Best Tourist Attraction In Jhalawar Tourism In Hindi, झालावाड़ जिला राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन शहर है जो अपने ऐतिहासिक किलों और सुंदर महलों से पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। अगर आप राजस्थान में किसी शाही जगह घूमने की तलाश में हैं तो आपको एक बार झालाबाड़ा की यात्रा जरुर करना चाहिए क्योंकि यह आपको गौरव के युग में लेकर जाता है और राजपुताना जीवन शैली का अनुभव देता है। बता दें कि यह शहर 19 वीं सदी के शुरुआती वर्षों में स्थापित झालावाड़ साम्राज्य की राजधानी था और जल्द ही एक राजपूताना क्षेत्र में एक प्रमुख शहर बन कर उभरा।
राजस्थान का एक खूबसूरत शहर अपने विशाल किलों और उनकी अदभुद वास्तुकला से पर्यटकों को अपनी तरफ खींचता है। अगर आप झालावाड़ घूमने का मन बना चुकें हैं और इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर करना चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको झालावाड़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा पर लेकर जा रहें हैं और आपको इसके इतिहास के बारे में खास बाते बता रहें हैं।
आपको बता दें कि झालावाड़ का अपना मजबूत इतिहास है। यह जगह उन लोगन के लिए बेहद खास है जो इतिहास प्रेमी हैं और थोडा रोमांच भी चाहते हैं। चलिए अब आपको इस शहर के इतिहास के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं। झालावाड़ की स्थापना कोटा के तत्कालीन दीवान (1791 ई) झालावाड़ झाला जालिम सिंह प्रथम ने की थी। जब उन्होंने इस रियासत की स्थापना की थी तब इसे छोनी उम्मेदपुरा के नाम से जाना जाता था। यह जगह घने हरे भरे जंगलों और जंगली जानवरों से घिरी हुई थी। झाला ज़ालिम सिंह अक्सर यहाँ शिकार करने के लिए आते थे और उन्हें यह जगह इतनी ज्यादा पसंद आई कि उन्होंने इस जगह का विकास किया। राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र के झालावाड़ शहर को हाडा राजपूत की भूमि हडोटी (हाडौती) के नाम से जाना जाता है।
12 वीं शताब्दी में हाडा राव देवा ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और बूंदी और हाडौती राज्य की स्थापना की। बाद में 17 वीं शताब्दी की शुरुआत में, जहांगीर के शासनकाल के समय बूंदी के शासक राव रतन सिंह ने कोटा की छोटी रियासतों को अपने पुत्र माधो सिंह को दे दिया। झालावाड़ की रियासत की स्थापना 8 अप्रैल 1838 को कोटा क्षेत्र से हुई थी। अंग्रेजी शासकों, कोटा और मालवा के बीच एक संधि बाद झालावाड़ राज्य विकसित हुआ।
झालावाड़ का पुराना नाम छोनी उम्मेदपुरा था।
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झालावाड़ जिले में घूमने के लिए बहुत सारे पर्यटन स्थल है, यह झालावाड़ के पर्यटकों के आकर्षित करने वाले १० मशहूर पर्यटन स्थल हैं।
झालरा पाटन झालावाड़ के बाहर लगभग 7 किमी दूर स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जिसको ‘टेम्पल बेल्स का शहर’ भी कहा जाता है। आपको बता दें कि यहां कुछ अद्भुत मध्ययुगीन मंदिर हैं जिन्हें इस क्षेत्र के राजपूताना राजाओं द्वारा बनाए गए हैं जो वर्तमान समय से बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। इन्ही मंदिरों में से एक यहां पर एक 100 फीट ऊंचा सूर्य मंदिर स्थित है। यह स्थान कला की कोटा शैली के अद्भुत स्थापत्य से भरा हुआ है।
भीमसागर बांध झालावाड़ से 24 किमी दूर स्थित है, जहाँ आपको अपनी यात्रा के दौरान जरुर जाना चाहिए। भीमसागर बांध के लिए कोई भी अपने मित्रों और परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए जा सकता है। यहां पर बाँध में उफनते पानी, हरियाली और चारों ओर वनस्पतियों को देखना आपको एक खास अनुभव देता है।
झालावाड़ किला एक ऐतिहासिक स्थल है जो अपनी राजपुताना वास्तुकला से पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। आपको बता दें इस किले का निर्माण 19 वीं शताब्दी के महाराणा मदन सिंह द्वारा करवाया गया था। झालावाड़ किला पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है और यह अंदर से भी उतना ही खूबसूरत है जितना कि बाहर से है। अगर आप झालावाड़ की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको इस किले की यात्रा करने के लिए भी जरूर जाना चाहिए।
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झालावाड़ कुछ पारंपरिक भील, कोटा और झलवार आर्ट वर्क के लिए एक अच्छी जगह है। यहां के लोग हस्तकला आर्ट में माहिर हैं। अगर आप इस क्षेत्र की यात्रा करते हैं तो उन्हें स्मृति चिन्ह के रूप में खरीद सकते हैं।
