Chand Baori In Hindi, चाँद बावड़ी राजस्थान के अभनेरी गाँव का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण स्थल है जो 10 वीं शताब्दी के स्मारकों से संबंधित है। अभनेरी गांव राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास स्थित है। आपको बता दें कि चाँद बाउरी बेहद अदभुद स्टेप वेल है जिसमें तीन तरफ सीढ़ियां हैं, जो जल स्टोर करने का काम करती हैं। बता दें कि यह स्टेप वेल 13 मंजिला से ज्यादा गहरी हैं, जिसमें 3500 से ज्यादा सीढ़ियां बनी हुई हैं। 1000 साल से अधिक पुराना होने के बावजूद यह स्टेप वेल आज भी पहले की तरह बना हुआ है। आपको बता दें कि यहां पर कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है, जिनमें भूल भुलैया, द फॉल, द डार्क नाइट राइज़ और बेस्ट एक्सोटिक होटल मैरीगोल्ड के नाम शामिल है।
चाँद बावड़ी एक वास्तुशिल्प चमत्कार है जिसमें राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्र में जल भंडार के रूप में कई हजार सीढियां बनी हुई हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इसकी देखभाल की जाती है और यह सुंदर संरचना आज उपयोग में नहीं है। दुनिया का यह सबसे आकर्षक स्टेपवेल चांद बाउरी पूरी दुनिया से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। जो लोग वास्तुकला प्रेमी हैं वो इस आकर्षण को देखने के लिए जरुर आते हैं। अगर आप चांद बाउरी के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं या फिर यहां घूमने जाने की योजना बना रहें हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें, यहां हम आपको चांद बाउरी के इतिहास, वास्तुकला और जाने के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं।
राजा चाँद द्वारा 8 वीं और 9 वीं शताब्दी के दौरान निर्मित है और उन्ही के नाम से इसे अपना नाम चाँद बावड़ी नाम रखा गया है। यह स्टेपवेल लगभग 1000 साल पुराना है। इसका निर्माण इसलिए किया गया है ताकि स्थानीय लोगों को पूरे साल साफ़ जल मिल सके। इसके अलावा, इस भव्य संरचना को आभानेरी के स्थानीय लोगों के लिए एक सभा स्थल कहा जाता है, जहां वे कुएं के चारों ओर बैठते हैं। गर्मी के दिनों में सीढ़ियों के नीचले हिस्से ठंडे हो जाते है और इस दौरान इस स्टेप वेल का तापमान 7-8 डिग्री तक ठंडा होता है। सामान्य उपयोगों के अलावा हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार इस कुए का पानी स्वर्ग और पृथ्वी के बीच की सीमा बनाता है।
इस वजह से यह ध्यान, प्रार्थना, और धार्मिक स्नान के लिए भी एक स्थान बन गया, जहां हर्षत माता मंदिर में जाने से पहले जरुर जाना चाहिए। बहुत से स्थानीय लोग बाउरी को प्रेतवाधित मानते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, बाउरी एक रात में बनाया गया था जो व्यावहारिक रूप से असंभव है। इसलिए यह माना जाता था कि यह बनाने का काम एक जिन्न को दिया गया था।
राजस्थान के अत्यंत शुष्क क्षेत्र में इस स्टेपवेल ने बहुत ही अच्छी तरह से काम किया है। चाँद बावड़ी भारतीय आर्किटेक्ट की शानदार वास्तुकला विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। यह 13 मंजिल नीचे और 3500 सीढ़ियों के साथ ज्यामितीय परिशुद्धता को प्रदर्शित करता है।लगभग 100 फीट गहरा, स्टेपवेल एक वर्ग निर्माण है जिसकी माप प्रत्येक तरफ 35 मीटर है। ऐसा माना जाता है कि सीढ़ियों का निचला भाग 8 वीं 9 वीं शताब्दी में बनाया गया था जबकि ऊपरी भाग 18 वीं शताब्दी में मुगल काल के दौरान पूरा हुआ था।
