Aurangabad In Hindi, औरंगाबाद भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध शहर है जिसे 2010 में सरकार ने महाराष्ट्र की पर्यटन राजधानी के रूप में घोषित किया था। औरंगाबाद महाराष्ट्र का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र है जो अपने कई आकर्षक दर्शनीय स्थलों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। 17 वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान यह शहर में मुगल सम्राट औरंगजेब की राजधानी रहा है और इसकी वजह से इसका नाम औरंगाबाद नाम पड़ा है। औरंगाबाद अपने ऐतिहासिक स्थल अजंता, एलोरा, दौलताबाद किले के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है जिन्हें देखने के लिए पूरे भारत के पर्यटक यात्रा करते हैं।
औरंगाबाद के अन्य आकर्षक स्थलों में औरंगजेब का मकबरा, बीबी और काक-मकबरा और ज्योतिर्लिंग ग्रिशनेश्वर मंदिर के नाम भी शामिल हैं। अगर आप औरंगाबाद के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं या यहां की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें, जिसमे हम आपको औरंगाबाद के इतिहास, पर्यटन स्थलों और यात्रा के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं।
औरंगाबाद एक भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक ऐसा शहर है जो कई संस्कृतियों का संगम है। यहां पर कई सालों तक हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध राजवंशों द्वारा शासित किया गया है, और इस शहर में कुछ न कुछ नया निर्माण किया है। इस शहर में मंदिर और दरगाह एक साथ शान से खड़े हुए हैं। वैसे तो यहां की आम भाषा मराठी है लेकिन मध्य प्रदेश से निकट स्थित होने की वजह से यहां पर हिंदी भाषा भी बोली जाती है। यहां भोजन पकाने की मुग़ल शैली का प्रभाव दिखता है, यहां पर कबाब और अन्य मांसाहारी व्यंजन काफी प्रसिद्ध हैं।
अगर आप औरंगाबाद की यात्रा करने जा रहें हैं तो यहां पर आप नीचे दिए गए आकर्षक स्थलों का दौरा अवश्य करना चाहिए।
घृष्णेश्वर मन्दिर औरंगाबाद में स्थित एक प्रमुख मंदिर है जो भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में जाना जाता है। घृष्णेश्वर मन्दिर एलोरा में स्थित 13 वीं शताब्दी का शिव मंदिर है जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। आपको बता दें कि इस मंदिर का उल्लेख शिव पुराण में किया गया है, जो देश में शिव का 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है। घृष्णेश्वर मन्दिर मूल मंदिर एक प्रागैतिहासिक स्मारक था जिसे मुगलों ने नष्ट कर दिया था। वर्तमान में जो मंदिर स्थित है उसे मुगलों के हमला करने के बाद फिर से बनाया गया था। इसी वजह से इस पवित्र मंदिर का धार्मिक महत्व होने के साथ ही ऐतिहासिक महत्व भी है।
मंदिर की वास्तुकला बेहद खूबसूरत है जो पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है और दक्षिण भारतीय शैली का अनुसरण करती है। यह मंदिर एलोरा गुफाओं का एक हिस्सा है जिसे औरंगाबाद के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। अगर आप औरंगाबाद शहर की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो आपको ग्रिशनेश्वर मंदिर के दर्शन करने के लिए अवश्य जाना चाहिए।
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बीबी का मकबरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है जिसकी ताज महल से खास समानता है। बीबी का मकबरा राबिया उल – दौरानी उर्फ दिलरस बानू बेगम का एक खूबसूरत मकबरा है जो मुगल सम्राट औरंगजेब की पत्नी थी। बीबी का मकबरा का निर्माण औरंगजेब ने अपनी पत्नी की याद में वर्ष 1661 में करवाया था। यह आकर्षक स्मारक ताजमहल से मिलता जुलता है, क्योंकि इसका डिजाइन बनाने की मुख्य प्रेरणा ताजमहल से मिली थी। इसलिए बीबी का मकबरा लोकप्रिय रूप से दक्खन का ताज कहा जाता है। बीबी का मकबरा औरंगज़ेब के शासनकाल के दौरान बनाई गई सबसे बड़ी संरचनाओं में से एक है। अगर आप औरंगाबाद की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो इस संरचना को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें।
