रिप पर आने वाले है तो नैनी झील के साथ साथ नीचे दिये इन प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों की यात्रा जरूर करें
यदि आप नैनीझील की ट्रिप को प्लान कर रहे है और यहाँ घूमने जाने के लिए सबसे अच्छे समय के बारे में सर्च कर रहे है तो हम आपको बता दे मार्च, अप्रैल, मई और जून के महीने नैनी झील घूमने जाने का सबसे अच्छे समय होता है यह टाइम यहाँ घूमने और नाव की सवारी का आनंद लेने के लिए भी सही समय है। जबकि नवंबर और दिसंबर के महीने उन पर्यटकों के लिए लोकप्रिय हैं जो ताजा बर्फबारी और सर्द मौसम का आनंद लेना चाहते हैं।
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जो भी पर्यटक नैनी झील की ट्रिप में रुकने के लिए होटल्स सर्च कर रहे है हम उन्हें बता दे नैनीताल उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है जिस बजह से यहाँ सभी बजट की होटल्स, रिसॉर्ट्स और होमेस्टे उपलब्ध है जिन्हें पर्यटक अपनी ट्रिप में आराम करने या कुछ दिन रुकने के लिए सिलेक्ट कर सकते है।
नैनी झील की ट्रिप पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे सड़क मार्ग को छोड़कर नैनीताल के लिए कोई सीधी कनेक्टिविटी नहीं है। नैनीताल का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो लगभग 35 किमी है। हवाई संपर्क के रूप में, निकटतम हवाई अड्डा लगभग 65 किमी दूर पंतनगर में है।
यदि आपने नैनीझील की ट्रिप पर जाने के लिए फ्लाइट से ट्रेवल करने के ऑप्शन को सिलेक्ट किया है तो हम आपको नैनीताल का सबसे निकटतम घेरलू हवाई अड्डा पंतनगर में है जो नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है। जबकि निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
जो भी पर्यटक ट्रेन से यात्रा करके नैनीझील जाना चाहते है हम उन्हें बता दे नैनीताल के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो नैनीताल शहर से लगभग 35 किमी दूर है। एक बार जब आप ट्रेन से यात्रा करके काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर पहुच जाते है तो यहाँ से एक टेक्सी बुक करके या स्थानीय वाहनों की मदद से आसानी से नैनीझील जा सकते है।
सड़क मार्ग से नैनीझील की यात्रा करना सबसे आसान और सुविधाजनक है क्योंकि यहाँ खूबसूरत शहर सडक मार्ग से राज्य के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। अगर आपका बजट अच्छा है तो आप टैक्सी से यात्रा करके भी नैनीताल पहुंच सकते हैं।
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इस आर्टिकल अपने नैनी झील और इसकी यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी को जाना है आपको हमारा यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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