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सर्दियां (नवंबर – मार्च) चांद बावड़ी और राजस्थान के अन्य हिस्सों की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि रात में मौसम के दौरान 8 डिग्री और 32 डिग्री सेल्यियस होता है। यहां गर्मियां बेहद गर्म होती हैं जिसकी वजह से दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने में मजा नहीं आता।
अगर आप राजस्थान के आभानेरी गाँव घूमने जाने की सोच रहे है तो, चाँद बावड़ी स्टेप वेल के अलावा भी बहुत कुछ है जो आप आभानेरी गाँव और इसके आसपास में घूम सकते है।
हर्षत माता मंदिर स्टेप वेल्स के बगल में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर हैं जो पर्यटकों और भक्तों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है। आपको बता दें कि यह मंदिर स्थानीय देवी हर्षत को समर्पित है। आपको बता दें कि पुराने समय में इस मंदिर ने का प्रकोपों का सामना किया है। इस मंदिर को इस्लामिक शासकों द्वारा नष्ट कर दिया गया था। अब यहां पर सिर्फ खंडर ही बचें हुए हैं। यहाँ पर आप एक भव्य खुले आंगन में स्तंभों और दीवारों पर नक्काशी के साथ अदभुद मूर्तियों को देख सकते हैं।
इस मंदिर की वर्तमान सुंदरता देख कर कोई भी पुराने समय में मंदिर की महिमा का अंदाजा लगा सकता है। आपको बता दें कि यह मंदिर यहां आने वाले पर्यटकों को बिलकुल निराश नहीं करता। मंदिर और इसके आसपास की प्राकृतिक सुंदरता देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। अगर आप दौसा की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो आपको हर्षत माता मंदिर के दर्शन करने के लिए अवश्य जाना चाहिए।
माधोगढ़ का किला दौसा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इस किले का निर्माण जयपुर के राजा- माधव सिंह द्वारा करवाया गया था। यह किला सुंदर फूलों के खेतों की पृष्ठभूमि में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। जो इसे एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक किला बनाते हैं। आपको बता दें कि इस प्राचीन किले को अब अब एक शाही होटल में बदल दिया गया है। यह होटल यहां आने वाले पर्यटकों को एक सुंदर आवास प्रदान करता है। यह किला अपने अपने भव्य केंद्रीय प्रांगण के साथ एक प्रमुख आकर्षण है।
इसके अलावा इस किले की छतें भी बहुत ही आकर्षक नज़र आती हैं और सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचती हैं। माधोगढ़ किला का एक ऐसा स्थल है जहां की यात्रा आप अपने दोस्तों और अपने परिवार के लोगों के साथ कर सकते हैं और यहां शाम को एक शानदार चाय का मजा ले सकते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित एक हिंदू मंदिर है। जो हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर भारत में इतना लोकप्रिय कि हर साल दूर-दूर से इस मंदिर में तीर्थ यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। हनुमान जी को ही बालाजी के रूप में भी जाना जाता है और उनके मंदिर के सामने सियाराम को समर्पित एक मंदिर भी स्थित है जिसमें सियाराम की एक सुंदर मूर्ति है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने भक्तों को बुरी आत्माओं और परेशानी से मुक्ति दिलाते हैं।
मंदिर में आने वाले भक्त बालाजी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाते हैं और भैरव बाबा को उड़द की दाल और चावल चढ़ाते हैं जो बुरी आत्माओं से मुक्ति पाने में उनकी मदद करते हैं। मंदिर में शनिवार और मंगलवार को भीड़ काफी ज्यादा होती है क्योंकि यह बालाजी के सबसे खास दिन होते हैं। अगर आप दौसा घूमने के लिए जा रहें हैं तो कुछ समय मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के दर्शन करने के लिए भी निकाल लें। क्योंकि बालाजी मंदिर के दर्शन करना सौभाग्य माना जाता है।
