Holi Celebrations In Mathura Vrindavan In Hindi : होली भारत का एक ऐसा त्यौहार है जिसको देश के हर हिस्से में मनाया जाता है लेकिन ब्रज भारत में ऐसी जगह है जहां पर की होली विशेष रूप से प्रसिद्ध है। मथुरा वृंदावन की होली इतनी प्रसिद्ध है कि लोग विदेशों से भी खींचे चले आते हैं। आपको बता दें कि ब्रज एक ऐतिहासिक क्षेत्र है जो मथुरा, वृंदावन और कुछ आस-पास के क्षेत्रों को कवर करता है। इस जगह की होली अपने अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं के कारण दुनिया भर के पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
होली, रंगों का त्योहार भारत में हजारों वर्षों से मनाया जाता रहा है और अब इसे दक्षिण एशिया के विभिन्न समुदायों सहित गैर-हिंदू समुदायों द्वारा भी मनाया जाता है। होली गुरुवार, 29 मार्च, 2021 को पूरी दुनिया में मनाई जाएगी, जिसमें होलिका दहन 28 मार्च की रात को होगा।
मथुरा वो जगह है जहां पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था और वृंदावन वह स्थान है जहाँ वे बचपन में बड़े हुए थे। जब भगवान कृष्ण युवा थे, तो उन्होंने अपनी मां को राधा (उनकी मित्र) के गोर होने के बारे में बताया। भगवान कृष्ण खुद सांवले रंग के थे। तो उनकी मां यशोदा ने उन्हें खेल के रूप में राधा को रंग देने को कहा। जिसके बाद कृष्ण अपने नंदगाँव से राधा और अन्य गोपियों को रंगने के लिए बरसाना (राधा के गाँव) जाते थे। गोपियां भी उन्हें डंडों से पीटती थीं। इस वजह से होली के त्यौहार पर परंपरा विकसित हुई।
अगर आप मथुरा वृन्दावन की होली देखने जाना चाहते हैं तो बता दें कि आपकी यात्रा की योजना को आसान बनाने के लिए हमने मथुरा वृन्दावन में होने वाले उत्सवों के बारे में विस्तार से बताया है। आप इस शहर में कुछ या ज्यादा दिनों के लिए जा सकते हैं और मथुरा वृन्दावन की होली उत्सव के दौरान अपनी जिंदगी के सबसे रंगीन सप्ताह का अनुभव कर सकते हैं।
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अगर आप मथुरा की होली के उत्सव में शामिल होना चाहते हैं तो बता दें कि यहां के गाँव बरसाना में होली का उत्सव वास्तविक डेट से लगभग एक हफ्ते पहले ही शूरू हो जाता है। मथुरा के पास स्थित बरसाना राधा का गाँव है। यह गाँव अपनी लट्ठमार होली के लिए भारत के साथ-साथ विदेशों में भी प्रसिद्ध है। अगर आप बरसाना लट्ठमार होली देखेंगे तो यह आपको बहुत अजीब लगेगी क्योंकि इस उत्सव में महिलाएँ पुरुषों (खेल के रूप में) को डंडों से पीटती हैं। बरसाना में लट्ठमार होली होली इसलिए मनाई जाती है क्योंकि बरसाना वो जगह है जहां पर राधा जी का घर था और कृष्ण जी राधा पर र रंग डालने के लिए इस जगह पर आते थे। बरसाना में इस साल होली उत्सव 14 मार्च 2019 को मनाया जायेगा।
बरसाना में होली मानाने के बाद अगले दिन नंदगाँव (कृष्णा के गाँव) में इसी तरह के खास उत्सवों के साथ होली मनाई जाती है। नंदगाँव का नाम धार्मिक ग्रंथों में शामिल है बताया जाता है कि इस गाँव में भगवान कृष्ण ने अपने बचपन का सबसे ज्यादा समय बिताया था। कहा जाता है कि जब कृष्ण राधा पर रंग डालने के लिए बरसाना गए थे तो इसके बाद राधा गोपियों के साथ कृष्ण पर रंग डालने के लिए अगले दिन नंदगांव आई थी। इसलिए होली उत्सव बरसाना में मनाने के बाद नंदगाँव में मनाया जाता है।
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वृंदावन में स्थित बांके-बिहारी मंदिर होली के उत्सवों का आनंद लेने के लिए एक बहुत ही खास जगह है क्योंकि यहां सप्ताह भर चलने वाले होली उत्सव मनाया जाता है। होली के इन रंगीन दिनों में बिहारीजी (कृष्ण का दूसरा नाम) की मूर्ति को सफेद रंग के कपड़े पहनाते हैं और होली खेलने के लिए उन्हें अपने भक्तों के करीब लाया जाता है। बता दें कि वृंदावन को होली रंगीन पानी और गुलाल के साथ खेली जाती है जो फूलों और केसर जैसे कार्बनिक पदार्थों से मिलाकर बनाया जाता है। इस रंगों के खेल में गोस्वामी (मंदिर में पुजारी) बाल्टी, पानी बंदूक आदि का उपयोग करके सभी पर रंग छिड़कते हैं, इसके बाद पूरा माहौल संगीत (भजन) के साथ और भी जीवंत हो जाता है और लोग रंगों का आनंद लेते हुए धुनों पर नाचने लगते हैं।