गवर्नमेंट म्यूजियम झालावाड़ में देखने लायक एक ऐसी जगह है जिसनें झालावाड़ और उसके आसपास के क्षेत्र के लगभग एक सदी तक इतिहास को संरक्षित किया है। गवर्नमेंट म्यूजियम राजस्थान के सबसे पुराने संग्रहालय में से एक है जिसे वर्ष 1915 में स्थापित किया गया था। अगर आप एक इतिहास प्रेमी हैं तो आपको इस म्यूजियम को देखने के लिए जरुर जाना चाहिए। आपको बता दें कि इस गवर्नमेंट म्यूजियम में कुछ दुर्लभ और विशेष कलाकृतियाँ, पांडुलिपियाँ, मूर्तियाँ और देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और चित्र रखे हुए हैं।
गागरोन किला राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्थित राजपूत वास्तुकला की एक उत्कृष्ट का एक अदभुद नमूना है और पहाड़ी और पानी के किले का एक शानदार उदाहरण है। गागरोन किला पर्यटकों का प्रमुख केंद्र है क्योंकि यह किला एक पहाड़ी की चोटी पर बना है और नीचे के परिदृश्य का एक शानदार 360 डिग्री दृश्य प्रस्तुत करता है। इस किले के गेट के बाहर आप एक संग्रहालय के अलावा, सूफी संत मिटे शाह का एक मकबरा भी देख सकते हैं। जून 2013 में, गागरोन किले को नोम पेन्ह में विश्व धरोहर समिति की 37 वीं बैठक में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची में भी शामिल किया गया था।
गागरोन किले के गेट के बाहर सूफी संत मिटे शाह का मकबरा स्थित है जिसका स्थानीय लोगों द्वारा बेहद सम्मान दिया जाता है। आपको बता दें कि हर साल मुहर्रम के दौरान मिटे शाह के सम्मान के लिए एक मेला आयोजित किया जाता है।
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झालावाड़ में आप स्वादिष्ट राजस्थानी और उत्तर भारतीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं। यहां पर कई मसालेदार और स्वादिष्ट राजस्थानी भोजन जिनमें दाल बाटी चूरमा, मक्की की राब और सेव टमाटर की सब्जी शामिल है। इस शहर में भोजनालयों में आपको वेज और नॉन-वेज दोनों तरह का भोजन मिल जायेगा। अगर आप झालावाड़ की यात्रा करने जा रहें है तो आपको यहां की दाल बाटी और चूरमा का स्वाद जरुर लेना चाहिए, क्योंकि राजस्थान के इस स्वादिष्ट पकवान का स्वाद लिए बिना आपकी यात्रा आधूरी है।
अगर आप राजस्थान के झालावाड़ घूमने के बारे में विचार बना रहें हैं तो बता दें कि यहां जाने के लिए सर्दियों के महीनों के दौरान यानी अक्टूबर-फरवरी से सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस दौरान मौसम दिन में काफी रहता है और रात सर्द होती हैं। झालावाड़ शुष्क जलवायु के साथ एक बहुत गर्म क्षेत्र में स्थित होने की वजह से गर्मियों के मौसम में यहां की यात्रा करना उचित नहीं है।
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राजस्थान में एक प्रमुख ऐतिहासिक शहर होने के नाते झालावाड़ भारत के प्रमुख शहरों से केवल रोडवेज के माध्यम से जुड़ा हुआ है। यहां जाने के लिए जयपुर, जोधपुर जैसे प्रमुख शहरों से बस, कैब और टैक्सी नियमित रूप से चलती हैं। आपको बता दें कि झालावाड़ के लिए कोई सीधी उड़ान या रेल संपर्क नहीं है। भोपाल में राजा भोज हवाई अड्डा झालावाड़ से लगभग 230 किमी दूर स्थित है। यह झालावाड़ के लिए निकटतम उपलब्ध हवाई अड्डा है। रामगंजमंडी, झालावाड़ से निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो इस ऐतिहासिक शहर से 25 किमी दूर है।
झालावाड़ का निकटतम हवाई अड्डा कोटा में है जो झालावाड़ से सिर्फ 82 किमी दूर है। झालावाड़ के लिए पर्यटक हवाई अड्डे से आसानी से कैब किराए पर ले सकते हैं या राजस्थान रोडवेज की बस पकड़ सकता है।
अगर आप सड़क मार्ग से झालावाड़ जाना चाहते हैं तो बता दें कि NH 12 झालावाड़ को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ता है। इस मार्ग पर कई सार्वजनिक और निजी बसें हैं जो झालावाड़ को आसपास के सभी प्रमुख शहरों से जोड़ती हैं।
जो पर्यटक झालावाड़ की यात्रा ट्रेन से करने की योजना बना रहें हैं उनके लिए बता दें कि इसका निकटतम रेलवे स्टेशन रामगंज मंडी में है जो झालावाड़ के बहुत करीब है। रेलवे स्टेशन से झालावाड़ के लिए आपको कैब और बसें आसानी से मिल जाएगी।
झालावाड़ में यात्रा करना काफी आसान है। आप शहर पर्यटन स्थलों तक जाने के लिए या फिर बाहर यात्रा करने के लिए आसानी से एक टैक्सी या शेयर्ड ऑटो रिक्शा प्राप्त कर सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने झालावाड़ के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल को जाना है आपको हमारा यह आर्टिकल केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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