अजंता की गुफाएं औरंगाबाद से सिर्फ 99 किमी की दूरी पर स्थित है जो अपने पर्यटन और विरासत क्षेत्रों के लिए प्रसिद्ध है। अजंता की गुफाएं विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हैं। अगर आप यहां की यात्रा करने के लिए आ रहें हैं तो अजंता की गुफाओं का दौरा करने के लिए अवश्य जाएँ
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एलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद का एक अन्य विश्व धरोहर स्थल है। अगर आप औरंगाबाद शहर की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको एलोरा की गुफाओं को देखने के लिए जाना चाहिए। यहां पर स्थित आकर्षक मूर्तियां तीन धर्मों के तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिनकी भव्यता और खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
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दौलताबाद किला औरंगाबाद के मुख्य शहर से 15 किमी दूर स्थित एक प्राचीन संरचना है जो हरियाली के बीच बड़ी ही शान से खड़ा है। दौलताबाद किला ‘महाराष्ट्र के सात अजूबों’ में से एक के रूप में जाना जाता है, जिसका निर्माण 12 वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। आपको बता दें कि यह किला देवगिरि किले के रूप में भी जाना जाता है, जो यहां आने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। पर्यटकों इस किले तक पहुंचने के लिए 750 सीढियां चढ़ कर जाना होता है, लेकिन ऊपर से नीचे का दृश्य बहुत ही शानदार नजर आता है। अगर आप औरंगाबाद के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए सूची तैयार कर रहें हैं तो इस किले को अपनी यात्रा में अवश्य शामिल करें।
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औरंगाबाद गुफाएं शहर का प्रमुख आकर्षण और बारह रॉक-कट बौद्ध तीर्थस्थल हैं, जो शहर के उत्तर-पश्चिम में लगभग 20 किमी दूर स्थित हैं। आपको बता दें कि यह गुफाएं 6 वीं और 8 वीं शताब्दी की है और भारत की सबसे आकर्षक गुफाओं में से एक मानी जाती है। अगर आप औरंगाबाद के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको औरंगाबाद की इन गुफाओं का दौरा करने अवश्य जाना चाहिए। यह ऐतिहासिक गुफाएं बीबी का मकबरा और सोनेरी महल औरंगाबाद गुफाओं के काफी करीब स्थित हैं।
सिद्धार्थ गार्डन एक आकर्षक स्थल है जो हरे भरे परिदृश्यों से भरा हुआ है। आपको बता दें कि यह गार्डन एक बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है जो एक पार्क के साथ-साथ चिड़ियाघर को भी घेरता है। सिद्धार्थ गार्डनऔरंगाबाद रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर और बीबी का मकबरा से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिद्धार्थ गार्डन में स्थानीय लोग पिकनिक मानाने के लिए भी आते हैं। इसके साथ ही यह पार्क जॉगर्स, प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के बीच भी काफी लोकप्रिय है। यहां पर शाम के सम काफी भीड़ रहती है। इस उद्यान में एक आकर्षक चिड़ियाघर भी है जहां पर कई जंगली जानवर जैसे बाघ, शेर, तेंदुआ, सिवेट बिल्लियाँ, सांप, मगरमच्छ, लोमड़ी, हिरण, लकड़बग्घा आदि देखे जा सकते हैं। पार्क में पर्यटक कई तरह की सुंदर मछलियों को देख सकते हैं। यहां बगीचे में सुंदर संगीतमय फव्वारा और बुद्ध प्रतिमा भी देखे जा सकते हैं।
गुल मंडी औरंगाबाद शहर का एक प्रसिद्ध और बड़ा बाजार है जो हिमरू शॉल और साड़ी के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यह बाजार अजंता और एलोरा से प्रेरित मोर, फूल आदि के डिजाइन के लिए जाना जाता है।
बानी बेगम गार्डन औरंगाबाद से 24 किमी की दूरी स्थित है जो आकर्षक फव्वारे, खंभे और बड़े पैमाने पर गुंबदों के साथ सजा हुआ है। बानी बेगम गार्डन एक हरे-भरे स्थल पर मुगल वास्तुकला का शानदार नमूना है और इसका नाम औरंगजेब के बेटे की पत्नी बानी बेगम के नाम पर है। जो भी पर्यटक औरंगाबाद की यात्रा के लिए जा रहें हैं वे लोग बानी बेगम गार्डन का दौरा करने के लिए कुछ समय जरुर निकलना चाहिए।
