Chitragupta Temple, Khajuraho in Hindi : चित्रगुप्त मंदिर खुजराहो के मंदिरों का एक अभिन्न हिस्सा है, जो सूर्य भगवान (सूर्य) को समर्पित है। यह मंदिर जगदंबी मंदिर के उत्तर की ओर लगभग 91 मीटर की दूरी पर स्थित है और चोपड़ा के नाम से प्रसिद्ध एक प्राचीन तालाब से कुछ ही दूरी पर स्थित है। स्थापत्य शैली में निर्मित इस मंदिर में सात घोड़ों वाले रथ पर सवार सूर्यदेव की मूर्ति स्थापित है। इसके अलावा भगवान् विष्णु का ग्यारह सर वाला रूप और कामुक जोड़ों की मूर्तियां और नक्काशी मंदिर के बाहरी हिस्सों को सुशोभित करती हैं। जो इसे इतिहास प्रेमियों के साथ साथ कला प्रेमियों के लिए भी महत्वपूर्ण जगह बनाती है।
चित्रगुप्त मन्दिर खजुराहो का एक महत्वपूर्ण मंदिर है जो हर साल हजारों भारतीय और विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। यदि आप भी खुजराहो के प्रसिद्ध चित्रगुप्त मन्दिर की यात्रा पर जाने वाले है या फिर इस प्राचीन मंदिर के बारे में जानने की दिलचस्पी रखते है तो आपको इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढना चाहिए जिसमे हम आपको चित्रगुप्त मन्दिर का इतिहास, वास्तुकला और मंदिर की यात्रा से जुडी अन्य सभी जानकारी बताने वाले है –
भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक चित्रगुप्त मन्दिर का इतिहास लगभग 1000 साल से भी जाड्या पुराना है। मंदिर में मिले शिलालेखो और साक्ष्यों के आधार पर, चित्रगुप्त मंदिर का निर्माण 1020-1025 ई.पू. के आसपास का माना जाता है। मंदिर के ऐतिहासिक महत्व और प्रसिद्ध नक्काशी को देखते हुए इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में भी शामिल किया गया है।
यदि हम चित्रगुप्त मन्दिर की वास्तुकला की बात करें तो यह प्राचीन मंदिर स्थापत्य शैली से निर्मित किया गया है। यह मंदिर पास के जगदम्बी मंदिर से काफी मिलता-जुलता है। इसमें एक परिधि पथ के साथ एक गर्भगृह, एक चबूतरा, ट्रे के साथ एक महा-मंडप (बड़ा हॉल) और एक प्रवेश द्वार पोर्च है। बड़े हॉल में एक अष्टकोणीय छत है, जो जगदंबी मंदिर में संबंधित छत की तुलना में अधिक अलंकृत है। इससे पता चलता है कि चित्रगुप्त मंदिर का निर्माण जगदंबी मंदिर की तुलना में थोड़ा बाद में किया गया था। मंदिर के गर्भगृह के अंदर सात घोड़ों वाले रथ पर सवार सूर्यदेव की मूर्ति स्थापित है। इसके अलावा आप जब भी यहाँ आएंगे तो दीवारों पर आप सुरा-सूंदरियों की सुंदर नक्काशी, ग्यारह सिर वाले भगवान विष्णु के चित्र और कामुक क्रियायों में लिप्त मूर्तियाँ देख सकते हैं।
यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ चित्रगुप्त मन्दिर की यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे है लेकिन अपनी ट्रिप पर जाने से पहले चित्रगुप्त मन्दिर की टाइमिंग जानना चाहते है तो हम आपको यह प्रसिद्ध मंदिर सुबह 5.00 बजे से रात 7.00 बजे तक खुला रहता है इस दौरान आप कभी चित्रगुप्त मन्दिर घूमने आ सकते है। हाँ एक बात और चित्रगुप्त मन्दिर की पूर्ण यात्रा के लिए कम से 2 घंटे समय अवश्य निकालें।
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जो भी पर्यटक चित्रगुप्त मन्दिर की एंट्री फीस सर्च कर रहे है हम उन्हें बता दे विशेष चित्रगुप्त मन्दिर के लिए कोई एंट्री फीस नही है लेकिन चित्रगुप्त मन्दिर भी खुजराहो मंदिर समूह का हिस्सा है जिस वजह से आपको इन सभी मंदिर के लिए एंट्री फीस देनी होगी जो इस प्रकार है
