Bhand Devra Temple In Hindi : मिनी खजुराहो ऑफ राजस्थान : भांड देवरा मंदिर राजस्थान राज्य में बारां से 40 किमी दूरी पर रामगढ़ पहाड़ी पर स्थित है। आपको बता दें कि यह मंदिर हिंदू धर्म के देवता भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर राजस्थान में बेहद लोकप्रिय है जिसे मिनी खजुराहो के नाम से भी जाना जाता है। भांड देवरा मंदिर रामगढ की पहाड़ी पर एक तालाब के किनारे खूबसूरती के साथ खड़ा हुआ है, जिसके बारे में यह कहा जाता है कि इसका निर्माण उल्का द्वारा हुआ है।
भांड देवरा मंदिर इतना भव्य और आकर्षक है कि यह अपनी सुंदरता से भारी संख्या में भक्तों को अपनी ओर खींचता है। अगर आप भांड देवरा मंदिर के इतिहास और जाने के बारे में जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको यहां मंदिर के बारे में आपको पूरी जानकारी दे रहें हैं।
भांड देवरा मंदिर का इतिहास काफी मजबूत है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 10 वीं शताब्दी में हुआ था और इस मंदिर के साथ यहां दो मंदिर और स्थित हैं जो देवी अन्नपूर्णा और देवी किसनाई को समर्पित है। इन दोनों मंदिरों की सबसे ख़ास बात जो लोगों को हैरान कर देती है वो यह है कि इनमें से एक देवी को प्रसाद के रूप में मिठाई और सुखा मेवा चढ़ाया जाता है और दूसरी देवी को मांस और मदिरा चढ़ाया जाता है। चलिए अब भांड देवरा मंदिर के बारे में आगे बात करते हैं, बता दें कि यह मंदिर एक गुफा के अंदर स्थित है जहां पहुंचने के लिए आपको लगभग 750 सीढ़ियों से चढ़ कर जाना होगा। इन सीढ़ियों के बारे में ऐसा माना जाता है कि इनका निर्माण झाला जालिम द्वारा किया गया, जिसे जालिम सिंह के नाम से भी जाना जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि जालिम सिंह कौन है? बता दें कि यह 1771 से अंग्रेजों के शासनकाल तक भांड देवरा मंदिर राज्य के शासक थे। इस समय भांड देवरा मंदिर राजस्थान सरकार के राज्य पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है और हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
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अगर आप मिनी खजुराहो ऑफ राजस्थान यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो इसके साथ ही बारां में स्थित कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा भी आपको जरुर करना चाहिए। बारां में स्थित पर्यटन और धार्मिक स्थलों की जानकारी हमने नीचे दी है।
शाहाबाद का किला राजस्थान के बारां जिले के शाहाबाद शहर में स्थित है, जो हाडोती क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक है। शाहाबाद का किला बारां से लगभग 80 किमी दूर है जिसका निर्माण 1521 में चौहान राजपूत मुक्तामणि देव द्वारा बनाया गया था। यह किला बारां जिले के प्रमुख आकर्षण में से एक है जो यह घने जंगलों, मैदानों और कुंड कोह घाटी से घिरा हुआ है। अगर आप एक प्रकृति प्रेमी हैं तो यह किला आपको इस किले की यात्रा जरुर करना चाहिए।
शेरगढ़ किलाबारां जिले से लगभग 65 किमी दूर स्थित है जो बारां के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। आपको बता दें कि यह किला परवन नदी के किनारे बड़ी ही शान से खड़ा है और यहां पर विभिन्न राजवंशों शासन किया है। सुर वंश के राजा शेरशाह द्वारा कब्जा करने के बाद इसका नाम शेरगढ़ पड़ा, इससे पहले इस किले का नाम कोषवर्धन था। बता दें कि 790 ईस्वी का एक शिलालेख शेरगढ़ किले समृद्ध इतिहास को व्यक्त करता है। अगर आप एक इतिहास प्रेमी हैं तो आपको अपनी बारां यात्रा के दौरान इस शेरगढ़ किले को देखने के लिए जरुर जाना चाहिए।
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बारां जिले में स्थित शाहाबाद शाही जामा मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट औरंगजेब शासनकाल के दौरान किया गया था। अगर आप इस मस्जिद की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि यह मस्जिद बारां से लगभग 80 किमी दूर स्थित है। शाहाबाद शाही जामा मस्जिद वास्तुकला का एक अदभुद नमूना है जो हर साल भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। शाही जामा मस्जिद की सबसे रोचक बात यह है कि इसको दिल्ली की जामा मस्जिद के पैटर्न पर बनाया गया है। यह अपने जटिल ‘मेहराब’ और प्रभावशाली स्तंभों की वजह से प्रसिद्ध है।