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खुल्दाबाद के पास स्थित एक छोटा सा शहर है जो औरंगाबाद से लगभग 13 किमी और अजंता और एलोरा गुफाओं के विश्व विरासत स्थल से 3 किमी दूर स्थित है। पहले इसे रौज़ा के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ है स्वर्ग का बगीचा। खुल्दाबाद “वैली ऑफ़ सेंट्स” के रूप में लोकप्रिय है, क्योंकि यह शहर 14 वीं शताब्दी में कई सूफी संतों द्वारा बसाया गया था। यहां पर 1500 सूफी संतों की कब्रें हैं और 17 वीं शताब्दी की शुरुआत में इस शहर में औरंगजेब द्वारा कब्जा कर लिया गया था जिसने शहर के चारों ओर एक मजबूत दीवार का निर्माण किया था जिसमें सात द्वार, पंगरा, लंगड़ा, मंगलपेठ, कुनबी अली, हमदादी और आज़म शाही नामक थे। खुल्दाबाद के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण कई लोग यहां की यात्रा करने आते हैं।
कैलाश या कैलाशनाथ मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एलोरा की गुफा 16 में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी अखंड रॉक-कट संरचना है। आपको बता दें कि इस संरचना का निर्माण चरणंद्री पहाड़ियों से एकल बेसाल्ट चट्टान से किया गया है जो इसे भारत का सबसे असाधारण मंदिर बनता है। कैलाशनाथ मंदिर अपने विशाल आकार, अद्भुत वास्तुकला और मनमौजी नक्काशी के चलते दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह मंदिर वास्तुकला और इतिहास प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। कैलाशनाथ मंदिर की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इसका निर्माण 2,00,000 टन चट्टान का उपयोग करके किया गया है और इसे बनने में करीब 18 साल का समय लग गया था।
सलीम अली झील औरंगाबाद के केंद्र में स्थित है जो सुंदर पक्षियों को देखने के लिए एक बेहद आकर्षक जगह है। इस झील के पास पर्यटक कई तरह के प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं। यह झील अपने परिवार के लोगों और दोस्तों के साथ घूमने के लिए एक बहुत अच्छी जगह है। अगर आप औरंगाबाद शहर के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो इस झील का दौरा करने के लिए भी जाना चाहिए। सलीम अली झील फोटोग्राफर्स, प्रकृति प्रेमियों और वर्ड वाचेर्स के लिए यह जगह बहुत खास है। यहां पर आप शांति भरे कुछ पल बिता सकते हैं।
भद्रा मारुति औरंगाबाद शहर के पास स्थित एक प्रसिद मंदिर है जो हिंदू देवता हनुमान को समर्पित है। यह मंदिर भारत के उन तीन मंदिरों में से एक है जहाँ पीठासीन देवता, हनुमान की मूर्ति को भव समाधि या शयन मुद्रा में देखा जाता है। इसके अलावा अन्य दो मूर्ति इलाहाबाद और मध्य प्रदेश में हैं। यह पवित्र मंदिर एलोरा गुफाओं से सिर्फ 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप औगंगाबाद की यात्रा के लिए आ रहें हैं, आपको हनुमान जी के भद्रा मारुति मंदिर के दर्शन करने के लिए अवश्य जाना चाहिए।
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औरंगजेब का मकबरा औरंगाबाद से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित खुल्दाबाद गाँव में स्थित है। आपको बता दें कि यह छठे और अंतिम मुग़ल बादशाह, मुही-उद-दीन मुहम्मद की कब्र है, जिसे औरंगज़ेब के नाम से जाना जाता था। आपको बता दें कि यह मकबरा अन्य मकबरों से बेहद अलग है क्योंकि यहां पर शेख ज़ैनुद्दीन की क़ब्र के अहाते में ही औरंगजेब को दफन किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि यहां दफन होने की औरंगजेब की इच्छा थी। औरंगजेब का मकबरा एक ऐतिहासिक स्थल है। अगर आप इतिहास प्रेमी हैं तो आपको यहां की यात्रा अवश्य करना चाहिए।
औरंगाबाद जैन मंदिर शहर से लगभग 27 किमी दूर स्थित कचनेर गाँव में स्थित है। आपको बता दें कि यह मंदिर दिखने में बेहद आकर्षक है और ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर कि मूर्ति दिव्य शक्ति से भरपूर है। कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां मनोकामना मांगता है तो उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है। बताया जाता है कि मंदिर की मूर्ति लगभग 250 साल पहले एक भूमिगत तहखाने से खोजी गई थी। अगर आप औरंगाबाद शहर की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो आपको इस अदभुद मंदिर के दर्शन करने के जरुर जाना चाहिए।