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दाऊजी मंदिर मथुरा शहर से 28 किमी दूर स्थित है जो हुरंगा की मेजबानी करता है। इस पर होली के उत्सव के समय पुरुषों को महिलाओं द्वारा पीटा जाता है, बता दें कि यह एक सदियों पुरानी परंपरा है जो दाऊजी मंदिर की स्थापना के समय शुरू हुई थी। इस मंदिर का निर्माण करने वाले परिवार की महिलायें पुरुषों को पीटती हैं और कपड़ो को फाड़ती है। इस प्यार भरी मार को खाने और सहन करने के लिये सभी गोप (पुरुष) सुबह से ही भांग पीते है और ब्रिज की वेशभूषा में सज धज कर हुरंगा के लिए आते है। सब दस्तूर पूरा होने के बाद हर कोई होली के खेलने में शामिल हो जाता है।
अगर आप मथुरा के होली उत्सव में शामिल होने आये हैं और यहां पूरे सप्ताह रुक कर होली के उत्सव का आनंद लेना चाहते हैं तो बता दें कि वृंदावन में रहने के लिए बहुत सारे विकल्प हैं, तो बता दें कि यहां पर कमरे को पहले से ही बुक करना आपके लिए अच्छा रहेगा। इस जगह के ज्यादातर कमरे आसान और सस्ते दामों में उपलब्ध हैं। यहां पर एक डबल बेडरूम वाला कमरा एक रात के लिए 300 रूपये से शुरू है। इसके साथ ही वृंदावन में कुछ रिसॉर्ट और लक्जरी होटल भी हैं जहां आप अपने बजट अनुसार रूम ले सकते हैं।
अगर आप मथुरा के लिए यात्रा हवाई जहाज से करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि मथुरा का निकटतम हवाई अड्डा आगरा में स्थित है जो मथुरा से 58 किलोमीटर की दूरी पर है। अगर आप सड़क मार्ग से आगरा से मथुरा की यात्रा करते हैं तो इसमें आपको 1-2 घंटे का समय लगेगा। आगरा के अलावा आपके आप एक विकल्प इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो दिल्ली में स्थित है। आप दिल्ली के लिए भारत के किसी भी शहर या अंतरराष्ट्रीय शहर से उड़ान ले सकते हैं। इस हवाई अड्डे से आप बस, कैब या ट्रेन की मदद से मथुरा पहुँच सकते हैं।
अगर आप रेल द्वारा मथुरा की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि मथुरा मथुरा जंक्शन मध्य और पश्चिम रेलवे का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो भारत के प्रमुख शहरों जैसे भोपाल, दिल्ली, मुंबई, ग्वालियर, आगरा वाराणसी, लखनऊ और कोलकाता से रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इन सभी शहरों से आप मथुरा के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं।
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अगर आप अपने किसी निजी वाहन से मथुरा जाना चाहते हैं तो आप आराम से मथुरा की यात्रा कर सकते हैं। बता दें कि मथुरा सड़क मार्ग से भारत के प्रमुख शहरों भोपाल, मुरादाबाद, कोलकाता, आगरा, इंदौर, दिल्ली, जयपुर बीकानेर, जैसे शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। मथुरा जाने वाले लोग हरिद्वार, मेरठ, कानपुर, जबलपुर, ग्वालियर, अलीगढ़, जयपुर, आगरा, अलवर, उदयपुर, अजमेर, चंडीगढ़, लखनऊ जैसे शहरों से सड़क मार्ग द्वारा मथुरा पहुँच सकते हैं।
बस से मथुरा के लिए यात्रा करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता आप देश के कई प्रमुख शहरों से मथुरा के लिए सीधी बसों का लाभ उठा सकते हैं। अगर आप मथुरा के लिए बस से यात्रा करना चाहते हैं तो आपको यह बता दें कि मथुरा के लिए आप भारत के कई बड़े शहरों से सीधी बसों द्वारा पहुँच सकते हैं।
अगर आप वृंदावन की होली के उत्सव में शामिल होने जा रहे हैं तो बता दें कि वृंदावन का निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा (12 किमी) और निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली 142 किमी) में है। मथुरा रेलवे स्टेशन से वृंदावन के लिए नियमित अंतराल पर कैब या टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहां राज्य परिवहन की कई बसें भी चलती हैं जो वृंदावन को पास के कई प्रमुख शहरों से जोड़ती हैं।
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