शेरगढ़ अभयारण्य बारां जिले से लगभग 65 किमी दूर शेरगढ़ गांव में स्थित है। अगर आप एक प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको शेरगढ़ अभयारण्य की यात्रा जरुर करना चाहिए। बता दें कि यह अभयारण्य कई वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है इसके साथ ही यह पौधों की कई लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है। पर्यटक शेरगढ़ अभयारण्य बाघ, स्लोथ भालू, तेंदुए और लेपर्ड आदि जंगली जानवरों को देख सकते हैं। शेरगढ़ अभयारण्य में आप कुछ शानदार फोटो भी क्लिक कर सकते हैं और यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। अगर आप राजस्थान के बारां जिले की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको शेरगढ़ अभयारण्य को अपनी सूचि में जरुर शामिल करना चाहिए।
सीताबाड़ी एक प्रसिद्ध पूजा स्थल है जो बारां से 45 किमी दूर स्थित हैं। आपको बता दें कि इस पवित्र पूजा स्थल पर कई पर्यटक पिकनिक बनाने के लिए भी आते हैं। इस धार्मिक स्थल के बारे में कई लोगों का मानना है कि यहां पर भगवान राम और सीता के जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ था। सीताबाड़ी में कई कुंड स्थित हैं जिनमें वाल्मीकि कुंड, सीता कुंड, लक्ष्मण कुंड, सूर्य कुंड के नाम शामिल हैं। सीताबाड़ी में सीताबाड़ी मेले का आयोजन भी किया जाता है। अगर आप राजस्थान का बारां जिला घूमने के लिए जा रहें हैं तो आपको सीताबाड़ी की सैर जरुर करना चाहिए।
तपस्वियों की बागी बारां के पास शाहाबाद में स्थित एक सुंदर पिकनिक स्थल है जो पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करता है। अगर आप अपनी बारां यात्रा के दौरान किसी शांति वाली जगह की तलाश में हैं तो आपको इस जगह की यात्रा जरुर करना चाहिए। तपस्वियों की बागी पहले सुपारी की खेती के लिए एक केंद्र था, जिसके निशान आप यहां अभी भी देख सकते हैं। तपस्वियों की बागी का प्रमुख आकर्षण शिवलिंग की बड़ी मूर्ति है, जिसे देखने के आपको जरुर जाना चाहिए।
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काकुनी मंदिर परिसर बारां, काकुनी 85 किमी की दूरी पर परवन नदी के किनारे स्थित है जो जिसमें जैन वैष्णव देवताओं और भगवान शिव को समर्पित मंदिर हैं। आपको बता दें कि इनमें से कुछ मंदिर 8 वीं शताब्दी के समय के हैं। कोटा और झालावाड़ संग्रहालयों में काकुनी मंदिरों से कई मूर्तियों को संरक्षित किया गया है। इसके अलावा आप भीमगढ़ किले की यात्रा भी कर सकते हैं जिसका निर्माण राजा भीम देव द्वारा किया गया था।
सोरसन वन्यजीव अभयारण्य कोटा से 50 किमी की दूरी पर स्थित है जिसे सॉर्सन ग्रासलैंड के रूप में भी जाना जाता है। बता दें कि यह 41 वर्ग किमी में फैला एक पक्षी अभयारण्य है जिसमें कई वनस्पति, जल निकाय और पक्षी और जानवर देखें जा सकते हैं। सर्दियों का मौसम आते ही इस अभ्यारण्य में वॉरब्लर, फ्लाईकैचर, लार्क, स्टार्लिंग और रोजी पास्टर जैसे प्रवासी पक्षियों के झुंडों को देखा जा सकता है।
सुरज कुंड का नाम सूर्य देव के नाम पर रखा गया है। आपको बता दें कि इस जगह का अपना एक अलग धार्मिक महत्व है जिसकी वजह से भारी संख्या में पर्यटन यहां पर आते हैं। सूरज कुंड चारों तरफ से बरामदे से घिरा हुआ है। कुंड के एक कोने में, एक शिवलिंग स्थापित हैं जहां भक्त पूजा करते हैं। सुरज कुंड लोग अपने स्वर्गवासी संबंधियों की राख को भी विसर्जित करते हैं।
सोरसन माताजी मंदिर सोरांसन गांव में बारां से 20 किमी की दूरी पर स्थित है। बता दें कि इस मंदिर को ब्राह्मणी माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ब्राह्मणी माता मंदिर में भारी संख्या में भक्त आते हैं। यहां पर एक विशेष तेल का दीपक लगा हुआ है जिसको अखंड ज्योत कहते हैं। इस दीपक के बारे में यह कहा जाता है कि यह दीपक पूरे 400 वर्षों से निर्बाध रूप से जल रहा है। मंदिर परिसर में हर साल शिव रात्रि के खास मौके पर एक मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें पर्यटकों की काफी भीड़ होती है।