म्हैस्मल महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर से लगभग 37 किलोमीटर दूर स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। म्हैस्मल एक आकर्षक हिल स्टेशन है जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। अगर आप औरंगाबाद में किसी प्राकृतिक जगह की सैर करना चाहते हैं तो आपको म्हैस्मल की यात्रा अवश्य करना चाहिए। यह जगह अपने मंदिरों, उद्यानों, घाटियों, गुफाओं और किलों के लिए काफी प्रसिद्ध है। औरंगाबाद और पुणे से अक्सर पर्यटक वीकेंड के दौरान यहां की यात्रा करते हैं।
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अगर आप औरंगाबाद की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि यहां आने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान नवंबर से फरवरी तक है। सर्दियों के दौरान यहां का आसमान साफ़ और तापमान काफी कम होता है। चूंकि शहर में अधिकांश पर्यटक आकर्षण बाहर स्थित हैं, इसलिए आपको मानसून में यहां की यात्रा करने से बचना चाहिए।
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औरंगाबाद शहर में कई तरह के व्यंजन उपलब्ध हैं। यहां का भोजन मुगलाई और हैदराबादी व्यंजनों का एक मजबूत प्रभाव है। औरंगाबाद के प्रमुख भोजन में पुलाव, बिरयानी, ताहरी और नान कालिया के नाम शामिल हैं। ‘नान’ एक प्रकार की ब्रेड है जिसे ‘कालिया’ मटन के साथ परोसा जाता है। इस क्षेत्र की अन्य लोकप्रिय वस्तुएं गवरन चिकन, थलीपिप, पोली हैं।
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औरंगाबाद भारत में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक होने की वजह से सड़क मार्ग, रेल मार्ग और फ्लाइट द्वारा अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता और हैदराबाद से यहां की यात्रा बड़ी आसानी से कर सकते हैं। मुंबई या पुणे माध्यम से दुनिया भर के शहरों के साथ औरंगाबाद को जोड़ने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें हैं। यह शहर अच्छी तरह से विकसित है और देश के केंद्र में स्थित होने की वजह से कई सुपरफ़ास्ट ट्रेन भी यहां से गुजरती हैं।
जो भी पर्यटक सड़क मार्ग से यात्रा करना चाहते हैं उनके लिए बता दें कि औरंगाबाद सड़क मार्ग से नागपुर, मुंबई और पुणे से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा मुंबई और पुणे से औरंगाबाद के लिए नियमित एसी बसें संचालित हैं। इस मार्ग पर स्लीपर बसें भी चलती हैं। इसके अलावा आस पास के शहरों से यात्रा करने वाले पर्यटक टैक्सी भी किराए से ले सकते हैं। वर्तमान में, राष्ट्रीय राजमार्ग 211 और 160 इसे अधिकांश शहरों से जोड़ता है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब नागपुर-औरंगाबाद-मुंबई एक्सप्रेस राजमार्ग विकसित किया जा रहा है।
जो भी पर्यटन ट्रेन से औरंगाबाद की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं उनके लिए बता दें कि औरंगाबाद भारतीय रेलवे के दक्षिण-मध्य क्षेत्र में आता है। यह शहर मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, भोपाल, पुणे, नागपुर और शिरडी रेलमार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा है। मुंबई से यहां के लिए कई अच्छी और आरामदायक ट्रेन चलती हैं जिसमेऔरंगाबाद जनशताब्दी एक्सप्रेस शामिल है।
औरंगाबाद में यात्रा करने के लिए आप इंट्रा-सिटी बसों, ऑटोरिक्शा और टैक्सियों की मदद ले सकते हैं। औरंगाबाद के भीतर आने-जाने का सबसे सुविधाजनक तरीका मीटर-ऑटोरिक्शा या टैक्सी किराए पर लेना है।
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इस लेख में आपने औरंगाबाद पर्यटन में घूमने की सबसे अच्छी जगहें को जाना है आपको हमारा ये लेख केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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