खजुराहो मध्य प्रदेश राज्य में स्थित भारत का बहुत ही खास शहर और पर्यटक स्थल है जो चित्रगुप्त मन्दिर के साथ साथ अपने अन्य प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिए देश भर में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसीलिए आप जब भी चित्रगुप्त मन्दिर की यात्रा पर आयें तो नीचे दिए गये खुजराहो के इन प्रसिद्ध मंदिर और अन्य पर्यटक स्थलों की यात्रा जरूर करें –
अगर आप खजुराहो के प्रसिद्ध चित्रगुप्त मन्दिर घूमने जाने का मन बना रहे हैं और खुजराहो घूमने जाने के लिए सबसे अच्छे समय को जानना चाहते है तो हम आपको बता दे वैसे तो आप यहां किसी भी मौसम में आ सकते हैं। लेकिन अगर आप यहां घूमने का पूरा मजा लेना चाहते हैं तो आपके लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा रहेगा। अक्टूबर से फरवरी के महीने दुनिया भर के लोगों की भीड़ के साथ खजुराहो घूमने का सबसे अच्छा समय है। हर साल फरवरी में आयोजित खजुराहो नृत्य महोत्सव आपकी खजुराहो यात्रा की योजना बनाने का सबसे अच्छा समय है।
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खुजराहो मध्य भारत के सबसे प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है जिस वजह से यहाँ पर्यटकों के रुकने के लिए सभी बजट की होटल्स अवेलेवल है जिनको आप अपनी चॉइस के अनुसार सिलेक्ट कर सकते है।
एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल होने के नाते, चित्रगुप्त मन्दिर खजुराहो तक पहुंचना काफी आसान है। खजुराहो का अपना घरेलू हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन दोनों है, जो इसे भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।
तो आइये जानते हैं परिवहन के विभिन्न माध्यम से खजुराहो कैसे पंहुचा जा सकता है।
यदि आपने खुजराहो घूमने जाने के लिए फ्लाइट का सिलेक्शन किया है, तो जान लें खुजराहो में अपना घरेलू हवाई अड्डा मौजूद है, जो कुछ घरेलू उड़ानों के माध्यम से भारत के कुछ शहरों से जुड़ा हुआ है। फ्लाइट से ट्रेवल करके एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, आप ऑटो, टेक्सी या स्थानीय परिवहन के साधनों की मदद से चित्रगुप्त मन्दिर जा सकते है।
ट्रेन से ट्रेवल करके खुजराहो की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को बता दे खुजराहो का अपना खुजराहो रेलवे स्टेशन है जो चित्रगुप्त मंदिर से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह रेलवे स्टेशन भारत के कई प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है इसीलिए ट्रेन से सफ़र करके खुजराहो की यात्रा करना काफी आसान और आरामदायक है।
खुजराहो मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर और पर्यटक स्थल है जिस वजह से यह सड़क मार्ग से मध्य प्रदेश और भारत के अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ सड़क मार्ग से यात्रा करना काफी आसान और आरामदायक है। खुजराहो के लिए मध्य प्रदेश के किसी भी प्रमुख शहर से बस ले सकते है एक टेक्सी बुक कर सकते है। इनके अलावा यदि आप आसपास के शहरों से खुजराहो घूमने आ रेह है तो अपने निजी कार से यात्रा करना भी बेस्ट ऑप्शन है।
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इस आर्टिकल में आपने खुजराहो के प्रसिद्ध चित्रगुप्त मन्दिर का इतिहास और इसकी यात्रा से जुड़ी जानकारी को विस्तार से जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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