नाहरगढ़ फोर्ट या किला बारां से लगभग 73 किमी की दूरी पर स्थित है। यह जिले का एक ऐतिहासिक और भावशाली स्थल है। इस किले का निर्माण लाल पत्थर से किया गया है जो मुगल वास्तुकला को प्रदर्शित करता है। नाहरगढ़ फोर्ट और इसके पास की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है। अगर आप बारां की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको नाहरगढ़ फोर्ट को देखने के लिए जरुर जाना चाहिए।
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कन्या दाह बिलासगढ़ बारां शहर से 45 किमी दूर स्थित किशनगंज तहसील में है। यह क्षेत्र अच्छी तरह से विकसित था लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर नष्ट कर दिया गया था। ऐसा कहा जाता है कि औरंगज़ेब, खासी साम्राज्य की राजकुमारी की ओर आकर्षित था। उसने अपने सैनिकों से राजकुमारी को अपने पास लाने के लिए आदेश दिया। राजकुमारी ने उसकी रानी बनने से बेहतर आत्महत्या करना समझा और इस स्थान पर अपने जीवन को खत्म कर लिया जिसे अब ‘कन्या दाह’ के नाम से जाना जाता है। राजकुमारी की आत्महत्या के बाद औरंगज़ेब की सेना ने बिलासगढ़ के पूरे शहर को नष्ट कर दिया।
कापिल धारा को अपने प्राकृतिक सौन्दय के लिए जाना जाता है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको अपनी बारां यात्रा के दौरान कापिल धारा की सैर करने जरुर जाना चाहिए। कपिल धारा बारां से 50 किमी दूर स्थित है। यह प्रसिद्ध झरना और यहां एक गौमुख से बहने वाला पानी पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
गुगोर किला बारां से 65 किमी दूर स्थित छाबड़ा के पास स्थित एक भव्य किला और एक दर्शनीय पर्यटन स्थल है। अगर आप बारां की यात्रा कर रहें हैं तो आपको इस किले को देखने के लिए जरुर जाना चाहिए।
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अगर आप राजस्थान के भांड देवरा मंदिर जाने बारे में विचार बना रहें हैं तो बता दें कि यहां जाने के लिए सर्दियों के महीनों के दौरान यानी अक्टूबर-फरवरी से सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस दौरान मौसम दिन में काफी रहता है और रात सर्द होती हैं। मंदिर शुष्क जलवायु के साथ एक बहुत गर्म क्षेत्र में स्थित होने की वजह से गर्मियों के मौसम में यहां की यात्रा करना उचित नहीं है।
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भांड देवरा मंदिर राजस्थान राज्य में बारां से 40 किमी दूरी पर रामगढ़ पहाड़ी पर स्थित है। बारां तक आप सड़क, हवाई और रेल मार्ग से यात्रा कर सकते हैं और इसके बाद मंदिर जाने के लिए टैक्सी या कार किराये पर ले सकते हैं।
जयपुर, उदयपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, नाहरगढ़, और शाहाबाद सहित आसपास के स्थानों से बारां के लिए बसें आसानी से उपलब्ध हैं। कोई भी पर्यटक अपने बजट के हिसाब से एसी या नॉन एसी बसों से बारां पहुँच सकते हैं।
अगर आप भांड देवरा मंदिर ट्रेन की मदद से जाना चाहते हैं तो बता दें कि बारां रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख हिस्सों से नियमित ट्रेनों द्वारा जुड़ा हुआ है। इस रेलवे स्टेशन से भोपाल, जयपुर, जोधपुर और कोटा के लिए ट्रेनें नियमित रूप से उपलब्ध हैं। रेलवे स्टेशन बारां के केंद्र से लगभग 2 किमी की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी या बस की मदद से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
बारां से निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में स्थित है जो यहां के करीब 250 किमी दूर है। यह हवाई अड्डा मुंबई और नई दिल्ली सहित प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से पर्यटक कैब किराए पर ले सकते हैं या सिटी सेंटर तक पहुंचने के लिए बस ले सकते हैं। नई दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यहां का निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
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इस आर्टिकल में आपने राजस्थान के मिनी खजुराहो भांड देवरा मंदिर के बारे में जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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