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भंडारेज,दौसा जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो जयपुर से लगभग 65 किमी दूर, जयपुर-आगरा राजमार्ग पर स्थित है। आपको बता दें कि यह भंडारेज दौसा से लगभग 10 किमी दूर। भंडारेज को महाभारत काल के दौरान भद्रमती के नाम से जाना जाता था। बता दें कि यहां पर खुदाई के दौरान मिली दीवारें, मूर्तियां, सजावटी जाली का काम जालियाँ, टेराकोटा के बर्तन इत्यादि से इस जगह की प्राचीनता का पता चलता है। भंडारेज बाउरी और भद्रावती पैलेस यहां के लोकप्रिय स्थल है। एक क्षेत्र इतिहास प्रेमियों के स्वर्ग के समान है। यहां का इतिहास आपको 11 वीं शताब्दी में ले जायेगा। अगर आप दौसा की यात्रा करने जा रहें हैं। तो भंडारेज को अपनी सूचि में जरुर शामिल करें।
झझिरमपुरा दौसा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो प्राकृतिक पानी की टंकी के साथ-साथ रुद्र (शिव), बालाजी (हनुमान जी) और अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों के लिए भी काफी लोकप्रिय है। झझिरमपुरा जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी दूर बसवा (बांदीकुई) की ओर स्थित है। पहाड़ियों और जल संसाधनों से घिरे इस स्थान पर आने के बाद कोई भी पर्यटक बेहद हल्का महसूस करता है। अगर आप अपनी दौसा यात्रा के दौरान किसी प्राकृतिक और आध्यात्मिक जगह की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको एक झझिरमपुरा को अपनी सूची में अवश्य शामिल करना चाहिए।
लोटवारा गाँव जयपुर से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस गांव का प्रमुख आकर्षण लोटवारा गढ़ (किला) है। जिसे 17 वीं शताब्दी में ठाकुर गंगा सिंह ने बनवाया था। आभानेरी से सिर्फ 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव की यात्रा पर्यटक गाँव तक सड़क मार्ग द्वारा कर सकते हैं। अगर आप किसी ऐतिहासक जगह को एक्स्प्लोर करना चाहते हैं तो लोटवारा की यात्रा अवश्य करें।
बांदीकुई, दौसा से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रोटेस्टेंट ईसाइयों के लिए रोमन शैली चर्च एक लोकप्रिय आकर्षण है।
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चांद बाउरी आभानेरी में स्थित है जो जयपुर शहर से 95 किमी दूर स्थित है। आप आभानेरी तक आसानी से यात्रा कर सकते हैं। यहां जाने का सबसे अच्छा विकल्प दिल्ली या जयपुर से कार लेना है। दिल्ली और जयपुर भारत के प्रमुख हवाई अड्डे हैं, इसलिए आप यहां हवाई यात्रा द्वारा भी पहुँच सकते हैं। राजस्थान का सबसे पुराना और सबसे आकर्षक स्थल चांद बाउरी को एक्स्प्लोर करना आसान नहीं है।
दिल्ली और जयपुर हवाई अड्डे चांद बावड़ी के निकटतम हवाई अड्डे हैं। यहां के लिए आप देश के किसी भी कौने से फ्लाइट ले सकते हैं। हवाई अड्डे से आप अभनेरी के लिए टैक्सी या कैब किराये से ले सकते हैं।
अगर आप रेल मार्ग द्वार यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि जयपुर में अभनेरी का निकटतम रेलहेड है। यहां के लिए आप देश के सभी प्रमुख स्टेशन से ट्रेन पकड़ सकते हैं।
जो भी पर्यटक सड़क मार्ग द्वारा चांद बावड़ी के लिए जाना चाहते हैं वे बस और टैक्सी से भी यहां की यात्रा कर सकते हैं। अगर आप खुद ड्राइव कर रहें हैं तो बता दें कि आभानेरी NH-11 से कनेक्ट है।
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इस आर्टिकल में आपने चांद बावड़ी की यात्रा से जुड़ी जानकारी को जाना है आपको हमारा ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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